Jan 19, 2013

अगर दम है तो इस सवाल का जवाब देकर दिखाओ।


एक कुतिया के दो पिल्ले थे।
एक का नाम था सपुन और दूसरे का अपुन ।
एक दिन सपुन मर गया।
... अब कुतिया का दूध कौन पिएगा?

जवाब दो लेकिन हंसना मत।

कलयुग के जमाने में काबिल और अच्छा पति मिलना मुश्किल है तो...


कलयुग के जमाने में काबिल और अच्छा पति मिलना मुश्किल है तो हैरत नहीं कि आने वाले जमाने में लड़कियां रोबोट से शादी कर लें।
रोबोट पति (जब देर से घर आया तो) - डियर अब मैं घर पर लॉग इन हो गया हूं।
पत्नी : अंगूठी लेकर आए??
रोबोट पति : उफ बेड कमांड..
पत्नी : अरे! मैंने सुबह ही तो याद दिलाया था!!
... रोबोट पति : मेमोरी लॉस, डेटा करप्ट..
पत्नी : चिढ़कर, कम से मेरे कपड़े तो ले आए ना!
रोबोट पति : सॉरी, वेरिएबल नॉट फाउंड!!
पत्नी: चलो कम से कम अपना क्रेडिट कार्ड दे दो तो मैं ही ले आऊं।
रोबोट पति : शेरिंग वॉएलेशन, एक्सेस डिनाइड
पत्नी: तुम क्या चीज हो? तुम मुझे प्यार करते हो या किसी और कंप्यूटर को या सिर्फ मजाक कर रहे हो?
रोबोट पति : टू मैनी पेरामीटर्स, ऑपरेशन अबॉर्ट!
पत्नी : मैनें सबसे बड़ी गलती कि तो तुमसे शादी की....
रोबोट पति : डेटा मिसमैच!!
पत्नी : तुम एकदम बेकार हो, टीन के डब्बे!!
रोबोट पति : डिफॉल्ट पैरामीटर
पत्नी : हद है, कम से कम इतना तो बताओ कि तुम्हारे साथ कार में वो कौन थी??
रोबोट पति : सिस्टम अनस्टेबल, प्रैस कंट्रोल + आल्ट + डिलीट टू री-बूट सिस्टम!!!..

Joke-कॉलेज में एक बड़ी उम्र की लड़कीने दाखिला लिया तो ...


कॉलेज में एक बड़ी उम्र की लड़कीने दाखिला लिया तो सारे लड़के-लड़कियों ने उसे मौसी कहना शुरू कर दिया। कुछ दिनों तक तो उस बेचारी ने सहन किया। अंत में उसने तंग आकर प्रिंसिपल से शिकायत की।
प्रिंसिपल को बड़ा क्रोध आया तो क्लास रूम में पहुंचे और बोले- जो भी इसे मौसी कहता है वह तुरन्त खड़ा हो जाये।
एक-एक करके सारी क्लास खड़ी हो गयी। केवल एक लड़का बैठा रहा। प्रिंसिपल ने बड़ी हैरानी के साथ उस लड़के से पूछा- क्यों भई! तुम इसे मौसी नहीं कहते?
लड़के ने ठंडी सांस भरकर कहा- सर! मैं सारी क्लास का मौसा हूं।

