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Apr 4, 2013

नौटंकी साला का राहुल गांधी से कोई संबंध है ?


युवराज राहुल गांधी ने गुरुवार को सीआईआई के सालाना सम्मेलन में भाषण पढ़ने के दौरान राहुल गांधी कई बार अटके। करीब 10 सेकेंड तक पेज पलटने के बाद जब राहुल ने बोलना शुरू किया तो फिर वे गलत पेज पढ़ गए। इसके बाद उन्होंने फिर अपनी बात शुरू की। राहुल ने मजाक करते हुए कहा कि मुझे गंजा होना पसंद नहीं है, लेकिन जैसे हालात हैं, उससे तो यही लगता है कि एक दिन ऐसा हो जाएगा।

राहुल गांधी के इस भाषण के बाद से ही ट्विटर पर चुटकुलों का दौर शुरू हो गया है। पेश हैं कुछ top टिप्पणियां....


व्यंग्य
इसी बीच खबर है की राहुल गाँधी के भाषण से बोर होकर सेंसेक्स भी 'सो' गयी है!!

Harvendrasingh ‏
'रानी की झाँसी' मेरी आदर्श : राहुल गांधी, सीआईआई में, भैया हम तो अब तक झाँसी की रानी बोलते थे।

atya Bindu
राहुल गाँधी ने के कहा की १ अरब लोगो की बात करनी है
मैं - बाकि के 21 करोड़ का उत्थान हो गया है क्या ?

Pintoo
नहीं नहीं !!!!! आने वाली फिल्म "नौटंकी साला" का राहुल गाँधी से कोई सम्बन्ध नहीं है |

Manindar
राहुल गाँधी जी कह रहे हैं की ये अहमियत नही रखता की वो क्या सोचते हैं .....जी हाँ, अहमियत तो ये रखता है की वो सोचते ही क्यूँ हैं

Mr.Unknow
लगता हे राहुल गांधी भाषण से पहेले हिम्मतवाला देख कर आये थे।

सायली मोहन ‏
आम आदमी से सीधे बात होनी चाहिए -राहुल गाँधी "13 दिनों से अरविन्द केजरीवाल अनशन पर है आप गए वहा एक भी दिन हाल चाल लेने" #Rahul Gandhi

SURAJ YADAV
हालाँकि मोदी भी उद्योगपतियों के मुरीद हैं, लेकिन राहुल गाँधी ने इसे प्रत्यक्ष कर भी दिया और कह भी दिया।

K Singh
#CII में राहुल गांधी के भाषण पर BJP की प्रतिक्रिया- ग्राम प्रधान को और अधिक ताकत देने की बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री को तो ताकत दे नहीं रहे

Shashi K Goswami
जस्टीस काटजु कुछ ही देर में 'राहुल गांधी को माफी दे देनी चाहिए' याचिका दायर करेंगे ।

Kumar Gaurav
साजिद खान चाहे तो राहुल गाँधी के आज के भाषण को "हिम्मतवाला रिटर्न" की स्क्रिप्ट के लिए इस्तमाल कर सकते हैं| :

Jat World
पूरे भाषण में राहुल गाँधी खुद भ्रमित रहे की वो बोलना क्या चाहते हैं ? सवाल और उनके जवाबों का सम्बन्ध मैं अब तक ढूँढ रहा हूँ। #PAPPUCII


NISHANT DHAWAN
समस्या सामने रखने से ज्यादा बेहतर है उसका समाधान बताना, राहुल गांधी ने पीएम की तरह समस्याएं तो बता दीं, समाधान आम आदमी और युवाओं के कंधों पर

व्यंग्य
राहुल गाँधी का कहना है की कांग्रेस का विजन 'समानता' है,इसलिए हमने हर क्षेत्र में समान रूप से घोटाले किये हैं!!


QuitFear
तो अब राहुल गाँधी नेतागिरी छोड़ कर कविता करेंगे... वैसे अगर कवी की बात करें तो कुमार भाई राहुल से तो बेहतर कवी हैं...




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Apr 2, 2013

अब फेसबुक में क्लिक करो और पैसे कमाओ


सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के यूजर के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है। फेसबुक की भाषा में इन ‘एडवांस्ड यूजर्स’ को अब सोशल नेटवर्किंग साइट पर की गई हर एक्टिविटी के लिए एक डॉलर मिलेगा। अभी ऐसे दुनिया में सिर्फ चार फीसदी एडवांस्ड यूजर्स ही हैं जिन्हें यह सुविधा मिल सकेगी। फिलहाल न्यूजीलैंड में इन यूजर्स के एक छोटे ग्रुप पर इस फीचर का परीक्षण किया जा रहा है। फेसबुक अपने हर प्रोग्राम को दुनिया के यूजर्स के सामने पेश करने से पहले इसी तरह इनका परीक्षण करता है। यह जानकारी एक एडवांस्ड यूजर एले फ्लड ने दी।

कितना पैसा मिल सकता है यूजर को?

फेसबुक यूजर इस साइट को कितना इस्तेमाल करता है और अथॉरिटेटव इंडेक्स पर वह फेसबुक एक्टिविटी में खुद को कहां पाता है। यह दो कारक बताएंगे कि उसे फेसबुक से कितना भुगतान मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक दुनिया के 2013 एडवांस्ड यूजर को यह सुविधा मिलेगी। इसमें एक एक्टिविटी करने के लिए एक डॉलर दिए जाएंगे। जो जितनी ज्यादा एक्टिविटी करेगा उसको उतने ज्यादा पैसे मिलेंगे।


कौन हैं एडवांस्ड फेसबुक यूजर?

एडवांस्ड फेसबुक यूजर को फेसबुक से एक नोटिफिकेशन आएगा। इसमें यह लिखा होगा कि आप एडवांस्ड फेसबुक प्रोग्राम के लिए चुने गए हैं। इसकी लिंक पर क्लिक करने के बाद यूजर को अपने क्रेडिट कार्ड और बैंक अकाउंट विवरण देना पड़ेगा। फेसबुक के मुताबिक यह एप 48 घंटे से लेकर सात दिन में एक्टिवेट होगी।

Mar 24, 2013

बचें Facebook से ? main reasons ...

इसे बनाने वाले दुनिया के youngest billionaire Mark Zukerberg ने भी कभी नहीं सोचा था की ये इतनी जल्दी इतनी popular हो जाएगी . In fact , अगर आप Fb पे नहीं हैं तो लोग आपको आश्चर्य से देखते हैं . ..” Fb पे नहीं है ………….जी कैसे रहा है …… :) !!!” and all that.

आज Fb पे 1 billion+ registered user हैं, यानि दुनिया का हर सातवाँ आदमी Fb पे है and in all probability आप भी उन्ही में से एक होंगे . और शौक से Fb use करते होंगे . पर जो सोचने की बात है वो ये कि क्या आप Fb use करते ; overuse करते हैं …या फिर कहीं आप इसके addict तो नहीं !

Let’s say use करने का मतलब है कि आप Fb पर daily 1 घंटे से कम समय देते हैं , और overuse करने का मतलब है 1 घंटे से ज्यादा . और हाँ , use करने से बस ये मतलब नहीं है कि आप physically system के सामने या अपने smart phone को हाथ में लेकर use करते हैं even अगर आप Fb के बारे में सोचते हैं तो वो भी time usage में count होगा after all वो उतने देर के लिए आपका mind space occupy कर रहा है .

और अगर आप सोच रहे हैं कि कहीं मैं addict तो नहीं हूँ तो इन traits को देखिये , अगर ये आपमें हैं तो आप addict हो सकते हैं :

* आप का दिमाग अकसर इसी बात में लगा रहता है कि आपकी पोस्ट की गयी चीजों पर क्या कमेंट आया होगा, कितने लोगों ने लाइक किया होगा.
* आप बिना मतलब बार-बार फेसबुक स्क्रीन रिफ्रेश करते हैं कि कुछ नया दिख जाए.
* अगर थोड़ी देर आपका internet नहीं चला तो आप updates चेक करने साइबर कैफे चले जाते हैं या दोस्त को फ़ोन करके पूछते हैं.
* आप टॉयलेट में भी मोबाइल या लैपटॉप लेकर जाते हैं कि Fb use कर सकें
* आप सोने जाने से पहले सभी को Good Night करते हैं और सुबह उठ कर सबसे पहले ये देखते हैं की आपकी गुड नाईट पर क्या reactions आये.

अब मैं आपको अपने usage के बारे में बताता हूँ , on an average मैं daily 10 minutes से भी कम Fb use करता हूँ including Fb के बारे में सोचने का time. हाँ, इसे आप under usage भी कह सकते हैं . :) In my opinion ideally Fb आधे घंटे से अधिक नहीं use करना चाहिए पर फिर भी मैंने over usage को 1 घंटे से ऊपर रखा है .

और अब आपकी बात करते हैं , आप कितनी देर Fb use करते हैं ?

Well, अगर ये daily 1/2 घंटे से अधिक है तो आप अपना time waste कर रहे हैं , unless until आप purposefully ऐसा कर रहे हैं . Purposefully means आप अपना बिज़नस प्रमोट कर रहे हैं, किसी social cause के लिए campaign चला रहे हैं या कोई और meaningful काम कर रहे हैं , इन cases में अपना टाइम देना worth है .

किस तरह के लोग Fb ज़रुरत से अधिक use करते हैं :

In my opinion :

• जिनके पास कोई meaningful goal नहीं है …… the wanderers

• जो लोगोंका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं करना चाहते हैं ….the attention seekers.

• जो अपनी life से अधिक दूसरों की life में interest रखते हैं …..the peepers

क्या नुकसान कर सकता है Facebook का over usage ?

इसकी लिस्ट तो बहुत लम्बी है लेकिन आज मैं आपके साथ 7 ऐसे points share कर रहा हूँ , तो आइये देखते हैं इन्हें :

1) आप unknowingly अपनी happiness का control दूसरों को दे देते हैं ?


कैसे ? दरअसल अब आपकी happiness इस बात पर depend करने लगती है कि Fb पे आपकी बातों , आपकी pics को कितने लोग like कर रहे हैं , कितने लोग उसपर comments कर रहे हैं …कैसे comments कर रहे हैं …etc. For instance आपने एक नई watch ली और उसकी photo post की …obviously आपको watch बहुत पसंद थी इसलिए आपने ली …पर जब Fb पे उसे अधिक लोग like नहीं करते और कोई उसका मज़ाक बना देता है तो आप दुखी हो जाते हैं . और उसका उल्टा भी सही है …आप को कोई चीज पसंद नहीं है पर बाकी लोग उसको अच्छा कह देते हैं तो आप खुश हो जाते हैं …so in a way आप अपनी happiness का control अपने Fb friends को दे देते हैं . मैं ये नहीं कहता कि ये सभी के साथ होता है पर इतना ज़रूर है कि हम कहीं न कहीं इन चीजों से affect होते हैं .

And over a long period of time ये छोटे छोटे इफेक्ट्स बड़े होते जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि हम अपना real self कहाँ छोड़ आये.

2) आपको दूसरों की blessings और अपनी shortcomings दिखाई देने लगती है ?

Fb पर लोग generally अपनी life की अच्छी अच्छी बातें ही share करते हैं …लोग अपने साथ हो रही अच्छी चीजें बताते हैं , उनके status कुछ ऐसे होते हैं “ My new machine” , “ Lost in London”..etc

In reality आप भी ऐसा ही करते हैं , पर अन्दर ही अन्दर आप अपनी असलीयत भी जानते हैं , पर दूसरों के case में आप वही देखते हैं जो वो आपको दिखाते हैं , आपको उनकी नई car नज़र आती है पर उसके साथ आने वाला EMI नहीं , आपको friend का swanky office तो दीखता है पर उसके साथ मिलने वाली tension नहीं . और ऐसा होने पर आप उनकी खुशियों को अपने ग़मों से compare करने लगते हैं और ultimately low feel करने लगते हैं .

Fb की वजह से depression में जाने वालों की संख्या दिन ब दिन बढती जा रही है , just beware कि आप भी इसके शिकार न हो जाएं .

