Feb 28, 2013

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए....

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह
अब जनाज़ा ज़ोर से उनका निकलना चाहिए
अब भी कुछ लोगो ने बेची है नअपनी आत्मा
... ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए
फूल बन कर जो जिया वो यहाँ मसला गया
जीस्त को फ़ौलाद के साँचे में ढलना चाहिए
छीनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो
आँख से आँसू नहीं शोला निकलना चाहिए
दिल जवां, सपने जवाँ, मौसम जवाँ, शब् भी जवाँ
तुझको मुझसे इस समय सूने में मिलना चाहिए

एक बार बाजार में एक तोता बेचने वाला आया। उसके पास दो तोते थे।..

एक बार बाजार में एक तोता बेचने
वाला आया। उसके पास दो तोते थे। उसने एक
तोते का कीमत पाँच सौ रूपये और दूसरे तोते
की कीमत पाँच पैसे रखी। उसने सबसे कहा,
"अगर कोई पाँच पैसे वाला तोता लेना चाहे
... तो ले जाए, लेकिन कोई पाँच सौ रूपये
वाला तोता लेना चाहेगा तो उसे
दूसरा तोता भी लेना पड़ेगा।"
वहाँ के राजा बाजार में आये। तोतेवाले
की आवाज सुनकर उन्होंने हाथी रोककर पूछा,
"इन दोनों के मूल्य में इतना अन्तर क्यों है?"
तोतेवाले ने कहा, "यह तो आप इनको ले
जायेंगे तभी आपको पता लगेगा।"
राजा ने तोते ले लिये। जब रात में वो सोने लगे
तो उन्होंने कहा कि "पाँच सौ रूपये वाले तोते
का पिंजड़ा मेरे पलंग के पास टाँग
दिया जाय।" जैसे ही सुबह चार बजे तोते ने
राम, राम, सीता-राम कहना शुरू कर दिया।
तोते ने खूब सुन्दर भजन गाये।बहुत अच्छे
श्लोक पढ़े। राजा बहुत खुश हुआ।
दुसरे दिन राजा ने दूसरे तोते का पिंजड़ा पास
में रखवाया। जैसे ही सुबह हुई उस तोते ने
गन्दी-गन्दी गालियाँ बोलनी शुरू कर दी।
राजा को बहुत जोर से गुस्सा आया। उन्होंने
अपने नौकर से कहा, "इस दुष्ट तोते को मार
डालो।"
पहले वाला तोता पास में ही सब बातें सुन
रहा था। उसने राजा से प्रार्थना की, "इसे
मत मारिये। यह मेरा सगा भाई है। हम
दोनों एक ही जाल में फँस गए थे। मुझे एक
संत ने ले लिया। उनके यहाँ में भजन सीख
गया। इसे एक चोर ने ले लिया। वहां इसने
गन्दी बातें सीख लीं। इसमें इसका कोई दोष
नहीं है। यह तो बुरी संगत का नतीजा है।"
राजा ने उस तोते को मारा नहीं बल्कि उस
संत के पास भेज दिया जहां पर रहकर वह
भी अच्छी बातें सीख गया।
सीख : बुरे लोगों की संगत से बचना चाहिए।
अच्छे लोगों की संगती करनी चाहिए।
जैसी हमारी संगती होती है वैसी ही बातें हम
सीखते है

एक बार किसी विद्वान् से एक बूढ़ी औरत ने पूछा कि क्या इश्वर सच में होता है ?

एक बार किसी विद्वान् से एक बूढ़ी औरत ने पूछा कि क्या इश्वर सच में होता है ? उस विद्वान् ने कहा कि माई आप क्या करती हो ? उसने कहा कि मै तो दिन भर घर में अपना चरखा कातती हूँ और घर के बाकि काम करती हूँ , और मेरे पति खेती करते हैं . उस विद्वान ने कहा कि माई क्या ऐसा भी कभी हुआ है कि आप का चरखा बिना आपके चलाये चला हो , या कि बिना किसी के चलाये चला हो ? उसने कहा ऐसा कैसे हो सकता है कि वो बिना किसीके चलाये चल जाये? ऐसा तो संभव ही नहीं है. विद्वान् ने फिर कहा कि माई अगर आपका चरखा बिना किसी के चलाये नहीं चल सकता तो फिर ये पूरी सृष्टि किसी के बिना चलाये कैसे चल सकतीहै ? और जो इस पूरी सृष्टि को चला रहा है वही इसका बनाने वाला भी है और उसे ही इश्वर कहते हैं.
उसी तरह किसी और ने उसी विद्वान् से पूछा कि आदमी मजबूर है या सक्षम? उन्होंने कहा कि अपना एक पैर उठाओ, उसने उठा दिया, उन्होंने कहा कि अब अपना दूसरा पैर भी उठाओ, उस व्यक्तिने कहा ऐसा कैसे हो सकता है? मै एक साथ दोनों पैर कैसे उठा सकता हूँ? तब उस विद्वान् ने कहा कि इंसान ऐसा ही है, ना पूरी तरह से मजबूर और ना ही पूरी तरह से सक्षम . उसे इश्वर ने एक हद तक सक्षम बनाया है और उसे पूरी तरह से छूट भी नहीं है . उसको इश्वर ने सही गलत को समझने कि शक्ति दी है और अब उसपर निर्भर करता है कि वो सही और गलत को समझ कर अपने कर्म को करे

ज्योतिषी : तुम्हारा नाम पप्पू है ?

ज्योतिषी : तुम्हारा नाम पप्पू है ?
पप्पू : जी हाँ ।
ज्योतिषी : तुम्हारा एक बेटा है 7 साल का ।
पप्पू : जी हाँ बिल्कुल ।
ज्योतिषी : तुमने अभी 5 किलो गेंहू लिये हैं।
... पप्पू : (हैरान होते हुये) प्रभु आप तो अंतर्यामी हैं । कुछ ज्ञान दीजिये ना ।
ज्योतिषी : अबे गधे अगली बार कुंडली लेकर आना
हम बचाते रहे दिमक से घर अपना ,
चंद कीङे कुर्सी के सारा मुल्क खा गये
कूल ड्यूडस के लिए चार पंक्तियों
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इस इश्क ने कितनों को बन्दर बना दिया।
गधा उल्लू कुत्ता और छछुंदर बना दिया।
... बाप की डांट पर उफन पड़ते बन
बरसाती नाले
हसीनाओं की लात ने उन्हें समंदर
बना दिया

Feb 26, 2013

राहुल गांधी को एक पत्नी तो दिलवा नहीं पा रहे हैं, फ्री वाई फाई क्या देंगे।

रेलमंत्री पवन कुमार बंसल ने जैसे ही चुनिंदा गाड़ियों में फ्री वाई फाई सुविधा देने का ऐलान किया वैसे ही वाई फाई ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। पवन बंसल ने उम्मीद की होगी कि उनकी इस घोषणा पर उन्हें तालियां मिलेंगी, लेकिन यहां तो टिप्पणियों से ही उन्हें शर्मसार किया जा रहा है।

लोग कह रहे हैं कि बंसल साहब फ्री वाई फाई के बजाए फ्री पानी देते तो ज्यादा अच्छा होता। कुछ ने कहा है कि वाई फाई चाहे न दे लेकिन सफाई करवा दें, भले ज्यादा पैसे देने पढ़ें। पढ़िए ट्विटर पर आई कुछ चुनिंदा प्रतिक्रियाएं...

Sudhir Krishnan
फ्री वाई फाईः यह क्या मजाक है, फ्री देना ही है तो फ्री खाना दो।

TONY KURIAN ‏
मैं रेलवे स्टेशन के नजदीक घर की तलाश में लग गया हूं ताकि जब वाई फाई वाली गाड़ी आए तब फ्री इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकूं।

payal malhotra ‏
राहुल गांधी को एक पत्नी तो दिलवा नहीं पा रहे हैं, फ्री वाई फाई क्या देंगे।

VAYUJ
भारतीय रेलवे में फ्री वाई फाई की घोषणा, उम्मीद करता हूं कि इस्तेमाल में जातिगत आरक्षण नहीं होगा।

shashikant singh 21
भारत में रेल में पानी की बोतलें फ्री देना फ्री वाई फाई देने से अच्छा विचार होता।

The Big Bad Vampire ‏
ये फ्री पानी तो दे नहीं सकते और फ्री वाई फाई देने की बात कर रहे हैं।

shafullah ‏
फ्री वाई फाई उन लोगों के लिए ईनाम होगा जो आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुक करने में कामयाब हो जाते हैं।

Sukriti Agarwal
वास्तविकता में वाई फाई फ्री नहीं होगा, आपको पासवर्ड जानने के लिए टीटीई को रिश्वत देनी पड़ेगी।

JhumkeWaali
आप लोग फर्स्ट क्लास एसी में यात्रा करना चाहते हैं और फ्री वाई के लेकर रोमांचित हैं। वैसे आपकी यात्रा का खर्चा कौन उठा रहा है।

Waquar Ahmed ‏
फ्री वाई फाई? बंसल साहब हमें फ्री वाई फाई नहीं चाहिए....पैसे ले लो लेकिन सफाई करवा दो।

Punjabi Swag
फ्री वाई फाईः में दोबारा रेलयात्रा करना शुरू कर देता यदि फ्री वाईफ मिल रही होती तो।

ट्विटर पर इन टिप्पणियों न सिर्फ पवन बंसल का जमकर मखौल उड़ाया गया बल्कि रेल की वास्तविकता बयां करके उन्हें आइना भी दिखाया गया।

रेलमंत्री पवन बंसल ने जैसे ही अपना बजट भाषण पढ़ना शुरू किया, ट्विटर पर धड़ाधड़ टिप्पणियां उन्हें लेकर आनी शुरू हो गई। इन टिप्पणियों न सिर्फ पवन बंसल का जमकर मखौल उड़ाया गया बल्कि रेल की वास्तविकता बयां करके उन्हें आइना भी दिखाया गया।

आप भी पढ़िए कुछ चुनिंदा टिप्पणियां..

Viveck Tewari
रेल मंत्री पवन बंसल बजट में कसीदे पढने से अच्छा सिर्फ चार शब्दो पर कार्य करें तो कायापलट हो जाये । समय, सुविधा, सफाई और सुरक्षा।

ravish kumar ‏
आज पवन बंसल के बजट का मुक़ाबला चेपाक स्टेडियम में चल रहे मैच से है । कहीं भारत जीता तो जनाब लोकसभा और राज्य सभा टीवी पर ही नज़र आएंगें ।

संदीप जाखड़
पहले अभिजीत मुखर्जी अपने पप्पा के अभिभाषण को सौ में से सौ दे रहा था आज पवन बंसल के सुपुत्र ! #कहों सब मेरा परिवार ही मेरी देश-दुनिया हैं !

कड़वा सच
मुलायम की रेल बजट पे प्रतिकिरया -----------हमने पवन बंसल को सुझाव दिया था की यू पी से पाक ,एक आंतकवादी बम रथ चलाया जाए , नही माना

अंग्रेजियत हटाओ ‏
रेल मंत्री पवन बंसल का भाषण सुन रहे लोगो को आस्था चैनल देखने की कोई जरुरत नहीं है।

Abhay
पवन बसंल को बताओ कि जब टिरेन में हम अपना लैपटाँप प्लग-ईन करता हूँ, ससुरा टच-पैड काम ही नही करता। आ जाओ स्क्रु-ड्रायवर और पाना-पेंचकश ले के!


chanchal sharma
एक ट्रेन के खाने में मरा चूहा निकला था !! वो खाया भी नही था उस परिवार ने,और पवन बाबू ने उसकी कीमत भी जोड़ दी हैं बजट में। ट्रेन के बाथरूम से आधी ट्रेन नगरपालिका के शौचालय का फील देती है!पहले वो साफ़ कर देते पवन जी!हराम का पैसा आम आदमी के पास नही,आपके पास है


Dr. Kumar Vishvas
फागुन का महीना पवन करे"चोर"अरे"चोर"नहीं बाबा"शोर".(बैठ जाइये,कृपया बैठ जाइये,शांति से बैठ जाइये)AC में चलने वालो पसीना लादिए आप तो मंत्री जी

prabhat shunglu
मैडम खुश, पवन का टिकट फिर पक्का।

Bad Company
पवन बंसल आप रेल बजट की $%$&& कर लो पर हर बर्थ के पास चार्जिंग पाइंट लगाना मत भुलना, संडास के पास जा के चार्ज करने में तकलीफ होती है

shivendra parmar
पवन बंसल ने अमेठी से रायबरेली तक मां -बेटा एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की है

Deepesh Lakhera
ट्रेन में चाय-वाय तो ठीक मिलती नहीं, वाय-फाय लगवाएंगे बंसल जी

अंग्रेजियत हटाओ
पवन बंसल चाहे जितना भी किराया बढ़ा ले लेकिन वे ये क्योँ भूल जाते हैँ अगले साल लोक सभा सीट का टिकट हमलोग हीँ काटने वाले ह


Paresh Rawal
क्या पवन बंसल ने बॉलीवुड से हॉलीवुड के लिए किसी डॉयरेक्ट ट्रेन की घोषणा की है? हमारे कलाकारों की हॉलीवुड जाने की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए यह भी किया जाना ही चाहिए।

parasmani ‏
जिस वक्त पवन बंसल रेल बजट पढ़ रहे थे ठीक उसी वक्त मध्यप्रदेश के विदिशा में एक रेल के नीचे आने से दो बच्चों की मौत हो गई। गुस्साई भीड़ ने स्टेशन में आग लगा दी।

AKHILESH AGRAWA
ईमानदारी से ऐसा लग रहा था जैसे पवन बंसल स्वर्गीय राजीव गांधी की याद में हवन कर रहे हों।


Dimpled doctor ‏
पवन बंसल की भांजी मेरी जूनियर है। वह फ्री वाई फाई को लेकर ऐसे उत्सुक है जैसे खास उसी की सिफारिश पर पवन बंसल ने घोषणा की हो।


Amit Daga
श्री पवन बंसल- भारतीय रेलमंत्री, बेचारे इतने सीधे हैं कि आज मैं उनकी आलोचना नहीं करूंगा।

Nikhil Mehta
बजट सिर्फ वादे और योजनाओं के लिए ही नहीं होता है, इन्हें निश्चित समयसीमा में लागू भी किया जाना चाहिए।

Sanjay Bajoria
पवन बंसल ने कहा- रेलवे ट्रैक लगातार साफ करवाए जाएंगे ताकि लोगों को साफ और स्वच्छ शौचालय मिल सकें!