Jan 17, 2013

बिना इंटरनेट के लैपटॉप या पीसी पर कैसे देखें फ्री में LIVE TV


लैपटॉप या पीसी पर आप कभी भी लाइव मैच और अपने फेवरेट टीवी सीरियल का मजा ले सकते हैं। वो भी बिना किसी चार्ज के। जी हां, बस इसके लिए आपको पेन ड्राइव की तरह दिखने वाले एक डिवाइस को लगाना होगा
पेन ड्राइव जैसा दिखने वाले इस डिवाइस को बाजार में टीवी टच्यूनर के नाम से भी लोग जानते हैं। हालांकि, यह टीवी टच्यूनर घर में इस्तेमाल होने वाले डिवाइस से एकदम अलग होता है। तो इंटरनेट के बिना अपने लैपटॉप पर लाइव टीवी देखने के लिए सबसे पहले इस डिवाइस को खरीदें।
मार्केट में अलग-अलग रेंज में मिलने वाले इस डिवाइस को अटैच करने के लिए आपको अपने पीसी में एक सॉफ्टवेयर डालना पड़ेगा। यह सॉफ्टवेयर सीडी डिवाइस के साथ ही मिलती है।
फीचर-
फ्री लाइव टीवी देखने के लिए यूज होने वाला यह डिवाइस मार्केट में कई फीचर्स के साथ मिलता है। किसी में एफएम रेडियो और प्रोग्राम रिकॉर्डिग की सुविधा भी होती है तो कई डिवाइस प्रोग्राम बैकअप फीचर्स भी देता है।
दिलचस्प है कि टीटी डिवाइस में एवीआई, डीआईवीएक्स और एमपीईजी 1 के साथ-साथ एमपीईजी सपोर्ट भी मौजूद रहता है। इस डिवाइस की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि इसे आप रास्ते में, कार में बैठकर या ऑफिस में कहीं भी आसानी से यूज कर सकते हैं, जो कि चुटकियों में आपके लैपटॉप को टीवी में बदल देता है
टीटी डिवाइस के साथ मिलने वाले एक्स्ट्रा एसेसरीज-
वैसे तो बाजार में अधिकतर जगह इस डिवाइस के साथ केबल, स्टीरियो ऑडियो वायर और पॉवर एडॉप्टर मिलता है, लेकिन यूएसबी की मदद से इसे यूज करने पर पॉवर एडॉप्टर की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में यह लैपटॉप में लगे यूएसबी पोर्ट से ही पावर लेता रहता है।
वर्तमान में बाजार में मिलने वाले टीटी डिवाइस की रेंज 1000 रुपये से शुरू होकर 1 लाख रुपये तक है। वहीं, बाजार में लाइव टीवी दिखाने वाले चाइनीज डिवाइस भी आ गए हैं। तो अब देर किस बात की.. जल्द से जल्द इस डिवाइस को खरीदकर लें कहीं भी-कभी भी फ्री में लाइव टीवी का मजा।

CNN-IBN में पत्रकार सुहासिनी हैदर द्वारा नरेंद्र मोदी जी का लिया गया इंटरव्यू ...


सुहासिनी –

मोदी जी कल हम आपके गाँव वडनगर से होके आये हैं और हमें वहाँ आपके बचपन से लेके बड़े होने तक कि बहुत सारी घटनाएं पता चली ,जैसे हमें वहाँ गाँव के लोगों से पता लगा कि आपको नदी में तैराकी करने का बहुत शौक था ,हमें लोगों ने बताया कि एक बारी आप एक मगरमच्छ भी पकड़कर ले आये थे आदि आदि ,आपकी यादें क्या हैं वडनगर की ??

नरेंद्र मोदी –

दरअसल मैं मेरे गाँव के दिन...ों में एक बहुत अच्छा debater ( बहस एवं तर्क करने वाला ) था , इसके लिए मैं पढाई बहुत करता था , सारा-२ दिन लाइब्रेरी में किताबें पढता था , लेकिन एक बात मुझे अच्छे से याद है कि जब भी कोई प्राकृतिक आपदा होती थी तो पता नहीं क्यों मैं उसी समय काम में लग जाता था चाहे वो विपत्ति मेरे गाँव से 200 km दूर ही क्यों ना आई हो , और मुझे याद है 1962 में जब भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ था तब मैं छोटा बच्चा था उस समय जब सेना के जवान मेहसाणा रेलवे स्टेशन के पास से गुजरते थे तो मैं उनको चाय-बिस्कुट इत्यादि देने में असीम आनंद का अनुभव करता था ,ये वाले जो पल हैं इन्हें मैं कभी नहीं भूल पाता हूँ क्योंकि बहुत अच्छा लगता है कि बचपन में भी देश कि सेवा करने का एक छोटा सा मौका मुझे मिला था

सुहासिनी –

आपने RSS ( संघ ) को क्यों ज्वाइन किया ??