3) Real Friends और relationships suffer करते हैं :

कई बार लोग बहुत proudly बताते हैं , “ Fb पे मेरे 500 friends हैं …” I am sure उनमे से आधे अगर सामने से गुजर जाएं तो वो उन्हें पहचान भी नहीं पायंगे . हकीकत में Fb पे हमारे friends कम और acquaintances ज्यादा होते हैं . खैर ये कोई खराब बात नहीं है …लेकिन अगर हम इन more or less fake relations को ज़रुरत से अधिक time देते हैं तो कहीं न कहीं हमें अपनी family और friends को जो time देना चाहिए उससे compromise करते हैं . I know हमारे close friends और relations भी Fb पे होते हैं , but frankly speaking Fb पर वो भी हमारे लिए आम लोगों की तरह हो जाते हैं , क्योंकि Fb तो एक भीड़ की तरह है …और भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता ….जो सामने पड़ा …like किया , comment दिया और आगे बढ़ गए ….individuals को attention देना ये Fb की आत्मा में ही नहीं है .

4) आप mainly addicts से communicate करने लगते हैं :

शायद आपने Pareto principle के बारे में सुना होगा …इस principle का कहना है कि 80% चीजों के लिए 20% चीजें जिम्मेदार होती हैं .

For eg. किसी company की 80 % sales 20% customers की वजह से होती है .

ऐसा ही कुछ Fb पे भी होता है …80% updates 20% लोगों द्वारा ही की जाती है …और आप बार बार उन्ही से linkup होते रहते हैं …and basically ये वही Addict kind of लोग होते हैं जो बस Fb से चिपके ही रहते हैं . और ऐसे लोगों से interact करना शायद ही कभी आपको काम की चीजें बता पाएं . ये mostly waste of time ही होता हैं .

5) आपको Socially active होने का भ्रम हो जाता है और reality इसके उलट होती है :

Facebook पे होने से कई लोग खुद को socially active समझने लगते हैं , और friends को hi -bye कर के अपना role पूरा समझ लेते हैं . धीरे -धीरे ये बिलकुल mechanical हो जाता है …आप Fb पे तो hi करते हैं लेकिन जब उसी दोस्त से college या office में मिलते हैं तो react भी नहीं करते …it is like आपकी online presence मायने रखती हो पर आपका खुद का मौजूद होना बेमानी हो .

और जब आप ऐसे behave करते हैं तो लोग आपको avoid करने लगते हैं और कहीं न कहीं आपको fake समझने लगते हैं . यानि आपको तो लगता है कि आप सबसे touch में हैं पर इसके उलट आप अपना touch खोते जाते हैं .

6) आपकी health पर बुरा असर पड़ता है :

Fb पर लगे रहने से आपको फिजिकल और मेंटल दोनों तरह की प्रॉब्लम हो सकती हैं. आपकी आँखें कमजोर पड़ सकती हैं, गलत posture में बैठने से आपको स्पॉन्डिलाइटिस हो सकता है . और डिप्रेशन में जाने का खतरा तो हमेशा ही बना रहता है.

7) आप अपनी life के सबसे energetic days lazy entertainment में लगा देते हैं :

Fb use करने वालों की demography देखी जाए तो इसे सबसे अधिक teens और twenties के young लोग use करते हैं . अगर आप इस age group से बाहर हैं तो ये point आपके लिए applicable नहीं है.

Teenage और twenties life का वो time होता है जब आपके अन्दर energy की कोई कमी नहीं होती …कभी सोचा है कि इस वक्त भगवान् आपको सबसे अधिक energy क्यों देते है ….क्योंकि ये हमारे life making years होते हैं ….इस समय आपके सामने करने को बहुत कुछ होता है …..पढाई का बोझ या घर की जिम्मेदारी उठाने का challenge…अपना career chose करने और competition beat करने की कशमकश …अपने दिल कि सुनकर कुछ कर गुजरने की चाहत …parents के सामने हाथ फैलाने की जगह उनका हाथ थामने कि जिद्द …और ये सब करने के लिए उर्जा चाहिए …energy चाहिए ; but unfortunately Fb का over usage करने वाले उसे गलत जगह invest करते हैं . जहाँ उनके पास करने को इतने ज़रूरी काम हैं वो एक कोने में बैठ कर , and in ,most of the cases लेट कर …अपनी life के ये energetic days एकदम unproductive चीज में लगा देते हैं .

Friends अंत में मैं यही कहना चाहूँगा कि Fb एक शोर -शाराबे से भरे mall की तरह है …यहाँ थोडा वक़्त बीतायेंगे तो अच्छा लगेगा लेकिन अगर वहीँ घर बना कर रहने लगेंगे तो आपकी ज़िन्दगी औरों की आवाज़ के शोर में बहरी हो जाएगी . उसे बहरा मत होने दीजिये ….अपना time अपनी energy कुछ बड़ा , कुछ valuable , कुछ शानदार करने में लगाइए और जब आप ऐसा करेंगे तो आपके इस काम को सिर्फ आपके friends ही नही बल्कि पूरी दुनिया Like करेगी , और ऊपर वाला comment देगा , “gr8 job my son”

Mar 23, 2013

फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें.........

फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें

एंटर करके सर्च करूँ तो बस मुझको ही ताकें

रेडिफ जैसे लाल गाल तेरे हॉटमेल से होंठ

बलखा के चलती है जब तू लगे जिगर पे चोट

सुराही दार गर्दन तेरी लगती ज्यों जी-मेल

... अपने दिल के इंटरनेट पर पढ़ मेरा ई-मेल

मैंने अपने प्यार का फारम कर दिया है अपलोड

लव का माउस क्लिक कर जानम कर इसे डाउनलोड

हुआ मैं तेरे प्यार में जोगी, तू बन जा मेरी जोगिन

अपने दिल की वेबसाईट पर कर ले मुझको लोगिन

तेरे दिल की हार्डडिस्क में और कोई न आये

करे कोई कोशिश भी तो पासवर्ड इनवैलिड बतलाये

गली मोहल्ले के वायरस जो तुझ पर डोरे डालें

एन्टी वायरस सा मैं बनकर नाकाम कर दूँ सब चालें

अपने मन की मेमोरी में सेव तुझे रखूँगा

तेरी यादों की पैन ड्राइव को दिल के पास रखूँगा

तेरे रूप के मॉनिटर को बुझने कभी न दूँगा

बनके तेरा यू पी एस मैं निर्बाधित पावर दूँगा

भेज रहा हूँ तुम्हें निमंत्रण फेसबुक पर आने का

तोतों को मिलता है जहाँ मौका चोंच लड़ाने का

फेसबुक की ऑनलाईन पर बत्ती हरी जलाएंगे

फेसबुक जो हुआ फेल तो याहू पर पींग बढ़ायेंगे

एक-दूजे के दिल का डाटा आपस में शेयर करायेंगे

फिर हम दोनों दूर के पंछी एक डाल के हो जायेंगे

की-बोर्ड और उँगलियों जैसा होगा हमारा प्यार

बिन तेरे मैं बिना मेरे तू होगी बस बेकार

फिर हम आजाद पंछी शादी के सी पी यू में बन्ध जायेंगे

इस दुनिया से दूर डिजिटल की धरती पे घर बनाएँगे

फिर हम दोनों प्यासे-प्रेमी नजदीक से नजदीकतर आते जायेंगे

जुड़े हुए थे अब तक सॉफ्टवेयर से अब हार्डवेयर से जुड़ जायेंगे

तेरे तन के मदरबोर्ड पर जब हम दोनों के बिट टकराएँगे

बिट से बाइट्स, फिर मेगा बाइट्स फिर गीगा बाइट्स बन जायेंगे

ऐसी आधुनिक तकनीकयुक्त बच्चे जब इस धरती पर आयेंगे

सच कहता हूँ आते ही इस दुनिया में धूम मचाएंगे

डाक्टर और नर्स सभी दांतों तले उंगली दबाएंगे

होगे हमारे 3g बच्चे और याहू-याहू चिल्लायेंगे……
by...
प्रभाकर

Mar 13, 2013

हममें से अधिकाँश लोग इंटरनेट पर अपना अधिकाँश समय सोशल साइट्स पर बिताते हैं और फेसबुक ...

हममें से अधिकाँश लोग इंटरनेट पर अपना अधिकाँश समय सोशल साइट्स पर बिताते हैं और फेसबुक उन साइट्स में सबसे ऊपर आती है. अगर आप गौर से देखें तो फेसबुक पर आपके जितने भी फ्रेंड्स हैं उनको (और खुद को भी) कुछ कैटेगरीज में बाँट सकते हैं. वैसे तो फेसबुक पर अनगिनत किस्म के प्राणी हैं पर सबसे ज्यादा पाए जाने वाले और सबसे घातक और खतरनाक टाइप के प्राणी निम्नलिखित 20 टाइप के होते हैं. ध्यान रखें कि आप और हम भी इनमें से कई कैटेगरीज में शामिल हैं.

1. द टैगकर्ता- ये फेसबुक पर पायी जाने वाली सबसे खतरनाक किस्म की प्रजाति है. ये फेसबुक पर पोस्ट-वोस्ट नहीं लिखते. बस हर दिन सौ-पचास फोटो अपलोड करते हैं- फूल, नदी, जानवर, सेलेब्रिटी, देवी-देवता, उपदेश इत्यादि की. गूगल इमेज सर्च को ये दुनिया के लिए वरदान मानते हैं. ये बड़े भोले किस्म के जीव होते हैं. ये हर फोटो में सौ-पचास लोगों को टैग करते हैं. इनको लगता है कि जो महान और ख़ूबसूरत फोटो इन्होने अपलोड की है उसे सबको दिखाना इनका कर्तव्य है. अब लोग लापरवाह हैं, कहीं भूल जाएँ देखना; तो इसलिए ये उनको टैग कर देते हैं. कभी-कभी तो ये अपनी पासपोर्ट साइज़ फोटो में सौ-दो सौ लोगों को टैग कर देते हैं.

उपाय: अगर टैगकर्ता आपसे उम्र, पद, प्रतिष्ठा में छोटा है तो एक बार हड़का दें, दुबारा टैग करने पर ब्लॉक या अन्फ्रेंड करें. अगर टैगकर्ता आपके वर्तमान, भूत या भविष्य को प्रभावित करने की क्षमता रखता है तो जाकर लाइक करें और लिखें. ‘दैड्स अमेजिंग. थैंक यू फॉर टैगिंग’ . बन पड़े तो फोटो को शेयर भी करें. अगर आप सीधे-साधे जीव हैं और टेंशन नहीं लेना चाहते तो चुपके से जाकर टैग हटाते रहें.

2. द रीडर- ये बड़े निरीह प्राणी होते हैं. किसी को नुकसान नहीं पहुँचाते. ये फेसबुक पर न कुछ लिखते हैं, न कमेंट करते हैं न कुछ लाइक करते हैं. कभी-कभी लोगों को पता भी नहीं चलता कि वो फेसबुक पर हैं भी. लेकिन यह फेसबुक पर सबकुछ पढ़ते हैं. आपकी हर पोस्ट, हर कमेंट. और कभी कभार बातचीत में ये बोलेंगे,”हाँ ये तो आपके फेसबुक पर देखा था”.

उपाय: कोई उपाय जरूरी नहीं. बस एक डायरी मेंटेन करें कि ये भी फेसबुक पर हैं, जिससे कि आप कभी गलती से इनके बारे में कुछ उल्टा-पुल्टा न लिख बैठें.

3. द ताकू-झाँकू- ये ख़ुफ़िया जीव हैं जो आपकी हर गतिविधि पर नज़र रखते हैं. हो सकता है कि अपनी प्रोफाइल पर उतना टाइप आप भी नहीं स्पेंड करते हों जितना ये करते हैं. ये आपकी हर पोस्ट, कमेंट और फोटो एल्बम में गहरी दिलचस्पी लेते हैं. हो सकता है कि उसको अपने अपने कम्प्यूटर में सेव करके भी रखते हों. ऐसा ये क्यों करते हैं यह डिपेंड करता है. लेकिन यह तो तय है कि उनकी आपमें गहरी दिलचस्पी है.