Kanchan Gupta
सोनिया के संसदीय क्षेत्र पहुंची रेल। पवन बंसल ने गांधी परिवार का कर्ज अच्छे से अदा किया है।

Utkarsh Dayal
लोगों की इंटरनेट के प्रति लत को ध्यान में रखकर ही पवन बंसल ने फ्री वाई फाई की घोषणा की है।

Zeal Soni
ईमानदारी से बताइये, रेल बजट से पहले कितने लोगों को पता था कि पवन बंसल हमारे रेलमंत्री हैं।


tHeMantal
प्रिय पवन बंसल जी, यदि आप फ्री वाईफाई की जगह आईआरसीटीसी के लिए नए सर्वरों की घोषणा करते तो शायद लोग आपकी ज्यादा तारीफ करते।

Sundar Rajan
लो कर लो बात...आईआरसीटीसी की वेबसाइट चलती नहीं है और पवन बंसल फ्री वाई फाई की बात कर रहे हैं।


Raman
सवाल- पवन बंसल से पहले कांग्रेस की ओर से अंतिम बार रेल बजट किसने प्रस्तुत किया था।
उत्तरः 16 साल पहले सुरेश कलमाड़ी ने किया था
(और अब कलमाड़ी क़ॉमनवेल्थ घोटाले के लिए प्रसिद्ध है। )

Monsoon Rider
इस रेल बजट की सबसे अच्छी बात यह है कि ममता बनर्जी पवन बंसल से इस्तीफा नहीं मांग पाएंगी।

Anu Jayaswal
रेलमंत्री पवन बंसल ने उन लोगों के लिए विशेष पुरस्कार की घोषणा की है जो आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुक करने में कामयाब हो जाएंगे।


"वाह रे प्रभु" रहते कहाँ हो और पता कहाँ का देते हो...

एक बार एक फ़क़ीर भीख मांगने के लिए मस्जिद
के बाहर बैठा हुआ
होता है।
सब नमाज़ी उस से आँख बचा कर चले गए और
उसे कुछ नहीं मिला।
... वो फिर चर्च गया।
फिर मंदिर और फिर गुरुद्वारे।
लेकिन उसको किसी ने कुछ नहीं दिया।
आखिरी में वह हार कर एक शराब की दुकान के
बहार आ कर बैठ
गया।
उस शराब की दुकान से जो भी निकलता उसके
कटोरे में कुछ न कुछ
डाल देता।
कुछ देर बाद उसका कटोरा नोटों से भर
गया तो नोटों से
भरा कटोरा देख कर फ़क़ीर ने आसमान की तरफ
देखा और बोला।
"वाह रे प्रभु" रहते कहाँ हो और
पता कहाँ का देते हो...

एक शिक्षिका ने अपने छात्रों को एक निबंध लिखने को कहा....

-निबंध-
प्राथमिक पाठशाला की एक शिक्षिका ने अपने छात्रों को एक निबंध लिखने को कहा. विषय था"भगवान से आप क्या बनने का वरदान मांगेंगे" इस निबंध ने उस क्लास टीचर को इतना भावुक कर दिया कि रोते-रोते उस निबंध को लेकर वह घर आ गयी. पति ने रोने का कारण पूछा तो उसने जवाब दिया इसे पढ़ें, यह मेरे छात्रों में से एक नेयह निबंध लिखा है..
निबंध कुछ इस प्रकार था:-
हे भगवान, मुझे एक टीवी बना दो क्योंकि तब मैं अपने परिवार में ख़ास जगह ले पाऊंगा और बिना रूकावट या सवालों के मुझे ध्यान से सुना व देखा जायेगा. जब मुझे कुछ होगा तब टीवी खराब की खलबली पूरे परिवार में सबको होगी और मुझे जल्द से जल्द सब ठीक हालत में देखने के लिए लालायित रहेंगे. वैसे मम्मी पापा के पास स्कूल और ऑफिस में बिलकुल टाइम नहीं है लेकिन मैं जब अस्वस्थ्य रहूँगा तब मम्मी का चपरासी और पापा के ऑफिस का स्टाफ मुझे सुधरवाने के लिए दौड़ कर आएगा. दादा का पापा के पास कई बार फोन चला जायेगा कि टीवी जल्दी सुधरवा दो दादी का फेवरेट सीरियल आने वाला हे. मेरी दीदी भी मेरे साथ रहने के लिए के लिए हमेशा सबसे लडती रहेगी. पापा जब भी ऑफिस से थक कर आएँगे मेरे साथ ही अपना समय गुजारेंगे. मुझे लगता है कि परिवार का हर सदस्य कुछ न कुछ समय मेरे साथ अवश्य गुजारनाचाहेगा मैं सबकी आँखों में कभी ख़ुशी के तो कभी गम के आंसू देख पाऊंगा. आज मैं "स्कूल काबच्चा" मशीन बन गया हूँ. स्कूल में पढ़ाई घर में होमवर्क और ट्यूशन पे ट्यूशन ना तो मैं खेल पाता हूँ न ही पिकनिक जा पाता हूँ इसलिए भगवान मैं सिर्फ एक टीवी की तरह रहना चाहता हूँ, कम से कम रोज़ मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ अपना बेशकीमती समय तो गुजार पाऊंगा.
पति ने पूरा निबंध ध्यान से पढ़ा और अपनी राय जाहिर की. हे भगवान ! कितने जल्लाद होंगे इस गरीब बच्चे के माता पिता !
पत्नी ने पति को करुण आँखों से देखा और कहा,...... यह निबंध हमारे बेटे ने लिखा है !

Feb 25, 2013

Inspiring real life story of a Mathematician !!!

the person you are seeing in this picture is Anand kumar , A mathematician from Patna, Bi...har, India. He developed an indomitable affection and love towards mathematics and possesses exceptional mathematical abilities. His role model is great Indian mathematician “Ramanujan”. During graduation, He submitted papers on Number Theory, which were published in Mathematical Spectrum and The Mathematical Gazette. He worked hard and dreamed of getting into one of the world’s best university “Cambridge”. And one day he got it, admission to Cambridge.
But…
Very soon he realized that his father cannot afford his education at Cambridge. He and his father searched helplessly for a sponsor all over India but nobody came up. And one day his family’s only breadwinner: his father died and his last hope of getting good education diminished. He gave up the dream of Cambridge and came back to his home in Patna, Bihar.
He would work on Mathematics during day time and would sell papads in evenings with his mother, who had started a small business from home, to support her family. He also tutored students in maths to earn extra money. Since Patna University library did not have foreign journals, for his own study, he would travel every weekend on a six-hour train journey to Varanasi, where his younger brother, learning violin under N. Rajam, had a hostel room. Thus he would spend Saturday and Sunday at the Central Library, BHU and return to Patna on Monday morning.

He rented a classroom for Rs 500 a month, and began his own institute, the Ramanujam School of Mathematics (RSM). Within the space of year, his class grew from two students to thirty-six, and after three years there were almost 500 students enrolled. Then in early 2000, when a poor student came to him seeking coaching for IIT-JEE, who couldn’t afford the annual admission fee due to poverty, Kumar was motivated to start the Super 30 program in 2003, for which he is now well-known.

Every year in August, since 2003, the Ramanujan School of Mathematics, now a trust, holds a competitive test to select 30 students for the ‘Super 30’ scheme. About 4,000 to 5,000 students appear at the test, and eventually he takes thirty intelligent students from economically backward sections which included beggars, hawkers, auto-driver’s children, tutors them, and provides study materials and lodging for a year. He prepares them for the Joint Entrance Examination for the Indian Institutes of Technology (IIT). His mother, Jayanti Devi, cooks for the students, and his brother Pranav Kumar takes care of the management.

Out of 270 students he tutored from 2002-2011 236 students have made an admission to IIT. All of them came so poor background that their parents were Hawkers, Auto-drivers, laborer etc.
During 2003-2009, 182 students out of 210 have made it to the IITs.
In 2010, all the students of Super 30 cleared IIT JEE entrance making it a three in a row for the institution.
Anand Kumar has no financial support for Super 30 from any government as well as private agencies, and manages on the tuition fee he earns from the Ramanujam Institute. After the success of Super 30 and its growing popularity, he got many offers from the private – both national and international companies – as well as the government for financial help, but he always refused it. He wanted to sustain Super 30 through his own efforts. After three consecutive 30/30 results in 2008-2010, in 2011, 24 of the 30 students cleared IIT JEE.

Anand’s work is now well received from all over the world :

USA’s president obama read about Anand in TIME magazine and sent a special envoy to check the work done by him and offered all the assistance and Anand never accepts help irrespective of helper.

Discovery Channel broadcast a one-hour-long program on Super 30, and half a page has been devoted to Kumar in The New York Times.

Actress and ex-Miss Japan Norika Fujiwara visited Patna to make a documentary on Anand’s initiatives.

Kumar has been featured in programmes by the BBC.

He has spoken about his experiences at Indian Institute of Management Ahmedabad.

Kumar is in the Limca Book of Records (2009) for his contribution in helping poor students crack IIT-JEE by providing them free coaching.

Time Magazine has selected mathematician Anand Kumar’s school – Super 30 – in the list of Best of Asia 2010.

Anand Kumar was awarded the S. Ramanujan Award for 2010 by the Institute for Research and Documentation in Social Sciences (IRDS) in July 2010.

Super 30 received praise from United States President Barack Obama’s special envoy Rashad Hussain, who termed it the “best” institute in the country. Newsweek Magazine has taken note of the initiative of mathematician Anand Kumar’s Super 30 and included his school in the list of four most innovative schools in the world.
Anand Kumar has been awarded by top award of Bihar government “Maulana Abdul Kalam Azad Shiksha Puraskar” November 2010.
He was awarded the Prof Yashwantrao Kelkar Yuva Puraskar 2010 by Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) in Bangalore.
In April 2011, Anand Kumar was selected by Europe’s magazine Focus as “one of the global personalities who have the ability to shape exceptionally talented people.

Feb 24, 2013

बिल गेट्स ने एक विशाल साक्षात्कार के जरिए माइक्रोसॉफ़्ट यूरोप के लिए एक नए अध्यक्ष की भर्ती के लिए ...

बिल गेट्स ने एक विशाल साक्षात्कार के जरिए माइक्रोसॉफ़्ट यूरोप के लिए एक नए अध्यक्ष की भर्ती के लिए एक आयोजन किया. एक बड़े कमरे में 5000 से अधिक उम्मीदवार इकट्ठे हुए. इनमें से एक उम्मीदवार अरुण है जो कि एक भारतीय लड़का है.

बिल गेट्स ने सभी उम्मीदवारों को आने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि जो जावा प्रोग्राम नहीं जानते वे कमरे से बाहर चले जाएँ. 2000 लोगों ने कमरा छोड़ दिया. अरुण ने अपने आप से कहा, 'मैं जावा नहीं जानता, लेकिन अगर मैं यहाँ रुका रहा तो भी कोई नुकसान तो नहीं ही है. मैं दौड़ में बने रहने की कोशिश करता हूं'

बिल गेट्स ने उम्मीदवारों से पूछा कि जिन लोगों के पास 100 से अधिक प्रोफ़ेशनल के प्रबंधन का अनुभव नहीं है, वे कमरे से बाहर चले जाएँ, क्योंकि उनके लिए इस चयन प्रक्रिया में कोई संभावना नहीं है.
...
2000 लोग कमरे से बाहर चले गए. अरुण ने अपने आप से कहा, 'मैंने 100 क्या 1 को भी प्रबंधित नहीं किया, अब तक अपने आप को भी नहीं, लेकिन यदि मैं यहाँ रुकता हूं तो क्या नुकसान है? तो वह वहाँ कमरे में बना रहता है.

फिर बिल गेट्स ने उम्मीदवारों से कहा कि जिनके पास बढ़िया, टॉप रैंकिंग इंस्टीट्यूशन का प्रबंधन डिप्लोमा नहीं है, वे कमरे से बाहर चले जाएँ. ऐसे उम्मीदवारों की उम्मीदवारी के अवसर नहीं हैं. 500 लोगों ने कमरा छोड़ दिया. अरुण ने खुद से कहा - 'मैंने तो 15 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया लेकिन यदि मैं कमरे में बना रहता हूं तो मैं क्या खो दूंगा? तो वह कमरे में बना रहता है.