नरेंद्र मोदी –

संघ से मेरा नाता मेरे बचपन से ही शुरू हो गया था , कब शुरू हुआ ये मुझे ध्यान नहीं लेकिन संघ कि एक पद्धति रहती है कि वे आपको बहुत प्रेम देते हैं , बहुत अपनापन देते हैं और जीवनभर का आपसे रिश्ता बना लेते हैं और उसे निभाते भी हैं और उसके कारण मैं तो खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूँ कि संघ के बहुत से महान तपस्वी जीवन जीने वाले व्यक्तियों का मेरे सिर पर हाथ रहा है और मुझे उनके आशीर्वाद मिले हैं

सुहासिनी –

जब आप पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो आपके पास सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं था , आपने फिर ये सरकार चलाना कहाँ से सीखा ??

नरेंद्र मोदी –

ये बात सही है कि जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना तो उस समय तक मैंने कोई चुनाव नहीं लड़ा था , यहाँ तक कि स्कुल में कभी मोनिटर का चुनाव तक नहीं लड़ा था , मेरी ये चुनाव वगैरह लड़ने में कोई रूचि नहीं होती थी क्योंकि मैं जमीनी स्तर पर काम करने वाले संगठन से जुड़ा इंसान रहा हूँ , लेकिन जब बाद में ये सरकार चलाने का काम मेरे जिम्मे दिया गया तो मैंने बस सीखना शुरू कर दिया और सीख गया


सुहासिनी –

आपका कोई ऐसा फैसला है जो आप बदलना चाहें या आपको लगे कि ये फैसला सफल नहीं हो पाया ??

नरेंद्र मोदी –

पहली बात है कि कोई भी व्यक्ति perfect नहीं होता है ,अगर मैं भी ये कहूँ कि मैं बिलकुल perfect हूँ तो मेरे जैसा मुर्ख कोई दूसरा नहीं होगा , मुझमें भी बहुत सारी कमियाँ हैं और मेरी सबसे बड़ी कमी ये है कि मुझे खुद कि कमियाँ कम दिखती हैं ,कई बार मेरे साथी लोग दिखाते हैं तो मेरे ध्यान में आता है कि हाँ भई यहाँ पर थोड़ी कमी रह गई है और फिर मैं उनको ठीक कर लेता हूँ , जहाँ तक बात मेरे किसी फैसले कि है तो मेरा तो वहाँ भी यही मानना है कि अगर मेरे किसी फैसले में भी कोई कमी रह गई हो तो मुझे उसको भी ठीक करना चाहिए क्योंकि आखिर लोकतंत्र ही एक ऐसी ताकत है जो कि आपको आपकी गलती को ठीक करने का अवसर देता है


सुहासिनी –

एक छोटे से गाँव वडनगर से गुजरात के गांधीनगर पर विराजमान होने कि ये जो आपकी पूरी यात्रा रही है ये काफी ऐतिहासिक और आश्चर्यजनक है ,आपको क्या लगता है ??

नरेंद्र मोदी –

मेरे मन में कभी भी ये रहा ही नहीं कि मुझे कुछ बनना है ,हमेशा से सिर्फ एक ही बात रही है कि मुझे कुछ करना है

सुहासिनी –

IT MEANS YOU DON’T HAVE ANY AMBITIONS

नरेंद्र मोदी –

YES I DON’T HAVE ANY AMBITION , I SIMPLY HAVE A MISSION and I AM COMMITTED TO THAT MISSION

सुहासिनी –

गुजरात में लोग आपको आपकी पार्टी बीजेपी से भी बड़ा मानते हैं , आपके विरोधी कहते हैं कि गुजरात में जितने भी चुनाव होते हैं सबमें हर बार जीत नरेंद्र मोदी कि वजह से ही होती है , बीजेपी का उसमें कुछ रोल नहीं होता


नरेंद्र मोदी –

देखिये कुछ लोग जब किसी चीज को स्वीकार नहीं कर पाते हैं जैसे कि मेरे बारे में इतना नेगेटिव बोला गया ,इतनी झूठी बातें मेरे बारे में फैलाई गई ,मेरे खिलाफ सब कुछ करके देख चुके उसके बावजूद भी जब मुझे हिला तक नहीं सके तो फिर उनका अहंकार उन्हें सच्चाई स्वीकार नहीं करने देता ,वे स्वीकार करते भी हैं तो उसमें किन्तु,परन्तु लगाकर और इसीलिए गुजरात में बीजेपी कि विजय को जब वे बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं तो ये सब विवाद डालने कि तरकीबें अपनाते हैं कि भई ये तो मोदी कि जीत है ,बीजेपी कि नहीं है

