Jan 31, 2013

जिंदगी भर निभाता दामिनी का साथ, दोस्त ने उसका मोबाइल नंबर आज भी अपने सेल फोन से डिलीट नहीं किया है...

दामिनी भले ही आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसके दोस्त ने उसका मोबाइल नंबर आज भी अपने सेल फोन से डिलीट नहीं किया है। दामिनी का नंबर उसके सेलफोन में 'जेवी' नाम से सेव है। संस्कृत के इस शब्द का हिंदी में मतलब जीवन होता है। उसने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया है कि दामिनी उसे 'परफेक्ट मैन' बुलाया करती थी। दामिनी का उसे लास्ट गिफ्ट एक ग्रे कलर की टाई थी जो आज भी उसके नई दिल्ली के अपार्टमेंट में रखी है। 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' के साथ बातचीत में युवक ने 16 दिसंबर की रात और अपनी दोस्त के बारे में कुछ नई बातें बताई हैं I आईटी प्रोफेशनल, 28 साल के इस युवक का कहना है कि दामिनी से उसकी पहली मुलाकात बस स्‍टैंड पर हुई थी। रेस्‍तरां में लंच की टेबल पर बात आगे बढ़ी और फिर तो गहरा ही होता गया था प्‍यार। दोनों कई जगह घूमने गए और एक ही कमरे में साथ ठहरे। हालांकि दोनों का रिश्‍ता दोस्‍ती से आगे का नहीं था। युवक के दिमाग से उस रात की तस्वीरें आज भी नहीं निकल सकी हैं।

Jan 29, 2013

एक सुनार था। उसकी दुकान से मिली हुई एक लुहार की दुकान थी.....


एक सुनार था। उसकी दुकान से मिली हुई एक लुहार की दुकान थी। सुनार जब काम करता, उसकी दुकान से बहुत ही धीमी आवाज होती, पर जब लुहार काम करतातो उसकी दुकान से कानो के पर्दे फाड़ देने वाली आवाज सुनाई पड़ती।

एक दिन सोने का एक कण छिटककर लुहार की दुकान में आ गिरा। वहां उसकी भेंट लोहे के एक कण के साथ हुई।
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सोने के कण ने लोहे के कण से कहा, "भाई, हम दोनों का दु:ख समान है। हम दोनों को एक ही तरह आग में तपाया जाता है और समान रुप से हथौड़े की चोटें सहनी पड़ती हैं। मैं यह सब यातना चुपचाप सहन करता हूं, पर तुम...?"

"तुम्हारा कहना सही है, लेकिन तुम पर चोट करने वाला लोहे का हथौड़ा तुम्हारा सगा भाई नहीं है, पर वह मेरा सगा भाई है।" लोहे के कण ने दु:ख भरे स्वर में उत्तर दिया। फिर कुछ रुककर बोला, "पराये की अपेक्षा अपनों के द्वारा गई चोट की पीड़ा अधिक असह्म होती है।"

लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मेरेज रजिस्ट्रेशन ऑफिस गया

लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मेरेज
रजिस्ट्रेशन ऑफिस गया
लंच टाइम होने के कारण ऑफिस बंद थी
और ऑफिस के बहार एक बोर्ड में लिखा था
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दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक ऑफिस बंद रहेगी,
तब तक
एक बार फिर सोच ले

Jan 28, 2013

वो मई के महीने में Exam का बुखार और फिर गर्मी की छुट्टियों का इन्तजार बहुत याद आता है ..!!

वो मई के महीने में Exam का बुखार और फिर गर्मी की छुट्टियों का इन्तजार बहुत याद आता है ..!!

चिलचिलाती धूप में क्रिकेट खेलने जाना और बहिन का "काले हो जाओगे " कह कर चिढाना बहुत याद आता है ..!!
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आइसक्रीम वाले का गली में आकर चिल्लाना बहुत कहने पर भी मम्मी का आइसक्रीम न दिलाना .बहुत याद आता है ..!!

कच्चे आमों को गेंहू के बोरे में पकाना और उन्हें खाने से पहले पानी में भीगाना बहुत याद आता है ..!!

दिन में तीन चार बार हैंडपंप के ठन्डे पानी से नहाना अभी आ रहा हूँ कह कर फिर खेलने चले जाने का बहाना बहुत याद आता है ..!!

छोटी -छोटी बात में बहिन से लड़ जाना , उसकी गलती ना होते हुए भी माँ के सामने उसका आँशू बहाना बहुत याद आता है ..!!

सुबह शाम कूलर में पानी भरना , "पापा से शिकायत कर दूंगी " मम्मी का ये कह कर डराना बहुत याद आता है ..!!

बत्ती ना आने पर छत पर चटाई बिछा कर सोना और फिर वापिस स्कूल खुलने के गम में रोना बहुत याद आता है ..!!

सच ये सब बहुत याद आता है

भीख माँगने के तरीके और वेरायटी....


॰शनि महाराज की जय!

॰बेटा दो दिन से कुछ नहीँ खाया दो रूपया दे दो।
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॰पैर पकड़ता हुआ बच्चा मुँह से कुछ नहीँ पर इशारो से भोजन और पैसा माँगता हुआ।

॰मेरा पर्स चोरी हो गया फलाने जगह जाना है बीस रुपया दे दीजिये,कभी मिलियेगा तो लौटा देंगे।

॰डॉक्टर की ये पुर्जी देखिये दवा के लिये पैसे चाहिये।

॰आप लोग प्लीज मुझे ही वोट किजियेगा,
आगे हम आपका ख्याल रखेंगे।
भुलियेगा नहीं(स्टैण्डर्ड भिखारी जो है)

॰मेरी माँ भी रोई थी,दादी भी रोई थी अब हमारे खानदान से सारा देश रो रहा है।(भावनात्मक भिखारी)

॰अगर आप सच्चे भारतीय है तो मेरा पेज लाईक करे!
अगर आप माँ को प्यार करते है तो ये फोटो लाईक करे।
अगर आप सैनिको को पसंद करते है तो लाईक करे।(फेसबुकिया भिखारी भीख में लाईक दे दे रे बाबा)