उपाय: कोई सेंसिटिव तस्वीर या इन्फोर्मेशन न डालें. अपने भूतपूर्व प्रेमियों/प्रेमिकाओं/आशिकों पर खास नज़र रखें.

4. द गेमर- ये फेसबुक पर उपलब्ध तमाम तरह के गेम खेलते हैं- फार्मविले, माफियाविले, गटरविले और पता नहीं क्या क्या. और दिन भर में इसके दस-बीस अपडेट आते हैं – ‘आई गॉट लेवल फाइव ऑन फ़ार्मविले’, ‘माई टोमैटोज आर रेडी, डू यू वांट सम’, बी माई नेवर ऑन माफिया विले’ वगैरह-वगैरह.

उपाय: इनके झांसे में आकार गलती से कोई गेम ज्वाइन न करें. बहुत पछताएंगे. इनके स्टेटस अपडेट्स को ब्लॉक करें.

5. द अटेंशन सीकर- जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ये अटेंशन के भूखे होते हैं और इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं. ये ज्यादातर एन्क्रिप्टेड कोड टाइप के मैसेज लिखते हैं जिसे इनके अलावा कोई नहीं समझ पाए. जैसे- “आई न्यू इट विल हैप्पेन.”, आई कांट बिलीव यू कैन डू दिस टू मी’, ‘यस, आई डिड इट’ वगैरह वगैरह. ये उम्मीद करते हैं कि इनका कोडेड सन्देश लोग समझेंगे नहीं और पूछेंगे कि क्या हुआ.

उपाय: भूल कर भी न पूछें कि क्या हुआ. ज्यादा खुश हैं तो बस लाइक कर दें.

6. द गुरु- इनका काम होता है इंटरनेट से बड़े-बड़े फिलोस्फर्स और विद्वानों के Quotes कॉपी करने फेसबुक पर डालना. इनको लगता है कि और लोगों को नहीं पता कि ऐसे महान उपदेश इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. और इन्हें आम जनमानस तक पहुंचाना उनका कर्तव्य है.

उपाय: अगर आप दिन भर महान उपदेशों को पढकर इनफीरियरिटी कॉम्प्लेक्स नहीं प्राप्त करना चाहते तो इनके स्टेटस अपडेट को अनसब्सक्राइब करें.

7. द दुष्ट- आपके कमीने दोस्त इस श्रेणी में आते हैं. इनका एक ही काम होता है. जब भी आप कुछ ढंग का लिखकर भोकाली बनाने की कोशिश कर रहे हों ये वहाँ आकार रायता फैला देंगे. जैसे आपने ‘ग्लोबल वार्मिंग, न्यूक्लियर वेस्ट और इकॉनोमिक क्राइसिस के बीच रिलेशन बैठाते हुए कोई धाँसू सी पोस्ट मारी. तो वहाँ आकार ये कमेंट करेंगे,”और तेरे लूज मोशन ठीक हुए या अभी भी…?” या “ये बालकनी में लाल रंग का फटा अंडरवियर तेरा पड़ा है क्या? जाके उठा ले.. बारिश आ रही है”.

उपाय: अगर आप सरे बाज़ार अपना पोपट नहीं बनवाना चाहते तो इनको खिलाते-पिलाते रहें.

8. द दुखी आत्मा- ये रोंदू टाइप जीव होते हैं. इनको लगता है कि दुनिया में और उनकी अपनी ज़िंदगी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा. इनको लगता है कि दुनिया में हर कोई उनको परेशान करने के लिए षड्यंत्र कर रहा है. ये हर स्टेटस में रोते रहते हैं. ऐसे लोगों में धोखा खाए और गर्लफ्रेंड-ब्वायफ्रेंड के ठुकराए प्रेमी ज्यादा होते हैं.

उपाय: इनसे सौ फीट की दूरी बनाकर रखें. क्योंकि यह कम्यूनिकेबल बीमारी है.

9. द हाइजैकर- ये अजीब किस्म की प्रजाति है. ये आपके पूरे पोस्ट को ही हाइजैक कर लेंगे. ये पोस्ट के टॉपिक से हटकर कुछ अलग ही बात शुरू कर देंगे. जैसे आपने भ्रष्टाचार और पॉलिटिक्स पर कुछ लिखा तो वो आकार कमेंट करेंगे,’हाय, हाउ आर यू? सब ठीक चल रहा है?’ और फिर वो चैटिंग में बदल जाएगा. कभी-कभी उनके और दोस्त भी चैटिंग को ज्वाइन कर लेंगे और आपको लगेगा कि ये आपकी नहीं उनकी ही पोस्ट है. आपके जो मित्र आपकी पोस्ट पर कमेंट करना चाहेंगे वे वहाँ रायता फैला देखकर निकल लेंगे.

उपाय: टॉपिक से अलग कमेंट का जवाब पोस्ट पर न देकर मैसेज में या उनकी वाल पर जाकर दें जिससे रायता वहीं फैले. आपकी पोस्ट पर नहीं.

10. द लिंकचेंपू- इनका काम होता है इंटरनेट में इधर-उधर से लिंक लेकर चेपना. न्यूज, आर्टिकल, सर्वे, यूटयूब वीडियो और अन्य तरह की मनोरंजक और उपयोगी सामग्री. इनकी फेसबुक वाल एक भरे-पूरे मनोरंजन पोर्टल की तरह होती है. कभी मन न लगे तो आप इनकी वाल का इस्तेमाल एक वेबसाईट की तरह कर सकते हैं. यह प्राणी अगर ब्लॉगर भी है तो अपनी हर पोस्ट का लिंक भी चेपेंगा. सावधान रहें.

उपाय: इनके स्टेटस अपडेट को नियमित देखने के बजाये आप शाम को एक बार उनकी वाल पर जाकर दिनभर का पूरा मसाला देख लें. इससे आपके समय की बचत होगी.

"द बाबा"

- इस कैटेगरी में पत्रकार, लेखक, प्रोफ़ेसर, अफसर वगैरह लोग आते हैं. इन्हें लगता है कि ये दुनिया के सबसे बड़े इंटेलेक्चुअल हैं और पॉलिटिक्स, सोसायटी, आर्ट वगैरह से नीचे की टॉपिक्स पर लिखना इनके लिए तौहीन की बात है. कभी-कभी अच्छे मूड में होने पर ये कुछ फनी लिखने की भी कोशिश करते हैं जो जेनेरली असफल ही होता है. ये महीनों-बर्षों मेहनत करके अपने इर्द-गिर्द भक्तों और चमचों की एक फ़ौज खड़ी कर लेते हैं जो इनके हर पोस्ट पर ऐसे ताली बजाती है जैसे इससे कालजयी आज तक लिखा ही नहीं गया. ये सिर्फ पोस्ट करते हैं. दूसरों के पोस्ट्स को लाइक करना, उनपर कमेंट करना या छोटे-मोटे लोगों के कमेंट्स का जवाब देना ये समय की बर्बादी समझते हैं. अगर किसी भक्त से ज्यादा खुश हों तो कभी-कभी एक-दो शब्द लिख देते हैं जिससे वह भक्त अपने आप को धन्य मानता है.

उपाय: इन्हें अधिक भाव न दें. इस भरोसे में बिलकुल न रहें कि ये कभी आपको कहीं लगवा देंगे या आपकी किताब छपवा देंगे. इनकी बातों और तर्कों को कभी काटें नहीं चाहे वो कितनी बेवकूफों वाली क्यों न हों. वो खुद तो बाद में आयेंगे, उससे पहले उनके भक्त आप पर राशन-पानी लेकर चढ़ जायेंग

"द समाजसेवी"

-इनके स्टेटस देखकर लगता है कि समाज के उद्धार का सारा बीड़ा इन्हीं के कंधों पर है. जैसे टिटहरी पेड़ पर उलटा सोती है कि यदि आसमान गिरेगा तो वो उसे थाम लेगी वैसे ही ये फेसबुक पर डटे रहते हैं. माता-पिता का सम्मान करना चाहिए, सारे धर्मों में प्रेमभाव होना चाहिए, पेड़-पौधों और पशुओं से कैसे प्रेम करना चाहिए, कैसे मेहनत से पढकर समाज का नाम रोशन करना चाहिए.. ये सब प्रेरणा वाले सन्देश, पोस्ट इनके स्टेटस के अभिन्न अंग होते हैं. इनको लगता है कि वे खुद से ये सब प्राप्त करके ऑलरेडी इन सबसे ऊपर उठ चुके हैं और अब इनका काम समाज को सही दिशा दिखाना है.

उपाय: इनको दूर से प्रणाम करें. वरना आपकी खैर नहीं.

"द शेयरकर्ता"-

ये भी फाड़ू प्रजाति के प्राणी है. शेयर करना और करवाना ही इनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य होता है. ये कोई भी पोस्ट, फोटो, लिंक शेयर कर देते हैं बिना यह जांचे कि वह सही है भी या नहीं और आपसे भी वही उम्मीद रखते हैं. कुछ उदाहरण:- १) यह बजरंगबली की तस्वीर लाइक करें तो २ दिन में कुछ अच्छा होगा. शेयर करें तो दस मिनट में गड़ा धन मिलेगा. २) जो असली माई का लाल होगा वो इस भगत सिंह की फोटो को लाइक करेगा और जो असली बाप का लाल होगा वो शेयर करेगा. ३) किसी को खून चाहिए, फ्री में हार्ट सर्जरी कराना हो, भारत से गरीबी दूर करनी हो, या बदहजमी ठीक करनी हो इस नंबर पर फोन करें. इसे शेयर कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचायें जिससे सबका भला हो. ४) ये है देश के शेर सचिन, शाहरुख और मंगरू की तस्वीर, एक लाइक मतलब एक सैल्यूट ५) ये देखिये एक गरीब बच्चा.. यूनिसेफ ने कहा है कि अगर दस लाख लोग इसको लाइक करेंगे तो वह इस बच्चे को एक करोड़ रुपया देगी और अगर बीस लाख लोग शेयर करेंगे तो इसको यूएन का जनरल सेक्रेटरी बना देगी.

उपाय: ऐसे लोगों को देख कर रास्ता बदल लें. उन्हें एक जाली अकाउंट से मैसेज भेजें कि कैसे दुनिया उनसे पीड़ित और त्रस्त है.

"द फोटूग्राफर"-

ये फेसबुक पर कुछ लिखते नहीं सिर्फ फोटो लगाते हैं. इनमें से ज्यादातर ने नया-नया कैमरा या कैमरे वाला मोबाइल खरीदा होता है. थ्री इडियट फिल्म आने के बाद से इस प्रजाति की जनसंख्या में भारी बढोतरी हुई है. ये जहाँ जाते हैं वहाँ की एक फोटो लेकर चेप देते हैं- फूल, टेबल, कुर्सी, खाना, चिड़िया, जानवर, बच्चा कुछ भी. कोई फंक्शन हुआ तो सौ-दो सौ फोटो की एक एल्बम के लिए तैयार रहें. कुछ न हुआ तो ये सेल्फ फोटो ले मारते हैं. आखिर ख़ूबसूरत शक्ल कभी तो काम आये. इसे प्रजाति में जो थोड़े उन्नत किस्म के प्राणी हैं वो अपनी फोटो में फोटोशॉप से ‘अ फलाना फोटोग्राफी’ का वाटरमार्क लगा देते हैं और एक फैन पेज और ब्लॉग भी बना लेते हैं. इससे उनके फोटोग्राफ्स की गुणवत्ता और फैन्स की संख्या में भयंकर वृद्धि होती देखी गयी है.

उपाय: इनकी फोटोज की तारीफ़ करते रहें. ये फोटो खीचते-खीचते सीख जाते हैं और अच्छी फोटू खेंचने लगते हैं. शादी-ब्याह-जन्मदिन वगैरह के मौके पर बड़े काम आते हैं.

