Mar 18, 2013

क्या आप जानते है.....

( ??? ))
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*. नया पेन देने पर 97% लोग अपना खुद का नाम लिखते हैं।
*. एक सामान्य मनुष्य की आँखें 200 अंश की चौड़ाई तक देख सकती हैं।
*. पका हुआ तरबूज कच्चे तरबूज की अपेक्षा खोखला होता है।
... *. लगभग छः माह की उम्र होनेतक रोने परभी बच्चों की आँख से आँसू नहीं निकलते।
*. अपेक्षाकृत गरम पानी से सिंचाई किए जाने वाले पौधे ठण्डे पानी से सिंचाई किए जाने वाले पौधों की अपेक्षा तेजी से बढ़ते हैं।
*. एक घंटे तक हेडफोन लगाए रहने पर कान के अंदर बैक्टीरिया 700 गुना बढ़ जाते हैं।
*. उम्र बढ़ने के साथ मनुष्य के कान और नाक के आकार में वृद्धि होती है किन्तु आँखें जन्म से मृत्यु तक एकही आकार की रहती हैं।
*. उँगलियों के निशान जैसे ही प्रत्येकव्यक्ति के जीभ के निशान भी अलग-अलग होते हैं।
*. स्वीडन में एक ऐसा होटल है जो पूर्णतया बर्फ का बनाहै, प्रतिवर्ष इसका पुनर्निर्माण किया जाता है।
*. उँगलियाँ तोड़ने पर जो आवाज सुनाई देती है वह वास्तव में नाइट्रोजन बबल्स के बर्स्ट होने की आवाज होती है।

एक बार तीन दोस्त मर कर नर्क में पहुँच जाते हैं।

एक बार तीन दोस्त मर कर नर्क में पहुँच जाते हैं।
पहले दोस्त को स्वर्ग की सबसे बदसूरत और भद्दी महिला के साथ रहने को कहा गया।
दोस्त ने उस पर ऐतराज़ किया और ऐसा करने का कारण पूछा।
यमराज: जब तुम नौ साल के थे तुमने एक चिड़िया को पत्थर से मारा था इसीलिए।
कुछ ऐसा ही दूसरे दोस्त के साथ भी होता है जब वह यमराज से इसका कारण पूछता है तो उसे भी वाही जवाब मिलता है कि जब वह नौ साल का था तो उसने एक चिड़िया को पत्थर से मारा था।
... अपने दोनों दोस्तों का हाल देख कर तीसरा दोस्त सोच में पड़ गया की कहीं उसने तो ऐसा कुछ नहीं किया था, परन्तु इतने में ही यमराज ने उसे बुलाया और एक सुन्दर सी महिला के साथ भेजते हुए कहा, "तुम इसके साथ रहोगे।
यह देख दोनों दोस्त यमराज के पास गए और उस से बोले, " हे यमराज हम दोनों को यह दो बदसूरत महिलाओं के साथ रहने की सज़ा और उसे उस खूबसूरत महिला के साथ रहने का मौक़ा ऐसा क्यों जबकि वह भी तो हमारे साथ का ही है।
यमराज: दरअसल बात यह है, जब वह महिला नौ साल कीथी तब उसने एक चिड़िया को पत्थर से मारा था...:D

Mar 17, 2013

आप हाथी नहीं इंसान हैं !...

एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे
बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया. उसने
देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, उसे
इस बात का बड़ा अचरज हुआ कि हाथी जैसे विशालकाय
... जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से
बंधे हुए हैं!!! ये स्पष्ट था कि हाथी जब चाहते तब अपने
बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे, पर किसी वजह से
वो ऐसा नहीं कर रहे थे.
,
उसने पास खड़े महावत से पूछा कि भला ये हाथी किस
प्रकार इतनी शांति से खड़े हैं और भागने का प्रयास
नही कर रहे हैं ? तब महावत ने कहा, ” इन
हाथियों को छोटे से ही इन रस्सियों से बाँधा जाता है,
उस समय इनके पास इतनी शक्ति नहीं होती कि इस बंधन
को तोड़ सकें. बार-बार प्रयास करने पर
भी रस्सी ना तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे-धीरे यकीन
होता जाता है कि वो इन रस्सियों नहीं तोड़ सकते, और
बड़े होने पर भी उनका ये यकीन बना रहता है, इसलिए
वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते.”
,
आदमी आश्चर्य में पड़ गया कि ये ताकतवर जानवर सिर्फ
इसलिए अपना बंधन नहीं तोड़ सकते क्योंकि वो इस बात में
यकीन करते हैं!!
,
इन हाथियों की तरह ही हममें से कितने लोग सिर्फ पहले
मिली असफलता के कारण ये मान बैठते हैं कि अब हमसे ये
काम हो ही नहीं सकता और अपनी ही बनायीं हुई
मानसिक जंजीरों में जकड़े-जकड़े पूरा जीवन गुजार देते हैं.
,
,
याद रखिये असफलता जीवन का एक हिस्सा है और निरंतर
प्रयास करने से ही सफलता मिलती है. यदि आप भी ऐसे
किसी बंधन में बंधें हैं जो आपको अपने सपने सच करने से रोक
रहा है तो उसे तोड़ डालिए….. आप हाथी नहीं इंसान हैं.

सुबह सुबह सर रजनीकांत के मजेदार चुटकुलोँ का आनन्द लेँ ..


१. जब रजनीकांत स्कूल जाया करते थे तो स्कूल में
बंक मारना टीचर का काम हुआ करता था।

... २. रजनीकांत जब भी प्याज काटता है, प्याज से
पानी की बूंदें निकलती हैं। साइंटिस्ट कहते हैं
कि ये प्याज के आंसू होते हैं।

३. अगर आप सोचते हैं कि रजनीकांत का दिमाग
कम्प्यूटर से तेज चलता है तो आप थोड़ा सा गलत
हैं। रजनीकांत का दिमाग चाचा चौधरी से तेज
चलता है।

४. एक बार रजनीकांत ने अपने उस बैंक एकाउंट
का चेक काट दिया जिसमें संयोग से रुपये नहीं थे।
नतीजा ये हुआ कि बैंक बाउंस हो गया।

५. रजनीकांत इतना तेज है कि वह
पूरी दुनिया का एक चक्कर लगाकर अपनी पीठ
पर पीछे से आकर खुद को मुक्का मार सकता है।

६. 'नो वन इज परफेक्ट', इस जुमले को रजनीकांत
पर्सनल इंसल्ट के रूप में लेता है।

7 अद्भुत, अविश्वसनीय, बुद्धिमान, शक्तिशाली,
महान जैसे कई शब्द 1949 में डिक्शनरी में जुड़े।
इसी साल रजनीकांत का जन्म हुआ था।

8. दुनिया 2012 में समाप्त
नहीं होगी क्योंकि रजनीकांत ने लाइफ टाइम
वैलीडिटी वाला मोबाइल सिम खरीद लिया है।

9. रजनीकांत के कम्प्यूटर में रिसाइकिल बिन
नहीं है। उसे रजनीकांत ने डिलीट कर दिया है।

10. रजनीकांत यदि 200 साल पहले
पैदा होता तो आज ब्रिटेनवासी अपनी आजादी के
लिए संघर्ष कर रहे होते।

11. रजनीकांत को बचपन में चिकेन पॉक्स नाम
की बीमारी ने अपनी चपेट में लिया था। आज ये
बीमारी दुनिया से गायब हो चुकी है।

12 .एक किसान ने अपने मक्के के खेत में कौवे उड़ने
के लिए रजनीकांत की तस्वीर चिपका दी।
नतीजा यह हुआ कि कौवे अगले ही दिन मक्की के
वे दाने भी वापस ले आए, जो वे पिछले साल लेकर
गए थे।

Mar 16, 2013

जब हवा चलती है तो मैं सोता हूँ...


