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Jan 17, 2013

बिना इंटरनेट के लैपटॉप या पीसी पर कैसे देखें फ्री में LIVE TV


लैपटॉप या पीसी पर आप कभी भी लाइव मैच और अपने फेवरेट टीवी सीरियल का मजा ले सकते हैं। वो भी बिना किसी चार्ज के। जी हां, बस इसके लिए आपको पेन ड्राइव की तरह दिखने वाले एक डिवाइस को लगाना होगा
पेन ड्राइव जैसा दिखने वाले इस डिवाइस को बाजार में टीवी टच्यूनर के नाम से भी लोग जानते हैं। हालांकि, यह टीवी टच्यूनर घर में इस्तेमाल होने वाले डिवाइस से एकदम अलग होता है। तो इंटरनेट के बिना अपने लैपटॉप पर लाइव टीवी देखने के लिए सबसे पहले इस डिवाइस को खरीदें।
मार्केट में अलग-अलग रेंज में मिलने वाले इस डिवाइस को अटैच करने के लिए आपको अपने पीसी में एक सॉफ्टवेयर डालना पड़ेगा। यह सॉफ्टवेयर सीडी डिवाइस के साथ ही मिलती है।
फीचर-
फ्री लाइव टीवी देखने के लिए यूज होने वाला यह डिवाइस मार्केट में कई फीचर्स के साथ मिलता है। किसी में एफएम रेडियो और प्रोग्राम रिकॉर्डिग की सुविधा भी होती है तो कई डिवाइस प्रोग्राम बैकअप फीचर्स भी देता है।
दिलचस्प है कि टीटी डिवाइस में एवीआई, डीआईवीएक्स और एमपीईजी 1 के साथ-साथ एमपीईजी सपोर्ट भी मौजूद रहता है। इस डिवाइस की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि इसे आप रास्ते में, कार में बैठकर या ऑफिस में कहीं भी आसानी से यूज कर सकते हैं, जो कि चुटकियों में आपके लैपटॉप को टीवी में बदल देता है
टीटी डिवाइस के साथ मिलने वाले एक्स्ट्रा एसेसरीज-
वैसे तो बाजार में अधिकतर जगह इस डिवाइस के साथ केबल, स्टीरियो ऑडियो वायर और पॉवर एडॉप्टर मिलता है, लेकिन यूएसबी की मदद से इसे यूज करने पर पॉवर एडॉप्टर की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में यह लैपटॉप में लगे यूएसबी पोर्ट से ही पावर लेता रहता है।
वर्तमान में बाजार में मिलने वाले टीटी डिवाइस की रेंज 1000 रुपये से शुरू होकर 1 लाख रुपये तक है। वहीं, बाजार में लाइव टीवी दिखाने वाले चाइनीज डिवाइस भी आ गए हैं। तो अब देर किस बात की.. जल्द से जल्द इस डिवाइस को खरीदकर लें कहीं भी-कभी भी फ्री में लाइव टीवी का मजा।

Aug 7, 2011

साधारण मोबाइल फोनों पर वीडियो देखने की राह हुई आसान

मुम्बई. अभी तक बिना किसी विशेष सुविधा वाले मोबाइल फोन (फीचर फोन) पर वीडियो सामग्री नहीं देखी जा सकती थी। लेकिन जिग्सी नाम की एक नई प्रौद्योगिकी ने साधारण मोबाइल फोनों पर भी वीडियो सामग्री देखना सम्भव बना दिया है। यानी, अत्यधिक सस्ते मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले देश के करोड़ों ग्राहक भी अब वीडियो सामग्री देखने का लुत्फ उठा पाएंगे।


खास बात यह है कि इस सुविधा के लिए लोगों को किसी अतिरिक्त राशि का भुगतान नहीं करना होगा। फोन को हालांकि इंटरनेट सुविधा से युक्त होना चाहिए।

जिग्सी एक वीडियो स्ट्रीमिंग प्रौद्योगिकी है, जिसका विकास कनाडा के टोरंटो की नई नवेली वीडियो स्ट्रीमिंग कम्पनी 'जिग्सी इंक' ने किया है। इस प्रौद्योगिकी से 50 केबीपीएस की गति वाले इंटरनेट नेटवर्क पर भी वीडियो सामग्री का प्रवाह भेजा जा सकता है,जबकि देश में उपयोग होने वाले अधिकतर जीपीआरएस सुविधा वाले फोन की इंटरनेट की गति 60 केबीपीएस होती है।

