guess what kept candidates busy after final combined scores for PO recruitment were out on IBPS website. they flocked onto social networks asking - What is my rank ? Thanks to some bank job related websites who started circulating lists called as candidate rankings . Complaints properties says an official from Ibps.
THERE ARE NO RANK AT ALL-
SOON after the final results were out a specific website had created a separate page revealing personal details of applicants . here is conversation between two people in an online dissuasion forums.
Merit followed by preference
to get a clear picture on the process of preference and its effect on allotment , we requested for the detaied procedure :
1.a person with high score is sure to get the bank of his/her choice.
2.if there are no vacancies in their 1st preferred bank,its checked with 2 nd choice then 3rd & so on
3.in this manner the top 22412 candidates shall get bank jobs.
4.since the validity of scores is one year there could be drop out & new vacancies announced .
5.in such case a waiting list shall be prepared form the remaining qualified candidates , he ecplained
Feb 24, 2013
Feb 23, 2013
असुदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र दौरे पर भारत को फिर चेतावनी दी है।..
असुदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र दौरे पर भारत को फिर
चेतावनी दी है।
मै चेतावनी देता हूँ पाकिस्तान
को कमजोर समझने की भूल न
करे भारत ।
... अगर भारत ने पाकिस्तान के
उपर हमला करने की कोशिश की
तो भारत के 25 करोड मुसलमान पाकिस्तान सेना के साथ
मिलकर
भारत के खिलाफ युद्ध करेगे ।
चेतावनी दी है।
मै चेतावनी देता हूँ पाकिस्तान
को कमजोर समझने की भूल न
करे भारत ।
... अगर भारत ने पाकिस्तान के
उपर हमला करने की कोशिश की
तो भारत के 25 करोड मुसलमान पाकिस्तान सेना के साथ
मिलकर
भारत के खिलाफ युद्ध करेगे ।
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नये बैंक लाइसेंस से बैंकिंग सेवाओं का होगा विस्तार...
नये बैंक लाइसेंस से बैंकिंग सेवाओं का होगा विस्तार:
निजी क्षेत्र में नए बैंकों के लिए लाइसेंस जारी करने के अंतिम दिशानिर्देश जारी होने का उद्योग जगत ने स्वागत किया। उद्योग मंडल एसोचैम ने आज कहा
कि इससे बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
... एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत ने कहा कि इससे ना केवल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि साथ ही मौजूदा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में तब्दील होने की अनुमति देने संबंधी प्रावधान किए जाने से एनबीएफसी क्षेत्र की मांग भी पूरी होगी।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने नए बैंक लाइसेंस जारी करने के लिए शुक्रवार को अंतिम दिशानिर्देश जारी कर दिए, जिसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में कंपनियों के साथ साथ एनबीएफसी को बैंकिंग क्षेत्र में उतरने की अनुमति दी गई है।
रिलायंस कैपिटल के सीईओ सैम घोष ने कहा, हम नए बैकिंग लाइसेंस दिशानिर्देशों का स्वागत करते हैं। ये दूरदर्शी हैं और रिलायंस कैपिटल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहेगी।
रिजर्व बैंक ने 1993 में निजी बैंकों को अनुमति दी थी और आखिरी बार 2001 में दो इकाइयों कोटक महिंद्रा बैंक और यस बैंक को लाइसेंस जारी किए थे।
निजी क्षेत्र में नए बैंकों के लिए लाइसेंस जारी करने के अंतिम दिशानिर्देश जारी होने का उद्योग जगत ने स्वागत किया। उद्योग मंडल एसोचैम ने आज कहा
कि इससे बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
... एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत ने कहा कि इससे ना केवल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि साथ ही मौजूदा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में तब्दील होने की अनुमति देने संबंधी प्रावधान किए जाने से एनबीएफसी क्षेत्र की मांग भी पूरी होगी।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने नए बैंक लाइसेंस जारी करने के लिए शुक्रवार को अंतिम दिशानिर्देश जारी कर दिए, जिसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में कंपनियों के साथ साथ एनबीएफसी को बैंकिंग क्षेत्र में उतरने की अनुमति दी गई है।
रिलायंस कैपिटल के सीईओ सैम घोष ने कहा, हम नए बैकिंग लाइसेंस दिशानिर्देशों का स्वागत करते हैं। ये दूरदर्शी हैं और रिलायंस कैपिटल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहेगी।
रिजर्व बैंक ने 1993 में निजी बैंकों को अनुमति दी थी और आखिरी बार 2001 में दो इकाइयों कोटक महिंद्रा बैंक और यस बैंक को लाइसेंस जारी किए थे।
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Feb 21, 2013
वाह! चायवाले ने गरीब बच्चों के लिए खोल डाला स्कूल:.....
