tag:blogger.com,1999:blog-54436419811409628832024-03-14T11:45:27.678+05:30GUPTA JI KI DAYARIa blog about Hindi kahani and hindi news paper and hindi shayari and hindi jocks and hindi editorial and ibps exam
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.comBlogger340125tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-79714827263899341682014-01-26T10:05:00.003+05:302014-01-26T10:05:23.740+05:30पहले जो मालिक हुआ करते थे आज नौकर बन कर काम कर रहे .........गुड़गांव. कभी उनके पास करोड़ों की जमीन थी, आज उसी जमीन पर बनी इमारतों में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी पड़ रही है। कभी उनके पास खुद की लाखों की कार थी, आज उन्हें ऑटो चलाना पड़ रहा है। फिल्मों में तो आपने इस तरह की बहुत सी कहानियां सुनीं होंगी, लेकिन आपको बता दें, ये कोई कहानी नहीं है, यह है हकीकत।<br />
<br />
पहले जो मालिक हुआ करते थे आज नौकर बन कर काम कर रहे हैं। यह कहानी है गुड़गांव की जहां पर कुछ लोगों ने अपनी जमीन पहले तो बड़े-बड़े बिल्डर्स को करोड़ों में बेच दी लेकिन अब उनकी ये हालत हो गई है कि उसी जमीन पर बनीं इमारतों में प्राइवेट गार्ड की नौकरी करनी पड़ रही है।<br />
<br />
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश यादव ने बताया कि अनपढ़ या कम पढ़े लिखे किसान आज प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे हैं जो कभी खुद करोड़ों के मालिक थे। आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे ही लोगों की कहानी जो कभी अर्श पर थे और आज फर्श पर हैं...<br />
<br />
48 साल के कंवार यादव ने बताया कि उसने लगभग 2 करोड़ रुपए में सिही गांव की अपनी 3 एकड़ से भी अधिक जमीन बेच दी जो आज सेक्टर 83-84 है।<br />
<br />
इन पैसों से उसने महेंद्रगढ़ जिले के एक गांव में 6 एकड़ जमीन खरीद ली। वहां एक कोठी बनाई और एक SUV भी खरीद ली।<br />
<br />
उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का कोई अंदाजा ही नहीं था कि एक दिन सारे पैसे खत्म हो जाएंगे। उन्हें अपनी SUV भी बेचनी पड़ी, और आज अपनी खुद की जमीन पर बनी इमारत में ही एक प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी पड़ रही है। उनकी कहानी भी और किसानों की तरह जिनके पास गुड़गांव और मानेसर के बीच कभी खुद की जमीन थी।<br />
<br />
इनमें राजेंद्र सिंह, कंवार यादव, धर्मेंदर, रमेश, ओमप्रकाश, लीला राम, नरेंदर सिंह, महेश यादव आदि कुछ ऐसे नाम हैं जो सिंकदरपुर, बाधा, नवाडा, रामपुरा, नखरौला, मानेसर, नरसिंहपुर, मोहम्मदपुर और नौरंगपुर के रहने वाले थे। इन गांवों के लगभग 90 प्रतिशत लोगों ने अपनी खेती की जमीनें प्राइवेट बिल्डरर्स को बेच दीं। इनमें से कुछ ने अपनी मर्जी से बेचीं, तो कुछ ने दबाव में आकर।<br />
<br />
34 साल के महेश यादव ने कुछ साल पहले अपनी जमीन बेच कर 1.5 करोड़ रुपए कमाए और हरियाणा पुलिस की नौकरी छोड़ दी। इन पैसों से उसने अपने परिवार के सभी सदस्यों के जन्मदिन धूमधाम से मनाए।<br />
यहां तक कि एक बार अपने कुत्ते का भी जन्मदिन मनाया। लगभग 2 साल तक उसके पास महेंद्रा स्कॉर्पियो भी थी। आज वह एक प्राइवेट गाड़ी में ड्राइवर का काम करता है।<br />
<br />
50 साल के महेंद्र सिहं ने जुलाई 2008 में लगभग 5 एकड़ जमीन बेच कर 4 करोड़ रुपए पाए। इन पैसों से उसने रेवाड़ी जिले में 10 एकड़ खेती की जमीन खरीदी और पजेरो गाड़ी भी खरीदी।<br />
<br />
18 महीनों के बाद पजेरो को बेचना पड़ा और फिर उसने टाटा सफारी ली। 2012 में उसे यह भी बेचनी पड़ी और उसके पास मारुति स्विफ्ट है।<br />
<br />
महेंद्र ने बताया कि उसके 7 सदस्यों के परिवार को गुड़गांव के उसके प्लॉट से मिलने वाले किराए से घर का खर्च चलाना पड़ा। महेंद्र ने कहा कि उसने ये कभी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन भी देखना पड़ेगा।<br />
<br />
38 साल के रमेश की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। 2006 में जमीन बेचकर मिले 80 लाख रुपए से उसने रेवाड़ी जिले में कुछ खेती की जमीन, एक हार्डवेयर की दुकान और एक हुंडई सैंट्रो कार खरीदी।<br />
<br />
2011 तक आते-आते उसने दुकान और गाड़ी दोनों ही बेच दिया। आज वो अपनी खुद की थ्री-व्हीलर चलाता है।<br />
<br />
रामपुरा गांव के 40 साल के ओमप्रकाश आज एक सब-कॉंट्रेक्टर की तरह काम कर रहे हैं। यह उसी जमीन पर फ्लैट बनवाने का काम कर रहे हैं जिनमें से 5 एकड़ उनकी खुद की थी।<br />
उनका कहना था कि मैं अपनी जमीन बेचना तो नहीं चाहता था लेकिन उस समय यह अफवाह थी कि सरकार सबकी जमीनें ले लेगी इसलिए मुझे अपनी जमीन बेचनी पड़ी।<br />
<br />
इंडियन रिवेन्यू सर्विस के पूर्व अधिकारी अनुराग बख्शी ने कहा कि बहुत सारे कम पढ़े लिखे या अनपढ़ किसानों ने अपनी जमीन बेच कर मिले पैसों को बर्बाद कर दिया।<br />
<br />
उन लोगों को नहीं पता था कि किस तरह से पैसे खर्च करने चाहिए और कैसे पैसों से पैसा बनाना चाहिए। उन्होंने बहुत महंगी-महंगी कारों और घर खरीदने में ही सारे पैसे बर्बाद कर दिए।<br />
<br />
उन लोगों में पैसे खर्च करने की एक प्रतियोगिता सी होने लगी जिसने उनकी आज ये हालत कर दी है। उन्होंने शादियों और पार्टियों में भी अंधाधुंध पैसे लुटाए और आज खुद की रोजी के लिए सघर्ष कर रहे हैं<br />
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com21tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-82649722226703817882013-07-17T10:17:00.004+05:302013-07-17T10:17:27.753+05:30अगर आज के समय में रामायण होती तो कैसी खबरे आती ..........● राजा दशरथ ने की श्रवण कुमार की हत्या , FIR दर्ज<br />
<br />
● अयोध्या के राजपाठ को लेके राजा-रानी में विवाद बढ़ा |<br />
...<br />
● केवट द्वारा चरण धुलवाने से मायावती हुई नाराज़ , कहा ये हैं दलितों का अपमान |<br />
<br />
● तड़का वध व सूर्पनखा की नाक कटाई के विरोध में महिला आयोग का अयोध्या में प्रदर्शन जारी |<br />
<br />
● राजा दशरथ की अंतिम शव यात्रा में स्वयं दशरथ भी मौजूद : इंडिया टीवी<br />
<br />
● बाली की हत्या की शक की सुई श्रीराम पर ठहरी , सप्ताह भर में सीबीआई पेश करेगी रिपोर्ट |<br />
<br />
● 6 माह तक रावण को अपनी काख में दबा के घुमने के जुर्म में बाली के खिलाफ इन्द्रजीत ने मुकदमा दायर किया |<br />
<br />
● सोने का हिरन मारने पर श्रीराम जी को वन विभाग से मिली चेतावनी |<br />
<br />
● श्रीराम ने अपनी पत्नी सीता के अपहरण का मामला दर्ज कराया ||<br />
<br />
● बिना वीसा हनुमान लंका गए , श्रीलंका सरकार ने जताई आपति |<br />
<br />
● समुद्र पर असंवेधानिक सेतु बनाने पर नल व नील से सीबीआई करेगी पूछताछ |<br />
<br />
● अशोक वाटिका उजाड़ने , युवराज अक्ष को मारने व लंका में आग लगाने के जुर्म में रावण ने वीर हनुमान को बंदी बनाया |<br />
<br />