अंत में, बिल गेट्स उम्मीदवारों से बोलता है कि जो सर्बो भाषा नहीं जानते हैं वे कमरे से बाहर चले जाएँ. इतना सुनते ही भुनभुनाते हुए कोई 498 लोगों ने कमरा छोड़ दिया. अरुण ने अपने आप से कहा, 'मैं सर्बो का एक भी शब्द नहीं जानता, लेकिन यदि मैं यहाँ कमरे में रुका रहूं तो क्या नुकसान है'? तो वह कमरे में टिका रहता है. कमरे में उसके अलावा सिर्फ एक और उम्मीदवार बच रहता है.

तो इस तरह से 2 उम्मीदवारों को छोड़ बाकी सब उम्मीदवार एक एक कर कमरे से बाहर चले गए.

बिल गेट्स बड़ा प्रसन्न हुआ और वह उन दोनों उम्मीदवारों से मुखातिब होकर कहा कि 'चलिए, आप कम से कम दो उम्मीदवार तो इस लायक मिले. तो मैं चाहूंगा कि आप दोनों आपस में सर्बो भाषा में बातचीत करें. मैं आप दोनों को उस भाषा में बातचीत करते देखना सुनना चाहूंगा’

शांति पूर्वक, अरुण उस दूसरे उम्मीदवार की तरफ पलटता है और कहता है, 'का गुरु, का हाल चाल ?'

दूसरा उम्मीदवार जवाब देता है –‘मस्त .. आपन कहा .'

एक स्त्री एक दिन एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास के गई और बोली...

एक स्त्री एक दिन एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास के गई और बोली,
" डाक्टर मैँ एक गंभीर समस्या मेँ हुँ और मेँ आपकीमदद चाहती हुँ । मैं गर्भवती हूँ,
आप किसी को बताइयेगा नही मैने एक जान पहचान के सोनोग्राफी लैब से यह जान लिया है कि मेरे गर्भ में एक बच्ची है । मै पहले से एकबेटी की माँ हूँ और मैं किसी भी दशा मे दो बेटियाँ नहीं चाहती ।"
डाक्टर ने कहा ,"ठीक है, तो मेँ आपकी क्या सहायता कर सकता हु ?"
तो वो स्त्री बोली," मैँ यह चाहती हू कि इस गर्भ को गिराने मेँ मेरी मदद करें ।"
... डाक्टर अनुभवी और समझदार था। थोडा सोचा और फिर बोला,"मुझे लगता है कि मेरे पास एक और सरल रास्ता है जो आपकी मुश्किल को हल कर देगा।" वो स्त्री बहुत खुश हुई..
डाक्टर आगे बोला, " हम एक काम करते है
आप दो बेटियां नही चाहती ना ?? ?
तो पहली बेटी को मार देते है जिससे आप इस अजन्मी बच्ची को जन्मदे सके और आपकी समस्या का हल भी हो जाएगा. वैसे भी हमको एक बच्ची को मारना है तो पहले वाली को ही मार देते है ना.?"
तो वो स्त्री तुरंत बोली"ना ना डाक्टर.".!!!
हत्या करनागुनाह है पाप है और वैसे भी मैं अपनी बेटी को बहुत चाहती हूँ । उसको खरोंच भी आती है तो दर्द का अहसास मुझे होता है
डाक्टर तुरंत बोला, "पहले कि हत्या करो या अभी जो जन्मा नही उसकी हत्या करो दोनो गुनाह है पाप हैं ।"
यह बात उस स्त्री को समझ आ गई । वह स्वयं की सोच पर लज्जित हुई और पश्चाताप करते हुए घर चली गई । क्या आपको समझ मेँ आयी ? अगर आई हो तो SHARE करके दुसरे लोगो को भी समझाने मे मदद कीजिये ना महेरबानी. बडी कृपा होगी ।
हो सकता है आपका ही एक shareकिसी की सोच बदल दे..
और एक कन्या भ्रूण सुरक्षित, पूर्ण विकसित होकर इस संसारमें जन्म ले.....

No Final Ranks declered by IBPS , Complains to Cybercrime About Websites

guess what kept candidates busy after final combined scores for PO recruitment were out on IBPS website. they flocked onto social networks asking - What is my rank ? Thanks to some bank job related websites who started circulating lists called as candidate rankings . Complaints properties says an official from Ibps.

THERE ARE NO RANK AT ALL-

SOON after the final results were out a specific website had created a separate page revealing personal details of applicants . here is conversation between two people in an online dissuasion forums.

Merit followed by preference

to get a clear picture on the process of preference and its effect on allotment , we requested for the detaied procedure :

1.a person with high score is sure to get the bank of his/her choice.
2.if there are no vacancies in their 1st preferred bank,its checked with 2 nd choice then 3rd & so on
3.in this manner the top 22412 candidates shall get bank jobs.
4.since the validity of scores is one year there could be drop out & new vacancies announced .
5.in such case a waiting list shall be prepared form the remaining qualified candidates , he ecplained

Feb 23, 2013

असुदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र दौरे पर भारत को फिर चेतावनी दी है।..

असुदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र दौरे पर भारत को फिर
चेतावनी दी है।
मै चेतावनी देता हूँ पाकिस्तान
को कमजोर समझने की भूल न
करे भारत ।
... अगर भारत ने पाकिस्तान के
उपर हमला करने की कोशिश की
तो भारत के 25 करोड मुसलमान पाकिस्तान सेना के साथ
मिलकर
भारत के खिलाफ युद्ध करेगे ।

नये बैंक लाइसेंस से बैंकिंग सेवाओं का होगा विस्तार...

नये बैंक लाइसेंस से बैंकिंग सेवाओं का होगा विस्तार:

निजी क्षेत्र में नए बैंकों के लिए लाइसेंस जारी करने के अंतिम दिशानिर्देश जारी होने का उद्योग जगत ने स्वागत किया। उद्योग मंडल एसोचैम ने आज कहा
कि इससे बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

... एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत ने कहा कि इससे ना केवल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि साथ ही मौजूदा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में तब्दील होने की अनुमति देने संबंधी प्रावधान किए जाने से एनबीएफसी क्षेत्र की मांग भी पूरी होगी।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने नए बैंक लाइसेंस जारी करने के लिए शुक्रवार को अंतिम दिशानिर्देश जारी कर दिए, जिसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में कंपनियों के साथ साथ एनबीएफसी को बैंकिंग क्षेत्र में उतरने की अनुमति दी गई है।

रिलायंस कैपिटल के सीईओ सैम घोष ने कहा, हम नए बैकिंग लाइसेंस दिशानिर्देशों का स्वागत करते हैं। ये दूरदर्शी हैं और रिलायंस कैपिटल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहेगी।

रिजर्व बैंक ने 1993 में निजी बैंकों को अनुमति दी थी और आखिरी बार 2001 में दो इकाइयों कोटक महिंद्रा बैंक और यस बैंक को लाइसेंस जारी किए थे।

Feb 21, 2013

वाह! चायवाले ने गरीब बच्चों के लिए खोल डाला स्कूल:.....

वाह! चायवाले ने गरीब बच्चों के लिए
खोल डाला स्कूल:-
कटक के एक छोटे से टी-स्टॉल
का मालिक गरीब बच्चों की मदद करत
करते उनके लिए एक शिक्षक भी बन
... गया।हर सुबह चाय के ठेला चलाने
वा प्रकाश राव कुछ गरीब
बच्चों को दूध बेचता है जो उसके स्टॉल
के करीब आते हैं। अगर यह 55 साल
का चायवाला इस ओर कदम
नहीं बढ़ाता तो शायद यह बच्चे
कभी पढ़ ही नहीं पाते।
प्रकाश को 11 कक्षा में छात्रवृत्ति के
बाद भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी जिसके
कारण वह शिक्षा की अहमियत जान
चुका था। इसके कारण ही प्रकाश ने
बस्ती में रहने वाले बच्चों को स्कूल
भेजने के लिए प्रेरित किया गया। इस
गांव के 2 किमी के आस पास 4
सरकारी स्कूल हैं पर ज्यादातर मां बाप
बेहद गरीब परिवार से हैं और वह अपने
बच्चों को इस कारण वहां नहीं भेज
सकते।
ऐसे बच्चों की मदद प्रकाश ने
करी जिससे वह पास में
ही अच्छी शिक्षा मुफ्त में ले पाएं।राव
ने सभी बच्चों को कक्षा 3 तक
पढ़ाता है और इसको पास करने वाले
छात्रों को वह सरकारी स्कूल भेजने में
भी मदद करता है।बस्ती में रहने
वाली एक मां बी नागरातनम के मुताबिक
स्कूल से बच्चों का मन पढ़ने में लग
गया।इससे पहले सभी बच्चे
आवारा घूमते रहते थे अब पढ़ाई में
अपना ध्यान लगाकर वह
अपना भविष्य बना रहे हैं।
हालांकि स्कूल बनाने का यह
सपना इतना आसान नहीं था। प्रकाश
को किसी वित्तीय संस्थान से कोई मदद
नहीं मिली और उसने अपने बल पर यह
काम पूरा किया। स्कूल के लिए पूरे
महीने के किराया 10,000 रुपए
होता है जिसमें 4 शिक्षकों का वेतन
अलग होता है। प्रकाश अपने टी स्टॉल
से 20,000 रुपए का फायदा महीने में
कमाता है और कभी किसी बिल के
भुगतान में देरी नहीं करता।
by: gurudip

चंद सवालों का जवाब दीजिए और पाइए 'चमत्कारी' गूगल चश्मा...

न्यू यॉर्क।। दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल आपके लिए लेकर आई है एक चमत्कारी चश्मा गूगल ग्लास। अगर आप चाहते हैं कि गूगल ग्लास आपको फ्री में मिल जाए, तो आपको देने होंगे कुछ चंद सवालों के जवाब। आपको कंपनी को यह बताना होगा आप इस चश्मे का इस्तेमाल कैसे करेंगे और आप इस चश्मे का इस्तेमाल करने के लायक हैं कि नहीं।

... गूगल ने बुधवार को एक ऐप्लिकेशन कॉन्टेस्ट शुरू किया है जिसमें वह 8 हजार ऐप्लिकेंट्स को चुनेगा और उन्हें गूगल चश्मा देगा। गूगल ने पूछा है कि अगर आपको यह चश्मा मिल जाएगा तो आप इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे। गूगल ने इस कॉन्टेस्ट के लिए बाकायदा एक नई ग्लास वेबसाइट लॉन्च की है। इस साइट पर सारी जानकारियां मौजूद हैं और आप इसको पढ़कर इस कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। इसके होम पेज पर तीन लिंक हैं। पहला लिंक है- इसे पहनने पर कैसे महसूस होता है (हाउ इट फील्स)। दूसरा लिंक है यह कैसे काम करता है (हाउ इट डज) और तीसरा लिंक है- आप इसे कैसे पा सकते हैं (हाउ टु गेट वन)।

पहला लिंक विडियो है। दूसरा लिंक एक गैलरी पर खुलता है और यह बताता है कि ग्लास कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं। इसमें बिल्ट इन वॉइस रेकग्निशन, ऑन बोर्ड और हैंड्स फ्री विडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा है। आप इसके जरिए लाइव विडियो शेयर कर सकते हैं। आप बोलेंगे तस्वीर लो, आप यह चश्मा तस्वीर ले लेगा। आप बोलेंगे मेसेज भेजो और मेसेज तुरंत चला जाएगा। यह आपकी आवाज को सुनकर उसका ट्रांसलेशन कर सकता है। यह मजबूत और हल्का है। इसमें इन बिल्ट सर्च की सुविधा भी मौजूद है। इसमें कई कलर ऑप्शन भी मौजूद हैं।

अंतिम लिंक ऐप्लिकेशन प्रॉसेस को बताता है। इसके जरिए आप जान सकेंगे कि कैसे आपको यह चश्मा मिल पाएगा। दरअसल, गूगल यह जानना चाहता है कि आप इस टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कैसे करते हैं।

अगर आप गूगल के इस चमत्कारी चश्मे पर अपना हक जमाना चाहते हैं तो आपको गूगल प्लस या ट्विटर पर 50 वर्ड्स में अपनी बात बतानी होगी। आप अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए पांच फोटो और और एक 15 सेकंड का विडियो भी दे सकते हैं। विजेता कैंडिडेट्स से गूगल ट्विटर और गूगल प्लस के जरिए संपर्क साधेगा। आप चाहें तो गूगल प्लस पर '+ProjectGlass' और ट्विटर पर '@ProjectGlass' को फॉलो कर सकते हैं। याद रखिए कि आप इस कॉन्टेस्ट में 27 फरवरी तक ही हिस्सा ले सकते हैं।

अभी तक इस चश्मे का इस्तेमाल सिर्फ गूगल कंपनी के कर्मचारी ही कर सकते थे लेकिन अब गूगल ने इसको अन्य लोगों के साथ शेयर करने का मन बनाया है।

99% लोग धर्म के नाम पर अपना बुद्धि , विवेक खो देते हैँ ...