वाह! चायवाले ने गरीब बच्चों के लिए
खोल डाला स्कूल:-
कटक के एक छोटे से टी-स्टॉल
का मालिक गरीब बच्चों की मदद करत
करते उनके लिए एक शिक्षक भी बन
... गया।हर सुबह चाय के ठेला चलाने
वा प्रकाश राव कुछ गरीब
बच्चों को दूध बेचता है जो उसके स्टॉल
के करीब आते हैं। अगर यह 55 साल
का चायवाला इस ओर कदम
नहीं बढ़ाता तो शायद यह बच्चे
कभी पढ़ ही नहीं पाते।
प्रकाश को 11 कक्षा में छात्रवृत्ति के
बाद भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी जिसके
कारण वह शिक्षा की अहमियत जान
चुका था। इसके कारण ही प्रकाश ने
बस्ती में रहने वाले बच्चों को स्कूल
भेजने के लिए प्रेरित किया गया। इस
गांव के 2 किमी के आस पास 4
सरकारी स्कूल हैं पर ज्यादातर मां बाप
बेहद गरीब परिवार से हैं और वह अपने
बच्चों को इस कारण वहां नहीं भेज
सकते।
ऐसे बच्चों की मदद प्रकाश ने
करी जिससे वह पास में
ही अच्छी शिक्षा मुफ्त में ले पाएं।राव
ने सभी बच्चों को कक्षा 3 तक
पढ़ाता है और इसको पास करने वाले
छात्रों को वह सरकारी स्कूल भेजने में
भी मदद करता है।बस्ती में रहने
वाली एक मां बी नागरातनम के मुताबिक
स्कूल से बच्चों का मन पढ़ने में लग
गया।इससे पहले सभी बच्चे
आवारा घूमते रहते थे अब पढ़ाई में
अपना ध्यान लगाकर वह
अपना भविष्य बना रहे हैं।
हालांकि स्कूल बनाने का यह
सपना इतना आसान नहीं था। प्रकाश
को किसी वित्तीय संस्थान से कोई मदद
नहीं मिली और उसने अपने बल पर यह
काम पूरा किया। स्कूल के लिए पूरे
महीने के किराया 10,000 रुपए
होता है जिसमें 4 शिक्षकों का वेतन
अलग होता है। प्रकाश अपने टी स्टॉल
से 20,000 रुपए का फायदा महीने में
कमाता है और कभी किसी बिल के
भुगतान में देरी नहीं करता।
by: gurudip
खोल डाला स्कूल:-
कटक के एक छोटे से टी-स्टॉल
का मालिक गरीब बच्चों की मदद करत
करते उनके लिए एक शिक्षक भी बन
... गया।हर सुबह चाय के ठेला चलाने
वा प्रकाश राव कुछ गरीब
बच्चों को दूध बेचता है जो उसके स्टॉल
के करीब आते हैं। अगर यह 55 साल
का चायवाला इस ओर कदम
नहीं बढ़ाता तो शायद यह बच्चे
कभी पढ़ ही नहीं पाते।
प्रकाश को 11 कक्षा में छात्रवृत्ति के
बाद भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी जिसके
कारण वह शिक्षा की अहमियत जान
चुका था। इसके कारण ही प्रकाश ने
बस्ती में रहने वाले बच्चों को स्कूल
भेजने के लिए प्रेरित किया गया। इस
गांव के 2 किमी के आस पास 4
सरकारी स्कूल हैं पर ज्यादातर मां बाप
बेहद गरीब परिवार से हैं और वह अपने
बच्चों को इस कारण वहां नहीं भेज
सकते।
ऐसे बच्चों की मदद प्रकाश ने
करी जिससे वह पास में
ही अच्छी शिक्षा मुफ्त में ले पाएं।राव
ने सभी बच्चों को कक्षा 3 तक
पढ़ाता है और इसको पास करने वाले
छात्रों को वह सरकारी स्कूल भेजने में
भी मदद करता है।बस्ती में रहने
वाली एक मां बी नागरातनम के मुताबिक
स्कूल से बच्चों का मन पढ़ने में लग
गया।इससे पहले सभी बच्चे