"द कवि-"

इनसे कौन त्रस्त नहीं है? दरअसल फेसबुक पर कुछ असली कवियों ने अकाउंट बना रखे हैं और (असली) कविताएँ डालते हैं. उनको लोग लाइक भी करते हैं और प्रशंसा भी करते हैं. लेकिन इसका साइड इफेक्ट यह हुआ है कि फेसबुक पर हर दिन भारी संख्या में कवि और शायर पैदा हो रहे हैं. ये कवि पाँच मिनट में कविता असेम्बल कर देते हैं. जिस विषय पर कहो उसी पर. कविता ऐसी कि दिनकर और निराला पढ़ लें तो गड्ढे में कूद के प्राण त्याग दें. सुना है भारत में ऐसे कवियों की संख्या में बढोतरी को देखते हुए चाइनीज कपनियां कविता असेम्बल करने वाली मशीन भी बना रही है. उसमें आप कहीं से कुछ लिखा हुआ कॉपी मारके पेस्ट कर दो और मशीन उसको तुरंत प्रोसेसिंग करके कौमा, फुलस्टॉप सहित कविता में कन्वर्ट कर देगी. ये मशीन आये तो मैं भी एक खरीदूँगा.

उपाय: इनकी कविता को लाइक करके कमेंट जरुर कर दो नहीं तो ये आपको मेल से भेज देंगे और कहेंगे कि पढ़के बताओ कैसी लगी. फिर आप फेर में पड़ जायेंगे.

"द टाइम्स ऑफ फेसबुक"

- इनको आप न्यूजदाता भी कह सकते हैं. अगर इस श्रेणी के जीव आपकी फ्रेंड लिस्ट में हैं तो आप अख़बारों और न्यूज़ चैनलों को फ़ौरन अनसब्सक्राइब करा दें.क्योंकि आपको उनकी जरुरत ही नहीं है अब. ये सबसे तेज हैं. कभी-कभी तो न्यूज साइट्स और एजेंसीज से पहले खबर ईनके फेसबुक वाल पर आ जाती है. कहाँ तूफ़ान आया, कहाँ दुर्घटना हुई, किसने वार्द्काप जीता, किस कलाकार का निधन हुआ, आज किसका जन्मदिन और पुण्यतिथि है – सब ये फेसबुक पर अप-टू-डेट रखते हैं. देशी-विदेशी पर्व-त्यौहार-दिवस वगैरह भी सही डेट के साथ आपको मिल जायेगा यहाँ. कुल मिलाकर इनकी फेसबुक वाल एक न्यूजपेपर कम पंचांग होती है.

उपाय: ये बड़े काम के जीव हैं. सारे दुनिया की न्यूज आपके फेसबुक वाल पर अप-टू-डेट है. और क्या चाहिए?

" द लाइकर-कम-लोलर"

- ये भी निरीह जीव हैं. किसी का नुकसान नहीं करते. ये किसी भी पोस्ट पर कुछ लिखते नहीं, कोई राय नहीं देते. बस उसे लाइक कर देते हैं और LOL, ROFL, LMFAO वगैरह लिख देते हैं. या फिर स्माइली लगा देते हैं. इससे यह पता चल जाता है कि या तो आपकी पोस्ट उनके इंटेलेक्चुअल लेवल की नहीं है इसलिए वे कुछ लिखने में अपना टाइम वेस्ट नहीं करेंगे या फिर वास्तव में उन्होंने आपकी पोस्ट को समझा है और एन्जॉय किया है लेकिन समय अभाव के कारण कुछ कह नहीं पा रहे.

उपाय: इनके लाइक और लोल के लिए अपने आपको धन्य मानें और हनुमान जी को सवा रूपये का प्रसाद चढाएं.

"द इनवाईटर"-


ये आपको हर दिन पाँच इवेंट्स, दस ग्रुप्स और तेरह फैन पेज को ज्वाइन करने का इन्विटेशन भेजेंगे. बुरा न मानें. ये आपके शुभचिंतक हैं और आपके भले के लिए ऐसा करते हैं.

उपाय: इनसे आप खुद निपटें.

" द ग्रामर-तोड़ू"

ग्रामर और स्पेलिंग से इनकी जन्मजात दुश्मनी होती है. लेकिन ये लिखते हमेशा अंग्रेजी में ही हैं. इनकी अंग्रेजी पढकर अच्छे-खासे लोगों को जुकाम हो जाता है. वो तो हम इंडियंस टांग टूटी अंग्रेजी को भी जोड़-तोड़कर समझ लेते हैं पर गलती से अगर कोई अंग्रेज देख ले तो वह आत्महत्या कर लेगा.

उपाय: अगर आप अपना भला चाहते हैं तो इनको ग्रामर और स्पेलिंग की मिस्टेक्स के बारे में भूल कर भी न बताएं. ये तुरंत अपना टॉफेल का सर्टिफिकेट पोस्ट करके आपको आपकी औकात दिखा देंगे. इनसे अगर आपने हिन्दी में लिखने को बोल दिया तो आपकी खैर नहीं.

"द खुली किताब"

- इनका जीवन एक खुली किताब की तरह होता है. प्राइवेसी नाम के वर्ड को ये अपनी डिक्शनरी से नोच कर निकाल देते हैं या उसपर स्याही गिरा देते हैं. ये सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक जो भी करते हैं उसके बारे में दुनिया को बता देना अपना कर्तव्य समझते हैं. कब शौचालय गए, वहाँ कितनी देर रहे, आज किस मार्केट की किस दूकान से किस रंग का पायजामा खरीदा, किसके साथ कब, कहाँ, क्या और कैसे खाया यह सब आपको पूरी इन्फोर्मेशन के साथ बताते चलते हैं ये. कल को कोई ये न कहे कि ये नहीं बताया. अक्सर इनके दिन की शुरुआत सुबह फेसबुक पर ‘गुड मोर्निंग’ लिखने से होती है जो रात को ‘गुड नाईट’ से खत्म होती है. अगर किसी दिन ये गुड नाईट बोलना भूल जाएँ तो इनको नींद नहीं आती. लगता है लोग क्या सोच रहे होंगे. आज गुड नाईट नहीं बोला. फिर अगले दिन ये बकायदा सॉरी बोलते हैं इसके लिए.

उपाय: मैं हाथ जोड़ता हूँ. इनसे आप खुद निपटें

Feb 28, 2013

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए....

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह
अब जनाज़ा ज़ोर से उनका निकलना चाहिए
अब भी कुछ लोगो ने बेची है नअपनी आत्मा
... ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए
फूल बन कर जो जिया वो यहाँ मसला गया
जीस्त को फ़ौलाद के साँचे में ढलना चाहिए
छीनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो
आँख से आँसू नहीं शोला निकलना चाहिए
दिल जवां, सपने जवाँ, मौसम जवाँ, शब् भी जवाँ
तुझको मुझसे इस समय सूने में मिलना चाहिए

Feb 26, 2013

राहुल गांधी को एक पत्नी तो दिलवा नहीं पा रहे हैं, फ्री वाई फाई क्या देंगे।

रेलमंत्री पवन कुमार बंसल ने जैसे ही चुनिंदा गाड़ियों में फ्री वाई फाई सुविधा देने का ऐलान किया वैसे ही वाई फाई ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। पवन बंसल ने उम्मीद की होगी कि उनकी इस घोषणा पर उन्हें तालियां मिलेंगी, लेकिन यहां तो टिप्पणियों से ही उन्हें शर्मसार किया जा रहा है।

लोग कह रहे हैं कि बंसल साहब फ्री वाई फाई के बजाए फ्री पानी देते तो ज्यादा अच्छा होता। कुछ ने कहा है कि वाई फाई चाहे न दे लेकिन सफाई करवा दें, भले ज्यादा पैसे देने पढ़ें। पढ़िए ट्विटर पर आई कुछ चुनिंदा प्रतिक्रियाएं...

Sudhir Krishnan
फ्री वाई फाईः यह क्या मजाक है, फ्री देना ही है तो फ्री खाना दो।

TONY KURIAN ‏
मैं रेलवे स्टेशन के नजदीक घर की तलाश में लग गया हूं ताकि जब वाई फाई वाली गाड़ी आए तब फ्री इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकूं।

payal malhotra ‏
राहुल गांधी को एक पत्नी तो दिलवा नहीं पा रहे हैं, फ्री वाई फाई क्या देंगे।

VAYUJ
भारतीय रेलवे में फ्री वाई फाई की घोषणा, उम्मीद करता हूं कि इस्तेमाल में जातिगत आरक्षण नहीं होगा।

shashikant singh 21
भारत में रेल में पानी की बोतलें फ्री देना फ्री वाई फाई देने से अच्छा विचार होता।

The Big Bad Vampire ‏
ये फ्री पानी तो दे नहीं सकते और फ्री वाई फाई देने की बात कर रहे हैं।

shafullah ‏
फ्री वाई फाई उन लोगों के लिए ईनाम होगा जो आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुक करने में कामयाब हो जाते हैं।

Sukriti Agarwal
वास्तविकता में वाई फाई फ्री नहीं होगा, आपको पासवर्ड जानने के लिए टीटीई को रिश्वत देनी पड़ेगी।

JhumkeWaali
आप लोग फर्स्ट क्लास एसी में यात्रा करना चाहते हैं और फ्री वाई के लेकर रोमांचित हैं। वैसे आपकी यात्रा का खर्चा कौन उठा रहा है।

Waquar Ahmed ‏
फ्री वाई फाई? बंसल साहब हमें फ्री वाई फाई नहीं चाहिए....पैसे ले लो लेकिन सफाई करवा दो।

Punjabi Swag
फ्री वाई फाईः में दोबारा रेलयात्रा करना शुरू कर देता यदि फ्री वाईफ मिल रही होती तो।

ट्विटर पर इन टिप्पणियों न सिर्फ पवन बंसल का जमकर मखौल उड़ाया गया बल्कि रेल की वास्तविकता बयां करके उन्हें आइना भी दिखाया गया।

रेलमंत्री पवन बंसल ने जैसे ही अपना बजट भाषण पढ़ना शुरू किया, ट्विटर पर धड़ाधड़ टिप्पणियां उन्हें लेकर आनी शुरू हो गई। इन टिप्पणियों न सिर्फ पवन बंसल का जमकर मखौल उड़ाया गया बल्कि रेल की वास्तविकता बयां करके उन्हें आइना भी दिखाया गया।

आप भी पढ़िए कुछ चुनिंदा टिप्पणियां..

Viveck Tewari
रेल मंत्री पवन बंसल बजट में कसीदे पढने से अच्छा सिर्फ चार शब्दो पर कार्य करें तो कायापलट हो जाये । समय, सुविधा, सफाई और सुरक्षा।

ravish kumar ‏
आज पवन बंसल के बजट का मुक़ाबला चेपाक स्टेडियम में चल रहे मैच से है । कहीं भारत जीता तो जनाब लोकसभा और राज्य सभा टीवी पर ही नज़र आएंगें ।

संदीप जाखड़
पहले अभिजीत मुखर्जी अपने पप्पा के अभिभाषण को सौ में से सौ दे रहा था आज पवन बंसल के सुपुत्र ! #कहों सब मेरा परिवार ही मेरी देश-दुनिया हैं !