● हिमालय वासियों ने पर्वत श्रृंखला से एक पर्वत के चोरी हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई |<br />
<br />
● अंगद ने लंका के राजा का उन्ही के निवास स्थान में जाके किया अपमान |<br />
<br />
● विभीषण पर देशद्रोह का आरोप , हुए तड़ीपार |<br />
<br />
● श्रीराम ने किया रावण का फर्जी एनकाउंटर , हारत व श्रीलंका सरकार की दूरियां बढ़ी |<br />
<br />
● सीता से अग्नि परीक्षा मांगने पर महिला आयोग ने श्रीराम की कड़े शब्दों में निंदा की |<br />
<br />
● क्या पुष्पक विमान को अयोध्या में उतरने की अनुमति देगी सरकार ??<br />
<br />
● सुप्रीम कोर्ट ने जनता की मांग पर श्रीराम व उनकी सेना को सभी आरोपों से मुक्त किया |Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-20223240592993573542013-06-28T13:27:00.000+05:302013-06-28T13:27:00.743+05:30मन की शांति हमें life की ज़रूरी चीजें समझने में मददगार होती हैएक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गयी. वैसे<br />
तो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से<br />
जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था.<br />
उसने खुद भी घडी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे<br />
में खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में ….पर<br />
... तामाम कोशिशों केबाद भी घड़ी नहीं मिली. उसने निश्चय<br />
किया की वो इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने<br />
आवाज लगाई , ” सुनो बच्चों , तुममे से जो कोई भी मेरी खोई<br />
घडी खोज देगा उसे मैं १०० रुपये इनाम में दूंगा.”<br />
फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर दे इस काम में लगा गए…<br />
वे हर जगह की ख़ाक छानने लगे , ऊपर-नीचे , बाहर, आँगन<br />
में ..हर जगह…परघंटो बीत जाने पर भी घडी नहीं मिली.<br />
अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान<br />
को भी यहीलगा की घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके<br />
पास आया और बोला , ” काका मुझे एक मौका और दीजिये,<br />
पर इस बार मैं ये काम अकेले ही करना चाहूँगा.”<br />
किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घडी चाहिए थी, उसने<br />
तुरंत हाँ कर दी.<br />
लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगा…और जब<br />
वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में<br />
थी.<br />
किसान घड़ी देख प्रसन्न होगया और अचरज से पूछा ,”<br />
बेटा, कहाँ थी ये घड़ी , और जहाँ हम सभी असफल हो गए<br />
तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला ?”<br />
लड़का बोला,” काका मैंने कुछ नहीं किया बस मैं कमरे में<br />
गया औरचुप-चाप बैठ गया,और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान<br />
केन्द्रित करने लगा , कमरे में शांति होने के कारण मुझे<br />
घड़ी की टिक-टिक सुनाईदे गयी , जिससे मैंने<br />
उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और आलमारी के पीछे<br />
गिरी ये घड़ी खोज निकाली.”<br />
Friends, जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूढने में मददगार<br />
साबित हुई उसी प्रकार मन की शांति हमें life की ज़रूरी चीजें<br />
समझने में मददगार होती है . हर दिन हमें अपने लिए<br />
थोडा वक़्त निकालना चाहिए , जसमे हम बिलकुल अकेले<br />
हों ,जिसमे हम शांति से बैठ कर खुद से बात कर सकें और<br />
अपनेभीतर की आवाज़ को सुन सकें , तभी हम life को और<br />
अच्छे ढंग से जी पायेंगे .Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-49990627639075327112013-06-27T04:00:00.001+05:302013-06-27T04:00:00.701+05:30 आप का संकल्प सही हो तो अपने भाग्य को खुद बना सकते है !एक बार की बात है की किसी स्कूल में एक बालक पढ़ने जाता था । जैसे दूसरे बालक भी जाते थे ।<br />
यह बालक पढ़ने में थोड़ा कमजोर किस्म का था सो रोज ही मास्टर जी,के डंडों से मार खाता था । यह सिलसिला चलता- रहा, चलता- रहा !<br />
<br />
एक दिनकी बात है की मास्टर जी, ने एक-एक बालक की सीट पर जा कर दिया हुआ कार्य चेक किया ।<br />
<br />
... इस बालक ने अपने आदतानुसार काम नहीं किया था और अपने आप ही हथेली मास्टर जी के आगे कर दी मार खाने के लिए ।<br />
<br />
मास्टर जी ने डंडा उठाया और हथेली की तरफ देखते ही डंडा रख दिया और कहा बेटे मै तुझे नाहक रोज ही मारता रहा हूँ, तेरे तो हाथ में तो विद्या की रेखा है ही नहीं ।<br />
<br />
बस फिर क्या था बालक को यह बात चुभ गयी और उसने मास्टर जी से पूछा- मास्टर जी, मुझे बताईये की हाथ में विद्या- रेखा कहा होती है? मास्टर जी ,ने उसे विद्या- रेखा का स्थान बता दिया ।<br />
<br />
बालक उसी क्षण गया और ब्लेड ले कर उस स्थान पर चीरा लगा कर वापिस कक्षा में आया । मास्टर जी, ने उसकी लहू-लुहान हथेली देखकर पूछा की यह कैसे हो गया ?<br />
<br />
बालक ने बताया की मास्टर जी मैंने अपने हाथ में खुद ही विद्या की रेखा खींच<br />
ली है ,अब आप मुझे पढ़ाईये, मै पढूंगा !<br />
<br />
यही बालक बताते है की आगे चलकर संस्कृत का ‘पाणिनि’ बना जिसकी व्याकरण ” अष्टाध्यायी ” आज तक महाग्रन्थ माना जाता है! विश्व के विदेशी विद्वान् आज भी इस ग्रन्थ की कद्र करते है!<br />
<br />
तो कहने का मतलब है की आप का संकल्प सही हो तो अपने भाग्य को खुद बना सकते है ! जैसा कक्षा के कमजोर बालक ने अपने ही संकल्प से महानता हासिल कर ली ।Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-24791021126849631102013-06-26T04:30:00.000+05:302013-06-26T04:30:03.159+05:30"तुम्हारा मनपसंद केक बनाकर खिलाती हूँ"एक लड़की अपनी माँ के पास अपनी परेशानियों का बखान<br />
कर रही थी l वो परीक्षा में फेल हो गई थी l<br />
सहेली से झगड़ा हो गया l<br />
मनपसंद ड्रेस प्रैस कर रही थी वो जल गई l रोते हुए बोली,<br />
मम्मी ,देखो ना , मेरी जिन्दगी के साथ<br />
... सब कुछ उलटा -पुल्टा हो रहा है l माँ ने मुस्कराते हुए कहा,<br />
यह उदासी और रोना छोड़ो,<br />
चलो मेरे साथ रसोई में ,<br />
"तुम्हारा मनपसंद केक बनाकर खिलाती हूँ"l<br />
लड़की का रोना बंद हो गया और हंसते हुये बोली,"केक<br />
तो मेरी मनपसंद मिठाई है"l कितनी देर में बनेगा, कन्या ने<br />
चहकते हुए पूछा l<br />
माँ ने सबसे पहले मैदे का डिब्बा उठाया और प्यार से कहा,<br />
ले पहले मैदा खा ले l लड़की मुंह बनाते हुए बोली, इसे कोई<br />
खाता है भला l माँ ने फिर मुस्कराते हुये कहा,"तो ले<br />
सौ ग्राम<br />
चीनी ही खा ले"l<br />
एसेंस और मिल्कमेड का डिब्बा दिखाया और<br />
कहा लो इसका भी स्वाद चख लो "माँ"आज तुम्हें<br />
क्या हो गया है ? जो मुझे इस तरह की चीजें<br />
खाने को दे रही हो ? माँ ने बड़े प्यार और शांति से जवाब<br />
दिया,"बेटा"केक इन<br />