बता दें कि वीडियो स्ट्रीमिंग और वीडिया को डाउनलोड कर देखने में फर्क होता है। स्ट्रीमिंग के तहत वीडियो सामग्री प्रसारक के पास ही रहती है। आप सिर्फ बटन दबा कर कोई भी सामग्री को देख सकते हैं इसे अपने उपकरण पर डाउनलोड करने की उसी तरह जरूरत नहीं होती है जैसे टेलीविजन देखने के लिए सामग्री को डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होती है।

देश के 90 फीसदी मोबाइल ग्राहकों के पास फीचर फोन हैं। इसका मतलब यह है कि कम्पनी को लगभग 50 करोड़ ग्राहक मिल सकते हैं, जो अब तक यूट्यूब जैसी स्ट्रीमिंग सेवा अपने मोबाइल फोन पर नहीं देख पा रहे हैं।

जिग्सी बीटा नाम का यह एप्लीकेशन 15 अगस्त से ओवीआई, सेलमेनिया (टाटा डोकोमो,एयरटेल),एपिया जैसे विभिन्न स्टोरों और कम्पनी के अपनी वेबसाइट एचटीटीपी कॉलन स्लैस एम डॉट जिगसी डॉट कॉम पर उपलब्ध रहेगा।

शुरू में सिर्फ जावा पर काम करने वाले मोबाइल फोन पर ही यह एप्लीकेशन डाउनलोड किया जा सकता है,लेकिन कम्पनी एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले मोबाइल फोन निर्माओं को भी अपने फोन को इस एप्लीकेशन के लिए अनुकूल बनाने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है।

इस एप्लीकेशन की खासियत यह है कि यदि आपके मोबाइल की इंटनेट गति घट कर 50 केबीपीएस भी रह जाए,तो भी इस पर बिना किसी रुकावट के वीडियो स्ट्रीमिंग देखी जा सकती है। यानी,यह रुक-रुक कर नहीं, बल्कि धारा प्रवाह चलेगा।

इस एप्लीकेशन में यह सुविधा है कि यदि कोई वीडियो सामग्री देखते वक्त मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाए या अन्य किसी वजह से मोबाइल बंद हो जाए, तो अगली बार सामग्री वहीं से चल सकती है,जहां यह बंद हुई थी।

यह एप्लीकेशन 2जी (जीपीआरएस),3जी,वाईफाई जैसे सभी तरह के इंटरनेट नेटवर्क पर काम कर सकता है।

जिग्सी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी 35 वर्षीय रे नेवल ने कहा, "जिग्सी प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप्लीकेशन ही नहीं है, बल्कि इससे कुछ और अधिक है। जिग्सी हमारा एक ऐसा तरीका है, जिसके माध्यम से हर कोई बिना किसी भेद भाव के शिक्षा, मनोरंजन और सूचनापरक वीडियो सामग्री देख सकता है।"

जिग्सी के वेबसाइट पर यूटीवी,यूटीवी बिंदास,मुक्ता आर्ट्स,1 टेक मीडिया, स्वामी फिल्म्स,सेठिया ऑडिया वीडियो और स्पीड रिकार्डस,स्पाइस डिजिटल की एक लाख मिनट से अधिक की वीडियो सामग्री मौजूद है, जिसे इस एप्लीकेशन के सहारे जावा आधारित मोबाइल फोन पर मुफ्त देखा जा सकता है। ये सामग्री हिंदी,अंग्रेजी,तेलुगू, मराठी, तमिल और पंजाबी भाषाओं में हैं।

इन सामग्रियों में फिल्म के अंश, ट्रेलर,गीत, समाचार जैसे कई कार्यक्रम हैं। हास्य प्रधान सामग्री और बच्चों के लिए एनीमेशन कार्यक्रम भी मौजूद हैं।

कम्पनी की स्थापना रे नेवल और अरीफ रेजा ने मिलकर की है। कम्पनी की स्थापना वर्ष 2008 में कनाडा के टोरंटो में हुई। कम्पनी में सिकोइया कैपिटल और इंडियन एंजल नेटवर्क ने पूंजी लगाई है।

Jan 14, 2011

अब नहीं होगा कंप्यूटर हैंग

कंप्यूटर हैंग होने के कई कारण हो सकते हैं। हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर में किसी खराबी के कारण कंप्यूटर हैंग हो सकता है।

- सबसे पहले अपने कंप्यूटर का पावर सोर्स चेक करवाएं। उसमें प्रॉपर अर्थिंग रहनी चाहिए।