बहुत समय पहले की बात है, आइस्लैंड के उत्तरी छोर पर एक
किसान रहता था. उसे अपने खेत में काम करने
वालों की बड़ी ज़रुरत रहती थी लेकिन ऐसी खतरनाक
जगह, जहाँ आये दिन आंधी–तूफ़ान आते रहते हों , कोई काम
... करने को तैयार नहीं होता था.
किसान ने एक दिन शहर के अखबार में इश्तहार
दिया कि उसे खेत में काम करने वाले एक मजदूर की ज़रुरत
है. किसान से मिलने कई लोग आये लेकिन जो भी उस जगह के
बारे में सुनता, वो काम करने से मन कर देता. अंततः एक
सामान्य कद का पतला -दुबला अधेड़ व्यक्ति किसान के
पास पहुंचा.
किसान ने उससे पूछा , “ क्या तुम इन परिस्थितयों में काम
कर सकते हो ?”
“ ह्म्म्म, बस जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ .” व्यक्ति ने
उत्तर दिया .
किसान को उसका उत्तर थोडा अजीब लगा लेकिन
चूँकि उसे कोई और काम करने वाला नहीं मिल
रहा था इसलिए उसने व्यक्ति को काम पर रख लिया.
मजदूर मेहनती निकला, वह सुबह से शाम तक खेतों में मेहनत
करता, किसान भी उससे काफी संतुष्ट था. कुछ ही दिन
बीते थे कि एक रात अचानक ही जोर-जोर से हवा बहने
लगी, किसान अपने अनुभव से समझ गया कि अब तूफ़ान आने
वाला है. वह तेजी से उठा, हाथ में लालटेन ली और मजदूर के
झोपड़े की तरफ दौड़ा.
“ जल्दी उठो, देखते नहीं तूफ़ान आने वाला है, इससे पहले
की सबकुछ तबाह हो जाए कटी फसलों को बाँध कर ढक
दो और बाड़े के गेट को भी रस्सियों से कस दो.” किसान
चीखा .
मजदूर बड़े आराम से पलटा और बोला, “ नहीं जनाब, मैंने
आपसे पहले ही कहा था कि जब हवा चलती है तो मैं
सोता हूँ !!!.”
यह सुन किसान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया,
जी में आया कि उस मजदूर को गोली मार दे, पर
अभी वो आने वाले तूफ़ान से चीजों को बचाने के लिए भागा.
किसान खेत में पहुंचा और उसकी आँखें आश्चर्य से खुली रह
गयी, फसल की गांठें अच्छे से बंधी हुई थीं और तिरपाल से
ढकी भी थी, उसके गाय -बैल सुरक्षित बंधे हुए थे और
मुर्गियां भी अपने दडबों में थीं … बाड़े
का दरवाज़ा भी मजबूती से बंधा हुआ था. सारी चीजें
बिलकुल व्यवस्थित थी …नुक्सान होने की कोई
संभावना नहीं बची थी. किसान अब मजदूर की ये बात
कि “जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ ”…समझ चुका था,
और अब वो भी चैन से सो सकता था .
मित्रों , हमारी ज़िन्दगी में भी कुछ ऐसे तूफ़ान आने तय हैं,
ज़रुरत इस बात की है कि हम उस मजदूर की तरह पहले से
तैयारी करके रखें ताकि मुसीबत आने पर हम भी चैन से
सो सकें. जैसे कि यदि कोई विद्यार्थी शुरू से पढ़ाई करे
तो परीक्षा के समय वह आराम से रह सकता है, हर महीने
बचत करने वाला व्यक्ति पैसे की ज़रुरत पड़ने पर निश्चिंत
रह सकता है, इत्यादि.
तो चलिए हम भी कुछ ऐसा करें कि कह सकें –
"जब हवा चलती है तो मैं सोता हू"