सभी बेस्वादी चीजों से ही बनता है और ये सभी मिलकर<br />
ही तो केक को स्वादिष्ट बनाती हैं . मैं तुम्हें सिखाना चाह<br />
रही थी कि"जिंदगी का केक"भी इसी प्रकार<br />
की बेस्वाद घटनाओं को मिलाकर बनाया जाता है l फेल<br />
हो गई हो तो इसे चुनौती समझो मेहनत करके पास<br />
हो जाओ l सहेली से झगड़ा हो गया है तो अपना व्यवहार<br />
इतना मीठा बनाओ कि फिर कभी किसी से झगड़ा न<br />
हो l यदि मानसिक तनाव के कारण"ड्रेस"जल गई तो आगे से<br />
सदा ध्यान रखो कि<br />
मन की स्थिति हर परिस्थिति में अच्छी हो l बिगड़े मन से<br />
काम भी तो बिगड़ेंगे l कार्यों को कुशलता से करने के लिए मन<br />
के चिंतन<br />
को कुशल बनाना अनिवार्य हAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-12348416492800690852013-06-25T10:22:00.000+05:302013-06-25T10:22:40.414+05:30आज कल की बहू..नई बहू जब ससुराल आई तो उसका जोरदार स्वागत किया गया..<br />
स्वागत के बाद नई बहू ने निवेदन किया,<br />
“मेरे प्यारे ससुराल वालो, आप लोगो ने मेरा जिस प्यार और आत्मीयता से स्वागत किया, उसके लिए आप सबका धन्यवाद! मैं आप सभी से कहना चाहती हूँ कि आज मैं इस घर में आई हूँ तो कभी ऐसा मत सोचना कि मैं आप लोगो की जिंदगी में कोई बदलाव लाऊंगी! विश्वास रखिये, सब कुछ जैसे अब तक चलता था, ठीक वैसे ही चलता रहेगा.”<br />
...<br />
ससुर ने पूछा – “तुम्हारे कहने का क्या मतलब है, बेटी ?”<br />
<br />
बहू ने जवाब दिया – “मेरा मतलब है कि जो खाना पकाता है वो वैसे ही खाना पकाए, जो बर्तन साफ़ करता है वह वैसे ही बर्तन साफ़ करे, जो कपड़े धोता है वो वैसे ही कपड़े धोये, जो घर की साफ़-सफाई करता है वो वैसे ही सफाई करे और बाकी जो भी काम घर में होते है वो वैसे ही होते रहें जैसे मेरे आने से पहले होते थे!<br />
सास ने पूछ लिया – “तो फिर तुम्हें किसलिए लाये हैं बहू??<br />
<br />
बहू – “मैं तो बस …. आपके बेटे के मनोरंजन के लिए आई हूँ!!!”Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-9671610200743334762013-06-25T10:13:00.000+05:302013-06-25T10:13:07.997+05:30जो अपनी शर्तों पर जीते हैं बल्कि खुशहाल वे हैं जो, जिन्हें वे प्यार करते हैं, उनके लिए बदल जाते हैंपत्नी ने पति से कहा, "कितनी देर तक<br />
समाचार पत्र पढ़ते रहोगे? यहाँ आओ और<br />
अपनी प्यारी बेटी को खाना खिलाओ". पति ने समाचार पत्र<br />
एक<br />
तरफ़ फेका और<br />
... बेटी की ध्यान दिया. बेटी की आंखों में आँसू<br />
थे और सामने खाने की प्लेट. बेटी एक<br />
अच्छी लड़की है और अपनी उम्र के बच्चों से<br />
ज्यादा समझदार. पति ने खाने की प्लेट को हाथ में लिया और<br />
बेटी से बोला,<br />
"बेटी खाना क्यों नहीं खा रही हो? आओ<br />
बेटी मैं खिलाऊँ." बेटी जिसे खाना नहीं भा रहा था, सुबक<br />
सुबक<br />
कर रोने लगी और कहने लगी, "मैं<br />
पूरा खाना खा लूँगी पर एक<br />
वादा करना पड़ेगा आपको." "वादा", पति ने बेटी को समझाते<br />
हुआ<br />
कहा,<br />
"इस प्रकार कोई महँगी चीज खरीदने के लिए<br />
जिद नहीं करते." "नहीं पापा, मैं कोई महँगी चीज के लिए जिद<br />
नहीं कर रही हूँ." फिर बेटी ने धीरे धीरे<br />
खाना खाते हुये कहा, "मैं अपने सभी बाल<br />
कटवाना चाहती हूँ." पति और पत्नी दोनों अचंभित रह गए<br />
और<br />
बेटी को बहुत समझाया कि लड़कियों के<br />
लिए सिर के सारे बाल कटवा कर<br />
गंजा होना अच्छा नहीं लगता है. पर बेटी ने<br />
जवाब दिया, "पापा आपके कहने पर मैंने<br />
सड़ा खाना, जो कि मुझे अच्छा नहीं लग रहा था,<br />
खा लिया और<br />
अब वादा पूरा करने<br />
की आपकी बारी है." अंततः बेटी की जिद के<br />
आगे पति पत्नी को उसकी बात<br />
माननी ही पड़ी. अगले दिन पति बेटी को स्कूल छोड़ने<br />
गया....<br />
बेटी गंजी बहुत ही अजीब लग रही थे.<br />
स्कूल में एक महिला ने पति से कहा, "आपकी बेटी ने<br />
एक बहुत ही बड़ा काम किया है. मेरा बेटा कैंसर<br />
से पीड़ित है और इलाज में उसके सारे बाल<br />
खत्म हो गए हैं. वह् इस हालत में स्कूल<br />
नहीं आना चाहता था क्योंकि स्कूल में लड़के<br />
उसे चिढ़ाते हैं. पर आपकी बेटी ने कहा कि वह्<br />
भी गंजी होकर स्कूल आयेगी और वह् आ गई.<br />
इस कारण देखिये मेरा बेटा भी स्कूल आ गया.<br />
आप धनाया हैं कि आपके ऐसी बेटी है"<br />
पति को यह सब सुनकर<br />
रोना आ गया और<br />
उसने मन ही मन सोचा कि आज बेटी ने<br />
सीखा दिया कि प्यार क्या होता है. इस पृथ्वी पर खुशहाल वह्<br />
नहीं हैं<br />
जो अपनी शर्तों पर जीते हैं बल्कि खुशहाल वे<br />
हैं जो, जिन्हें वे प्यार करते हैं, उनके लिए बदल<br />
जाते हैं....Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-2316296298884693022013-06-24T09:23:00.000+05:302013-06-24T09:23:20.742+05:30* सच्चा हिरा *<br />
सायंकाल का समय था |<br />
सभी पक्षी अपने अपने<br />
घोसले में जा रहे थे |<br />
तभी गाव कि चार ओरते<br />
... कुए पर पानी भरने आई<br />
और<br />
अपना अपना मटका भरकर<br />
बतयाने बैठ गई |<br />
इस पर पहली ओरत<br />
बोली अरे ! भगवान मेरे<br />
जैसा लड़का सबको दे |<br />
उसका कंठ<br />
इतना सुरीला हें कि सब<br />
उसकी आवाज सुनकर मुग्ध<br />
हो जाते हें |<br />
इसपर दूसरी ओरत<br />
बोली कि मेरा लड़का इतन<br />
हें कि सब उसे आज के युग<br />
का भीम कहते हें |<br />
इस पर तीसरी ओरत<br />
कहाँ चुप रहती वह<br />
बोली अरे !<br />
मेरा लड़का एक बार<br />
जो पढ़ लेता हें वह<br />
उसको उसी समय कंठस्थ<br />
हो जाता हें |<br />
यह सब बात सुनकर<br />
चोथी ओरत कुछ<br />
नहीं बोली<br />
तो इतने में दूसरी ओरत ने<br />
कहाँ “ अरे ! बहन<br />
आपका भी तो एक लड़का हें<br />
ना आप उसके बारे में कुछ<br />
नहीं बोलना चाहती हो”<br />
|<br />
इस पर से उसने कहाँ मै<br />
क्या कहू वह<br />
ना तो बलवान हें और<br />
ना ही अच्छा गाता हें |<br />
यह सुनकर<br />
चारो स्त्रियों ने<br />
मटके उठाए और अपने गाव<br />
कि और चल दी |<br />
तभी कानो में कुछ<br />
सुरीला सा स्वर सुनाई<br />
दिया | पहली स्त्री ने<br />
कहाँ “देखा ! मेरा पुत्र आ<br />
रहा हें | वह<br />
कितना सुरीला गान<br />
गा रहा हें |” पर उसने<br />
अपनी माँ को नही देखा औ<br />
उनके सामने से निकल<br />
गया |<br />
अब दूर जाने पर एक<br />
बलवान लड़का वहाँ से<br />
गुजरा उस पर दूसरी ओरत<br />
ने कहाँ | “देखो !<br />
मेरा बलिष्ट पुत्र आ<br />
रहा हें |” पर उसने<br />
भी अपनी माँ को नही देख<br />
सामने से निकल गया |<br />
तभी दूर जाकर<br />
मंत्रो कि ध्वनि उनके<br />
कानो में<br />
पड़ी तभी तीसरी ओरत ने<br />
कहाँ “देखो !<br />
मेरा बुद्धिमान पुत्र आ<br />
रहा हें |” पर वह<br />
भी श्लोक कहते हुए वहाँ से<br />
उन<br />
दोनों कि भाति निकल<br />
गया |<br />