- कंप्यूटर को किसी अच्छे ब्रैंड के UPS के जरिए लगाएं।

- कई बार धूल-मिट्टी फंस जाने से कंप्यूटर के पावर सप्लाई का फैन जाम हो जाता है जिससे सप्लाई गर्म होने के कारण आग लगने का खतरा हो जाता है। इसके अलावा कंप्यूटर की सर्विस करवाते रहें जिससे वह ठंडा रहेगा और सही काम करेगा।

- कंप्यूटर CPU कैबिनेट में मदरबोर्ड, RAM, और हार्ड डिस्क आदि होते हैं। कई बार RAM साकेट पर लूज हो जाता है। इसे किसी एक्सपर्ट से चेक कराकर फिर से साकेट में लगवा लें, साथ ही यह भी चेक करवा लें कि RAM चिप ठीक काम कर रहा हो नहीं तो इसे बदल दें। कई बार यह भी देखा गया है कि किसी वजह से कंप्यूटर प्रोसेसर का फैन बंद हो जाता है जिस कारण प्रोसेसर हीट-अप होने के बाद हैंग होने लगता है।

- हार्डवेयर के अलावा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की वजह से भी हैंग होता है। इसके लिए आप अपने कंप्यूटर को ऑन करके जैसे ही विंडो स्क्रीन आने लगे F8 दबा दें। आपके सामने मेन्यू आ जाएगा, इस मेन्यू में आप सेफ मोड़ चुन लें। ऐसा करने से विंडो सेफ मोड़ में BOOT हो जाएगी।

- सेफ मोड़ में BOOT हो जाने पर पहले Start पर क्लिक करके Run में msconfig टाइप करें। आपके सामने System Configuration Utility Box खुल जाएगा, इसमें General Tab में Diagnostic Startup-Load basic device and drivers only पर क्लिक करके Ok दबाएं।

- कंप्यूटर को रीस्टार्ट कर लें। अब कंप्यूटर सिर्फ बेसिक सॉफ्टवेयर कंपोनेंट्स को ही लोड करेगा। इसके बाद कुछ देर तक अपना कंप्यूटर चलता रहने दें और चेक करें कि कंप्यूटर हैंग हो रहा है?

अगर अब भी आपका कंप्यूटर हैंग हो रहा हो तो अपने डाटा का बैकअप लें और कंप्यूटर में Windows OS दोबारा लोड करवा लें। लेकिन अगर ये बूट होने के बाद हैंग नहीं करता तो इसका मतलब है कि कोई सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन या सॉफ्टवेयर ड्राइवर ठीक से काम नहीं कर रहा है। इसे चेक करने के लिए आप किसी कंप्यूटर एक्सपर्ट की मदद लें। वह कंप्यूटर में लोड होने वाले सभी सॉफ्टवेयर ड्राइवर या एप्लिकेशन को चेक करके आपको बता देगा कि कौन-सा सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को हैंग कर रहा है।

Oct 31, 2010

ऐसे बनिए फेसबुक के उस्ताद

मेलबर्न: फेसबुक पर स्टेटस अपडेट करते हैं, मगर कोई लाइक ही नहीं करता और कॉमेंट करना तो दूर की बात! अगर आपकी प्रॉब्लम भी यही है तो आपके लि
ए फेसबुक का उस्ताद बनने का आइडिया है हमारे पास। एक स्टडी कहती है कि अगर आप फ्राइडे यानी शुक्रवार को अपनी एक फोटो फेसबुक पर पोस्ट कर दें तो फिर देखिए कि उस दिन आपके उस फोटो पर कैसे धड़ाधड़ कॉमेंट्स की बरसात होती है।

एक वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यह स्टडी सोशल मीडिया मैनेजमेंट कंपनी वर्चू ने कराई है। इसमें कहा गया है कि फेसबुक पोस्ट पर आपको कितनी अटेंशन मिलती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने क्या पोस्ट किया है और कब पोस्ट किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिंपल टेक्स्ट से बेहतर है कि कोई फोटो या विडियो अपलोड करें। हजार शब्दों में भी वह बात नहीं होती, जो एक पिक्चर बयान कर सकती है। विडियो अपलोड करने से कॉमेंट्स आने की 22 पर्सेंट उम्मीद बढ़ जाती है और फोटो डालने से 54 पर्सेंट।

शुक्रवार के दिन लोग फेसबुक पर सबसे ज्यादा ऐक्टिव रहते हैं, वीकेंड के मुकाबले। अगर दोपहर से पहले फोटो अपलोड करें तो कॉमेंट्स आने की 65 पर्सेंट संभावना बढ़ जाती है।