आवारा घूमते रहते थे अब पढ़ाई में
अपना ध्यान लगाकर वह
अपना भविष्य बना रहे हैं।
हालांकि स्कूल बनाने का यह
सपना इतना आसान नहीं था। प्रकाश
को किसी वित्तीय संस्थान से कोई मदद
नहीं मिली और उसने अपने बल पर यह
काम पूरा किया। स्कूल के लिए पूरे
महीने के किराया 10,000 रुपए
होता है जिसमें 4 शिक्षकों का वेतन
अलग होता है। प्रकाश अपने टी स्टॉल
से 20,000 रुपए का फायदा महीने में
कमाता है और कभी किसी बिल के
भुगतान में देरी नहीं करता।
by: gurudip
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चंद सवालों का जवाब दीजिए और पाइए 'चमत्कारी' गूगल चश्मा...
न्यू यॉर्क।। दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल आपके लिए लेकर आई है एक चमत्कारी चश्मा गूगल ग्लास। अगर आप चाहते हैं कि गूगल ग्लास आपको फ्री में मिल जाए, तो आपको देने होंगे कुछ चंद सवालों के जवाब। आपको कंपनी को यह बताना होगा आप इस चश्मे का इस्तेमाल कैसे करेंगे और आप इस चश्मे का इस्तेमाल करने के लायक हैं कि नहीं।
... गूगल ने बुधवार को एक ऐप्लिकेशन कॉन्टेस्ट शुरू किया है जिसमें वह 8 हजार ऐप्लिकेंट्स को चुनेगा और उन्हें गूगल चश्मा देगा। गूगल ने पूछा है कि अगर आपको यह चश्मा मिल जाएगा तो आप इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे। गूगल ने इस कॉन्टेस्ट के लिए बाकायदा एक नई ग्लास वेबसाइट लॉन्च की है। इस साइट पर सारी जानकारियां मौजूद हैं और आप इसको पढ़कर इस कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। इसके होम पेज पर तीन लिंक हैं। पहला लिंक है- इसे पहनने पर कैसे महसूस होता है (हाउ इट फील्स)। दूसरा लिंक है यह कैसे काम करता है (हाउ इट डज) और तीसरा लिंक है- आप इसे कैसे पा सकते हैं (हाउ टु गेट वन)।
पहला लिंक विडियो है। दूसरा लिंक एक गैलरी पर खुलता है और यह बताता है कि ग्लास कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं। इसमें बिल्ट इन वॉइस रेकग्निशन, ऑन बोर्ड और हैंड्स फ्री विडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा है। आप इसके जरिए लाइव विडियो शेयर कर सकते हैं। आप बोलेंगे तस्वीर लो, आप यह चश्मा तस्वीर ले लेगा। आप बोलेंगे मेसेज भेजो और मेसेज तुरंत चला जाएगा। यह आपकी आवाज को सुनकर उसका ट्रांसलेशन कर सकता है। यह मजबूत और हल्का है। इसमें इन बिल्ट सर्च की सुविधा भी मौजूद है। इसमें कई कलर ऑप्शन भी मौजूद हैं।
अंतिम लिंक ऐप्लिकेशन प्रॉसेस को बताता है। इसके जरिए आप जान सकेंगे कि कैसे आपको यह चश्मा मिल पाएगा। दरअसल, गूगल यह जानना चाहता है कि आप इस टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कैसे करते हैं।
