Feb 17, 2013

आने वाले दिनों में सिविल परीक्षाओ में
कुछ इस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं...

एक अधिकारी का नियम है कि वह हर टेंडर पर
ठेकेदार से कुल ठेके का 22 प्रतिशत भ्रष्टाचार/
... रिश्वत के रूप में लेता है जिस में 3 प्रतिशत अन्य
को और 15 प्रतिशत मंत्री को देता है ....
एक ठेकेदार ने उस अधिकारी को एक बार में
48 लाख रूपये दिए तो बताओ कि

Q 1 अधिकारी को उस में कितना माल मिला
Q .2 मंत्री को कितना मिला
Q .3 वह टेंडर कुल कितने का था ?

अरे भाई हँस क्या रहे हो उत्तर बताओ ..?

by:प्रभाकर उफॆ ठग बनारसी*

ये देश की तरक्की नही कि 15 रुपये मेँ पानी की बोतल मिलती है ।...

ये देश की तरक्की नही कि 15 रुपये मेँ पानी की बोतल मिलती है ।
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बल्कि प्रजातंत्र के गाल पर करारा तमाचा है कि आजादी के इतने सालोँ बाद भी सरकार देश की जनता को शुद्द पानी फ्री मेँ उपलब्ध नहीँ करा पायी ।

दो लड़के पार्क मे बैठे बाते कर रहे थे....

दो लड़के पार्क मे बैठे बाते कर रहे थे...

पहला- तुम रोज़ी- रोटी के लिए क्या करते हो..
...
दूसरा- सुबह के टाइम अख़बार बाँटता हूँ.., फिर 10 घंटे नोकरी.. शाम को ट्यूसन पढाता हूँ .. रात मे चोकीदारी करता हूँ.. मेरी छोड़ो तुम अपनी बताओ.. तुम्हे मैंने कभी कुछ करते हुए नही देखा..

पहला- यार.. क्या बताउँ.. आज से हज़ारो साल पहले "काँग्रेस" नाम की एक पार्टी हुआ करती थी हमारे पूर्वज उसे पार्टी के नेता हुआ करते थे वो इतना कमा कर रख गये की हमेँ आज तक कुछ करने की ज़रूरत ही नहीँ पड़ी....

दो सहेलियाँ वर्षों बाद मिलीं...एक ने दूसरी से पूछा....

दो सहेलियाँ वर्षों बाद मिलीं. औपचारिक कुशल
क्षेम के बाद
एक ने दूसरी से पूछा.
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'कितने बच्चे हैं तुम्हारे ?
... '
दो बेटियाँ हैं 'दूसरी ने हर्ष के साथ कहा.
पहली सहेली ने चेहरे पर सिकन लाते हुए कहा -:
'हे भगवान, इस जमाने में दो बेटियाँ. मेरे
तो दो बेटे हैं.
मुझे भी दो बार पता चला था गर्भ में बेटी है,
मैंने तो छुटकारा पा लिया. ...
अब देखो कितनी निश्चिन्त हूँ.'
पहली ने कहा. 'काश, तीस वर्ष पहले
तेरी माँ ने भी तेरे जन्म से पहले ऐसा किया होता
तब आज तू दो हत्याओं की दोषी न होती.
तेरी माँ को एक ही ह्त्या का पाप लगता'.
पास में खड़ी सहेली की इस बात पर घिग्गी बन्ध
गई ..!!
उसके पास सर नीचे झुकाने के आलावा कोई
चारा ना था ..!!

एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति नाव में सवार हुआ। वह घमंड से भरकर नाविक से पूछने लगा,....

एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति नाव में सवार हुआ।
वह घमंड से भरकर नाविक
से पूछने लगा,
‘‘क्या तुमने व्याकरण पढ़ा है, नाविक?’’
नाविक बोला, ‘‘नहीं।’’
... व्यक्ति ने कहा, ‘‘अफसोस है कि तुमने अपनी आधी उम्र
यों ही गँवा दी!’’
थोड़ी देर में उसने फिर नाविक से पूछा,
“तुमने इतिहास वभूगोल पढ़ा?”
नाविक ने फिर सिर हिलाते हुए ‘नहीं’
कहा।
व्यक्ति ने कहा, “फिर
तो तुम्हारा पूरा जीवन ही बेकार गया।“
मांझी को बड़ा क्रोध आया। लेकिन उस
समय वह कुछ नहीं बोला। दैवयोग से
वायु के प्रचंड झोंकों ने नाव को भंवर में
डाल दिया।
नाविक ने ऊंचे स्वर में उस व्यक्ति से
पूछा, ‘‘महाराज,
आपको तैरना भी आता है कि नहीं?’’
सवारी ने कहा, ‘‘नहीं, मुझे
तैरना नही आता।’’
“फिर तो आपको अपने इतिहास, भूगोल
को सहायता के लिए
बुलाना होगा वरना आपकी सारी उम्र
बरबाद होने वाली है क्योंकि नाव अब
भंवर मेंडूबने वाली है।’’ यह कहकर
नाविक नदी में कूद तैरता हुआ किनारे
की ओर बढ़ गया।
मनुष्य को किसी एक विद्या या कला में
दक्ष हो जाने परगर्व नहीं करना चाहिए।