कड़वा सच
मुलायम की रेल बजट पे प्रतिकिरया -----------हमने पवन बंसल को सुझाव दिया था की यू पी से पाक ,एक आंतकवादी बम रथ चलाया जाए , नही माना

अंग्रेजियत हटाओ ‏
रेल मंत्री पवन बंसल का भाषण सुन रहे लोगो को आस्था चैनल देखने की कोई जरुरत नहीं है।

Abhay
पवन बसंल को बताओ कि जब टिरेन में हम अपना लैपटाँप प्लग-ईन करता हूँ, ससुरा टच-पैड काम ही नही करता। आ जाओ स्क्रु-ड्रायवर और पाना-पेंचकश ले के!


chanchal sharma
एक ट्रेन के खाने में मरा चूहा निकला था !! वो खाया भी नही था उस परिवार ने,और पवन बाबू ने उसकी कीमत भी जोड़ दी हैं बजट में। ट्रेन के बाथरूम से आधी ट्रेन नगरपालिका के शौचालय का फील देती है!पहले वो साफ़ कर देते पवन जी!हराम का पैसा आम आदमी के पास नही,आपके पास है


Dr. Kumar Vishvas
फागुन का महीना पवन करे"चोर"अरे"चोर"नहीं बाबा"शोर".(बैठ जाइये,कृपया बैठ जाइये,शांति से बैठ जाइये)AC में चलने वालो पसीना लादिए आप तो मंत्री जी

prabhat shunglu
मैडम खुश, पवन का टिकट फिर पक्का।

Bad Company
पवन बंसल आप रेल बजट की $%$&& कर लो पर हर बर्थ के पास चार्जिंग पाइंट लगाना मत भुलना, संडास के पास जा के चार्ज करने में तकलीफ होती है

shivendra parmar
पवन बंसल ने अमेठी से रायबरेली तक मां -बेटा एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की है

Deepesh Lakhera
ट्रेन में चाय-वाय तो ठीक मिलती नहीं, वाय-फाय लगवाएंगे बंसल जी

अंग्रेजियत हटाओ
पवन बंसल चाहे जितना भी किराया बढ़ा ले लेकिन वे ये क्योँ भूल जाते हैँ अगले साल लोक सभा सीट का टिकट हमलोग हीँ काटने वाले ह


Paresh Rawal
क्या पवन बंसल ने बॉलीवुड से हॉलीवुड के लिए किसी डॉयरेक्ट ट्रेन की घोषणा की है? हमारे कलाकारों की हॉलीवुड जाने की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए यह भी किया जाना ही चाहिए।

parasmani ‏
जिस वक्त पवन बंसल रेल बजट पढ़ रहे थे ठीक उसी वक्त मध्यप्रदेश के विदिशा में एक रेल के नीचे आने से दो बच्चों की मौत हो गई। गुस्साई भीड़ ने स्टेशन में आग लगा दी।

AKHILESH AGRAWA
ईमानदारी से ऐसा लग रहा था जैसे पवन बंसल स्वर्गीय राजीव गांधी की याद में हवन कर रहे हों।


Dimpled doctor ‏
पवन बंसल की भांजी मेरी जूनियर है। वह फ्री वाई फाई को लेकर ऐसे उत्सुक है जैसे खास उसी की सिफारिश पर पवन बंसल ने घोषणा की हो।


Amit Daga
श्री पवन बंसल- भारतीय रेलमंत्री, बेचारे इतने सीधे हैं कि आज मैं उनकी आलोचना नहीं करूंगा।

Nikhil Mehta
बजट सिर्फ वादे और योजनाओं के लिए ही नहीं होता है, इन्हें निश्चित समयसीमा में लागू भी किया जाना चाहिए।

Sanjay Bajoria
पवन बंसल ने कहा- रेलवे ट्रैक लगातार साफ करवाए जाएंगे ताकि लोगों को साफ और स्वच्छ शौचालय मिल सकें!

Kanchan Gupta
सोनिया के संसदीय क्षेत्र पहुंची रेल। पवन बंसल ने गांधी परिवार का कर्ज अच्छे से अदा किया है।

Utkarsh Dayal
लोगों की इंटरनेट के प्रति लत को ध्यान में रखकर ही पवन बंसल ने फ्री वाई फाई की घोषणा की है।

Zeal Soni
ईमानदारी से बताइये, रेल बजट से पहले कितने लोगों को पता था कि पवन बंसल हमारे रेलमंत्री हैं।


tHeMantal
प्रिय पवन बंसल जी, यदि आप फ्री वाईफाई की जगह आईआरसीटीसी के लिए नए सर्वरों की घोषणा करते तो शायद लोग आपकी ज्यादा तारीफ करते।

Sundar Rajan
लो कर लो बात...आईआरसीटीसी की वेबसाइट चलती नहीं है और पवन बंसल फ्री वाई फाई की बात कर रहे हैं।


Raman
सवाल- पवन बंसल से पहले कांग्रेस की ओर से अंतिम बार रेल बजट किसने प्रस्तुत किया था।
उत्तरः 16 साल पहले सुरेश कलमाड़ी ने किया था
(और अब कलमाड़ी क़ॉमनवेल्थ घोटाले के लिए प्रसिद्ध है। )

Monsoon Rider
इस रेल बजट की सबसे अच्छी बात यह है कि ममता बनर्जी पवन बंसल से इस्तीफा नहीं मांग पाएंगी।

Anu Jayaswal
रेलमंत्री पवन बंसल ने उन लोगों के लिए विशेष पुरस्कार की घोषणा की है जो आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुक करने में कामयाब हो जाएंगे।


Feb 23, 2013

असुदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र दौरे पर भारत को फिर चेतावनी दी है।..

असुदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र दौरे पर भारत को फिर
चेतावनी दी है।
मै चेतावनी देता हूँ पाकिस्तान
को कमजोर समझने की भूल न
करे भारत ।
... अगर भारत ने पाकिस्तान के
उपर हमला करने की कोशिश की
तो भारत के 25 करोड मुसलमान पाकिस्तान सेना के साथ
मिलकर
भारत के खिलाफ युद्ध करेगे ।

Feb 21, 2013

चंद सवालों का जवाब दीजिए और पाइए 'चमत्कारी' गूगल चश्मा...

न्यू यॉर्क।। दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल आपके लिए लेकर आई है एक चमत्कारी चश्मा गूगल ग्लास। अगर आप चाहते हैं कि गूगल ग्लास आपको फ्री में मिल जाए, तो आपको देने होंगे कुछ चंद सवालों के जवाब। आपको कंपनी को यह बताना होगा आप इस चश्मे का इस्तेमाल कैसे करेंगे और आप इस चश्मे का इस्तेमाल करने के लायक हैं कि नहीं।

... गूगल ने बुधवार को एक ऐप्लिकेशन कॉन्टेस्ट शुरू किया है जिसमें वह 8 हजार ऐप्लिकेंट्स को चुनेगा और उन्हें गूगल चश्मा देगा। गूगल ने पूछा है कि अगर आपको यह चश्मा मिल जाएगा तो आप इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे। गूगल ने इस कॉन्टेस्ट के लिए बाकायदा एक नई ग्लास वेबसाइट लॉन्च की है। इस साइट पर सारी जानकारियां मौजूद हैं और आप इसको पढ़कर इस कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। इसके होम पेज पर तीन लिंक हैं। पहला लिंक है- इसे पहनने पर कैसे महसूस होता है (हाउ इट फील्स)। दूसरा लिंक है यह कैसे काम करता है (हाउ इट डज) और तीसरा लिंक है- आप इसे कैसे पा सकते हैं (हाउ टु गेट वन)।

पहला लिंक विडियो है। दूसरा लिंक एक गैलरी पर खुलता है और यह बताता है कि ग्लास कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं। इसमें बिल्ट इन वॉइस रेकग्निशन, ऑन बोर्ड और हैंड्स फ्री विडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा है। आप इसके जरिए लाइव विडियो शेयर कर सकते हैं। आप बोलेंगे तस्वीर लो, आप यह चश्मा तस्वीर ले लेगा। आप बोलेंगे मेसेज भेजो और मेसेज तुरंत चला जाएगा। यह आपकी आवाज को सुनकर उसका ट्रांसलेशन कर सकता है। यह मजबूत और हल्का है। इसमें इन बिल्ट सर्च की सुविधा भी मौजूद है। इसमें कई कलर ऑप्शन भी मौजूद हैं।

अंतिम लिंक ऐप्लिकेशन प्रॉसेस को बताता है। इसके जरिए आप जान सकेंगे कि कैसे आपको यह चश्मा मिल पाएगा। दरअसल, गूगल यह जानना चाहता है कि आप इस टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कैसे करते हैं।

अगर आप गूगल के इस चमत्कारी चश्मे पर अपना हक जमाना चाहते हैं तो आपको गूगल प्लस या ट्विटर पर 50 वर्ड्स में अपनी बात बतानी होगी। आप अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए पांच फोटो और और एक 15 सेकंड का विडियो भी दे सकते हैं। विजेता कैंडिडेट्स से गूगल ट्विटर और गूगल प्लस के जरिए संपर्क साधेगा। आप चाहें तो गूगल प्लस पर '+ProjectGlass' और ट्विटर पर '@ProjectGlass' को फॉलो कर सकते हैं। याद रखिए कि आप इस कॉन्टेस्ट में 27 फरवरी तक ही हिस्सा ले सकते हैं।

अभी तक इस चश्मे का इस्तेमाल सिर्फ गूगल कंपनी के कर्मचारी ही कर सकते थे लेकिन अब गूगल ने इसको अन्य लोगों के साथ शेयर करने का मन बनाया है।

99% लोग धर्म के नाम पर अपना बुद्धि , विवेक खो देते हैँ ...

आज हर तरफ नफरत , धार्मिक असहिष्णुता फैली हुई है ।
इस बीच एक बयान इंडियन प्रेस कौँसिल के अध्यक्ष मारकंडे काटजुके तरफ से आया था ।
भारत के 90 % लोग मुर्ख है ।
पहली नजर मेँ मुझे अटपटा सा लगा ये बयान पर इस बात पर जब मैँने गौरकिया तो मुझे उनके बातोँ मेँ 101% सच्चाई लगी ।
... देखिये कैसे ?
1. हिन्दु - अपने को हिन्दु और गाय को माता कहने वाले लोग कितने अपनेधर्म को सही ढंग से निभाते हैँ यु पी के एक मँत्री ने तो अपनी गाय माता की दलाली तक कर दी ।
आम हिन्दु भी पैसो के खातिर गाय कसाइयोँ के हाथो बेचते दिख जाएंगे ।
मंदिर के पुजारी पैसे लेकर अपना उल्लु सीधा करने मेँ लगे हैँ ।
मंदिर मठो मेँ हजारोँ करोङो ये ढोगी दबाए बैठे हैँ जबकि इन्हीँ के धर्म को मानने वाले हाथो मेँ कटोरा लिए भीख मांगते मिल जाएंगे ।
इन ढोंगियोँ के खिलाफ कोई हिन्दु आंदोलन नहीँ करता ।
2. मुस्लिम- अपने को मुस्लिम मानने वाले आज अपना इमान बेचे बैठे हैँ अल्लाह के नाम पर मासुमोँ का कत्लेआम करते फिरते हैँ अपनी हीँ जाति के सिया भाईयोँका आए दिन कत्ल करते रहते हैँ ।
तब कोई मुस्लिम आंदोलन नहीँ करता उन तालीबानियोँ , उन सुन्नी नेताओँ के खिलाफ ।
क्युं भाई क्युँ नहीँ करते उनका विरोध करते ?
इन मुर्खो के पास अपना खुद का दिमाग नहीँ ।
कौन ऐसा भगवान , अल्लाह , खुदा , मुसा है जो अपने बेटोँ का खुन बहता देखेँ या कहता है कि मासुमोँका खुन बहाओँ ।
अगर कोई भगवान , अल्लाह कहता है ऐसा करने के लिए तो मैँ उसे अपना खुदा , भगवान नहीँ मानुंगा ।
ईसाई - अपने को ईसाई मानने वाले आजकल दुसरोँ को मुर्ख बनाने मेँ लगे हैँ ये आदिवासी इलाकोँ मेँ जाते हैँ और अंधविश्वास को बढावा दे रहे हैँ तबियत खराब होने पर प्राथना करने के लिए बोलते हैँ येमुर्ख ।
क्या सिर्फ प्राथना करने से कौई ठीक हो जाएगा ?
आज धर्म की आङ ले के लोगो को बहकाया जा रहा है ।
99% लोग धर्म के नाम पर अपना बुद्धि , विवेक खो देते हैँ । एक इंसान से तुरंत हिन्दु मुसलिम सिख इसाई बन जाते हैँ ।
अरे मुर्खो भेङ ना बनोँ , बनना है तो एक इंसान बनो ।

Feb 19, 2013

फेसबुक सोशल मीडिया से जुड़ी 10 रोचक बातें :

