Showing posts with label BEST STORIES. Show all posts
Showing posts with label BEST STORIES. Show all posts

May 15, 2013

किसी गाँव में दो भाई रहते थे। बडे की शादी हो.....

बहुत पुरानी कथा है। किसी गाँव में दो भाई रहते थे। बडे की शादी हो गई थी। उसके दो बच्चेभी थे। लेकिन छोटा भाई अभी कुँवारा था। दोनोंसाझा खेती करते थे।
एक बार उनके खेत में गेहूँ की फसल पक कर तैयारहो गई। दोनों ने मिलकर फसल काटी और गेहूँ तैयार किया। इसके बाद दोनों ने आधा-आधा गेहूँबाँट लिया। अब उन्हें ढोकर घर ले जाना बचा था। रात हो गई थी, इसलिए यह काम अगले दिन ही होपाता। रात में दोनों को फसल की रखवाली के ...लिए खलिहान पर ही रुकना था। दोनों को भूख भी लगी थी।
दोनों ने बारी-बारी से खाने की सोची। पहले बड़ा भाई खाना खाने घर चला गया।
छोटा भाई खलिहान पर ही रुक गया। वह सोचने लगा-भैया की शादी हो गई है, उनका परिवार है, इसलिए उन्हें ज्यादा अनाज की जरूरत होगी।
यह सोचकर उसने अपने ढेर से कई टोकरी गेहूँ निकालकर बड़े भाई वाले ढेर में मिला दिया।
बड़ा भाई थोड़ी देर में खाना खाकर लौटा। उसकेबाद छोटा भाई खाना खाने घर चला गया।
बड़ा भाई सोचने लगा – मेरा तो परिवार है, बच्चे हैं, वे मेरा ध्यान रख सकते हैं, लेकिन मेरा छोटा भाई तो एकदम अकेला है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। उसे मुझसे ज्यादा गेहूँ कीजरूरत है।
उसने अपने ढेर से उठाकर कई टोकरी गेहूँ छोटे भाई वाले गेहूँ के ढेर में मिला दिया!
इस तरह दोनों के गेहूँ की कुल मात्रा में कोई कमी नहीं आई। हाँ, दोनों के आपसी प्रेम और भाईचारे में थोड़ी और वृद्धि जरूर हो गई।

May 10, 2013

उससे क्या होगा ?


एक बार एक मछुआरा समुद्र किनारे आराम से
छांव में बैठकर शांति से बीडी पी रहा था ।
अचानक एक बिजनैसमैन वहाँ सेगुजरा और
उसने मछुआरे से पूछा "तुम काम करने के बजाय
आराम क्यों फरमा रहे हो?"
इस पर गरीब मछुआरे ने कहा"मैने आज के लिये पर्याप्त मछलियाँ पकड चुका हूँ ।"
यह सुनकर बिज़नेसमैन गुस्से में आकर बोला "
यहाँ बैठकर समय बर्बाद करने से बेहतर है
कि तुम क्यों ना और मछलियाँ पकडो ।"
मछुआरे ने पूछा "और मछलियाँपकडने से
क्या होगा ?" बिज़नेसमैन : उन्हे बेंचकर तुम औरज्यादा पैसे
कमा सकते हो और एक बडी बोट भी लेसकते
हो ।
मछुआरा :- उससे क्या होगा ?
बिज़नेसमैन :- उससे तुम समुद्र में और दूर तक
जाकर और मछलियाँ पकड सकते हो और ज्यादा पैसे कमा सकते हो ।
मछुआरा :- "उससे क्या होगा?"
बिज़नेसमैन : "तुम और अधिक बोट खरीद
सकते हो और कर्मचारी रखकर और अधिक
पैसेकमा सकते हो ।"
मछुआरा : "उससे क्या होगा ?" बिज़नेसमैन : "उससेतुम मेरी तरह अमीर
बिज़नेसमैन बन जाओगे ।"
मछुआरा :- "उससे क्या होगा?"
बिज़नेसमैन : "अरे बेवकूफ उससे तू
अपना जीवन शांति सेव्यतीत कर सकेगा ।"
मछुआरा :- "तो आपको क्या लगता है, अभी मैं क्या कर रहा हूँ ?

May 6, 2013

कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई

एक बार किसी गाँव में एक बुढ़िया रात के अँधेरे में अपनी झोपडी के बहार कुछ खोज रही थी .तभी गाँव के ही एक व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी , “अम्मा इतनी रात में रोड लाइट के नीचे क्या ढूंढ रही हो ?” , व्यक्ति ने पूछा.

” कुछ नहीं मेरी सुई गम हो गयी है बस वही खोज रही हूँ .”, बुढ़िया ने उत्तर दिया.

फिर क्या था, वो व्यक्ति भी महिला की मदद करने के लिए रुक गया और साथ में सुई खोजने लगा. कुछ देर में और भी लोग इस खोज अभियान में शामिल हो गए और देखते- देखते लगभग पूरा गाँव ही इकठ्ठा हो गया.

सभी बड़े ध्यान से सुई खोजने में लगे हुए थे कि तभी किसी ने बुढ़िया से पूछा ,” अरे अम्मा ! ज़रा ये तो बताओ कि सुई गिरी कहाँ थी?”

” बेटा , सुई तो झोपड़ी के अन्दर गिरी थी .”, बुढ़िया ने ज़वाब दिया .