सुहासिनी –

हमनें अहमदाबाद कि रैली में देखा कि आपने अपना भाषण लाल कृष्ण आडवाणी के भाषण के बाद दिया ,लोगों ने हमें बताया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि गुजरात में जनता सिर्फ आपको सुनने के लिए आती है और बीजेपी को डर था कि आपके आडवाणी से पहले भाषण देने के बाद जनता वहाँ से चली जायेगी और वो अडवानी जी का भाषण नहीं सुनेगी ,तो क्या ये साबित नहीं करता कि आज आपका कद आपकी खुद कि पार्टी बीजेपी से भी बड़ा हो चुका है ??


नरेंद्र मोदी –

ऐसी कोई बात नहीं है ,जिस रैली कि आप बात कर रही हैं उसमें दरअसल तय ये हुआ था कि आडवाणी जी मुझसे पहले बोलेंगे और उसके बाद मैं उन विषयों पर विस्तार से बोलूँगा जिन पर आडवाणी जी संक्षेप में बोलें हैं

सुहासिनी –

लेकिन आज अगर देश में कोई नेता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कोंग्रेस के खिलाफ सबसे ज्यादा बोलता है तो वो आप हैं ,ऐसा क्यों ??


नरेंद्र मोदी –

मैं हैरान हूँ कि हमारा ये ऐसा-कैसा लोकतंत्र है कि मोदी को तो जितनी गालियाँ देनी हों दी जा सकती हैं लेकिन अगर मैं कोंग्रेस या मनमोहन सिंह पर कोई सवाल भी उठाऊं तो आप मीडियावालों को उसमें भी परेशानी है , कमाल है

सुहासिनी –

क्या बीजेपी आज भी हिंदुत्व के मुद्दे को अपने साथ रखती है ??

नरेंद्र मोदी –

हिंदुत्व के बारे में आप जानती क्या हैं


सुहासिनी –

चलिए छोडिये इस सवाल को ,दूसरी बात करते हैं

नरेंद्र मोदी –

नहीं नहीं ,मुझे एक बारी बताइए कि क्या आपको मालुम भी है कि हिंदुत्व है क्या

सुहासिनी –

मैंने इसलिए पूछा क्योंकि बीजेपी आज भी राम मंदिर के बारे में बोलती है


नरेंद्र मोदी –

राम मंदिर कार्यक्रम है या हिंदुत्व है ,मुझे पहले ये समझा दीजिए


सुहासिनी –

ये हिंदुत्व का ही तो हिस्सा है वरना आप बता दीजिए कि क्या है हिंदुत्व

नरेंद्र मोदी –

मैं बताता हूँ आपको कि क्या है हिंदुत्व , हिंदुत्व कहता है ‘’ सर्वधर्म समभाव ‘’ यानी सभी धर्मों का सम्मान हो और सभी धर्मों के प्रति हमारे भीतर अच्छे और समान भाव हों , जरा आप बताएंगी कि इस देश में कौन है जो इस बात का विरोध करेगा, हिंदुत्व कहता है ‘’ एकमसत् विप्राः बहुधा वधंती ‘’ यानी सत्य एक है अलग-२ लोग उसको अलग-२ प्रकार से कहते हैं चाहे वो गीता के जरिये कहें या कुरआन के जरिये या महाभारत के जरिये या रामायण इत्यादि के जरिये , हिंदुत्व कहता है ‘’ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यन्ते मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत् ।। ‘’ यानी सभी सुखी हों सबको आरोग्य मिले सबको अच्छी शिक्षा-दीक्षा मिले ये कहता है हिंदुत्व , है कोई इस देश में जो इसका विरोध करेगा

सुहासिनी –

आप वाईब्रेंट गुजरात के बारे में बोलते हैं लेकिन आपके विरोधी कोंग्रेस के लोग कहते हैं कि आप पांच करोड़ गुजरातियों कि जगह सिर्फ पांच करोड़पति गुजराती कि बात करते हैं