इंटरनेट यूज करने वाला लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जुड़ा है। इन साइट्स पर नए-नए दोस्त बनाने, पुराने दोस्तों को खोजने के साथ ही अभिव्यक्ति क‍ा नया माध्यम भी दिया है। आइए जानते हैं सोशल मीडिया से जुड़ी 20 रोचक बातें :
1. फेसबुक पर बराक ओबामा की जीत संबंधी पोस्ट 4 लाख से अधिक लाइक के साथ फेसबुक पर सबसे ज्यादा पसंद किया गया फोटो बन गया।
2. फेसबुक के 25 फीसदी से ज्यादा यूजर्स किसी भी तरह के प्राइवेसी कंट्रोल को नहीं मानते।
3. इस सोशल नेटवर्किंग साइट के जुड़े हर व्यक्ति से औसत रूप से 130 लोग जुड़े हैं।
4. फेसबुक के साथ 850 मिलियनसक्रीय मासिक यूजर्स जुड़े हुए हैं।
... 5. इस नेटवर्किंग वेबसाइट के कुल यूजर्स में से 21 प्रतिशत एशिया से हैं, जो इस की महाद्वीप की कुल आबादी के चार प्रतिशत से कम है।
6. 488 मिलियन यूजर्स रोज मोबाइल पर फेसबुक चलाते हैं।
7. फेसबुक पर सबसे ज्यादा पोस्ट ब्राजील से किए जाते हैं। वहां से हर माह लगभग 86 हजार पोस्ट किए जाते हैं।
8. 23 प्रतिशत यूजर्स रोज पांच या उससे अधिक बार अपना फेसबुक अकाउंट चेक करते हैं।
9. फेसबुक पर 10 या उससे अधिक लाइक्स वाले 42 मिलियन पेज है।
10. 1 मिलियन से अधिक वेबसाइट्स अलग अलग तरह से फेसबुक से जुड़ी हुई है।

विश्व के १० शीर्ष धनी व्यक्तियों में ४ भारतीय हैं.....

भारत के बारे मै कुछ जानकारी, जिसे पूरी दुनिया भुला चुकी है
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विश्व के १० शीर्ष धनी व्यक्तियों में ४ भारतीय हैं.लक्ष्मी मित्तल जो विश्व में पाँचवे हैं वो इंग्लैण्ड में पहले स्थान पर यनि सबसे ज्यादा धनी व्यक्ति हैं..और जहाँ तक मैं जानता हूँ तो बहुत दिन से वो इस स्थान पर हैं..
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... विश्व का सबसे महँगा घर मित्तल जी का ही है जो इंगलैण्ड में बना हुआ है जिसकी कीमत ७०करोड़ पॉण्ड है…
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Hp (कमप्युटर बनाने वाली कम्पनी) के जेनेरल मैनेजर राजीव गुप्ता हैं जो भारतीय हैं…
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Fb फेसबुक के जनक दिब्य नरेंद भारतीय ही हैं…जिस पर हाल ही मै एक फिल्म बनी है थे सोसल नेटवर्क
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पेंटियम चिप(Pentium chip) जिस पर अभी ९०% कमप्युटर काम करते हैं के निर्माता विनोद दह्म हैं(ये भी भारतीय हैं)
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हॉटमेल(hotmail) के संस्थापक(founder)और निर्माता( creator) सबीर भाटिया भारतीय ही हैं…
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अमेरिका के ३८% डॉक्टर और १२% वैज्यानिक भारतीय हैं..(आज से ६-७ साल पहले मैंने किसी पत्रिका में ये आँकडा़ ५०% देखा था कि अमेरिका में ५०% डॉक्टर और वैज्यानिक भारतीय मूल के हैं..)
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पूरे विश्व में भारतीयों की स्थिति.- IBM में नौकरी करने वालों में २८% “intel”में १७% “NASA”में ३६% और Microsoft में ३४%
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Sun Microsystems” के सह-संस्थापक–विनोद खोसला
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फ़ॉर्चून मैग्जीन के नए रिपोर्ट के अनुसार अजीज प्रेमजी दुनिया के तीसरे धनी व्यक्ति हैं जो विप्रो के CEO हैं..
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AT & T-Bell जो कि C,C++ जैसे कमप्युटर भाषा के निर्माता हैं के अध्यक्ष –अरुण नेत्रावाली
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Microsoft Testing Director of window 2000 —- – सन्जय तेजव्रिका
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1. Chief Executive of CitiBank,Mckensey & Stanchart— Victor Menezes,Rajat Gupta & Rana Talwar..
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आईटी क्षेत्र में तो भारत नम्बर एक है ही पर किसी भी क्षेत्र में आप देख लो १ से १० में होंगे ही..एविएशन क्षेत्र में नौवें पर मध्यम तथा भारी वाहनों में चौथे पर कार में ग्यारहवाँ दोपहिया और तीनपहिया में एशिया में पहले स्थान पर …
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अमेरिका और जापान के बाद भारत ही ऐसा देश है जिसने खुद से सुपर कमप्युटर का निर्माण किया है.
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इस तरह एक-एक कर भारत की वर्त्तमान उपलब्धियों को गिनाना संभव नहीं है
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Feb 15, 2013

प्यार का अर्थ............

प्यार का अर्थ
जब एक छोटी लड़की अपने
पापा को बाहर से आया देखकर
उनके लिए भागकर एक गिलास
पानी का लाये|
... यह प्यार हैं जब सुबह पत्नी,
पति के लिए चाय बनाती हैं और
उस चाय को पति को देने के पहले
पहला घूंट पीती हैं|
यह प्यार हैं जब एक माँ अपने बेटे
को सबसे बढ़िया मिठाई
का टुकड़ा सबसे छुपा कर देती हैं|
यह प्यार हैं जब आपका दोस्त
फिसलन भरी सड़क पर आपका हाथ
बहुत मजबूती से पकड़ लेता हैं
ताकि आप गिर ना सके|
यह प्यार हैं जब आपका भाई
आपको मैसेज करके बोले घर
टाइम पर आ जाना देर होने पर मुझे
तुम्हारी फ़िक्र होती हैं|
प्यार सिर्फ वह
नहीं की लड़का और लड़की एक दुसरे
की बांहों में बाँहे डाले सारे शहर
का चक्कर लगाए,
दरअसल सच्चा प्यार वह हैं जिसमे
एक दुसरे का ख्याल रखा जाए

Feb 12, 2013

TOP 15 वेबसाइट, जिन्हें पोर्न साइट से भी ज्यादा देखते हैं लोग

Facebook.com – 83 करोड़ 67 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: फेसबुक एक सोशल नेट्वर्किंग साइट है। इसकी शुरुआत मार्क जुकेरबर्ग ने हार्वर्ड में अपने पढ़ाई के दौरान की थी।

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: शुरुआत में यह सिर्फ हार्वर्ड के स्टूडेंट्स के लिए थी, जिसे बाद में दूसरे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के स्टूडेंट्स के लिए ओपन किया गया। जब कंपनी ने 13 साल की उम्र से अधिक किसी को भी इससे जोड़ना शुरू किया, तब से अब तक यह बन गई दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट।

Google.com – 78 करोड़ 28 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: गूगल एक वेब सर्च इंजन है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इसकी शुरुआत 1998 में तब हुई जब सर्च इंजन मार्केट में और भी बहुत सारी कंपनियां थीं। लेकिन यह अपने सबसे तेज सर्च और सबसे क्लीन होम-पेज के कारण बन गया वेब सर्चिंग का बेताज बादशाह। आज इसके पास जी-मेल, गूगल मैप्स, गूगल+ आदि बहुत सारे वेब प्रोडक्ट्स


YouTube.com – 72 करोड़ 19 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यू-ट्यूब यूजर्स के ही द्वारा वीडियो शेयरिंग, अपलोडिंग एंड वाचिंग प्लेटफ़ॉर्म है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: गूगल ने इसे 2006 में जब से खरीदा, तब से यूजर्स में इसका क्रेज कई गुना बढ़ गया। यू-ट्यूब से आज कल बहुत सारे नए स्टार भी बन रहे हैं। जस्टिन बीबर इसके लेटेस्ट एग्जाम्पल हैं।

Yahoo.com – 46 करोड़ 99 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: याहू सर्च इंजन तो है ही, साथ ही एक ऐसा प्लेटफॉर्म भी है जिससे यूजर्स इसके दूसरे चैनल, जैसे याहू फिनांस और फ्लिकर से भी जुड़ते हैं।

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: याहू 90 के दशक के शुरुआती वेब-पोर्टल में से एक है। लोग इसका यूज न्यूज, स्पोर्ट्स, फिनांस और ई-मेल के लिए करते हैं।

Wikipedia.org – 46 करोड़ 96 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: विकिपीडिया एक फ्री वेब-बेस्ड इन्सायक्लोपीडिया है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: विकिपीडिया किसी को भी अपने यहां कंटेंट पोस्ट और एडिट करने की छूट देता है। इस वजह से यह बन गई इतनी बड़ी एजुकेशनल कंटेंट साइट। इसका सारा ट्रैफिक गूगल के माध्यम से आता है।

Live.com – 38 करोड़ 95 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: लाइव.कॉम माइक्रोसॉफ्ट का नया ई-मेल सर्विस है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: माइक्रोसॉफ्ट ने अपने दोनों मेल सर्विस आउटलुक और हॉटमेल को Live.com के माध्यम से एक्सेसिबल बनाया है। आप हॉटमेल या आउटलुक कहीं भी जाएं, आपको Live.com पर री-डायरेक्ट कर दिया जाता है।

QQ.com – 28 करोड़ 41 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यह चीन में स्थित सर्च इंजन और पोर्टल है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: QQ.com को जिस कंपनी (Tencent) ने बनाया है, वह चीन की सबसे बड़ी इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर है। Tencent की इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस के पास 70 करोड़ यूजर्स हैं। इसके इसी यूजर्स बेस का फायदा QQ.com को भी मिलता है।

Microsoft.com – 27 करोड़ 17 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यहां आप खरीद सकते हैं माइक्रोसॉफ्ट के प्रोडक्ट, इसके सॉफ्टवेयर और अपडेट्स.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: दुनिया में बहुत सारे कम्प्यूटर माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। कस्टमर सपोर्ट और अपडेट के लिए इस साइट पर पहुंचते हैं।

Baidu – 26 करोड़ 87 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: चीन की यह साइट सर्च इंजन है जो वेबसाइट, ऑडियो और इमेज के लिए काम करती है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: Baidu चीन की सबसे पॉपुलर सर्च इंजन है। चीन के बेस्ट इंजीनियर्स की बहुत बड़ी टीम इस सर्च इंजन को अपडेट और इसके स्पीड के लिए काम करती है।

MSN.com – 25 करोड़ 41 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े इंटरनेट प्रोडक्ट का कलेक्शन है यह साइट.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से यह कंपनी बन गई ऑनलाइन डेस्टिनेशन। इसमें हॉटमेल और एमएसएन मैसेंजर जैसी वेब सर्विसेज हैं।

Blogger.com – 22 करोड़ 99 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यह है ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: सैन फ्रांसिस्को में शुरू की गई इस छोटी-सी कंपनी ने डॉटकॉम बूम के समय बहुत संघर्ष किया। गूगल ने जब इसे 2002 में खरीदा, तब यह ब्लॉगर्स की पसंद बन गई।

Ask.com – 21 करोड़ 84 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: यह गूगल पावर्ड सर्च इंजन है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: 90 के दशक में यह शुरू हुआ था AskJeeves के नाम से। इसकी पेरेंट कंपनी IAC ने जब About.com को खरीदा, तब इसके कंटेंट में काफी इजाफा हुआ। अब यह गूगल सर्च का री-ब्रांडेड वर्जन है।

Taobao.com – 20 करोड़ 70 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: चीन की वेबसाइट जहां कपड़े, एक्सेसिरिज, ज्वैलरी, फूड आइटम, इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ और भी बहुत कुछ बिकता है.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: इ-बे और अमेजन की तरह ही यह भी ऑनलाइन मार्केट-प्लेस है। इसकी पेरेंट कंपनी अलीबाबा ने जब 2003 में इसे पब्लिक किया तो यह बन गया दुनिया का सबसे बड़ी शॉपिंग सर्च इंजन।

Twitter.com – 18 करोड़ 98 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: ट्विटर है रियल टाइम कम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्म.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: 2009 में लॉन्च के बाद से ही ट्विटर बन गई ऐसी साइट, जहां आप जाते हैं दुनिया भर की ख़बरों से लगातार अपडेट होने के लिए। नेता, न्यूज कंपनी, इंडस्ट्री के टॉप लोगों का यह अड्डा आपको देता है हमेशा लेटेस्ट अपडेट।

Bing.com – 18 करोड़ 40 लाख यूनीक विजिटर्स

क्या है यह: बिंग है गूगल की तरह ही एक वेब सर्च इंजन.