आज हर तरफ नफरत , धार्मिक असहिष्णुता फैली हुई है ।
इस बीच एक बयान इंडियन प्रेस कौँसिल के अध्यक्ष मारकंडे काटजुके तरफ से आया था ।
भारत के 90 % लोग मुर्ख है ।
पहली नजर मेँ मुझे अटपटा सा लगा ये बयान पर इस बात पर जब मैँने गौरकिया तो मुझे उनके बातोँ मेँ 101% सच्चाई लगी ।
... देखिये कैसे ?
1. हिन्दु - अपने को हिन्दु और गाय को माता कहने वाले लोग कितने अपनेधर्म को सही ढंग से निभाते हैँ यु पी के एक मँत्री ने तो अपनी गाय माता की दलाली तक कर दी ।
आम हिन्दु भी पैसो के खातिर गाय कसाइयोँ के हाथो बेचते दिख जाएंगे ।
मंदिर के पुजारी पैसे लेकर अपना उल्लु सीधा करने मेँ लगे हैँ ।
मंदिर मठो मेँ हजारोँ करोङो ये ढोगी दबाए बैठे हैँ जबकि इन्हीँ के धर्म को मानने वाले हाथो मेँ कटोरा लिए भीख मांगते मिल जाएंगे ।
इन ढोंगियोँ के खिलाफ कोई हिन्दु आंदोलन नहीँ करता ।
2. मुस्लिम- अपने को मुस्लिम मानने वाले आज अपना इमान बेचे बैठे हैँ अल्लाह के नाम पर मासुमोँ का कत्लेआम करते फिरते हैँ अपनी हीँ जाति के सिया भाईयोँका आए दिन कत्ल करते रहते हैँ ।
तब कोई मुस्लिम आंदोलन नहीँ करता उन तालीबानियोँ , उन सुन्नी नेताओँ के खिलाफ ।
क्युं भाई क्युँ नहीँ करते उनका विरोध करते ?
इन मुर्खो के पास अपना खुद का दिमाग नहीँ ।
कौन ऐसा भगवान , अल्लाह , खुदा , मुसा है जो अपने बेटोँ का खुन बहता देखेँ या कहता है कि मासुमोँका खुन बहाओँ ।
अगर कोई भगवान , अल्लाह कहता है ऐसा करने के लिए तो मैँ उसे अपना खुदा , भगवान नहीँ मानुंगा ।
ईसाई - अपने को ईसाई मानने वाले आजकल दुसरोँ को मुर्ख बनाने मेँ लगे हैँ ये आदिवासी इलाकोँ मेँ जाते हैँ और अंधविश्वास को बढावा दे रहे हैँ तबियत खराब होने पर प्राथना करने के लिए बोलते हैँ येमुर्ख ।
क्या सिर्फ प्राथना करने से कौई ठीक हो जाएगा ?
आज धर्म की आङ ले के लोगो को बहकाया जा रहा है ।
99% लोग धर्म के नाम पर अपना बुद्धि , विवेक खो देते हैँ । एक इंसान से तुरंत हिन्दु मुसलिम सिख इसाई बन जाते हैँ ।
अरे मुर्खो भेङ ना बनोँ , बनना है तो एक इंसान बनो ।

बहुत समय पहले की बात है.....

बहुत समय पहले की बात है एक सरोवर में बहुत सारे
मेंढक रहते थे . सरोवर के बीचों -बीच एक बहुत
पुराना धातु का खम्भा भी लगा हुआ था जिसे
उस सरोवर को बनवाने वाले राजा ने
लगवाया था . खम्भा काफी ऊँचाथा और
... उसकी सतह भी बिलकुल चिकनी थी .
एक दिन मेंढकों के दिमाग में आया कि क्यों ना एक
रेस करवाई जाए . रेस में भागलेने
वाली प्रतियोगीयों को खम्भे पर चढ़ना होगा ,
और जो सबसे पहले एक ऊपर पहुच
जाएगा वही विजेता माना जाएगा .
रेस का दिन आ पंहुचा , चारो तरफ बहुत भीड़ थी ;
आस -पास के इलाकों से भी कई मेंढक इस रेस में
हिस्सा लेने पहुचे . माहौल में सरगर्मी थी , हर
तरफ
शोर ही शोर था .
रेस शुरू हुई …
…लेकिन खम्भे को देखकर भीड़ में एकत्र हुए
किसी भी मेंढक को ये यकीन नहीं हुआकि कोई
भी मेंढक ऊपर तक पहुंच पायेगा …
हर तरफ यही सुनाई देता …
“ अरे ये बहुत कठिन है ”
“ वो कभी भी ये रेस पूरी नहीं कर पायंगे ”
“ सफलता का तो कोई सवाल ही नहीं , इतने
चिकने खम्भे पर चढ़ा ही नहीं जा सकता ”
और यही हो भी रहा था , जो भी मेंढक कोशिश
करता , वो थोडा ऊपर जाकर नीचे गिर जाता ,
कई मेंढक दो -तीन बार गिरनेके बावजूद अपने
प्रयास
में लगे हुए थे …
पर भीड़ तो अभी भी चिल्लायेजा रही थी , “ ये
नहीं हो सकता , असंभव ”, और वो उत्साहित मेंढक
भी ये सुन-सुनकर हताश हो गएऔर अपना प्रयास
छोड़ दिया .
लेकिन उन्ही मेंढकों के बीचएक छोटा सा मेंढक
था , जो बार -बार गिरने पर भी उसी जोश के
साथ ऊपर चढ़ने में लगा हुआ था ….वो लगातार
ऊपर
की ओर बढ़ता रहा ,और अंततः वह खम्भे के ऊपर
पहुच
गया और इस रेस का विजेता बना .
उसकी जीत पर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ ,
सभी मेंढक उसे घेर कर खड़े हो गए और पूछने लगे ,”
तुमने
ये असंभव काम कैसे कर दिखाया , भला तुम्हे
अपना लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति कहाँ से
मिली, ज़रा हमें भी तो बताओ कि तुमने ये विजय
कैसे प्राप्त की ?”
तभी पीछे से एक आवाज़ आई … “अरे उससे क्या पूछते
हो , वो तो बहरा है ”
Friends, अक्सर हमारे अन्दर अपना लक्ष्य
प्राप्त
करने की काबीलियत होती है, पर हम अपने
चारों तरफ मौजूद नकारात्मकता की वजह से खुद
को कम आंक बैठते हैं और हमने जो बड़े-बड़े सपने देखे
होते हैं उन्हें पूरा किये
बिना ही अपनी ज़िन्दगी गुजार देते हैं .
आवश्यकता इस बात की है हम हमें कमजोर बनाने
वाली हर एक आवाज के प्रति बहरे और ऐसे हर एक
दृश्य
के प्रति अंधे हो जाएं. और तब हमें सफलता के शिखर
पर पहुँचने से कोई नहीं रोकपायेगा.
....... पोस्ट अच्छा लगे तो blog को अवश्य follow करे

बनिये ने शेख को खून दे के उसकी जान बचाई, शेख ने उसे मर्सडीज गिफ्ट कर दिया...

बनिये ने शेख को खून दे के उसकी जान बचाई, शेख ने उसे मर्सडीज गिफ्ट कर दिया...

शेख को फिर खून की ज़रुरत पड़ी, बनिये ने फिर खून दिया...

अबकी बार शेख ने तिल वाले लड्डू गिफ्ट किये...
...
बनिया गुस्से से: "मर्सडीज क्यों नहीं दी?"

शेख: "मुन्ना, अब हमारे अंदर भी बनिये का खून दौड़ रहा है"

Feb 19, 2013

फेसबुक सोशल मीडिया से जुड़ी 10 रोचक बातें :

इंटरनेट यूज करने वाला लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जुड़ा है। इन साइट्स पर नए-नए दोस्त बनाने, पुराने दोस्तों को खोजने के साथ ही अभिव्यक्ति क‍ा नया माध्यम भी दिया है। आइए जानते हैं सोशल मीडिया से जुड़ी 20 रोचक बातें :
1. फेसबुक पर बराक ओबामा की जीत संबंधी पोस्ट 4 लाख से अधिक लाइक के साथ फेसबुक पर सबसे ज्यादा पसंद किया गया फोटो बन गया।
2. फेसबुक के 25 फीसदी से ज्यादा यूजर्स किसी भी तरह के प्राइवेसी कंट्रोल को नहीं मानते।
3. इस सोशल नेटवर्किंग साइट के जुड़े हर व्यक्ति से औसत रूप से 130 लोग जुड़े हैं।
4. फेसबुक के साथ 850 मिलियनसक्रीय मासिक यूजर्स जुड़े हुए हैं।
... 5. इस नेटवर्किंग वेबसाइट के कुल यूजर्स में से 21 प्रतिशत एशिया से हैं, जो इस की महाद्वीप की कुल आबादी के चार प्रतिशत से कम है।
6. 488 मिलियन यूजर्स रोज मोबाइल पर फेसबुक चलाते हैं।
7. फेसबुक पर सबसे ज्यादा पोस्ट ब्राजील से किए जाते हैं। वहां से हर माह लगभग 86 हजार पोस्ट किए जाते हैं।
8. 23 प्रतिशत यूजर्स रोज पांच या उससे अधिक बार अपना फेसबुक अकाउंट चेक करते हैं।
9. फेसबुक पर 10 या उससे अधिक लाइक्स वाले 42 मिलियन पेज है।
10. 1 मिलियन से अधिक वेबसाइट्स अलग अलग तरह से फेसबुक से जुड़ी हुई है।

मनमोहन सिंह ---- अगले साल हम भारतीयों को चन्द्रमा पर भेज रहे हैं...

मनमोहन सिंह ---- अगले साल हम भारतीयों को चन्द्रमा पर भेज रहे हैं.
बराक ओबामा ---- अरे वाह !!!!!! कुल कितने लोग जा रहे हैं ????

मनमोहन सिंह ---- कुल 100 लोग हैं............
25 ओबीसी ,
... 20 एससी ,
15 एसटी,
15 अल्पसंख्यक,
5 विकलांग,
5 खिलाड़ी
5 आतंकवाद प्रभावित लोग
5 कश्मीरी शरणार्थी
2 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत
2 सेवानिवृत आई ए एस अधिकारी
और अगर संभव हुआ तो 1 अंतरिक्षयात्री भी जा सकता है

विश्व के १० शीर्ष धनी व्यक्तियों में ४ भारतीय हैं.....

भारत के बारे मै कुछ जानकारी, जिसे पूरी दुनिया भुला चुकी है
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विश्व के १० शीर्ष धनी व्यक्तियों में ४ भारतीय हैं.लक्ष्मी मित्तल जो विश्व में पाँचवे हैं वो इंग्लैण्ड में पहले स्थान पर यनि सबसे ज्यादा धनी व्यक्ति हैं..और जहाँ तक मैं जानता हूँ तो बहुत दिन से वो इस स्थान पर हैं..
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... विश्व का सबसे महँगा घर मित्तल जी का ही है जो इंगलैण्ड में बना हुआ है जिसकी कीमत ७०करोड़ पॉण्ड है…
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Hp (कमप्युटर बनाने वाली कम्पनी) के जेनेरल मैनेजर राजीव गुप्ता हैं जो भारतीय हैं…
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Fb फेसबुक के जनक दिब्य नरेंद भारतीय ही हैं…जिस पर हाल ही मै एक फिल्म बनी है थे सोसल नेटवर्क
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पेंटियम चिप(Pentium chip) जिस पर अभी ९०% कमप्युटर काम करते हैं के निर्माता विनोद दह्म हैं(ये भी भारतीय हैं)
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हॉटमेल(hotmail) के संस्थापक(founder)और निर्माता( creator) सबीर भाटिया भारतीय ही हैं…
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अमेरिका के ३८% डॉक्टर और १२% वैज्यानिक भारतीय हैं..(आज से ६-७ साल पहले मैंने किसी पत्रिका में ये आँकडा़ ५०% देखा था कि अमेरिका में ५०% डॉक्टर और वैज्यानिक भारतीय मूल के हैं..)
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पूरे विश्व में भारतीयों की स्थिति.- IBM में नौकरी करने वालों में २८% “intel”में १७% “NASA”में ३६% और Microsoft में ३४%
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Sun Microsystems” के सह-संस्थापक–विनोद खोसला
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फ़ॉर्चून मैग्जीन के नए रिपोर्ट के अनुसार अजीज प्रेमजी दुनिया के तीसरे धनी व्यक्ति हैं जो विप्रो के CEO हैं..
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AT & T-Bell जो कि C,C++ जैसे कमप्युटर भाषा के निर्माता हैं के अध्यक्ष –अरुण नेत्रावाली
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Microsoft Testing Director of window 2000 —- – सन्जय तेजव्रिका
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1. Chief Executive of CitiBank,Mckensey & Stanchart— Victor Menezes,Rajat Gupta & Rana Talwar..
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आईटी क्षेत्र में तो भारत नम्बर एक है ही पर किसी भी क्षेत्र में आप देख लो १ से १० में होंगे ही..एविएशन क्षेत्र में नौवें पर मध्यम तथा भारी वाहनों में चौथे पर कार में ग्यारहवाँ दोपहिया और तीनपहिया में एशिया में पहले स्थान पर …
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अमेरिका और जापान के बाद भारत ही ऐसा देश है जिसने खुद से सुपर कमप्युटर का निर्माण किया है.
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इस तरह एक-एक कर भारत की वर्त्तमान उपलब्धियों को गिनाना संभव नहीं है
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Feb 18, 2013

आज का सच - ....!!!!


पति : फोन आया था । कल सुबह मां आ रही है।
उनकी ट्रेन सुबह 4 बजे पहुंच जाएगी ।
पत्नी : अभी 4 माह पहले
ही तो तुम्हारी मां यहां से गई हैं।
फिर अचानक कैसे आ रही हैं? कल रविवार है,
मैंने सोचा था,
कल थोड़ा आराम से उठूंगी, लेकिन
तुम्हारी मां को रविवार
को ही आना है और वह भी सुबह 4 बजे।
... इतनी सुबह taxi
कहां से ..... ?
पति : मेरी... नहीं तुम्हारी मां आ रही है।
पत्नी : अरे वाह... मम्मी......? ..... 2 माह
हो गये उनसे
मिले हुए। सुनो ना मेरे पास taxi वाले का नंबर
भी है उसे फोन कर
लेते हैं कल सुबह ठीक टाईम पर आ जाएगा।
चलो अच्छा है
कल सण्डे है बच्चों का स्कूल भी नहीं है वे
भी नानी को लेने
स्टेशन जा सकेंगे।

कुछ बदमाश लड़कों ने Collage के नोटिस बोर्ड पर लिख दिया- " 50 % लडकियाँ बेवकूफ होती हैं .