अगर आप गूगल के इस चमत्कारी चश्मे पर अपना हक जमाना चाहते हैं तो आपको गूगल प्लस या ट्विटर पर 50 वर्ड्स में अपनी बात बतानी होगी। आप अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए पांच फोटो और और एक 15 सेकंड का विडियो भी दे सकते हैं। विजेता कैंडिडेट्स से गूगल ट्विटर और गूगल प्लस के जरिए संपर्क साधेगा। आप चाहें तो गूगल प्लस पर '+ProjectGlass' और ट्विटर पर '@ProjectGlass' को फॉलो कर सकते हैं। याद रखिए कि आप इस कॉन्टेस्ट में 27 फरवरी तक ही हिस्सा ले सकते हैं।
अभी तक इस चश्मे का इस्तेमाल सिर्फ गूगल कंपनी के कर्मचारी ही कर सकते थे लेकिन अब गूगल ने इसको अन्य लोगों के साथ शेयर करने का मन बनाया है।
... गूगल ने बुधवार को एक ऐप्लिकेशन कॉन्टेस्ट शुरू किया है जिसमें वह 8 हजार ऐप्लिकेंट्स को चुनेगा और उन्हें गूगल चश्मा देगा। गूगल ने पूछा है कि अगर आपको यह चश्मा मिल जाएगा तो आप इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे। गूगल ने इस कॉन्टेस्ट के लिए बाकायदा एक नई ग्लास वेबसाइट लॉन्च की है। इस साइट पर सारी जानकारियां मौजूद हैं और आप इसको पढ़कर इस कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। इसके होम पेज पर तीन लिंक हैं। पहला लिंक है- इसे पहनने पर कैसे महसूस होता है (हाउ इट फील्स)। दूसरा लिंक है यह कैसे काम करता है (हाउ इट डज) और तीसरा लिंक है- आप इसे कैसे पा सकते हैं (हाउ टु गेट वन)।
पहला लिंक विडियो है। दूसरा लिंक एक गैलरी पर खुलता है और यह बताता है कि ग्लास कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं। इसमें बिल्ट इन वॉइस रेकग्निशन, ऑन बोर्ड और हैंड्स फ्री विडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा है। आप इसके जरिए लाइव विडियो शेयर कर सकते हैं। आप बोलेंगे तस्वीर लो, आप यह चश्मा तस्वीर ले लेगा। आप बोलेंगे मेसेज भेजो और मेसेज तुरंत चला जाएगा। यह आपकी आवाज को सुनकर उसका ट्रांसलेशन कर सकता है। यह मजबूत और हल्का है। इसमें इन बिल्ट सर्च की सुविधा भी मौजूद है। इसमें कई कलर ऑप्शन भी मौजूद हैं।
अंतिम लिंक ऐप्लिकेशन प्रॉसेस को बताता है। इसके जरिए आप जान सकेंगे कि कैसे आपको यह चश्मा मिल पाएगा। दरअसल, गूगल यह जानना चाहता है कि आप इस टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कैसे करते हैं।
अगर आप गूगल के इस चमत्कारी चश्मे पर अपना हक जमाना चाहते हैं तो आपको गूगल प्लस या ट्विटर पर 50 वर्ड्स में अपनी बात बतानी होगी। आप अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए पांच फोटो और और एक 15 सेकंड का विडियो भी दे सकते हैं। विजेता कैंडिडेट्स से गूगल ट्विटर और गूगल प्लस के जरिए संपर्क साधेगा। आप चाहें तो गूगल प्लस पर '+ProjectGlass' और ट्विटर पर '@ProjectGlass' को फॉलो कर सकते हैं। याद रखिए कि आप इस कॉन्टेस्ट में 27 फरवरी तक ही हिस्सा ले सकते हैं।
अभी तक इस चश्मे का इस्तेमाल सिर्फ गूगल कंपनी के कर्मचारी ही कर सकते थे लेकिन अब गूगल ने इसको अन्य लोगों के साथ शेयर करने का मन बनाया है।
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