कैसे बना इतना बड़ा यूजर बेस: माइक्रोसॉफ्ट ने बिंग को काफी अग्रेसिव तरीके से प्रमोट किया है। सोशल साइडबार, इम्प्रूव्ड अल्गोरिदम से इसे ज्यादा से ज्यादा आसान बनाने की कोशिश की गई है। माइक्रोसॉफ्ट ने दुसरे वेबसाइट को बिंग से जुड़ने के लिए पैसे भी दिए हैं।

Jan 28, 2013

वो मई के महीने में Exam का बुखार और फिर गर्मी की छुट्टियों का इन्तजार बहुत याद आता है ..!!

वो मई के महीने में Exam का बुखार और फिर गर्मी की छुट्टियों का इन्तजार बहुत याद आता है ..!!

चिलचिलाती धूप में क्रिकेट खेलने जाना और बहिन का "काले हो जाओगे " कह कर चिढाना बहुत याद आता है ..!!
...
आइसक्रीम वाले का गली में आकर चिल्लाना बहुत कहने पर भी मम्मी का आइसक्रीम न दिलाना .बहुत याद आता है ..!!

कच्चे आमों को गेंहू के बोरे में पकाना और उन्हें खाने से पहले पानी में भीगाना बहुत याद आता है ..!!

दिन में तीन चार बार हैंडपंप के ठन्डे पानी से नहाना अभी आ रहा हूँ कह कर फिर खेलने चले जाने का बहाना बहुत याद आता है ..!!

छोटी -छोटी बात में बहिन से लड़ जाना , उसकी गलती ना होते हुए भी माँ के सामने उसका आँशू बहाना बहुत याद आता है ..!!

सुबह शाम कूलर में पानी भरना , "पापा से शिकायत कर दूंगी " मम्मी का ये कह कर डराना बहुत याद आता है ..!!

बत्ती ना आने पर छत पर चटाई बिछा कर सोना और फिर वापिस स्कूल खुलने के गम में रोना बहुत याद आता है ..!!

सच ये सब बहुत याद आता है

Jan 20, 2013

इंटरनेट यूज करते समय अगर इन बातों का नहीं रखेंगे ख्याल तो होगा भारी नुकसान...


हम ऑन लाइन और ऑफ लाइन काम करते समय सुरक्षा से जुड़ी कई चीजों को बेहद हल्के में लेते हैं, लेकिन कई बार छोटी सी लापरवाही आपको बहुत महंगी पड़ सकती है। इंटरनेट यूज करते समय हमें हरपल सावधानी बरतने की जरूरत होती है। कहीं गलती से भी चूक हो गई तो आपको बहुत बड़ी चपत लग सकती है। सबसे अधिक खतरा साइबर कैफे में होता है। हम कई बार ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिसका पता हमें भी नहीं रहता। बस, फिर क्या, उठाना पड़ता है भारी भरकम नुकसान। यही खतरा ऑफिसेस में होता है जहां ओपेन माहौल रहता है। यानी आपका सिस्टम अगर कोई दूसरा व्यक्ति भी यूज करता है तो उससे भी बहुत खतरा रहता है। अगर आपभी इंटरनेट यूज करते हैं तो स्लाइड्स के जरिए जानिए कि आखिर वे कौन सी बातें हैं जिनसे सुरक्षा में होती हैं भारी चूक और उस कारण आपको हो सकता है भारी नुकसान...

पासवर्ड नहीं बदलना :- कई लोग ऐसे होते हैं, जो पासवर्ड बनाने के बाद उसे ही लंबे समय तक इस्तेमाल करते रहते हैं। वे इसे बदलते नहीं। वे लोग जो एक ही पासवर्ड अपने सभी आईडी के लिए और उसे लगातार इस्तेमाल करते रहते हैं, उनके एकाउंट के हैक होने की आशंका अधिक होती है। अगर ऐसी संस्था में आप काम करते हैं, जहां समय-समय पर आपको पासवर्ड बदलने की जरूरत होती है, वहां भी कुछ लोग अपने वर्तमान पासवर्ड से मिलते जुलते पासवर्ड का ही इस्तेमाल करते हैं। अगर आप किसी टीम या कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं तो अपने साथियों को भी पासवर्ड का महत्व बताएं। उन्हें समय-समय पर बदलने के लिए प्रेरित करें। इसके आप अलावा किसी थर्ड पार्टी टूल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो रीसेट करते समय मिलते-जुलते पासवर्ड को स्वीकार न करे।


फायरवाल का इस्तेमाल नहीं करना :- आप घर में हैं या फिर अपना आईटी बिजनेस चला रहे हैं, तो फायरवाल एक बेहद जरूरी उपकरण है। वैसे विंडोज और अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम में फायरवाल बिल्ट इन आ रहा है। अगर ऐसा न हो तो आपको एकहार्डवयेर फायरवाल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से आपके नेटवर्क में कोई ऐसी चीज नहीं आ पाएगी जिसे आपने ब्लॉक किया हो। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से अलग यह नुकसान पहुंचाने वाले उन लिंक्स को एक्सेस नहीं होने देगा, जिससे हार्डवेयर फायरवाल में ब्लॉक किया गया हो।

अपडेट ऑप्शन को डिसएबल करना :- कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर अपडेट के ऑप्शन को डिसएबल कर देते हैं। कंपनियों में आमतौर पर फायरवाल होने के कारण इस पर ध्यान नहीं दिया जाता लेकिन यह अच्छी रणनीति नहीं है। आप अपने कंप्यूटर में ओरिजनल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं तो ऑटो अपडेट ऑप्शन को हमेशा एनेबल्ड रखें।

असुरक्षित डाटा स्टोर :- ऐसा माना जाता है कि अगर आपने यूएसबी ड्राइव या अपने निजी लैपटॉप में डाटा सेव कर रखा है तो वह सुरक्षित है लेकिन, यूएसबी ड्राइव के खो जाने या लैपटॉप को नुकसान पहुंचने की स्थिति में आपका डाटा खत्म हो सकता है। आपका डाटा किसी दूसरे के हाथ भी लग सकता है। ऐसे में आप अपने डाटा को अधिक से अधिक सुरक्षित बनाने के लिए किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे उसको कोई दूसरा नहीं खोल सके। आप पोर्टेबल डिवाइसों में सीक्रेट कोडिंग के साथ डाटा रखने के लिए बिटलॉकर या बिटलॉकर टू गो जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

एंटी वायरस का न होना :- आपको एंटी वायरस के महत्व के बारे में पता होना चाहिए। अगर आपने अपने कंप्यूटर में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं किया है तो आप बहुत बड़े लापरवाह हैं। वैसे कोई भी एंटी वायरस सॉफ्टवेयर आपको सौ फीसदी सुरक्षा की गारंटी नहीं देता, लेकिन डाटा की सुरक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है।

May 8, 2011

इंटरनेट के जरिए चल रहे हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने इंटरनेट के जरिए चलने वाले हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसके रैकेट में देश के अलग अलग शहरों में रहने वाली एयर होस्टेस और मॉडल्स ही नहीं, बल्कि टीवी सीरियल्स की कई जानीमानी अभिनेत्रियां और कुछ उभरती हुईं या फ्लॉप अभिनेत्रियां शामिल हैं। आरोपी जोधपुर का सुधांशु गुप्ता (32) का है। पुलिस का मानना है कि वह साइबर पिंप (दलाल) और इस रैकेट का मास्टरमाइंड था। उसने दावा किया है कि इनके क्लाइंट भी कितने हाई प्रोफाइल थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्लाइंट को लड़की मुहैया करवाने की एवज में उससे 1 से 10 लाख रुपये तक लिए जाते थे। डीसीपी (क्राइम ब्रांच) अशोक चांद के मुताबिक को हेड कॉन्स्टेबल अमित तोमर को सूचना मिली थी कि एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाने वाला शख्स शालीमार बाग इलाके में आने वाला है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने ट्रैप लगाकर सुधांशु को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें पता चलीं। एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुधांशु ने 2003 में गाजियाबाद के एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी। एक साल तक दिल्ली स्थित एक मल्टी नैशनल बैंक मंे बतौर रीजनल मैनेजर नौकरी करने के बाद उसने एक शेयर ब्रोकर कंपनी में जॉब हासिल कर लिया और फिर 2005 में वह जोधपुर चला गया। वहां उसने टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस शुरू किया। डीसीपी के मुताबिक पिछले साल जब वह बिजनेस के सिलसिले में दिल्ली आया था, उसी दौरान उसकी मुलाकात एक कॉलगर्ल से हुई और दोनों ने मिलकर वेब पोर्टल के जरिए एस्कॉर्ट सर्विसेज मुहैया करवाने का प्लान बनाया। सुधांशु ने इंटरनेट पर एक वेबसाइट तैयार की और इसके जरिए उसने देशभर में अपना नेटवर्क फैलाया, जिसमें कॉलगर्ल्स के साथ साथ उसके क्लाइंट्स भी शामिल थे। इंटरनेट के जरिए ही एस्कॉर्ट सर्विस देने की इच्छुक लड़कियों को अपने रैकेट में शामिल करता था और जरूरत के मुताबिक उन्हें अलग अलग शहरों में अपने क्लाइंट्स के पास भेजता था। क्लाइंट्स भी पोर्टल के जरिए ही संपर्क करते थे और बाद में फोन पर डील फाइनल होती थी। सुधांशु का चेहरा न तो कभी किसी क्लाइंट ने देखा और न कभी वह रैकेट में शामिल लड़कियों से मिला। सारा काम बस मोबाइल और इंटरनेट के जरिए ही हो जाता था। रैकेट के लिए काम करने वाली सभी लड़कियों को एक बैंक अकाउंट नंबर दिया गया था। क्लाइंट से कैश पेमेंट लेने के बाद लड़कियां पेमेंट का 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा खुद उस बैंक अकाउंट में जमा करवा देती थीं, जिसका नंबर सुधांशु उन्हें देता था। बाद में सुधांशु डेबिट कार्ड से रकम निकाल लेता था। बाकी रकम लड़की खुद रख लेती थी। पुलिस के मुताबिक मार्च में भोपाल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एमपी नगर स्थित एक होटल में छापा मारकर वेश्यावृत्ति के आरोप में दिल्ली की एक हाई प्रोफाइल लड़की को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में लड़की ने बताया था कि वह सुधांशु के लिए काम करती है और उसी के कहने पर वह दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर भोपाल आई थी। उसने सुधांशु द्वारा बताए गए तीन बैंक अकाउंटों में 1 लाख 48 हजार रुपये भी जमा करवाए थे। भोपाल क्राइम ब्रांच ने ये तीनों बैंक अकाउंट सीज कर दिए थे और सरगर्मी से उसे तलाश रही थी। भोपाल पुलिस की धरपकड़ के बाद सुधांशु अपने पोर्टल को बेचने की तैयारी भी कर रहा था।