एक बार कुछ बदमाश लड़कों ने Collage के
नोटिस बोर्ड पर लिख दिया-
" 50 % लडकियाँ बेवकूफ होती हैं .."
लड़कियों ने ये देखा तो उन्हें बहुत बुरा लगा
उन्होंने collage में हंगामा खड़ा कर दिया ..!!
... कॉलेज प्रबंधन ने तुरंत उस नोटिस को निकलवाया
और उसकी जगह नया नोटिस लगवाया -
"50 % लडकियाँ बेवकूफ नहीं होती हैं "..
तब जा के लडकियों का गुस्सा शांत हुआ ..

IBPS PO CWE 2012 - Interview Results and Final Selection Cut-Off Marks !!

IBPS has released the results for Common Interviews conducted between Jan 14 - 31, 2013 for PO-MT CWE 2012 for which written test was conducted on June 17.


Vacancies Statement

IBPS on Feb 05, announced a total of 22415 PO Vacancies in 20 Participating banks. It was the first time ever that so many vacancies were announced altogether. Candidates that attended common interviews were excited at the news of number of vacancies.
Common Interviews and Results

As per official data, around 63000 candidates were qualified out of over 7 lakh that appeared in the common written exam on June 17. Again, around 20 % were absent during interviews so about 50000 attended the interviews.

Also, about 4000 could not qualify the interview so final merit has about 46000 candidates. Looking at the vacancies (22415 Total), we find that one out of every two candidates passing in both Written and interview would get the job in any of banks. The Interview Results can be seen from here.


Interview Scores calculation

Interview scores are normalized from total 100. Many candidates have queries about how their score is calculated. We are showing how the marks are calculated and normalized to 100.

The weightage for written and Interview is 80:20 respectively. So out of 100, 80 marks are for written and 20 for Interview.

While the written was of total 250 marks and interview was of total 100 Marks. So marks for written were converted from 250 to out of 80 and interview marks were converted from 100 to out of 20.

The formula used is - ((CWE Marks/250)*80) + ((Interview Marks/100)*20).

For example, if your written marks were 160 and interview marks are 60. Then your total score out of 100 would be - ((160/250)*80) + ((60/100)*20)= 63.2


Expected Final Selection Cut-Off Marks

Here is the interesting part, our experts analyzed the scenario and reached upon a conclusion of Cut-off marks for final selection in each category and we are showing them.
.
Category Vacancies Number of Candidates passing in Both CWE and Interview Cut-Off Marks for Selection Expected Cut-Off Marks after Reduction due to Various Factors** (See Note Below)
General 11058 21460 60.28 58
OBC 6062 14842 59.32 57
SC 3409 6988 56.16 53
ST 1886 2169 47.68 45
Total 22415 46123 (With 664 PWD)
Note:-

* The Above data is based upon the assumption that every qualified candidate in the category opts for a vacancy. However that is not the case, there a few variations as noted here -
1. Many candidates qualified in IBPS PO are also selected in SSC CGL 2012 Exam which will be preferred in most cases by candidates. So, many candidates won't opt for the IBPS PO vacancy.
2. Many Reserved Category candidates will be considered for General Category due to improper certificates or due to candidate's own choice. So Cut-offs in general may go higher and those in Other categories may go lower than these expectations.
3. Some candidates may get disqualified due to some reasons.
* So we expect candidates with following cut-offs may expect selection in first go - General - 58, OBC - 57, SC - 53, ST - 45.
* Again, it is to be noted that there will be subsequent waitlists issued by IBPS till March 2014. So, candidates below these marks may expect selection through those Waitlists to be issued later. For cut-offs for selection through Waitlists, reduce 2 % from cutoff marks for corresponding category.

The Road Ahead

Candidates will now feed their preferences among the participating banks from Feb 20 - 28 and the allotments will be in march.

Afterwards, common interviews for Clerical CWE - II in April will follow. There will be around 1 lakh candidates competing for about 30000 clerical Vacancies.



All The Best!!

लोहे की एक छोटी सी छड का मूल्य होता है 250रूपये...

लोहे की एक छोटी सी छड का
मूल्य होता है 250रूपये...
-- इससे घोड़े की नाल बना दी जाये
तो इसका मूल्य हो जाता है
1000 रूपये...
... -- इससे सुईयां बना दी जायें
तो इसका मूल्य हो जाता है 10,000 रूपये...
-- इससे घड़ियों के बैलेंस स्प्रिंग बना दिए
जायें
तो इसका मूल्य हो जाता है 1,00,000 रूपये... --
"आपका अपना मूल्य-- इससे निर्धारित
नहीं होता कि आप क्या है
बल्कि इससे निर्धारित होता है कि
-- आप में
खुद को क्या बनाने की क्षमता है".!!!!

Feb 17, 2013

आने वाले दिनों में सिविल परीक्षाओ में
कुछ इस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं...

एक अधिकारी का नियम है कि वह हर टेंडर पर
ठेकेदार से कुल ठेके का 22 प्रतिशत भ्रष्टाचार/
... रिश्वत के रूप में लेता है जिस में 3 प्रतिशत अन्य
को और 15 प्रतिशत मंत्री को देता है ....
एक ठेकेदार ने उस अधिकारी को एक बार में
48 लाख रूपये दिए तो बताओ कि

Q 1 अधिकारी को उस में कितना माल मिला
Q .2 मंत्री को कितना मिला
Q .3 वह टेंडर कुल कितने का था ?

अरे भाई हँस क्या रहे हो उत्तर बताओ ..?

by:प्रभाकर उफॆ ठग बनारसी*

ये देश की तरक्की नही कि 15 रुपये मेँ पानी की बोतल मिलती है ।...

ये देश की तरक्की नही कि 15 रुपये मेँ पानी की बोतल मिलती है ।
.
.
.
.
... .
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बल्कि प्रजातंत्र के गाल पर करारा तमाचा है कि आजादी के इतने सालोँ बाद भी सरकार देश की जनता को शुद्द पानी फ्री मेँ उपलब्ध नहीँ करा पायी ।

दो लड़के पार्क मे बैठे बाते कर रहे थे....

दो लड़के पार्क मे बैठे बाते कर रहे थे...

पहला- तुम रोज़ी- रोटी के लिए क्या करते हो..
...
दूसरा- सुबह के टाइम अख़बार बाँटता हूँ.., फिर 10 घंटे नोकरी.. शाम को ट्यूसन पढाता हूँ .. रात मे चोकीदारी करता हूँ.. मेरी छोड़ो तुम अपनी बताओ.. तुम्हे मैंने कभी कुछ करते हुए नही देखा..

पहला- यार.. क्या बताउँ.. आज से हज़ारो साल पहले "काँग्रेस" नाम की एक पार्टी हुआ करती थी हमारे पूर्वज उसे पार्टी के नेता हुआ करते थे वो इतना कमा कर रख गये की हमेँ आज तक कुछ करने की ज़रूरत ही नहीँ पड़ी....

दो सहेलियाँ वर्षों बाद मिलीं...एक ने दूसरी से पूछा....

दो सहेलियाँ वर्षों बाद मिलीं. औपचारिक कुशल
क्षेम के बाद
एक ने दूसरी से पूछा.
.
'कितने बच्चे हैं तुम्हारे ?
... '
दो बेटियाँ हैं 'दूसरी ने हर्ष के साथ कहा.
पहली सहेली ने चेहरे पर सिकन लाते हुए कहा -:
'हे भगवान, इस जमाने में दो बेटियाँ. मेरे
तो दो बेटे हैं.
मुझे भी दो बार पता चला था गर्भ में बेटी है,
मैंने तो छुटकारा पा लिया. ...
अब देखो कितनी निश्चिन्त हूँ.'
पहली ने कहा. 'काश, तीस वर्ष पहले
तेरी माँ ने भी तेरे जन्म से पहले ऐसा किया होता
तब आज तू दो हत्याओं की दोषी न होती.
तेरी माँ को एक ही ह्त्या का पाप लगता'.
पास में खड़ी सहेली की इस बात पर घिग्गी बन्ध
गई ..!!
उसके पास सर नीचे झुकाने के आलावा कोई
चारा ना था ..!!

एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति नाव में सवार हुआ। वह घमंड से भरकर नाविक से पूछने लगा,....

एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति नाव में सवार हुआ।
वह घमंड से भरकर नाविक
से पूछने लगा,
‘‘क्या तुमने व्याकरण पढ़ा है, नाविक?’’
नाविक बोला, ‘‘नहीं।’’
... व्यक्ति ने कहा, ‘‘अफसोस है कि तुमने अपनी आधी उम्र
यों ही गँवा दी!’’
थोड़ी देर में उसने फिर नाविक से पूछा,
“तुमने इतिहास वभूगोल पढ़ा?”
नाविक ने फिर सिर हिलाते हुए ‘नहीं’
कहा।
व्यक्ति ने कहा, “फिर
तो तुम्हारा पूरा जीवन ही बेकार गया।“
मांझी को बड़ा क्रोध आया। लेकिन उस
समय वह कुछ नहीं बोला। दैवयोग से
वायु के प्रचंड झोंकों ने नाव को भंवर में
डाल दिया।
नाविक ने ऊंचे स्वर में उस व्यक्ति से
पूछा, ‘‘महाराज,
आपको तैरना भी आता है कि नहीं?’’
सवारी ने कहा, ‘‘नहीं, मुझे
तैरना नही आता।’’
“फिर तो आपको अपने इतिहास, भूगोल
को सहायता के लिए
बुलाना होगा वरना आपकी सारी उम्र
बरबाद होने वाली है क्योंकि नाव अब
भंवर मेंडूबने वाली है।’’ यह कहकर
नाविक नदी में कूद तैरता हुआ किनारे
की ओर बढ़ गया।
मनुष्य को किसी एक विद्या या कला में
दक्ष हो जाने परगर्व नहीं करना चाहिए।

एक शेर, एक गाय, एक नेता और एक गधा मरने के बाद यमलोक पहुँचे....

एक शेर, एक गाय, एक नेता और एक गधा मरने
के बाद यमलोक पहुँचे । यमदूत ने तीनोँ से उनके
मरने का कारण पूँछा ।
पहले शेर बोला"अब धरती पर जंगल तो बचे
नहीँ हैँ इसलिए मैँ खाने की तलाश मेँ भटकता-
... भटकता शहर पहुँच गया । वहाँ लोगोँ नेमुझे देखते
ही गोली मार दी और मैँ मर गया ।"
गाय ने कहा"हमारे
यहाँ सारा चारा तो नेता खा गये इसलिए हम भूख
के कारण मर गये ।"
नेताजी बोले"मैँने ढ़ेर सारेघोटाले किए जैसे
चारा घोटाला, मनरेगा घोटाला, एन आर एच एम
घोटाला और दूरसंचार घोटाला । इन घोटालोँ से
ढ़ेर सारा रुपया पैसा इकट्ठा किया लेकिन एक
दिन आयकर विभाग का छापा पड़ा और
सारा रुपया जब्त कर लिया गया । इस सदमेँसे
मुझे दिल का दौरा पड़ा और मेरी मृत्यु हो गयी ।
अब मेरी बीवी और बच्चे भी जेल मेँ सड़रहे हैँ
और दिन- रात मुझे गंदी-गंदी गालियाँ देकर
कोसते रहते हैँ ।"
गधा बोला "धरती पर लोग नेताओँ को गधा बोलने
लगे हैँ इसलिए शरम के मारे मैँने आत्महत्या कर
ली ।"

दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है।

दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है।
जैसे :
दरिया - खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़ - खुद अपना फल नहीं खाते।
सूरज - अपने लिए कभी रोशनी नहीं करता.
... फूल - अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।
मालूम है क्यों?
क्योंकि दूसरों के लिए जीना ही असली जिंदगी है।
शुभप्रभात मित्रों...॥

Feb 16, 2013

From IBPS- There are 4 type of results:

From IBPS-
There are 4 type of results:
1. Thank you for appearing for the Common Interview for recruitment of Probationary Officers/ Management Trainees (CWE-POs/MTs-II).
We regret to convey that you have not obtained the required qualifying marks in interview. We wish you all the best in your future endeavours.
2. You have been found ineligible for recruitment of Probationary Officers/ Management Trainee...s (CWE-POs/MTs-II) as per the documents/ credentials submitted by you.
3. (i)You will be eligible (subject to further scrutiny) for further selection processes under this project subject to vacancies identified.
Candidature may be cancelled at any stage of the process due to non-production of relevant documents in support of identity/ eligibility.
(ii)Please refer to the Notification on IBPS website/ Employment News regarding vacancies in Participating Organisations and process for registering preference for Participating Organisations.
(iii)If a candidate who is successful in interview does not
(i) exercise the option of indicating preferences through the prescribed process and/ or
(ii) avail the offer of appointment from the Participating organisation he/she will forfeit his/her candidature/ chance for the process.(iv)The minimum qualifying marks in interview is 40% for General (35% for SC/ST/OBC/PWD category.
4. Your combined result for CWE and Interview held for CWE-POs/MTs-II for recruitment of Probationary Officers/ Management Trainees has been withheld pending resolution/ determination of your eligibility for the process.
Experts Opinion Cut-Off
Category wise:General – 52
OBC – 48
SC/ST – 45
(Acc. to Stats provide by IBPS Candidates)
Chances of Selection:
In interview 20% candidates were absent and so candidates having combined percentage above 58% will come in under 12000 rank.
For Gen , Candidates getting above 58% will surely get bank allotment.
Rest till 55 % will get allotment in waiting list.
For OBC, Candidates getting above 57% will get selection.
For SC/ST, Candidates getting abbove 52% will get selection.