इंटरनेट से लें फोन का काम

स्काइप' के आने के बाद इंटरनेट के जरिए ऑडियो और विडियो कॉल काफी तेजी से फेमस हुए हैं। इस तरह के कॉल्स में फोन का रोल क
ंप्यूटर और फोन लाइन का रोल आपका ब्रॉडबैंड कनेक्शन निभाता है। अगर आपके कंप्यूटर में माइक्रोफोन, स्पीकर और वेब कैमरा इंस्टॉल्ड है और ठीक-ठाक इंटरनेट कनेक्शन है तो आप भी स्काइप या उस जैसी किसी दूसरी सेवा को यूज करके दुनिया में कहीं भी फ्री बात कर सकते हैं। बशर्ते, जिससे आप बात करेंगे, वह भी इंटरनेट और स्काइप से जुड़ा हो। 'स्काइप' पियर-टु-पियर नेटवर्क टेक्नॉलजी पर बेस्ड है लेकिन इससे सिर्फ दो कंप्यूटरों के बीच किए जाने वाले कॉल ही फ्री हैं।

' स्काइप' पर बेस्ड ऑडियो-विडियो कॉल्स में इसी नाम के एक सॉफ्टवेयर का अहम रोल होता है, जिसे skype.com से फ्री डाउनलोड कर कंप्यूटर में इंस्टॉल किया जा सकता है। यह एक आम इन्स्टैंट मैसेंजर सॉफ्टवेयर जैसा ही दिखता है। इसे डाउनलोड करने के बाद आपसे स्काइप की मेंबरशिप लेने को कहा जाएगा, जिसके बाद आप कभी भी लॉगिन कर स्काइप पर वीडियो चैट का मजा ले सकते हैं। बस आपको दूसरी जगह मौजूद व्यक्ति की स्काइप आईडी पता होनी चाहिए। 'स्काइप' से आप वीडियो कॉल के अलावा तीन या तीन से ज्यादा लोगों के बीच कॉन्फ्रेंस कॉल, इंस्टैंट मैसेजिंग और फाइल ट्रांसफर भी कर सकते हैं। इस तरह की सेवाओं में स्काइप सबसे ज्यादा पॉपुलर है, लेकिन इंटरनेट पर कुछ और फ्री वीडियो कॉल सेवाएं भी हैं, जिन्हें यूज किया जा सकता है।

गूगल टॉक (talk.google.com)
अगर आपके कंप्यूटर में माइक्रोफोन, वेब कैमरा, स्पीकर और इंटरनेट हैं तो आप गूगल की इस सेवा के जरिए भी अपने दोस्तों आदि से बात कर सकते हैं। इसे यूज करने के दो तरीके हैं। गूगल ने वायस और वीडियो चैट के लिए एक छोटा-सा 'प्लग इन' (इंटरनेट ब्राउजर में नया फीचर जोड़ने वाला सॉफ्टवेयर) फ्री उपलब्ध कराया है, जिसे गूगल टॉक (gtalk) की वेबसाइट से डाउनलोड कर इंस्टॉल किया जा सकता है। इसके बाद आप जी-मेल, आई-गूगल और ऑरकुट आदि में साइन-इन करके वीडियो चैट का मजा ले सकते हैं।

दूसरा तरीका है, 'गूगल टॉक' नामक इंस्टैंट मैसेंजर सॉफ्टवेयर को यूज करने का, जो कुछ-कुछ 'स्काइप' जैसा ही दिखता है। अपने गूगल अकाउंट से इस पर साइन-इन करके आप गूगल टॉक पर अपने दोस्तों से ऑडियो चैट भी कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे फाइल ट्रांसफर, टेक्स्ट चैट और ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए भी यूज कर सकते हैं। जहां प्लगइन के जरिए आप एक-दूसरे के वीडियो भी देख सकते हैं, वहीं गूगल टॉक ऑडियो तक ही सीमित हैं। इसमें वीडियो के लिए आपको प्लग-इन को यूज करना पड़ेगा लेकिन आप मोबाइल और लैंडलाइन पर कॉल नहीं कर सकते।

साइट स्पीड (sightspeed.com)
यह वेबसाइट बिजनेसमैन कारोबारियों के लिए बेहतर क्वालिटी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सेवा देती है (जिसके लिए फीस ली जाती है) लेकिन आम यूजर्स इससे कंप्यूटर बेस्ड वीडियो कॉल कर सकते हैं। बिजनेस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सर्विस को भी एक महीने तक फ्री यूज किया जा सकता है। साइट स्पीड का दावा है कि उसकी पेटेंटेड विडियो कॉल सेवा में विडियो और साउंड की क्वॉलिटी बहुत साफ होती है। आईटी की फेम्स मैग्जीन पीसी र्वल्ड ने इसे 2007 के सबसे अच्छे सौ उत्पादों में गिना था। इसका यूज करने के लिए लोजिटेक कंपनी द्वारा डिवेलप 'लोजिटेक विड' सॉफ्टवेयर डाउनलोड (http://bitly/bnWyyQ) और इंस्टॉल करना होता है।