Jan 14, 2011

आप भी बन सकते हैं ट्विटर के सुपर स्टार

ट्विटर पर सेलिब्रिटी कोई भी बन सकता है। बॉलिवुड सुपर स्टार की तरह भले ही आपके लाखों फॉलोअर न बन पाएं लेकिन कुछ समझदारी से काम लिया जाए तो हजारों का आंकड़ा आपकी पहुंच में आ सकता है। सोशल नेटवर्किंग के इस मंच पर ढेरों ऐसे लोग हैं जो रियल लाइफ में बड़े नाम नहीं हैं लेकिन अपने चतुर अंदाज से वे ट्विटर के सुपर स्टार बन गए हैं। ट्विटर पर ज्यादा फॉलोअर बनाने के क्या हैं टिप्स बता रहे हैं आशीष पांडे :

आपका प्रोफाइल आपका आइना
ट्विटर में सबसे अहम होता है आपका प्रोफाइल। इसमें भी सबसे पहले हम बात करते हैं डीपी यानी डिस्प्ले पिक्चर की, जहां आप अपनी तस्वीर लगाते हैं। याद रखें ट्विटर का अकाउंट है, कोई सरकारी फॉर्म नहीं। इसलिए जरूरी नहीं कि पासपोर्ट साइज कोई आम फोटो लगाई जाए, इसमें कुछ ट्विस्ट लाएं और कूल फोटो लगाएं। इसके बाद आपकी डिटेल्स बेहद अहम है। यहां आप 160 अक्षरों में अपने बारे में लिख सकते हैं। साधारण-सा बायोडेटा बनाने के बजाय अपने बारे में मजेदार ढंग से जानकारी दें। जिसमें आप क्या करते हैं, क्या शौक है और आपकी पर्सनैलिटी का क्या कलेवर है, इसके बारे में पता लग जाए। पूरे 160 अक्षर इस्तेमाल करने के बजाय 3-4 लाइन में आप अपनी बात पूरी कर लें क्योंकि कोई बहुत लंबी-चौड़ी कहानी नहीं पढ़ना चाहता और ट्विटर पर पूरे 160 अक्षर का प्रोफाइल कहानी बन जाता है।

जो बोलो दिल से बोलो
ट्विटर पर आपका प्रोफाइल या डीपी आपको कुछ फॉलोअर दिला सकता है या लोगों को आपकी टाइम लाइन देखने को लुभा सकता है, लेकिन कामयाबी सिर्फ इससे तय नहीं होती। आप क्या ट्वीट करते हैं वह सबसे ज्यादा अहम है। अगर आप अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान जैसी हस्ती नहीं हैं तो मैं बाजार में हूं, टीवी देख रहा हूं, कैसे कपड़े पहने हैं जैसी बेकार की बातें कहने का कोई तुक नहीं है। किसी को आपकी डेली लाइफ में कोई रुचि नहीं है। कुछ मजेदार बात बताएं, किसी घटना या समाचार पर मजेदार कमेंट करें या कुछ अलग बताएं, तभी लोग आपकी सुनेंगे और फॉलोअर बनकर आपकी ट्वीट पढ़ना चाहेंगे।

फॉलो का फंडा : सिलेब्रिटीज
ट्विटर पर आप दो तरह के लोगों को फॉलो करते हैं। पहले जानते हैं कि सिलेब्रिटीज को फॉलो करके कैसे बनाएं ज्यादा फॉलोअर। बड़ी हस्तियां अकसर अपनी बातें ट्विटर पर बताती रहती हैं। आपको अगर उनकी किसी ट्वीट का मजेदार जवाब सूझता है तो उस पर अपना जवाब जरूर दें। लेकिन बस खाली बोलने के लिए बेमतलब की ट्वीट न करें। आप उनसे कभी कोई मजेदार सवाल भी पूछ सकते हैं। अकसर सिलेब्रिटीज अच्छे ट्वीट या सवालों का जवाब भी देते हैं। उनके ऐसा करने पर आपका नाम उनके बाकी फॉलोअर के बीच भी जाता है और आपको ऐसे में कुछ फॉलोअर जरूर मिलेंगे। वे सिलेब्रिटी जिनके बहुत ज्यादा फॉलोअर हैं वे अकसर सभी के जवाब नोटिस नहीं कर पाते। अमिताभ बच्चन के बजाय गुल पनाग से आपको जवाब मिलने के ज्यादा आसार हैं, सचिन तेंडुलकर के बजाय श्रीशांत से रिप्लाई मिल सकता है।

फॉलो का फंडा : कॉमन लोग
सिलेब्रिटीज के अलावा आप ऐसे आम लोग भी ट्विटर पर ढूंढ सकते हैं जो मजेदार ट्वीट करते हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जिन्हें आप फॉलो करेंगे तो वे आपको भी फॉलो करेंगे। इसलिए कई लोगों को फॉलो करने का तरीका आपको भी फॉलोअर जरूर दिलाता है। इसी तरह जो लोग आपको फॉलो कर रहे हैं, उनका प्रोफाइल देखें, अगर वे आपको मजेदार लगते हैं तो उन्हें जरूर फॉलो करें। फॉलो नहीं कर रहे तो कम-से-कम एक डायरेक्ट मेसेज भेजकर थैंक्स तो जरूर कहें। इस तरह अगर आपके 100 के आसपास फॉलोअर हो जाते हैं और आप अच्छे ट्वीट करते हैं तो आपको एक ऑडियंस तो मिल ही जाएगी जिसके बूते आपके फॉलोअर की संख्या बढ़ती ही जाएगी।

ट्वीट करने के बेसिक्स
ट्वीट करने में आप कुछ दिलचस्प सवाल पूछें, अकसर लोग इनका जवाब देते हैं जिससे एक संवाद कायम हो जाता है। इसके अलावा आप अपने पसंद की खबरों या एक्सर्पट्स की ट्वीट को री-ट्विट करें, इससे आप लोगों की टाइम लाइन में अक्सर नजर आते रहेंगे और ज्यादा फॉलोअर बनने का चांस रहेगा। इसके अलावा ट्वीट करते रहें, बेमतलब की बातें नहीं लेकिन कुछ-न-कुछ ट्वीट करें। क्योंकि आप अगर लोगों की टाइम लाइन में नजर आते रहेंगे तो आप फॉलोअर चार्ट में भी ऊपर बनें रहेंगे।

ट्विटर की बोली
टाइम लाइन : ट्विटर पर लॉगइन करने के बाद आपके होम पेज पर जो ट्विटस नजर आती हैं उन्हें टाइम लाइन करते हैं। होम पेज पर टाइम लाइन के अलावा एक सेक्शन mention का है, इसमें अगर कोई आपकी ट्वीट के जवाब में या आपके नाम के साथ कुछ कहता है तो वह नजर आता है।

री-ट्वीट : आप अगर किसी की ट्वीट को उसके ही नाम से अपने ही फॉलोअर के बीच प्रचारित करते हैं तो इसे री-ट्वीट कहा जाता है। ट्विटर के होम पेज पर एक सेक्शन retweet का है जहां आप खुद किए री-ट्वीट मेसेज या दूसरों के द्वारा री-ट्वीट किए गए आपके मेसेज देख सकते हैं। आपका मेसेज अगर लोग री-ट्वीट करते हैं तो यह आपके लिए अच्छी बात है।

हैंडल : ट्विटर पर आपका अकाउंट नेम हैंडल कहलाता है। जब आप ट्विटर पर अपना अकाउंट बनाते हैं तो अकाउंट नेम भी तय करने को कहा जाता है। आप अगर कभी इसे बदलना चाहें तो ट्विटर आपको इसकी छूट देता है, आप अपने पुराने अकाउंट में ही नया नाम दे सकते हैं बशर्ते की वह मौजूद हो। ऐसा करने से आपके ट्विटर अकाउंट, टाइम लाइन या फॉलोअर पर असर नहीं पड़ता।

एफएफ व जीएफएफ : एफएफ का मतलब है फॉलो फ्राइडे, इसे हैश के बटन के साथ आप किसी ट्विटर अकाउंट होल्डर को प्रमोट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब होता है कि इस शख्स को फॉलो करो। जीएफएफ का मतलब होता है गेट फॉलोअर्स फास्ट, यानी कुछ साइट्स कहती हैं कि आप अगर अपना अकाउंट और पासवर्ड उन्हें देंगे तो वे आपको ज्यादा फॉलोअर दिलाएंगी। लेकिन इनसे बचकर रहें क्योंकि ये स्पैम होते हैं।

आरटी, ओह व ट्रेंडिंग टॉपिक : आरटी यानी री-ट्वीट। जब आप किसी की ट्वीट को अपने फॉलोअर के बीच उसी के नाम से भेजते हैं तो यह आरटी कहलाता है। ओह (oh) का मतलब है ओवर हर्ड यानी लोग सुनी-सुनाई गप के लिए इस शब्द का प्रयोग करते हैं। ट्रेंडिंग टॉपिक यानी वे टॉपिक्स जिस पर सबसे ज्यादा ट्वीट हो रही हैं। इसमें आप भारत, अमेरिका, इंग्लैंड या कई अन्य मुल्कों और शहरों यानी दुनियाभर में सबसे ज्यादा ट्वीट हो रहे टॉपिक्स की टॉप लिस्ट देख सकते हैं।

Dec 5, 2010

गडकरी के बेटे की शानदार शादी


नागपुर। देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने अपने बेटे निखिल गडकरी की शादी को यादगार बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए। कल नागपुर के स्टेडियम में रिसेप्शन के दौरान कई दिग्गज शामिल हुए।

गडकरी के बेटे की शादी पर पूरा शहर दुल्हन की तरह सजा था। नागपुर का जामाता स्टेडियम और रेशम बाग में ग्रांड पार्टी रखी गई थी। बड़े-बड़े उद्योगपति, राजनेता, फिल्मी हस्तियां और कई आला अफसर शादी के बाद होने वाले रिसेप्शन में शरीक हुए।

गडकरी ने खरीदा नौ करोड़ का घर, सजावट पर भी फूंके नौ करोड़?


दरअसल 72 साल में पहली बार नागपुर एयरपोर्ट पर 50 से ज्यादा चार्टर्ड प्लेन उतरे। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, राहुल बजाज, कुमारमंगलम बिड़ला और विजय माल्या जैसी देश की कई जानी-मानी हस्तियां गडकरी के ग्रांड शो का हिस्सा बनीं। 270 सीटों वाले एयरबस से 320 भाजपा के बड़े नेता और सांसद नागपुर पहुंचे। एयरबस 319 से लेकर एमब्रेयर जेट विमान तक नागपुर में उतरे।

कल करीब डेढ़ लाख लोग रिसेप्शन में शामिल हुए। शादी के न्योते के लिए एक करोड़ रुपए के तो सिर्फ कार्ड छापे गए। अकेले नागपुर शहर में 1 लाख 36 हजार कार्ड बांटे गए। किसानों की मौत के कारण सुर्खियों में आए महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में अपने खास मेहमानों को गडकरी ने 80 हजार कार्ड बांटे। देश भर में चुनिंदा 76 हजार लोगों को भी शादी का न्योता भेजा गया था।

खाने के शौकीन नितिन गडकरी ने मेहमानों के लिए बेहद लजीज पकवानों का इंतजाम किया गया। इसमें मालवा का खास दाल-बाटी-चूरमा, पंजाब

शाही भोज में 300 लोगों को चांदी की थाली में भोजन परोसा जाएगा। खाना परोसने वाले बैरे खास राजस्थानी ड्रेस में थे। खाने के बाद पेड़ा पान का इंतजाम करना भी नितिन गडकरी नहीं भूले।



भाजपा अध्यक्ष ने मेहमानों का इतना खयाल रखा और उनकी आवभगत में करोड़ों खर्च कर दिए तो भला उसके लिए कुछ करना कैसे भूलेंगे जिसकी शादी है।

पापा गडकरी ने अपने दूल्हे बेटे के लिए भी एक शानदार तोहफे का इंतजाम किया है। अपने बिजनेसमैन बेटे निखिल को नागपुर के हिल रोड पर गडकरी ने एक बंगला तोहफे में दिया है।

बंगला नंबर 46 की कीमत 9 करोड़ रुपए है और माना जा रहा है कि बंगले की साज-सज्जा में ही चार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके साथ ही गडकरी ने अपने दूल्हे राजा बेटे को एक बीएमडब्ल्यू कार भी तोहफे में दी है।