How to submit Bank preference:Candidates you have to be very careful while opting for bank as competition is very high.
Keep following points in mind while giving preference for banks:
1.Give preference after evaluating your rank and banks ranking and popularity.
Eg:Rank 5000 (66-69%) can go for Corporation,Canara,syndicate,Allahabad etc.
2.If you want posting in your region look for banks business in your region, look for news regarding opening of new branches in your region,No of branches in your region etc. this way you can estimate the requirement for a PO in that region.
3.Choose bank which has good profits in last year/quarter.
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नमस्कार को टाटा खाया, नूडल को आंटा !! अंग्रेजी के चक्कर में हुआ बडा ही घाटा !!

नमस्कार
को टाटा खाया, नूडल
को आंटा !!
अंग्रेजी के चक्कर में हुआ
बडा ही घाटा !!
... बोलो धत्त तेरे की !!
माताजी को मम्मी खा गयी,
पिता को खाया डैड !!
और
दादाजी को ग्रैंडपा खा गये,
सोचो कितना बैड !!
बोलो धत्त तेरे की !!
गुरुकुल को स्कूल खा गया,
गुरु
को खाया चेला !!
और
सरस्वती की प्रतिमा पर
उल्लू
मारे ढेला !!
बोलो धत्त तेरे की !!
चौपालों को बियर बार
खा गया,
रिश्तों को खाया टी.वी. !!
और देख सीरियल
लगा लिपिस्टिक
बक-बक
करती बीबी !!
बोलो धत्त तेरे की !!
रस्गुल्ले को केक
खा गया और दूध
पी गया अंडा !!
और दातून को टूथपेस्ट
खा गया, छाछ
पी गया ठंढा !!
बोलो धत्त तेरे की !!
परंपरा को कल्चर
खा गया,
हिंदी को अंग्रेजी !!
और दूध-दही के बदले चाय
पी कर बने हम
लेजी !!
बोलो धत्त तेरे की !!

सफ़ेद कुरता पहनता हूँ, डेली 100 लोगो से आरती उतरवाता हूँ....

नाम - बावला आदमी
जन्म तिथि - June 19, 1970
जन्मस्थान - न्यू देल्ही
अब कुछ मेरे बारे में -
...
... 1.सफ़ेद कुरता पहनता हूँ, डेली 100 लोगो से
आरती उतरवाता हूँ|
2.मै जो बात कह दू वह मेरे समर्थकों के लिए कानून बन
जाती है|
3.शादी नहीं हुई है अब तक|
4.प्रधानमंत्री पद है मेरा सपना|
5.मुझे दूसरों के घर में घुस कर उनका भोजन छीन कर खुद
खा लेना मुझे पसंद है|
अब तो आप मुझे पहचान ही गए होंगे?

Feb 15, 2013

प्यार का अर्थ............

प्यार का अर्थ
जब एक छोटी लड़की अपने
पापा को बाहर से आया देखकर
उनके लिए भागकर एक गिलास
पानी का लाये|
... यह प्यार हैं जब सुबह पत्नी,
पति के लिए चाय बनाती हैं और
उस चाय को पति को देने के पहले
पहला घूंट पीती हैं|
यह प्यार हैं जब एक माँ अपने बेटे
को सबसे बढ़िया मिठाई
का टुकड़ा सबसे छुपा कर देती हैं|
यह प्यार हैं जब आपका दोस्त
फिसलन भरी सड़क पर आपका हाथ
बहुत मजबूती से पकड़ लेता हैं
ताकि आप गिर ना सके|
यह प्यार हैं जब आपका भाई
आपको मैसेज करके बोले घर
टाइम पर आ जाना देर होने पर मुझे
तुम्हारी फ़िक्र होती हैं|
प्यार सिर्फ वह
नहीं की लड़का और लड़की एक दुसरे
की बांहों में बाँहे डाले सारे शहर
का चक्कर लगाए,
दरअसल सच्चा प्यार वह हैं जिसमे
एक दुसरे का ख्याल रखा जाए

KNOW UR IBPS RANK AND CHANCES...

TYPE UR REG NO. AND GET UR RANK

Feb 12, 2013

TOP 15 वेबसाइट, जिन्हें पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग

Facebook.com – 83 करोड़ 67 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: फेसबुक एक सोशल नेट्वर्किंग साइट है। इसकी शुरुआत मार्क जुकेरबर्ग ने हार्वर्ड में अपने पढ़ाई के दौरान की थी।

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: शुरुआत में यह सिर्फ हार्वर्ड के स्टूडेंट्स के लिए थी, जिसे बाद में दूसरे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के स्टूडेंट्स के लिए ओपन किया गया। जब कंपनी ने 13 साल की उम्र से अधिक किसी को भी इससे जोड़ना शुरू किया, तब से अब तक यह बन गई दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट।

Google.com – 78 करोड़ 28 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: गूगल एक वेब सर्च इंजन है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इसकी शुरुआत 1998 में तब हुई जब सर्च इंजन मार्केट में और भी बहुत सारी कंपनियां थीं। लेकिन यह अपने सबसे तेज सर्च और सबसे क्लीन होम-पेज के कारण बन गया वेब सर्चिंग का बेताज बादशाह। आज इसके पास जी-मेल, गूगल मैप्स, गूगल+ आदि बहुत सारे वेब प्रोडक्ट्स


YouTube.com – 72 करोड़ 19 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यू-ट्यूब यूजर्स के ही द्वारा वीडियो शेयरिंग, अपलोडिंग एंड वाचिंग प्लेटफ़ॉर्म है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: गूगल ने इसे 2006 में जब से खरीदा, तब से यूजर्स में इसका क्रेज कई गुना बढ़ गया। यू-ट्यूब से आज कल बहुत सारे नए स्टार भी बन रहे हैं। जस्टिन बीबर इसके लेटेस्ट एग्जाम्पल हैं।

Yahoo.com – 46 करोड़ 99 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: याहू सर्च इंजन तो है ही, साथ ही एक ऐसा प्लेटफॉर्म भी है जिससे यूजर्स इसके दूसरे चैनल, जैसे याहू फिनांस और फ्लिकर से भी जुड़ते हैं।

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: याहू 90 के दशक के शुरुआती वेब-पोर्टल में से एक है। लोग इसका यूज न्यूज, स्पोर्ट्स, फिनांस और ई-मेल के लिए करते हैं।

Wikipedia.org – 46 करोड़ 96 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: विकिपीडिया एक फ्री वेब-बेस्ड इन्सायक्लोपीडिया है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: विकिपीडिया किसी को भी अपने यहां कंटेंट पोस्ट और एडिट करने की छूट देता है। इस वजह से यह बन गई इतनी बड़ी एजुकेशनल कंटेंट साइट। इसका सारा ट्रैफिक गूगल के माध्यम से आता है।

Live.com – 38 करोड़ 95 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: लाइव.कॉम माइक्रोसॉफ्ट का नया ई-मेल सर्विस है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: माइक्रोसॉफ्ट ने अपने दोनों मेल सर्विस आउटलुक और हॉटमेल को Live.com के माध्यम से एक्सेसिबल बनाया है। आप हॉटमेल या आउटलुक कहीं भी जाएं, आपको Live.com पर री-डायरेक्ट कर दिया जाता है।

QQ.com – 28 करोड़ 41 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यह चीन में स्थित सर्च इंजन और पोर्टल है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: QQ.com को जिस कंपनी (Tencent) ने बनाया है, वह चीन की सबसे बड़ी इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर है। Tencent की इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस के पास 70 करोड़ यूजर्स हैं। इसके इसी यूजर्स बेस का फायदा QQ.com को भी मिलता है।

Microsoft.com – 27 करोड़ 17 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यहां आप खरीद सकते हैं माइक्रोसॉफ्ट के प्रोडक्ट, इसके सॉफ्टवेयर और अपडेट्स.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: दुनिया में बहुत सारे कम्प्यूटर माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। कस्टमर सपोर्ट और अपडेट के लिए इस साइट पर पहुंचते हैं।

Baidu – 26 करोड़ 87 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: चीन की यह साइट सर्च इंजन है जो वेबसाइट, ऑडियो और इमेज के लिए काम करती है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: Baidu चीन की सबसे पॉपुलर सर्च इंजन है। चीन के बेस्ट इंजीनियर्स की बहुत बड़ी टीम इस सर्च इंजन को अपडेट और इसके स्पीड के लिए काम करती है।

MSN.com – 25 करोड़ 41 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े इंटरनेट प्रोडक्ट का कलेक्शन है यह साइट.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से यह कंपनी बन गई ऑनलाइन डेस्टिनेशन। इसमें हॉटमेल और एमएसएन मैसेंजर जैसी वेब सर्विसेज हैं।

Blogger.com – 22 करोड़ 99 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यह है ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: सैन फ्रांसिस्को में शुरू की गई इस छोटी-सी कंपनी ने डॉटकॉम बूम के समय बहुत संघर्ष किया। गूगल ने जब इसे 2002 में खरीदा, तब यह ब्लॉगर्स की पसंद बन गई।

Ask.com – 21 करोड़ 84 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यह गूगल पावर्ड सर्च इंजन है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: 90 के दशक में यह शुरू हुआ था AskJeeves के नाम से। इसकी पेरेंट कंपनी IAC ने जब About.com को खरीदा, तब इसके कंटेंट में काफी इजाफा हुआ। अब यह गूगल सर्च का री-ब्रांडेड वर्जन है।

Taobao.com – 20 करोड़ 70 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: चीन की वेबसाइट जहां कपड़े, एक्सेसिरिज, ज्वैलरी, फूड आइटम, इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ और भी बहुत कुछ बिकता है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इ-बे और अमेजन की तरह ही यह भी ऑनलाइन मार्केट-प्लेस है। इसकी पेरेंट कंपनी अलीबाबा ने जब 2003 में इसे पब्लिक किया तो यह बन गया दुनिया का सबसे बड़ी शॉपिंग सर्च इंजन।

Twitter.com – 18 करोड़ 98 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: ट्विटर है रियल टाइम कम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्म.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: 2009 में लॉन्च के बाद से ही ट्विटर बन गई ऐसी साइट, जहां आप जाते हैं दुनिया भर की ख़बरों से लगातार अपडेट होने के लिए। नेता, न्यूज कंपनी, इंडस्ट्री के टॉप लोगों का यह अड्डा आपको देता है हमेशा लेटेस्ट अपडेट।

Bing.com – 18 करोड़ 40 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: बिंग है गूगल की तरह ही एक वेब सर्च इंजन.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: माइक्रोसॉफ्ट ने बिंग को काफी अग्रेसिव तरीके से प्रमोट किया है। सोशल साइडबार, इम्प्रूव्ड अल्गोरिदम से इसे ज्यादा से ज्यादा आसान बनाने की कोशिश की गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने दुसरे वेबसाइट को बिंग से जुड़ने के लिए पैसे भी दिए हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ भारत में ...

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ
भारत में तो होती है अब विदेशों में
उनका असर दिखने लगा है।
गुजरात का विकास मॉडल पर दुनिया के तमाम
विकसित देशों की नजर है।
... यूरोपियन संघ
ने मोदी को इस साल नवंबर में राजधानी ब्रुसेल्स में होने वाली संसद और
अंतराष्ट्रीय बिजनेस समिट का निमंत्रण
भेजा है।
इस समिट में दुनिया के 27 देशों के
प्रतिनिधि शिरकत करने वाले है।
इससे
पहले मई महीने में मोदी के लंदन जाने
की भी चर्चा है।
जिस तरह से मोदी ने गुजरात में
विकास को बढ़ावा दिया उसके बाद से
ब्रिटेन ने भी गुजरात के साथ संबंध बढ़ाने के
लिए हाथ मिलाया है।

Feb 11, 2013

तुम्हारे भारत मे क्या है?

जापानी- हमारा सोना पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है.

अमेरिकन- हमारे हीरे पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है.

चीनी (Chinese)- हमारा खाना पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध है.
...
तुम्हारे भारत मे क्या है?

भारतीय- हमारे पास सोना तो नही है, पर सोने जैसा दिल है,

हमारे पास हीरे तो नही है, पर हीरे जैसी Unity है,

हमारे पास खाना तो नही, पर एक महीने तक अनशन करके देश के लिए जान देने वाले लोग है.

भारतीय होने पर गर्व कीजिए.