नरेंद्र मोदी –

मैं वाईब्रेंट गुजरात कि समिट 2 साल में सिर्फ 1 बार करता हूँ और वो भी सिर्फ 2 दिनों के लिए लेकिन मैं हर साल एक कृषि महोत्सव करता हूँ जो 30 दिन का होता है , वाईब्रेंट गुजरात कि समिट में मेरे एक हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारी नहीं लगते हैं लेकिन जो कृषि महोत्सव मैं करता हूँ उसमें मैं गाँवों में और खेतों में अपनी पूरी कि पूरी सरकार को लेके जाता हूँ जिसमें कि मेरी सरकार के 1 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी शामिल होते हैं , मैं और मेरे सभी साथी महीने भर मई-जून कि भरी गर्मी में गाँव में रहते हैं और अभियान चलाते हैं ,क्या ये मैं मेरे पांच करोड़ गुजरातियों के लिए नहीं करता हूँ , 13-14-15 जून को जहाँ 44-45 डिग्री का Temperature होता है वहाँ मेरी सरकार के सभी मंत्री ,मेरी सरकार के सभी IAS-IPS Officers और मैं गांव में रहते हैं और उन तीनों दिन घर-२ जाकर बच्चों को स्कुल में लेकर जाते हैं ,क्या ये मैं मेरे पांच करोड़ गुजरातियों के लिए करता हूँ कि नहीं करता हूँ , मैं पूरे गुजरात के अंदर चेक डैम का अभियान चला रहा हूँ अब तक मैंने 3 लाख चेक डैम बनाएँ हैं ,पूरे देश में पानी का स्तर नीचे जा रहा है लेकिन मेरे यहाँ मैं पानी का स्तर ऊपर ला रहा हूँ ,तो क्या मैं ये मेरे पांच करोड़ गुजरातियों के लिए कर रहा हूँ के नहीं कर रहा हूँ , जो वाईब्रेंट गुजरात समिट में 2 साल में 1 बार और वो भी सिर्फ दो दिन के लिए करता हूँ उस पर मेरी बुराई करने के लिए तो आपके पास तरह-२ के शब्द हैं मुहावरें हैं लेकिन हर वर्ष एक महीने तक गाँव-२ जाकर भरी गर्मी में मिटटी खाने वाली मेरी पूरी सरकार जो पसीना बहाती है राज्य कि भलाई के लिए उसकी प्रशंसा करने के लिए आपके पास दो शब्द तक नहीं हैं ,आपके मीडिया कि इसी दिशा के कारण मुझे कहना पड़ता है कि इससे बड़ा देश का दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि सही काम को आप लोग दिखाते नहीं और झूठ को दस-२ दिन तक चलाते रहते हो

सुहासिनी –

आपने गुजरात का इतना विकास किया है ,उसे आज नई ऊचाइयों पर पहुंचा दिया है लेकिन 2002 दंगों को लेकर आप पर आरोप लगते हैं कि आपने हिंदुओं पर एक्शन नहीं होने दिया लेकिन अब इस सबको दस साल हो चुके हैं ,आज आपको देश के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है तो क्या अब हम मान सकते हैं कि अगर दौबारा गुजरात में कभी वैसी ही दंगों वाली स्तिथि बनी तो अबकी बार आपका उन्हें हैंडल करने का तरीका अलग होगा ??


नरेंद्र मोदी –

आप गुजरात का अच्छा सोचिये ना बुरा क्यों सोचती हैं

सुहासिनी –

फिर भी बताइए तो अगर दौबारा वैसा हुआ तो आप थोड़ा अलग तरह से उसे हैंडल करेंगे या नहीं




नरेंद्र मोदी –

क्या फिर भी ,आप क्यों ऐसा सोचती हैं कि दौबारा वैसा होना चाहिए ,आपसे गुजरात का अच्छा क्यों नहीं सोचा जाता ,आप अच्छा सोचिये ना गुजरात का




सुहासिनी –

हम तो अच्छा ही सोचते हैं गुजरात का




नरेंद्र मोदी –

बस तो फिर सब अच्छा ही होगा