तभी वहाँ से एक और<br />
लड़का निकला वह उस<br />
चोथी स्त्री का पूत्र<br />
था |<br />
वह अपनी माता के पास<br />
आया और माता के सर पर<br />
से पानी का घड़ा ले<br />
लिया और गाव कि और<br />
गाव कि और निकल पढ़ा |<br />
यह देख<br />
तीनों स्त्रीयां चकित रह<br />
गई | मानो उनको साप<br />
सुंघ गया हो | वे<br />
तीनों उसको आश्चर्य से<br />
देखने लगी तभी वहाँ पर<br />
बैठी एक वृद्ध महिला ने<br />
कहाँ “देखो इसको कहते हें<br />
सच्चा हिरा”<br />
“ सबसे पहला और सबसे<br />
बड़ा ज्ञान संस्कार<br />
का होता हें जो किसे और<br />
से नहीं बल्कि स्वयं हमारे<br />
माता-पिता से प्राप्त<br />
होता हें | फिर भले<br />
ही हमारे माता-<br />
पिता शिक्षित<br />
हो या ना हो यह ज्ञान<br />
उनके<br />
अलावा दुनिया का कोई<br />
भी व्यक्ति नहीं दे<br />
सकता हAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-36971579288664064402013-06-20T15:24:00.000+05:302013-06-20T15:24:12.534+05:30दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल।दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल।<br />
दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से<br />
पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। माता-पिता रात-दिन<br />
इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे<br />
दोनों क्या करेंगे।<br />
... एक दिन गांव में एक साधु आया।<br />
<br />
लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुए महात्मा है।<br />
<br />
जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये।<br />
पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने<br />
बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके<br />
आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये।<br />
<br />
मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह<br />
भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले<br />
जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत<br />
कर दें और साधु नाराज हो जाये।<br />
<br />
अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास<br />
पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने बैठा लिया और<br />
मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा।<br />
साधु ने बच्चे से पूछा- बेटे, तुम भगवान को जानते<br />
हो न? बताओ, भगवान कहां है?<br />
<br />
बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर<br />
देखता रहा।<br />
<br />
साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया पर बच्चा फिर<br />
भी कुछ नहीं बोला।<br />
<br />
अब साधु को कुछ चिढ़ सी आई, उसने<br />
थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा- मैं क्या पूछ<br />
रहा हूं तुम्हें सुनाई नहीं देता, जवाब दो, भगवान<br />
कहां है?<br />
<br />
बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु<br />
की ओर हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।<br />
अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और<br />
तेजी से बाहर की ओर भागा। साधु ने आवाज दी पर<br />
वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के<br />
नीचे छुप गया। बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने उसे<br />
छुपते हुये देखा तो पूछा- क्या हुआ? छुप क्यों रहे<br />
हो?<br />
<br />
"भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।" बच्चे ने<br />
घबराये हुये स्वर में कहा।<br />
<br />
"पर हुआ क्या?" बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने<br />
की कोशिश करते हुये पूछा।<br />
<br />
"अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं।<br />
<br />
भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ रहे हैं<br />
कि इसमें हमारा हाथ है !"Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-66071629878942045232013-06-20T09:56:00.000+05:302013-06-20T09:56:19.615+05:30एक राजस्थानी व्यापारी मुबंई की बैँक मेँ गया,एक राजस्थानी व्यापारी मुबंई की बैँक मेँ गया,<br />
और बैँक मेनेजर से रु.50,000 का लोन मांगा.<br />
बैँक मेनेजर ने गेरेँटर मांगा.<br />
राजस्थानी ने अपनी BMW कार जो बैँक के<br />
सामने पार्क की हुई थी उसको गेरेँटी के तरीके से<br />
... जमा करवा दी.<br />
मेनेजर ने गाडी के कागज चैक किए,<br />
और लोन देकर गाडी को कस्टडी मेँ खडी करने के<br />
लिए कर्मचारी को सुचना दी.<br />
राजस्थानी 50,000 रुपये लेकर चलागया.<br />
बैँक मेनेजर और कर्मचारी उस राजस्थानी पर<br />
हँसने लगे और बात करने लगे कि यह<br />
करोडपति होते हुए भी अपनी गाडी सिर्फ<br />
50,000 मेँ गिरवी रख कर चला गया.<br />
कितना बेवकुफ आदमी है.<br />
उसके बाद 2 महीने बाद राजस्थानी वापस बैँक<br />
मे<br />
गया और लोन की सभी रकम देकर<br />
अपनी गाडी वापस लेने की इच्छा दर्शायी.<br />
बैँक मेनेजर ने हिसाब-किताब किया और बोला :<br />
50,000 मुल रकम के साथ 1250 रुपये ब्याज.<br />
राजस्थानी ने पुरे पैसे दे दिए.<br />
बैँक मेनेजर से रहा नही गया और उसने पुछा :<br />
कि आप इतने करोडपति होते हुए<br />
भी आपको 50,000 रुपयो कि जरुरत कैसे<br />
पडी.?<br />
राजस्थानी ने जवाब दिया : मैँ राजस्थान से<br />
आया था.<br />
मैँ अमेरिका जा रहा था.<br />
मुबंई से मेरी फ्लाइट थी.<br />
मुबंई मेँ मेरी गाडी कहा पार्क करनी है यह<br />
मेरी सबसे बडी प्रोबलम थी.<br />
लेकिन इस प्रोबलम को आपने हल कर दिया.<br />
मेरी गाडी भी सेफ कस्टडी मेँ दो महीने तक<br />
संभाल<br />
के रखा और 50,000 रुपये<br />
खर्च करने के लिए भी दिए दोनो काम करने<br />
का चार्ज लगा सिर्फ 1250 रुपये.<br />
आपका बहुत बहुत धन्यवाद.!<br />
इसिलिए कहते दोस्तो कि "जहा ना पहुचे कोई<br />
गाडी , वहा पहुच जाता है मारवाडी"Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-30485129547252746102013-06-16T17:26:00.000+05:302013-06-16T17:26:46.690+05:30मौत रिश्वत नही लेती लेकिन, रिश्वत मौत ले लेती है.....1) अगर लगातार दौडने से लक्ष्मी मिलती तो,आज<br />
कुत्ता लक्ष्मीपति होता.....<br />
<br />
2) मौत रिश्वत नही लेती लेकिन, रिश्वत<br />
मौत ले लेती है.....<br />
...<br />
3) काम मेँ ईश्वर का साथ मांगो लेकिन,ईश्वर<br />
काम कर दे ऐसा मत मांगो......<br />
<br />
4) कडवा सत्य-एक गरीब पेट के लिए सुबह<br />
जल्दी उठकर दोडता है और एक अमीर पेट कम<br />
करने के लिए सुबह जल्दी उठकर दौडता है..<br />
<br />
5) 50 रुपए मेँ 1 लीटर कोल्डंड्रीक आती है..जिसमे स्वाद और पोषण जीरो..<br />
<br />
6) सबंध भले थोडा रखो लेकिन,ऐसा रखो कि शरम<br />
किसी की झेलनी ना पडे मौत के मुह से<br />