ये सुनते ही सभी बड़े क्रोधित हो गए और भीड़ में से किसी ने ऊँची आवाज में कहा , ” कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई यहाँ ढूंढ रहे हैं जबकि सुई अन्दर झोपड़े में गिरी थी , आखिर सुई वहां खोजने की बजाये यहाँ बाहर क्यों खोज रही हो ?”

” क्योंकि रोड पर लाइट जल रही है…इसलिए .”, बुढ़िया बोली.

मित्रों, शायद ऐसा ही आज के युवा अपने भविष्य को लेकर सोचते हैं कि लाइट कहाँ जल रही है वो ये नहीं सोचते कि हमारा दिल क्या कह रहा है ; हमारी सुई कहाँ गिरी है . हमें चाहिए कि हम ये जानने की कोशिश करें कि हम किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं और उसी में अपना करीयर बनाएं ना कि भेड़ चाल चलते हुए किसी ऐसी फील्ड में घुस जाएं जिसमे बाकी लोग जा रहे हों या जिसमे हमें अधिक पैसा नज़र आ रहा हो .

May 2, 2013

एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर दूर तक

एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर दूर तक थी पास ही के गाँव मे स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजहसे उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था...
एक बार वह अपने गंतव्य की और जानेके लिए बस मेचढ़े उन्होंने कंडक्टर को किराए केरुपये दिएऔर सीट पर जाकर बैठ गए
कंडक्टर ने जब किराया काटकर रुपये वापस दिए तो पंडित जी ने पाया की कंडक्टर ने दस रुपये ज्यादा उन्हें दे दिए है
पंडित जी ने सोचा कि थोड़ी देर बाद कंडक्टर को रुपये वापस कर दूँगा
कुछ देर बाद मन मे विचार आया की बेवजह दस रुपये जैसी मामूली रकम को लेकर परेशान हो रहेहै आखिर ये बस कंपनी वाले भी तो लाखों कमाते है बेहतर है इन रूपयो को भगवान की भेंट समझकर अपने पास ही रख लिया जाए वह इनका सदुपयोग ही करेंगे
... मन मे चल रहे विचार के बीच उनका गंतव्य स्थल आगया बस मे उतरते ही उनके कदम अचानक ठिठके उन्होंने जेब मे हाथ डाला और दस का नोट निकाल कर कंडक्टर को देते हुए कहा भाई तुमने मुझे किराए के रुपये काटने के बाद भी दस रुपये ज्यादा दे दिए थे
कंडक्टर मुस्कराते हुए बोला क्या आप ही गाँव के मंदिर के नए पुजारी हो?
पंडित जी को हामी भरने पर कंडक्टर बोला मेरे मन मे कई दिनों से आपके प्रवचन सुनने की इच्छा है आपको बस मे देखातो ख्याल आया कि चलो देखते है कि मैं ज्यादा पैसे लौटाऊँ तो आप क्या करते हो अब मुझे पता चल गया की आपके प्रवचन जैसा ही आपका आचरण है जिससे सभी को सिख लेनी चाहिए
ये बोलकर कंडक्टर ने गाड़ी आगे बड़ा दी
पंडित जी बस से उतरकर पसीना पसीना थे उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर भगवान से कहा है प्रभु तेरा लाख लाख शुक्र है जो तूने मुझे बचा लिया मैने तो दस रुपये के लालच मे तेरी शिक्षाओ की बोली लगा दी थी पर तूने सही समय परमुझे थाम लिया....!

Apr 30, 2013

एक जापानी अपने मकान की मरम्मत के

एक जापानी अपने मकान की मरम्मत के
लिए उसकी दीवार को खोल रहा था।
ज्यादातर जापानी घरों में लकड़ी की दीवारो के बीच जगह
होती है। जब वह लकड़ी की इस दीवार को उधेड़ रहा तो उसने
देखा कि वहां दीवार में एकछिपकली फंसी हुई थी।
... छिपकली के एक पैर में कील ठुकी हुई थी।
उसने यह देखा और उसे छिपकली पर रहम
आया। उसने इस मामले में उत्सुकता दिखाई
और गौर से उस छिपकली के पैर में ठुकी कील को देखा।
अरे यह क्या! यह तो वही कील है जो 4 साल पहले मकान
बनाते वक्त ठोकी गई थी। यह क्या !!!!
क्या यह छिपकली पिछले 4 सालों से
इसी हालत से दो चार है?
दीवार के अंधेरे हिस्से में बिना हिले-डुले
पिछले 4 सालों से!! यह नामुमकिन है।
मेरा दिमाग इसको गवारा नहीं कर
रहा। उसे हैरत हुई। यह छिपकली पिछले 4
सालों से आखिर जिंदा कैसे है!!! बिना एक
कदम हिले-डुले जबकि इसके पैर में कील ठुकी है!
उसने अपना काम रोक दिया और उस
छिपकली को गौर से देखने लगा। आखिर
यह अब तक कैसे रह पाई औरक्या और किस
तरह की खुराक इसे अब तक मिल पाई।
इस बीच एक दूसरी छिपकली ना जाने
कहां से वहां आई जिसके मुंह में खुराक थी।
अरे!!!! यह देखकर वह अंदर तक हिल गया।
यह दूसरी छिपकली पिछले 4
सालों से इस फंसी हुई छिपकली को खिलाती रही।
जरा गौर कीजिए वह दूसरी छिपकली बिना थके और अपने
साथी की उम्मीद छोड़े बिना लगातार 4 साल से उसे खिलाती रही।