वीओआईपी बस्टर (voipbuster.com)
वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) टेक्नीक पर बेस्ड यह सॉफ्टवेयर भी 'स्काइप' की तरह विडियो चैट की सुविधा देता है, लेकिन सिर्फ दो कंप्यूटरों के बीच ही नहीं। आप चाहें तो इसके जरिए कुछ चुनिंदा जगहों पर लैंडलाइन टेलीफोनों और मोबाइल पर भी अपने कंप्यूटर से फ्री कॉल कर सकते हैं। कुछ अन्य जगहों के लिए यही सुविधा मामूली फीस लेकर दी जाती है। जहां ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, बेल्जियम, मलयेशिया, सिंगापुर, हांगकांग आदि देशों को किए जाने वाले कॉल फ्री कॉल्स की श्रेणी में आते हैं, वहीं भारत और चीन के लिए फ्री सुविधा नहीं है। अपने आईएसडी बिल बचाने के लिए यह एक बेहतरीन जरिया हो सकता है।

ऊवू (oovoo.com)
फ्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऊवू की सबसे बड़ी क्वॉलिटी है। साइट स्पीड पर जिन सेवाओं के लिए फीस ली जाती है, यहां पर वे भी फ्री उपलब्ध हैं। ई-मेल की तर्ज पर इसको यूज करके अपने दोस्तों को रेकॉर्डेड विडियो मैसेज भी भेजे जा सकते हैं। इसके लिए भी आपको ऊवू सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर इंस्टॉल करना होगा। यह सॉफ्टवेयर दूसरे मैसेजिंग सॉफ्टवेयरों और ई-मेल आदि के दोस्तों को भी अपनी लिस्ट में ऐड कर सकते हैं। टेक्स्ट चैट और फाइल शेयरिंग के साथ-साथ आप उन लोगों के साथ भी ब्राउजर बेस्ड वीडियो चैट का मजा ले सकते हैं, जिनके कंप्यूटर में ऊवू सॉफ्टवेयर इंस्टॉल्ड नहीं है।

जाजा (jajah.com)
यह कंप्यूटर-से-कंप्यूटर के बीच फ्री कॉल करने के साथ-साथ निश्चित संख्या में फोन पर कॉल करने की सुविधा भी देती है। जाजा को यूज कर आप हर महीने एक हजार मिनट तक की फ्री कॉल कर सकते हैं। जो लोग बिजनेसमैन हैं, उनके लिए अलग से चार्जेबल सुविधाएं उपलब्ध हैं। जाजा के काम करने का तरीका थोड़ा अलग है। इसके लिए सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना जरूरी नहीं है और न ही कानों में हैडसैट लगाने की जरूरत है। वजह, आप अपने फोन को ही इस सेवा के साथ जोड़ सकते हैं, जिससे आप फिक्स्ड लाइन फोन के साथ-साथ मोबाइल पर भी बात कर सकते हैं। जाजा के जरिए बात करने के लिए वेबसाइट पर अपना नंबर डालने के बाद मिलाया जाने वाला नंबर डाला जाता है। इसके बाद आपके फोन पर जाजा की ओर से कॉल आती है और आपको कॉल मिलाए जाने की सूचना दी जाती है। अब जाजा की ओर से दूसरे छोर पर मौजूद व्यक्ति के फोन का नंबर मिलाया जाता है और आपकी बात शुरू हो जाती है।

कंप्यूटर के जरिए कॉल करने से पहले यह जरूर पक्का कर लें कि आपने अपने स्पीकर (या साउंड कार्ड), माइक्रोफोन और वेब कैमरे के ड्राइवर आदि सही ढंग से इंस्टॉल कर लिए हैं। अगर बात करते समय ऑडियो या वीडियो संबंधी प्रॉब्लम आती है तो बहुत संभव है कि आपके सिस्टम में जरूरी ड्राइवर मौजूद नहीं हैं। ड्राइवर उस सॉफ्टवेयर को कहते हैं, जो आपके हार्डवेयर और कंप्यूटर के बीच कड़ी का काम करता है। उसके बिना कंप्यूटर नए हार्डवेयर जैसे कैमरा, स्पीकर आदि को नहीं पहचानता।