जिदंगी बरस पडे और मरने के बाद शमशान<br />
की राख भी रो पडे.<br />
<br />
7) जब तालाब भरता है तब,मछलीया चीटीँयो को खाती है और जब<br />
तालाब खाली होता है तब चीटींया मछलियो को खाती है<br />
मौका सबको मिलता है बस अपनी बारी का इन्तजार करो..<br />
<br />
8)दुनिया मेँ दो तरह के लोग होते है.. एक जो दुसरो का नाम याद रखते है और<br />
दुसरा जिसका नाम दुसरे याद रखते है..<br />
<br />
9) सुख मेँ सुखी हो तो दु:ख भोगना सीखो जिसको खबर नही दु:ख<br />
की तो सुख का क्या मजा.?<br />
<br />
10) जीवन मेँ कुछ बडा मिल जाए तो छोटे को मत भुलना.. क्योकिँ जहा सुई काम आती हो वहा तलवार काम नही आती..<br />
<br />
11) माँ-बाप का दिल दुखाकर आज तक दुनिया मेँ कोई सुखी नही हुआ..<br />
<br />
12) भगवान का उपकार है कि आँसुऔ को रंग<br />
नही दिया वरना रात को भींगा तकिया सवेरे कुछ ना कुछ भैद खोल देता..<br />
<br />
13) जो इंसान प्रेम मेँ निष्फल होता है वो जिदगी मे सफल होता है..<br />
<br />
14) दुनिया का सबसे कीमती प्रवाही कौन सा है? आँसु जिसमेँ 1% पानी<br />
और 99% भावनाए होती है..<br />
<br />
15) दुनिया का सबसे अमीर आदमी भी माँ के बिना गरीब है..<br />
<br />
16) गुस्से मे आदमी कभी कभी व्यर्थ बाते करता है, तो कभी मन की बात भी बोल देता है..<br />
<br />
17) भगवान खडा है तुझे सब कुछ देने के लिए लेकिन तु चम्मच<br />
लेकर खडा है पुरा सागर माँगने के लिए..Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-51521214439225990172013-06-11T19:47:00.001+05:302013-06-11T19:47:32.607+05:30ये पैसा देश का है और जान आपकी अपनी सब लोग लेट जाओ तूरंत ....<br />
एक बैँक लूट के दौरान लुटेरों के मुखिया ने चेतावनी देते हुए कहा<br />
ये पैसा देश का है और जान आपकी अपनी<br />
सब लोग लेट जाओ तूरंत .... क्विक<br />
सब लोग लेट गये !<br />
[इसे कहते हैँ - 'Mind Changing Concept']<br />
<br />
एक महिला उत्तेजक मुद्रा मेँ लेटी थी<br />
लुटेरों के मुखिया ने उससे कहा -<br />
'ये लूट है रेप नहीँ तमीज से लेटो'<br />
[इसे कहते हैँ - 'Focusing']<br />
<br />
लुटेरों का एक साथी जो कि MBA किये हुआ था,<br />
उसने कहा कि पैसे गिन लेँ ?<br />
मुखिया ने कहा बेवकुफ वो टीवी पर देखना न्यूज में,<br />
[इसे कहते हैँ - 'Experience']<br />
<br />
लुटेरे 20 लाख लेकर भाग गए<br />
असिस्टेंट मैनेजर ने कहा - 'एफ आई आर' करें ?<br />
मैनेजर ने कहा - '10 लाख निकाल लो और जो हमने 50 लाख का<br />
गबन किया वो भी लूट में जोड़ लो .... काश हर महीने डकैती हो'<br />
[इसे कहते हैँ - 'Opportunity']<br />
<br />
टीवी पर न्यूज आई - "बैँक से 80 लाख लूटे"<br />
लुटेरोँ ने कई बार गिने 20 लाख ही थे<br />
उनको समझ में आ गया कि इतनी जोखिम के बाद उनको 20 लाख ही मिले,<br />
जबकि साले मैनेजर ने 60 लाख यूंही बना लिए<br />
<br />
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-33726539780144836572013-05-30T09:12:00.000+05:302013-05-30T09:12:04.614+05:30एक बार एक मछुआरा नदी किनारे मछली पकड़ने जाता है,एक बार एक मछुआरा नदी किनारे मछली पकड़ने जाता है, परन्तु उसे तालाब के पास पहुँच कर एहसास होता है कि वह मछली पकड़ने के लिए चारा तो ले कर ही नहीं आया!<br />
<br />
जब वह यह सोच ही रहा होता है तो उसकी नज़र एक सांप पर पड़ती है जिसने मुंह में एक केचुआ पकड़ा हुआ होता है! यह देख वह सांप को फन से पकड़ता है और उसके मुंह से केचुआ छीन लेता है!<br />
<br />
परन्तु केचुआ छीन ने के तुरंत बाद ही उसे आत्मग्लानि होती है, कि उसने एक जीव से उसका भोजन छीन लिया! इस आत्मग्लानि से छुटकारा पाने के लिए वह उस सांप के मुंह में थोड़ी सी बीयर डाल देता है और मछली पकड़ने चल पड़ता है!<br />
<br />
थोड़ी देर बाद जब वह तालाब के किनारे मछली पकड़ रहा होता है तो उसे अपनी पतलून के निचले हिस्से में खिंचाव सा महसूस होता, जब वह कारण जानने के लिए नीचे देखता है तो वह पाता है कि वही सांप मुंह में तीन और केंचुए पकडे हुए उसकी तरफ देख रहा है!Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-73700661207367747292013-05-30T04:00:00.000+05:302013-05-29T17:32:29.691+05:30पत्नी किचन में से आवाज लगाकर: अजी सुनते हों जरा मुझे पत्नी किचन में से आवाज लगाकर: अजी सुनते हों जरा मुझे वहां से गरम मसाला उठा देना।<br />
पति: देता हूं चीख क्यों रही हो?<br />
पत्नी: जल्दी करो फिर कहोगे देर हो रही है।<br />
पति: कहां तो रखती हो नहीं मिल रहा।<br />
पत्नी: जरा ध्यान से देखो।<br />
पति झल्लाकर: नहीं मिल रहा तुम ही देख लो।<br />
पत्नी: रहने दो मुझे मालूम था तुम्हें नहीं, मिलेगा इसलिए मैं पहले से ही ले आई थी!!!Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-80058063161406338842013-05-29T09:14:00.000+05:302013-05-29T09:14:37.360+05:30बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता थाबहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्यातिदूर -दूरतक फैली थी. एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा है ठीक सेबात तक नहीं करता .”<br />
” युद्ध लोगों के साथ ऐसा ही करता है.” , सन्यासी बोला.<br />
” लोग कहते हैं कि आपकी दी हुई जड़ी-बूटी इंसान में फिर से प्रेम उत्पन्न कर सकती है , कृपया आप मुझे वो जड़ी-बूटी दे दें.” , महिला ने विनती की.<br />
सन्यासी ने कुछ सोचा और फिर बोला,” देवी मैं तुम्हे वह जड़ी-बूटी ज़रूर दे देता लेकिन उसे बनाने के लिए एक ऐसीचीज चाहिए जो मेरे पास नहीं है .”<br />
” आपको क्या चाहिए मुझे बताइए मैं लेकर आउंगी .”, महिला बोली.<br />
... ” मुझे बाघ की मूंछ का एक बाल चाहिए .”, सन्यासी बोला.<br />
अगले ही दिन महिला बाघ की तलाश में जंगल में निकल पड़ी , बहुत खोजने के बाद उसे नदी के किनारे एक बाघ दिखा , बाघ उसे देखते ही दहाड़ा , महिला सहम गयी और तेजी से वापस चली गयी.<br />
अगले कुछ दिनों तक यही हुआ , महिला हिम्मत कर के उस बाघ के पास पहुँचती और डर कर वापस चली जाती. महीना बीतते-बीतते बाघ को महिला की मौजूदगी की आदत पड़ गयी,और अब वह उसे देख कर सामान्यही रहता. अब तो महिला बाघ के लिए मांस भी लाने लगी , और बाघ बड़े चाव से उसे खाता. उनकी दोस्ती बढ़ने लगी और अब महिला बाघ को थपथपाने भी लगी. और देखते देखते एक दिन वो भी आ गया जब उसने हिम्मतदिखाते हुए बाघ की मूंछ का एक बाल भी निकाल लिया.<br />
फिर क्या था , वह बिना देरी किये सन्यासी के पास पहुंची , और बोली<br />
” मैं बाल ले आई बाबा .”<br />
“बहुत अच्छे .” और ऐसा कहते हुए सन्यासी ने बाल को जलती हुई आग में फ़ेंक दिया<br />
” अरे ये क्या बाबा , आप नहीं जानते इस बाल को लाने के लिए मैंने कितने प्रयत्न किये और आपने इसे जला दिया ……अब मेरी जड़ी-बूटी कैसे बनेगी ?” महिला घबराते हुए बोली.<br />