Feb 10, 2013

MOVIE REVIEW: स्पेशल छब्बीस है बिल्कुल स्पेशल

कुछ फिल्मों से हमारी खासी अपेक्षाएं होने के बावजूद उनके प्रति हमारे मन में एक डर बना रहता है। इस डर को केवल वही समझता है, जिसने अपनी जिंदगी का एक खासा हिस्सा इस अभिनेता की बेसिर-पैर की फिल्में देखते हुए बिताया है। लेकिन यदि किसी फिल्म का प्रोमो आकर्षक होता हो और यदि कहानी में दम हो, तो हम सोच भी नहीं कर सकते कि कोई सितारा अपनी स्टार पावर से उस फिल्म् को कितनी कामयाबी दिला सकता है। फिल्म शुरू होते ही हम एक पंजाबी शादी का दृश्य देखते हैं, जिसमें परंपरागत रूप से भांगड़ा और गिद्दा चल रहा है और ‘मर जावां’ और ‘सोणिये’ जैसे शब्दों का इफरात से इस्तेमाल किया जा रहा है। हम मायूस होने लगते हैं, लेकिन मन में उम्मीद कायम रखते हैं। हीरोइन (काजल अग्रवाल) की नजर हीरो पर पड़ती है। उसका परिवार किसी और से उसकी शादी कर रहा है, लेकिन वह जानती है कि मंडप में कदम रखने से पहले ही हीरो उसे ले उड़ेगा। लेकिन मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस फिल्म का इस रोमांस कथा से कोई खास लेना-देना नहीं है। यह एक समझदार फिल्म है और लगभग पूरे समय वह अपनी समझदारी को बरकरार रखती है। फिल्म के प्रोमोज जाहिर हैं। वे हमें इस फिल्म के बारे में तमाम जरूरी जानकारियां दे देते हैं। लुटेरों का एक समूह है और अक्षय उनके कान्फिडेंट मास्टरमाइंड हैं। अनुपम खेर उनके बूढ़े और नर्वस सहयोगी हैं। ये सामान्य किस्म के लोग मालूम होते हैं, जो खुद को सीबीआई के इन्वेस्टिगेटर्स बताते हैं। वे लोकल पुलिस वालों को फुसला लेते हैं, सरकारी गाड़ी में सवार हो जाते हैं, लुटियंस दिल्लीं में एक मंत्री के घर पर जा धमकते हैं और घर में छुपाकर रखी गई नोटों की गड्डियां बरामद कर लेते हैं। वे इस तमाम रकम को मेटल के सूटकेस में बंद कर लेते हैं, अपनी कार के ट्रंक में पैक कर लेते हैं, और इससे पहले कि मंत्री यह समझ पाए कि उसे दिनदहाड़े लूट लिया गया है, वहां से रफूचक्कर हो जाते हैं। मंत्री पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करता। वह कहता है कि यदि यह खबर फैल गई तो उसकी नेतागिरी पर सवालिया निशान लग जाएंगे। लेकिन इस फर्जी छापे की खबर पर चुप्पी साधे रखने की असल वजह दूसरी है। चुराया गया पैसा गैरकानूनी है। दो गलत मिलकर सही नहीं हो सकते। आखिर आप किसी ऐसी रकम की लूट की रिपोर्ट कैसे दर्ज करा सकते हैं, जो आपके पास होना ही नहीं चाहिए थी? यह बहुत शातिर प्लान था, जिसे बहुत सफाई के साथ अंजाम दिया गया। लुटेरों का यह समूह इसी तरह कभी-कभी मिलता है और अनेक अन्य सरकारी एजेंट्स के यहां छापे मारता रहता है। फिल्म में हम उन्हें केवल दो बार हरकत में देखते हैं – एक बार नई दिल्ली में और दूसरी बार कलकत्ता में। तीसरी हरकत बंबई में होनी है, जहां फिल्म का क्लाइमेक्स होता है। साल है 1987, जब सफेद पगड़ी पहनने वाले ज्ञानी जैल सिंह भारत के राष्ट्रंपति हुआ करते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया तब ब्लैक एंड व्हाइट अखबार हुआ करता था। फिल्मकार ने यह भी ध्यान रखा है कि 80 के दशक की दिल्ली को दिखाए। हमें कनॉट प्ले्स की सड़कों पर मारुति 800 और प्रीमियर पद्मिनी की कतारें नजर आती हैं। लेकिन शायद कलकत्ता आज से तीन दशक पहले भी ऐसा ही दिखता था, जैसा आज दिखता है। निर्देशक नीरज पांडे (ए वेडनेसडे फेम) ने ब्योरों पर बारीक नजर बनाए रखी है। तब रोटरी और लैंडलाइन फोन ही कम्यूनिकेशन का इकलौता साधन हुआ करते थे। यदि तब आज की तरह सेलफोन होते तो लुटेरों का यह समूह कामयाब नहीं हो सकता था। लेकिन इसके बावजूद सीबीआई का एक टॉप अधिकारी (एक धांसू रोल में मनोज बाजपेयी) इस मामले को अपने हाथ में लेकर उनकी जिंदगी मुश्किल बना देता है। उसे तीन लुटेरों को रंगे हाथों पकड़ना है। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। तब यह फिल्म चूहे-बिल्लीं की एक रोमांचक दौड़ बन जाती है और स्टीनवन स्पिलबर्ग की लाजवाब फिल्म 'कैच मी इफ यू कैन' (2002) की याद दिलाती है। फिल्म की कहानी तेज गति से आगे बढ़ती है और हमें सोचने तक का समय नहीं मिलता, जो अच्छा ही है। हम मुख्य किरदार के बैकग्राउंड के बारे में अब भी बहुत कम जानते हैं। हममें से बहुतेरे लोग आसानी से इन शातिर लुटेरों के शिकार बन सकते हैं और शायद किसी न किसी रूप में बने भी होंगे। फिल्म के इंटरवल के दौरान स्मोकिंग करते हुए दर्शक आपस में यही बतियाते पाए जाते हैं कि ऐसी ही कोई घटना उनके साथ बंबई में चेंबूर से झवेरी बाजार के दरमियान कहीं घटी थी। आखिर महाठग मिस्टर नटवरलाल को कभी कोई पकड़ नहीं सका था। यहां तक कि तब भी नहीं, जब वह अनेक बार ताजमहल को बेच चुका था। फिल्म 'बंटी और बबली' का एक दृश्य मिस्टर नटवरलाल के इस हुनर से ही प्रेरित था। इसमें कोई शक नहीं कि यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है।

1*सोनिया गांधी टाइप—ये वो बच्चे होते हैं............


हर कक्षा में अलग-अलग टाइप के बच्चे होते हैं,हमने गुणों के आधार पर कुछ टाइप्स ढूंढ निकले हैं..

1*सोनिया गांधी टाइप—ये वो बच्चे होते हैं जिनके माता-पिता स्कूल के प्रिंसिपल या चेयरमेन होते हैं और सिर्फ इसी वजह से इन्हें क्लास का मॉनीटर बना दिया जाता है,अमूमन इस तरह के हाई सोसायटी बच्चे ‘बाहर के बच्चो’ से ज्यादा संपर्क रखते हैं..!

2*राहुल गांधी टाइप—ये वो बच्चे होते है जो शारीरिक रूप से तो बड़े हो जा...ते हैं पर मानसिक तौर पर अभी भी छोटे होते हैं,इनमे निर्णय लेने की और परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता नहीं होती है,इनके घर वाले इनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों पर खुश हो जाते हैं..!

3*दिग्विजय सिंह टाइप—ये वो बच्चे होते हैं जो पढाई की बाते छोड़ कर हर तरह की बाते करते हैं,इनका सिर्फ एक ही काम होता है ज्यादा से ज्यादा बोल कर सबका ध्यान अपनी और आकृष्ट कराना,साफ़-सफाई पर ध्यान न देने से इनके मुंह से हमेशा दुर्गन्ध आती रहती है,कोई भी इनके पास बैठना पसंद नहीं करता ,इनमे कई बुरी आदते होती है जैसे हमेशा नाक में ऊँगली डालना,ये बड़े पूर्वाग्रही होती हैं मसलन अगर इनके किसी मित्र (राम सिंह शेरावाला-RSS) ने इनके चने चुरा कर खा लिए तो इनकी हर शिकायत में उसी का नाम आएगा..!

4*सुरेश कलमाडी टाइप--ये बच्चे पढाई में कमजोर होते हैं,चाक से लेकर डस्टर तक स्कूल में किसी भी चीज की चोरी होने पर इनका ही नाम आता है लेकिन तब भी स्कूल के हर तरह के आयोजन में सबसे आगे होते हैं,और ऐसे मौको पर विदाई में दी जाने वाली घड़ी से लेकर टेंट की कुर्सिओ और पानी की बोतल तक के पैसो में हेर-फेर का मौका कभी नहीं गंवाते..!

5*केजरीवाल टाइप—इस तरह के बच्चे पढाई मे अमूमन काफी अच्छे होते हैं पर इनका ध्यान अपने काम से ज्यादा #1 ,#6 और #7 की शिकायत में रहता है,क्योंकि ये बच्चे खुद ईमानदार होते हैं इसलिए #1 टाइप #7 टाइप के बच्चे इनसे काफी डरते हैं, #3 टाइप बच्चे इनको #6 टाइप से मिला हुआ मानते हैं जबकि #7 टाइप के बच्चे इन्हें #1 टाइप से मिला हुआ मानते हैं | इनका सबसे पसंदीदा काम होता है किसी भी बच्चे की सबके सामने पोल खोलना,खेल के मैदान में ये बच्चे ढेर सारी धूल सामने वाले पर फेंक के तू चोर-तू चोर कहते हुए भाग जाते हैं..!

6*नरेंद्र मोदी टाइप—ये बच्चे भी कुशाग्र बुद्धि के होते हैं और #1 टाइप के बच्चे इनसे काफी डरते हैं,ये खुद मोनीटर बनना चाहते हैं लेकिन इनपर सेक्शन-B के बच्चो से मारपीट के इल्जाम के कारण बात कुछ बनती नहीं,यूँ तो ये स्कूल में काफी लोकप्रिय बच्चे होते हैं पर कभी इनकी खुद के दोस्त के दोस्तो से नही बनती कभी ऑटो में आने वाले बच्चो से,शिक्षको की माने तो ये बच्चे इस साल टॉप भी कर सकते हैं बशर्ते इनके साथी B-सेक्शन के बच्चो को डराना बंद कर दे वर्ना प्रेक्टिकल्स में इनके नंबर कम किये जा सकते हैं..!

7*गडकरी टाइप—ये बच्चे निहायत ही पेटू किस्म के होते हैं इनके खुद के बैग में किताबो से ज्यादा टिफिन होते हैं पर फिर भी इनका पेट नहीं भरता तो ये अपने साथ पढने वाले ड्राइवर के बच्चो के बैग में भी टिफिन भर कर लाते हैं,अपनी उदर-‘पूर्ती’ के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं..!

8*DNA तिवारी टाइप—ये वो बच्चे होते हैं जो एक ही क्लास मेंकई साल फेल होते हैं और दिमाग बड़ा होने के कारन इनका ध्यान पढाई से कई-कई माशूकाओं पर होता है,कक्षा में इनका ध्यान ज्यादातर बगल की बेंच की छात्राओं पर होता है..!

9*अभिषेक मनु सिंघवी टाइप—ये बच्चे निहायत ही टुच्चे किस्म के होते हैं,आवारा बच्चो की संगत में रहने के कारण ये काफी बिगड़ जाते हैं,कुछ बच्चों का कहना ये भी है कि पेन्सिल का डिब्बा देने के बहाने पिछले साल ये कईयों को फुसलाते हुए भी देखे गए थे, क्लास में इनका ज्यादातर समय किताबो के भीतर मनोहर कथाएँ और सरस-सलिल पलटाते हुए बीतता है..!

10*अमर सिंह या सी.डी.सिंह टाइप—ये बच्चे टुच्चे के साथ ही लुच्चे किस्म के भी होते हैं ये क्लास में छुपकर छात्राओं की फोटो खीचने के कारण बदनाम होते हैं खबर है पिछले साल स्टाफ रूम में कैमरा भी इसी ने छुपाया था ..!

11*राजीव शुक्ल टाइप—इन बच्चो का मन पढाई से ज्यादा खेल-कूद में लगता है,टीचरों के कान में खुसर-फुसर कर जल्द से जल्द क्लास से भागने की फिराक में रहते हैं..!
12*ममता बनर्जी टाइप—ये बच्चे शिकायतों से भरे होते हैं इन्हें हर बात में शिकायत रहती है,आज अगर टेस्ट है तो ये कहेंगे कल इन्हें बताया नहीं गया,ये अक्सर शिक्षको से पिछले चेप्टर पढ़ाने की जिद (रोल बैक ) लेकर बैठे रहते हैं..!

13* लालू यादव टाइप—ये मस्तमौला टाइप के बच्चे होते हैं इनके जो मन में आया वो करते हैं,गंभीर से गंभीर विषय को ये खिल्ली में उड़ाते रहते हैं और अपनी राय बना कर रखते हैं ,गाँव देहात से आये ये बच्चे क्लास में कभी-कभी सोते हुए भी पाए जाते हैं..अपनी इसी आदत के कारण कभी-कभी इन्हें उसी क्लास में कई साल गुजारने पड़ते हैं..!

14*शशि थरूर टाइप—ये बाहर की स्कूल से आये हुए बच्चे होते हैं जिन्हें यहाँ का माहौल ज्यादा रास नहीं आता,ये उस किस्म के बच्चे होते हैं जो स्कूल में मोबाईल,वीडीओगेम लाकर बाकी बच्चो के सामने इठलाते हैं, टेक्नोसेवी होने के कारन क्लास में ज्यादातर समय स्मार्टफोन पर खुटर-पिटर करते बिताते है,ये अपनी ‘गर्लफ्रेंडों’ के कारन भी चर्चा का विषय बने रहते हैं..!

15* मायावती टाइप—ये कुंठित किस्म के बच्चे होते हैं इनकी शिकायत होती है की शिक्षक इन पर ध्यान नहीं देते कोई इन्हें प्यार नहीं करता सब बहन-जी,बहन-जी कह कर चिढाते हैं ,ये अक्सर स्कूल की दीवारों और बाथरुम में अपना नाम लिखते हुए पाए जाते हैं..!