” अब तुम्हे किसी जड़ी-बूटी की ज़रुरत नहीं है .” सन्यासी बोला.” जरा सोचो , तुमने बाघ को किस तरह अपने वश में किया….जब एक हिंसक पशु को धैर्य और प्रेम से जीता जा सकता है तो क्याएक इंसान को नहीं ?Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-29212969912362586042013-05-26T18:02:00.001+05:302013-05-26T18:02:27.577+05:30एक बस खचाखच भर चुकी थी।एक बस खचाखच भर<br />
चुकी थी।<br />
एक बुढिया बस रुकवा कर चढ गई। कंडक्टर के<br />
मना करने पर उस ने कहा मुझे ज़रुरी जाना है।<br />
किसी ने बुढिया को सीट नही दी।<br />
... अगले बस स्टैंड से एक युवा सुंदर लडकी बस मे<br />
चढी तो एक दिल फैंक युवक ने अपनी सीट उसे<br />
आँफरकर दी और खुद खडा हो गया।<br />
युवती ने बुढिया को सीट पर बैठा दिया और खुद<br />
खडी रही ।<br />
युवक अहिस्ता से बोला, " मैने तो सीट आप<br />
को दी थी।"<br />
इस पर युवती बोली, "धन्यवाद, लेकिन<br />
किसी भी भी चीज पर बहन से<br />
ज्यादा मां का हक होता है। Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-32232095276122012972013-05-18T05:00:00.000+05:302013-05-18T05:00:01.587+05:30एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था ।एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था । किन्तु किसी गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्युहो गयी । अपने पीछे वह अपनी पत्नी और बेटा छोड़ गया ।<br />
<br />
जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँ ने कहा, “बेटा , मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे, तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ और इसकी कीमतका पता लगाओ | लेकिन ध्यान रहे कि तुम्हे केवल कीमत पता करनी है, इसे बेचना नहीं है |”<br />
<br />
युवक पत्थर लेकर निकला, सबसे पहले उसे एक सब्जी बेचने वाली महिला मिली | <br />
<br />
”अम्मा, तुम इस पत्थर के बदले मुझे क्या दे सकती हो ?”, युवक ने पूछा |<br />
<br />
”देना ही है तो दो गाजरों के बदले मुझे ये दे दो | तौलने के काम आएगा |”- सब्जी वाली बोली ।<br />
<br />
युवक आगे बढ़ गया । इस बार वो एक दुकानदार के पास गया और उससे पत्थर की कीमत जानना चाही ।<br />
<br />
दुकानदार बोला, ” इसके बदले मैं अधिक से अधिक 500 रूपये दे सकता हूँ, देना हो तो दो नहीं तो आगे बढ़ जाओ” |<br />
<br />
युवक इस बार एक सुनार के पास गया, सुनार ने पत्थर के बदले 20 हज़ार देने की बात की | <br />
<br />
फिर वह हीरे की एक प्रतिष्ठित दुकान पर गया वहां उसे पत्थर के बदले 1 लाख रूपये का प्रस्ताव मिला | <br />
<br />
और अंत में युवक शहर के सबसेबड़े हीरा विशेषज्ञ के पास पहुंचा और बोला,” श्रीमान , कृपया इस पत्थर की कीमत बताने का कष्ट करें” |<br />
<br />
विशेषज्ञ ने ध्यान से पत्थर का निरीक्षण किया और आश्चर्य से युवक की तरफ देखते हुए बोला, ”यह तो एक अमूल्य हीरा है | करोड़ों रूपये देकर भी ऐसा हीरा मिलना मुश्किल है” |<br />
<br />
यदि हम गहराई से सोचें तो ऐसा ही मूल्यवान हमारा मानव जीवन भी है | यह अलग बात है कि हम में से बहुत से लोग इसकी कीमत नहीं जानते और सब्जी बेचने वाली महिला की तरह इसे मामूली समझ तुच्छ कामो में लगा देते हैं ।<br />
<br />
आइये हम प्रार्थना करें कि परमेश्वर सभी को इस मूल्यवान जीवन को समझने की सद्बुद्धि दे और हम हीरे के विशेषज्ञ की तरह इस जीवन का मूल्य आंक सकें ॥Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-87173663149795755392013-05-17T06:30:00.000+05:302013-05-17T06:30:00.688+05:30एक बार एक सेठ अपने गांव के पास ही के एक कस्बे से पैदल एक बार एक सेठ अपने गांव के पास ही के एक कस्बे से पैदल ही गांव आ रहा था कि रास्ते मेंएक डाकू दल मिल गया| डाकू दल ने सेठ को पकड़ कर दो चार लट्ठ जमा दिए तो सेठ ने अपनी जेब में जो धन था वह निकालकर डाकू दल को दे दिया, फिर भी डाकुओं ने सेठ की कमीज उतरवा ली|<br />
कमीज उतारते ही सेठ की बनियान में भी एक जेब देखकर डाकुओं के सरदार ने सेठ की बनियान भी उतरवा ली|<br />
सेठ ने कुछ धन अपनी धोती की अंटी में भी दबा रखा था सो डाकू सरदार ने सेठ की धोती भी खुलवाली| अब सेठ जी सिर्फ कच्छे में थे|<br />
डाकू सरदार ने सेठ का कच्छा गौर से देखा तो उसे लगा कि सेठ ने कच्छे में भी कुछ छुपा रखा है| सो डाकू सरदार ने सेठ से पुछा- “कच्छे में भी धन छुपा रखा है क्या?"<br />
सेठ : जी धन नहीं है! इसमें मैंने एक पिस्टल छुपा रखी है|<br />
... डाकू सरदार : पिस्टल किस लिए? तू क्या करेगा पिस्टल का? तेरे क्या काम की पिस्टल?<br />
सेठ : जी! समय आने पर व जरुरत के समय मौके पर काम लूँगा!<br />
डाकू सरदार : बावलीबूच इस से बढ़िया जरुरत वाला समय कब आयेगा? तेरी धोती, कुर्ता तक लुट गया| तू कच्छे में नंगा खड़ा है, तेरा सारा धन लुट गया! फिर भी इस पिस्टल जैसे हथियार का इस्तेमाल करने का तुझे मौका नजर नहीं आया? लगता है तू भी भारत के मतदाता की तरह ही बावलीबूच है|<br />
सेठ को डाकू द्वारा अपनी भारतीय मतदाता से तुलना समझ नहीं आई सो उसने डाकू से निवेदन किया –<br />
"हे डाकू महाराज! कम से कम मुझे ये तो बता दीजिये कि मुझमें व भारतीय मतदाता में आपको ऐसी कौन सी समानता नजर आई जो आपने मुझे भारतीय मतदाता के समान बावलीबूच बता दिया|"<br />
डाकू कहने लगा : देख सेठ तू पिस्टल पास होते हुए भी पूरा लुट गया| धन के साथ तेरे कपड़े तक हमने उतार लिये| फिर भी तूने अपना धन और कपड़े बचाने को पिस्टल का उपयोग नहीं किया. यह ठीक उसी तरह है जैसे भारतीय मतदाता पुरे पांच सालतक सत्ताधारी दल से लुटता हुआ डायलोग मारता रहता है कि अगले चुनाव आने दीजिये, अपने वोट रूपी हथियार का इस्तेमाल करते हुए इन नेताओं को सबक सिखाऊंगा|<br />
अब देख भारतीय जनता को नेताओं ने इतना लुटा कि अब उसके तन पर थोड़ा सा कपड़ा मात्र ही बचा है जबकि उसके पास "मत" (वोट) रूपी ऐसा हथियार है जिसके इस्तेमाल से वह नेताओं द्वारा लुटे जाने से आसानी से बच सकता है| पर वह भी तेरी तरह ही सोचता रहता है कि इस चुनाव में नहीं, अगले चुनावों में इस नेता को देखूंगा! और इसी तरह देखने का इंतजार करते करते भारतीय मतदाता नेताओं के हाथों लुटता रहता है, ठीक वैसे ही जैसे तुम हथियार होने के बावजूद हमसेलुट गए|Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-48578631197186763442013-05-16T10:11:00.000+05:302013-05-16T10:11:00.694+05:30 तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा। एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोजानाभोजन<br />
पकाती थी और एक रोटी वह वहां से ...गुजरने वाले<br />
किसी भी भूखे के लिए पकाती थी ,<br />
वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी जिसे<br />
कोई भी ले सकता था .<br />
एक कुबड़ा व्यक्ति रोज उस रोटी को ले जाता और वजाय<br />
धन्यवाद देने के अपने रस्ते पर चलता हुआ वह कुछ इस तरह<br />
बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और<br />
जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा "<br />
दिन गुज...रते गए और ये<br />
सिलसिला चलता रहा ,वो कुबड़ा रोज रोटी लेके<br />
जाता रहा और इन्ही शब्दों को बडबडाता<br />
"जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम<br />
अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा "<br />
वह औरत उसकी इस हरकत से तंग आ गयी और मन ही मन<br />
खुद से कहने लगी कि "कितना अजीब व्यक्ति है,एक शब्द<br />
धन्यवाद का तो देता नहीं है और न जाने<br />
क्या क्या बडबडाता रहता है ,<br />
मतलब क्या है इसका ".<br />
एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और<br />
बोली "मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी ".<br />
और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में जहर<br />
मिला दीया जो वो रोज उसके लिए बनाती थी और जैसे<br />
ही उसने रोटी को को खिड़की पर रखने कि कोशिश<br />
कि अचानक उसके हाथ कांपने लगे और रुक गये और वह<br />
बोली "<br />
हे भगवन मैं ये क्या करने जा रही थी ?" और उसनेतुरंत उस<br />
रोटी को चूल्हे कि आँच में जला दीया .<br />
एक ताज़ा रोटी बनायीं और खिड़की के सहारे रख दी ,<br />
हर रोज कि तरह वह कुबड़ा आया और रोटी लेके "जो तुम<br />
बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे<br />
वह तुम तक लौट के आएगा " बडबडाता हुआ चला गया इस<br />
बात से बिलकुल बेखबर कि उस महिला के दिमाग में क्या चल<br />
रहा है .<br />
हर रोज जब वह महिला खिड़की पर रोटी रखती थी तोवह<br />
भगवान से अपने पुत्र कि सलामती और अच्छी सेहतऔर घर<br />
वापसी के लिए प्रार्थना करती थी जो कि अपने सुन्दर<br />
भविष्य के निर्माण के लिए कहीं बाहर गया हुआ<br />
था .महीनों से उसकी कोई खबर नहीं थी.<br />
शाम को उसके दरवाजे पर एक दस्तक होती है ,वह<br />
दरवाजा खोलती है और भोंचक्की रह जाती है ,<br />
अपने बेटे को अपने सामने खड़ा देखती है.वह पतला और<br />
दुबला हो गया था. उसके कपडे फटे हुए थे और वह<br />
भूखा भी था ,भूख से वह कमजोर हो गया था. जैसे हीउसने<br />
अपनी माँ को देखा,<br />
उसने कहा, "माँ, यह एक चमत्कार है कि मैं यहाँ हूँ. जब मैं<br />
एक मील दूर है, मैं इतना भूखा था कि मैं गिर. मैं मर<br />
गया होता,<br />
लेकिन तभी एक कुबड़ा वहां से गुज़र रहा था,उसकी नज़र<br />
मुझ पर पड़ी और उसने मुझे अपनी गोद में उठा लीया,भूख के<br />
मरे मेरे प्राण निकल रहे थे<br />
मैंने उससे खाने को कुछ माँगा ,उसने नि:संकोच<br />
अपनी रोटी मुझे यह कह कर दे दी कि "मैं हर रोज<br />
यही खाता हूँ लेकिन आज मुझसे ज्यादा जरुरत इसकी तुम्हें है<br />
सो ये लो और अपनी भूख को तृप्त करो " .<br />
जैसे ही माँ ने उसकी बात सुनी माँ का चेहरा पिला पड़<br />
गया और अपने आप को सँभालने के लिए उसने दरवाजे<br />
का सहारा लीया ,<br />
उसके मस्तिष्क में वह बात घुमने लगी कि कैसे उसने सुबह<br />
रोटी में जहर मिलाया था<br />
.अगर उसने वह रोटी आग में जला के नष्ट<br />
नहीं की होती तो उसका बेटा उस रोटी को खा लेताऔर<br />
अंजाम होता उसकी मौत<br />
और इसके बाद उसे उन शब्दों का मतलब बिलकुल स्पष्ट<br />
हो चूका था<br />
"जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम<br />
अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।<br />
" निष्कर्ष "<br />
~हमेशा अच्छा करो और अच्छा करने से अपने आप<br />
को कभी मत रोको फिर चाहे उसके लिए उस समय<br />
आपकी सराहना या प्रशंसा हो या न हो Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-19851450483070797892013-05-15T09:59:00.001+05:302013-05-15T09:59:55.956+05:30किसी गाँव में दो भाई रहते थे। बडे की शादी हो.....बहुत पुरानी कथा है। किसी गाँव में दो भाई रहते थे। बडे की शादी हो गई थी। उसके दो बच्चेभी थे। लेकिन छोटा भाई अभी कुँवारा था। दोनोंसाझा खेती करते थे।<br />
एक बार उनके खेत में गेहूँ की फसल पक कर तैयारहो गई। दोनों ने मिलकर फसल काटी और गेहूँ तैयार किया। इसके बाद दोनों ने आधा-आधा गेहूँबाँट लिया। अब उन्हें ढोकर घर ले जाना बचा था। रात हो गई थी, इसलिए यह काम अगले दिन ही होपाता। रात में दोनों को फसल की रखवाली के ...लिए खलिहान पर ही रुकना था। दोनों को भूख भी लगी थी।<br />
दोनों ने बारी-बारी से खाने की सोची। पहले बड़ा भाई खाना खाने घर चला गया।<br />
छोटा भाई खलिहान पर ही रुक गया। वह सोचने लगा-भैया की शादी हो गई है, उनका परिवार है, इसलिए उन्हें ज्यादा अनाज की जरूरत होगी।<br />
यह सोचकर उसने अपने ढेर से कई टोकरी गेहूँ निकालकर बड़े भाई वाले ढेर में मिला दिया।<br />
बड़ा भाई थोड़ी देर में खाना खाकर लौटा। उसकेबाद छोटा भाई खाना खाने घर चला गया।<br />
बड़ा भाई सोचने लगा – मेरा तो परिवार है, बच्चे हैं, वे मेरा ध्यान रख सकते हैं, लेकिन मेरा छोटा भाई तो एकदम अकेला है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। उसे मुझसे ज्यादा गेहूँ कीजरूरत है।<br />
उसने अपने ढेर से उठाकर कई टोकरी गेहूँ छोटे भाई वाले गेहूँ के ढेर में मिला दिया!<br />
इस तरह दोनों के गेहूँ की कुल मात्रा में कोई कमी नहीं आई। हाँ, दोनों के आपसी प्रेम और भाईचारे में थोड़ी और वृद्धि जरूर हो गई।Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-28601531700424142132013-05-10T06:00:00.000+05:302013-05-10T06:00:01.564+05:30उससे क्या होगा ? <br />
एक बार एक मछुआरा समुद्र किनारे आराम से<br />
छांव में बैठकर शांति से बीडी पी रहा था ।<br />
अचानक एक बिजनैसमैन वहाँ सेगुजरा और<br />
उसने मछुआरे से पूछा "तुम काम करने के बजाय<br />
आराम क्यों फरमा रहे हो?"<br />
इस पर गरीब मछुआरे ने कहा"मैने आज के लिये पर्याप्त मछलियाँ पकड चुका हूँ ।"<br />
यह सुनकर बिज़नेसमैन गुस्से में आकर बोला "<br />
यहाँ बैठकर समय बर्बाद करने से बेहतर है<br />
कि तुम क्यों ना और मछलियाँ पकडो ।"<br />
मछुआरे ने पूछा "और मछलियाँपकडने से<br />
क्या होगा ?" बिज़नेसमैन : उन्हे बेंचकर तुम औरज्यादा पैसे<br />
कमा सकते हो और एक बडी बोट भी लेसकते<br />
हो ।<br />
मछुआरा :- उससे क्या होगा ?<br />
बिज़नेसमैन :- उससे तुम समुद्र में और दूर तक<br />
जाकर और मछलियाँ पकड सकते हो और ज्यादा पैसे कमा सकते हो ।<br />
मछुआरा :- "उससे क्या होगा?"<br />
बिज़नेसमैन : "तुम और अधिक बोट खरीद<br />
सकते हो और कर्मचारी रखकर और अधिक<br />
पैसेकमा सकते हो ।"<br />
मछुआरा : "उससे क्या होगा ?" बिज़नेसमैन : "उससेतुम मेरी तरह अमीर<br />
बिज़नेसमैन बन जाओगे ।"<br />
मछुआरा :- "उससे क्या होगा?"<br />
बिज़नेसमैन : "अरे बेवकूफ उससे तू<br />
अपना जीवन शांति सेव्यतीत कर सकेगा ।"<br />
मछुआरा :- "तो आपको क्या लगता है, अभी मैं क्या कर रहा हूँ ?<br />