प्र . कोग्रेस का चुनाव चिन्ह "हाथ" क्यों है।..

प्र . कोग्रेस का चुनाव चिन्ह "हाथ" क्यों है।
उ . ये बताने के लिए की भारतियों का भाग्य एक ही परिवार के हाथ में रहेगा।
प्र . डीएमके का चुनाव चिन्ह "सूर्य" क्यों है।
उ . ताकि करूणानिधि के कमरे में आप काला चश्मा पहन के जाए।
प्र . लालू का चुनाव चिन्ह "लालटेन "क्यों है
... उ . बचा हुआ चारा तलाश करने के लिए।
प्र . शिवसेना का चुनाव चिन्ह "तीर कमान" क्यों है।
उ . ये नहीं बताऊंगा भाई मेरी सुरक्षा का सवाल है।

Feb 2, 2013

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एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7 साल थी. एक खिलोने की दूकान ....

एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7
साल थी. एक खिलोने की दूकान पर खड़ा दुकानदार
से कुछ बात कर रहा था, दुकानदार ने न जाने उससे
क्या कहा की वो वह से थोडा सा दूर हट गया और
वहां से खड़े खड़े वो कभी दुकान पर रखी एक सुन्दर
सी गुडिया को देखता और कभी अपनी जेब में हाथ
डालता. वो फिर आँख बंद करके कुछ सोचता और
फिर दुबारा गुडिया को देखने और अपनी जेब टटोलने
का क्रम दुहराने लगता.
वही कुछ दूर पर खड़ा एक आदमी बहुत देर से
उसकी और देख रहा था. वो आदमी जैसे ही आगे
को बढ़ा वो बच्चा दुकानदार के पास गया और कुछ
बोला फिर दुकानदार की आवाज सुने
पड़ी की नहीं तुम ये गुडिया नहीं खरीद सकते
क्योकि तुम्हारे पास जो पैसे है वो काफी कम है.
.
वो बच्चा उस आदमी की और मुड़ा और उसनेउस
आदमी से पूछा अंकल क्या आपको लगताहै की मेरे
पास वास्तव में कम पैसे है. उस आदमी ने पैसे गिने
और बोला हां बेटा ये वास्तव में कम है. तुम इतने
पैसो से वो गुडिया नहीं खरीद सकते. उसलड़के ने
आह भरी और फिर उदास मन से उस गुडिया को घूरने
लगा.
अब उस आदमी ने उस लड़के से पूछा ” तुम ये
गुडिया ही क्यों लेना चाहते हो”. लड़के ने उत्तर
दिया ये गुडिया मेरी बहिन को बहुत पसंद है. और में
ये गुडिया उसको उसके जन्मदिन पर गिफ्ट
करना चाहता हु. मुझे ये
गुडिया अपनी माँ को देनी है, ताकि वो ये
गुडिया मेरे बहिन को दे दें जब वो उसके पास जाये.
.
उस आदमी ने पूछा कहा रहती है तुम्हारी बहिन.
छोटा लड़का बोला मेरे बहिन भगवान के पास
चली गयी है. और पापा कहते है
जल्दी ही मेरी माँ भी उससे मिलने भगवान के पास
जाने वाली है. और मै चाहता हु की मेरी माँ जब
भगवान के पास जाये तो वो ये गुडिया मेरी बहीन के
लिए ले जाये. उस आदमी की आखों से आंसू छलकने
लगे थे. पर लड़का अभी बोल ही रहा था.
.
वो कह रहा था की मै पापा से
कहूँगा की वो माँ को कहे की कुछ और तक दिन
भगवान के पास न जाये. ताकि मै कुछ और पैसे
जमा कर लूँ और ये गुडिया ले कर अपनी बहिन के
लिए भेज दू. फिर उसने अपनी एक फोटो जेब से
निकली इस फोटो में वो हँसता हुआ बहुत सुन्दर दिख
रहा था.
.
फोटो दिखाकर वो बोला ये फोटो भी मै
अपनी माँ को दे दूंगा, ताकि वो इसे भी मेरी बहिन
को दे ताकि वो हमेशा मुझे याद रख सके…………. मै
जानता हु की मेरी माँ इतनी जल्दी मुझे छोड़ कर
मेरी बहिन से मिलने नहीं जाएगी. लेकिनपापा कहते
है की वो 2 -1 दिन में चली जाएगी.
उस आदमी ने झट से अपनी जेब से पर्स निकला और
उसमे से एक 100 रुपए का नोटनिकल कर
कहा……….. लाओ अपने पैसे दो मै दुकानदार से
कहता हु शायद वो इतने पैसे में ही दे दे. और उसने उस
लड़के केसामने रुपये गिनने का अभिनय किया और
बोला…….. अरे तुम्हारे पास तो उस
गुडिया की कीमत से अधिक पैसे है. उस लड़के ने
आकाश की और देख कर कहा भगवान
तेरा धन्यवाद….
.
अब वो लड़का उस आदमी से बोला कल रात को मैंने
भगवान से कहा था की हे भगवानमुझे इतने पैसे दे
देना की मै वो गुडिया ले सकू. वैसे मै एक सफ़ेद
गुलाबभी लेना चाहता था किन्तु भगवान से
ज्यादा मांगना मुझे ठीक नहीं लगा. पर उसने मुझे
खुद ही इतना दे दिया की मै गुडिया और गुलाब
दोनों ले सकता हु. मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब बहुत
पसंद है.
उस आदमी की आँखों से आंसू नीचे गिरने लगे. फिर
उसने उन्हें संभलते हुए उस लड़के से कहा ठीक है बच्चे
अपना ख्याल रखना. और वो वहा से चला गया.
रस्ते भर उस आदमी के दिमाग मै
वो लड़का छाया रहा. फिर अचानक उसे 2 दिन पहले
अख़बारमै छपी खबर याद आयी जिस में एक
हादसा छपा था की किसी युवक ने शराब के नशे में
एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मार दी.
गाड़ी में सवार एक लडकी की मौके पर ही मौत
हो गयी और महिला गंभीर रूप से घायल थी. अब
उसके मन में सवाल आया कही ये उस लड़के
की माँ और बहिन ही तो नहीं थे.
अगले दिन अख़बार में खबर आयी की उस
महिला की भी मौत हो गयी है.
वो आदमी उसमहिला के घर सफ़ेद गुलाब के फूल ले कर
गया. उस महिला की लाश आँगन में
रखी थी.उसकी छाती पर वो सुन्दर
सी गुडिया थी जो उस लड़के ने ली थी और उस
महिला के एकहाथ में उस लड़के की वो फोटो थी और
दुसरे में वो सफ़ेद गुलाब का फूल था.
वो आदमी रोता हुआ बाहर निकला. उसके मनमै एक
ही बात थी एक शराब के नशे मै चूरएक युवक के कारन
एक छोटा सा बच्चा अपनी माँ और बहिन से दूर
हो गया जिन्हें वो बहुत प्यार करता था. इस
कहानी को पढ़कर और इस समय लिखते हुए भी मेरे
आँखों मै भी पानी है. और शायद आपकी आँखों में
भी आ जाये मगर उसपानी को आँशु मत समझ लेना.
वो पानी बेशक नमकीन हो सकता है जैसे आँशु होते
है. पर वो आँशु नहीं होंगे.
अगर ये कहानी पढने के बाद आपकी आँखों में आँशु
आते है जो आपको बदलने को मजबूर कर दे
तो ही उनको आँशु
मानना नहीं तो वो पानी ही होगा.और अगर
आपकी आँखों में वास्तव में आँशु है
पानी नहीं तो प्रण करे की आजके बाद कभी न
तो शराब पी कर गाड़ी चलाएंगे, न कानो में एयर
फ़ोन लगा कर गाने सुनते हुए गाडी मोटर साइकिल
या कोई वाहन चलाएंगे न गाड़ी चलते समय फ़ोन पे
बात करेंगे ना ही कभी तेज़ रफ़्तार में
गाड़ी चलाएंगे.

एक रोटी की कहानी...

डाइनिंग टेबल पर खाना देखकर
बच्चा भड़का
...
फिर वही सब्जी,रोटी और दाल में
तड़का....?

मैंने कहा था न कि मैं
पिज्जा खाऊंगा

रोटी को बिलकुल हाथ
नहीं लगाउंगा

बच्चे ने थाली उठाई और बाहर
गिराई.......?
-------

बाहर थे कुत्ता और आदमी
दोनों रोटी की तरफ लपके .......?

कुत्ता आदमी पर भोंका

आदमी ने रोटी में खुद को झोंका

और हाथों से दबाया
कुत्ता कुछ भी नहीं समझ पाया

उसने भी रोटी के दूसरी तरफ मुहं
लगाया दोनों भिड़े
जानवरों की तरह लड़े

एक तो था ही जानवर,

दूसरा भी बन गया था जानवर.....

आदमी ज़मीन पर गिरा,

कुत्ता उसके ऊपर चढ़ा

कुत्ता गुर्रा रहा था
और अब आदमी कुत्ता है
या कुत्ता आदमी है कुछ
भी नहीं समझ आ रहा था

नीचे पड़े आदमी का हाथ लहराया,

हाथ में एक पत्थर आया

कुत्ता कांय-कांय करता भागा........

आदमी अब जैसे नींद से जागा हुआ खड़ा

और लड़खड़ाते कदमों से चल पड़ा.....

वह कराह रहा था रह-रह कर
हाथों से खून टपक रहा था
बह-बह कर आदमी एक झोंपड़ी पर पहुंचा.......

झोंपड़ी से एक बच्चा बाहर आया और
ख़ुशी से चिल्लाया

आ जाओ, सब आ जाओ
बापू रोटी लाया, देखो बापू
रोटी लाया, देखो बापू
रोटी लाया.........!!!

आइये हम आपको कुछ मजाकिया परिभाषा बताते हैं जिसे पढ़ कर आपको हंसी जरुर आएगी...

1. बीबी : वह स्त्री, जो शादी के बाद कुछ सालों में टोक-टोक कर आपकी सारी आदतें बदल दे और फिर कहे कि आप कितना बदल गए हैं।

2. कार्यालय : वह स्थान जहां आप घर के तनावों से मुक्ति पाकर विश्राम कर सकते हैं।
...
3. समिति : ऐसे व्यक्ति जो अकेले कुछ नहीं कर सकते, परंतु यह निर्णय मिलकर करते हैं कि साथ साथ कुछ नहीं किया जा सकता।

4. श्रेष्ठ पुस्तक : जिसकी सब प्रशंसा करते हैं परंतु पढ़ता कोई नहीं है।

5. परम आनंद : एक ऐसी अनुभूति जब आप अनुभव करते हैं कि आप एक ऐसी अनुभूति को अनुभव करने जा रहे हैं जो आपने पहले कभी अनुभव नहीं की है।

6. कान्फ्रेन्स रूम : वह स्थान जहां हर व्यक्ति बोलता है, कोई नहीं सुनता है और अंत में सब असहमत होते हैं।

7. समझौता : किसी चीज को बांटने का वह तरीका जिसमें हर व्यक्ति यह समझता है कि उसे बड़ा हिस्सा मिला।

8. अधिकारी : वह जो आपके पहुंचने के पहले ऑफिस पहुंच जाता है और यदि कभी आप जल्दी पहुंच जाएं तो काफी देर से आता है।

9. व्याख्यान : सूचना को स्थानांतरित करने का एक तरीका जिसमें व्याख्याता की डायरी के नोट्स, विद्यार्थियों की डायरी में बिना किसी के दिमाग से गुजरे पहुंच जाते हैं।

10. अपराधी : दुनिया के बाकी लोगों जैसा ही मनुष्य, सिवाय इसके कि वह पकड़ा गया है।

11. कंजूस : वह व्यक्ति जो जिंदगी भर गरीबी में रहता है ताकि अमीरी में मर सके।

12. अवसरवादी : वह व्यक्ति, जो गलती से नदी में गिर पड़े तो नहाना शुरू कर दे।

13. दूसरी शादी : अनुभव पर आशा की विजय।

14. अनुभव : भूतकाल में की गई गलतियों का दूसरा नाम ।

15. कूटनीतिज्ञ : वह व्यक्ति जो किसी स्त्री का जन्मदिन तो याद रखे पर उसकी उम्र कभी नहीं।

16. नयी साड़ी : जिसे पहनकर स्त्री को उतना ही नशा हो जितना पुरुष को शराब की एक पूरी बोतल पीकर होता है।

17. मनोवैज्ञानिक : वह व्यक्ति, जो किसी खूबसूरत लड़की के कमरे में दाखिल होने पर उस लड़की के सिवाय बाकी सबको गौर से देखता है।

18. आशावादी : वह शख्स है जो सिगरेट मांगने पहले अपनी दियासलाई जला ले।

19. राजनेता : ऐसा आदमी जो धनवान से धन और गरीबों से वोट इस वादे पर बटोरता है कि वह एक की दूसरे से रक्षा करेगा।

20. आमदनी : जिसमें रहा न जा सके और जिसके बगैर भी रहा न जा सके।

21. सभ्य व्यवहार : मुंह बन्द करके जम्हाई लेना ।

22. ज्ञानी : वह शख्स जिसे प्रभावी ढंग से, सीधी बात को उलझाना आता है।

23. विशेषज्ञ : वह आदमी है जो कम से कम चीजों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानता है।

24. पड़ोसी : वह महानुभाव जो आपके मामलों को आपसे ज्यादा समझते हैं।

25.नेता : वह शख्स जो अपने देश के लिये आपकी जान की कुर्बानी देने के लिये हमेशा तैयार रहता है।