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-45217330545534739572013-05-09T18:30:00.000+05:302013-05-09T18:30:47.445+05:30"अरे, आप दोनों झगड़ो मत... काम बांट लो न...!<br />
घर बेहद गंदा पड़ा हुआ था और बहू साफ-सफाई<br />
करने की जगह सजने-संवरने में लगी हुई थी,<br />
इसलिए सास झाड़ू लगाने लगी... बेटे से<br />
देखा नहीं गया, सो, बोला, "मां, तुम रहने<br />
दो, झाड़ू मैं लगा देता हूं..." मां ने मौका सहीजानकर<br />
ऊंची आवाज में बहू को सुनाते हुए जवाब दिया,"अरे, रहने दे बेटे... मैं<br />
लगा तो रही हूं..." बहू ने लिपस्टिक लगाते हुए तपाक<br />
से कहा,<br />
"अरे, आप दोनों झगड़ो मत... काम बांट लो न...<br />
एक दिन बेटा झाड़ू लगा देगा और एक दिन<br />
मां लगा देगी...Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-68890581182252047602013-05-06T10:10:00.000+05:302013-05-06T10:10:01.180+05:30चीन ने ..वापसी कर ली ..इस पर तरह तरह के बयान<br />
<br />
<br />
मनमोहन सिंह ---कड़ी वाली निंदा से ...चीन डर गया और वापस चला गया<br />
<br />
राहुल बाबा --मैंने उन्हें बताया था ..मधुमक्खी का छत्ता है ....उन्हें डर लगा कही काट-वाट लिया ..इसलिए वापस गए<br />
<br />
सोनिया --मैंने उन्हें अपनी इटली के बार वाली तस्वीर भेजी ..उन्होंने बोल ..इंडिया में कुछ नहीं है ..अब हम इटली जायेंगे<br />
<br />
ND तिवारी --उसमे से 2-3 का DNA चेक करवाने पर मेरे बेटे निकले ...उनको बाप की इज्जत करनी थी इसलिए चले गए<br />
<br />
दिग्विजय सिंह --पास वाली पहाड़ी पर मैंने स्पीकर पर 2 दिन काली अँधेरी रात में भोंका ...डर के वापस चले गए<br />
<br />
कजरी बाबु- हमने स्टील के ग्लास में एक पत्र लिख के भेजा था ..की अनशन करेंगे ..भाग गए ...<br />
<br />
कुमार विस्वास-- मैंने अपनी 2-3 फोटो भेजी थी ..उनका इंटरेस्ट वैसा वाला नहीं था ..चले गए ...<br />
<br />
नितिन गडकरी --मैंने उन्हें बता दिया था ..अगर भारत में कब्ज़ा किया ,...तो खाना मुझे खिलने की जिम्मेवारी आपकी ..बस फिर क्या था ....भाग गए<br />
<br />
मायावती---मैंने उनके सेनापति से शादी की इच्छा जताई ...उसके बाद सुना है ..वापस निकल गए<br />
<br />
भोजपुरिया भौकाल---मैंने चीन वालो को इतना पोक करवाया अपने पेज के सदस्यों से ..की भाग खड़े हुए<br />
<br />
निर्मल बाबा--मैंने पहले ही कहा था ..राहुल बाबा को डाईपर की जगह लंगोटी पहनाओ ..किरपा बनी रहेगी<br />
<br />
मुलायम सिंह--मैंने उन्हें फ़ोन किया ...मेरी भाषा सुन के ...फ़ोन रख दिया ,...सुना है चले गए वापस<br />
Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-15355936616777488952013-05-06T10:02:00.000+05:302013-05-06T10:02:29.448+05:30कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई एक बार किसी गाँव में एक बुढ़िया रात के अँधेरे में अपनी झोपडी के बहार कुछ खोज रही थी .तभी गाँव के ही एक व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी , “अम्मा इतनी रात में रोड लाइट के नीचे क्या ढूंढ रही हो ?” , व्यक्ति ने पूछा.<br />
<br />
” कुछ नहीं मेरी सुई गम हो गयी है बस वही खोज रही हूँ .”, बुढ़िया ने उत्तर दिया.<br />
<br />
फिर क्या था, वो व्यक्ति भी महिला की मदद करने के लिए रुक गया और साथ में सुई खोजने लगा. कुछ देर में और भी लोग इस खोज अभियान में शामिल हो गए और देखते- देखते लगभग पूरा गाँव ही इकठ्ठा हो गया.<br />
<br />
सभी बड़े ध्यान से सुई खोजने में लगे हुए थे कि तभी किसी ने बुढ़िया से पूछा ,” अरे अम्मा ! ज़रा ये तो बताओ कि सुई गिरी कहाँ थी?”<br />
<br />
” बेटा , सुई तो झोपड़ी के अन्दर गिरी थी .”, बुढ़िया ने ज़वाब दिया .<br />
<br />
ये सुनते ही सभी बड़े क्रोधित हो गए और भीड़ में से किसी ने ऊँची आवाज में कहा , ” कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई यहाँ ढूंढ रहे हैं जबकि सुई अन्दर झोपड़े में गिरी थी , आखिर सुई वहां खोजने की बजाये यहाँ बाहर क्यों खोज रही हो ?”<br />
<br />
” क्योंकि रोड पर लाइट जल रही है…इसलिए .”, बुढ़िया बोली.<br />
<br />
मित्रों, शायद ऐसा ही आज के युवा अपने भविष्य को लेकर सोचते हैं कि लाइट कहाँ जल रही है वो ये नहीं सोचते कि हमारा दिल क्या कह रहा है ; हमारी सुई कहाँ गिरी है . हमें चाहिए कि हम ये जानने की कोशिश करें कि हम किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं और उसी में अपना करीयर बनाएं ना कि भेड़ चाल चलते हुए किसी ऐसी फील्ड में घुस जाएं जिसमे बाकी लोग जा रहे हों या जिसमे हमें अधिक पैसा नज़र आ रहा हो .Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5443641981140962883.post-86508932934530484682013-05-02T14:43:00.001+05:302013-05-02T14:43:15.924+05:30एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर दूर तक एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर दूर तक थी पास ही के गाँव मे स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजहसे उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था...<br />
एक बार वह अपने गंतव्य की और जानेके लिए बस मेचढ़े उन्होंने कंडक्टर को किराए केरुपये दिएऔर सीट पर जाकर बैठ गए<br />
कंडक्टर ने जब किराया काटकर रुपये वापस दिए तो पंडित जी ने पाया की कंडक्टर ने दस रुपये ज्यादा उन्हें दे दिए है<br />
पंडित जी ने सोचा कि थोड़ी देर बाद कंडक्टर को रुपये वापस कर दूँगा<br />
कुछ देर बाद मन मे विचार आया की बेवजह दस रुपये जैसी मामूली रकम को लेकर परेशान हो रहेहै आखिर ये बस कंपनी वाले भी तो लाखों कमाते है बेहतर है इन रूपयो को भगवान की भेंट समझकर अपने पास ही रख लिया जाए वह इनका सदुपयोग ही करेंगे<br />
... मन मे चल रहे विचार के बीच उनका गंतव्य स्थल आगया बस मे उतरते ही उनके कदम अचानक ठिठके उन्होंने जेब मे हाथ डाला और दस का नोट निकाल कर कंडक्टर को देते हुए कहा भाई तुमने मुझे किराए के रुपये काटने के बाद भी दस रुपये ज्यादा दे दिए थे<br />
कंडक्टर मुस्कराते हुए बोला क्या आप ही गाँव के मंदिर के नए पुजारी हो?<br />
पंडित जी को हामी भरने पर कंडक्टर बोला मेरे मन मे कई दिनों से आपके प्रवचन सुनने की इच्छा है आपको बस मे देखातो ख्याल आया कि चलो देखते है कि मैं ज्यादा पैसे लौटाऊँ तो आप क्या करते हो अब मुझे पता चल गया की आपके प्रवचन जैसा ही आपका आचरण है जिससे सभी को सिख लेनी चाहिए<br />
ये बोलकर कंडक्टर ने गाड़ी आगे बड़ा दी<br />
पंडित जी बस से उतरकर पसीना पसीना थे उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर भगवान से कहा है प्रभु तेरा लाख लाख शुक्र है जो तूने मुझे बचा लिया मैने तो दस रुपये के लालच मे तेरी शिक्षाओ की बोली लगा दी थी पर तूने सही समय परमुझे थाम लिया....!Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/07837134427267811403noreply@blogger.com2