Apr 17, 2013

गुरु चाणक्य के उपदेश आज भी अनुकरणीय है ।



किसी भी व्यक्ति को जरूरत
से
ज्यादा ईमानदार
... नहीं होना चाहिए।
सीधे तने वाले पेड़
ही सबसे काटे जाते हैं
और बहुत
ज्यादा ईमानदार
लोगों को ही सबसे
ज्यादा कष्ट उठाने
पड़ते हैं।
- अगर कोई सांप
जहरीला नहीं है, तब
भी उसे
फुफकारना नहीं छोड़ना चाहिए।
उसी तरह से कमजोर
व्यक्ति को भी हर
वक्त
अपनी कमजोरी का प्रदर्शन
नहीं करना चाहिए।
[ जारी है ]
- सबसे बड़ा गुरुमंत्र :
कभी भी अपने
रहस्यों को किसी के
साथ साझा मत करो,
यह प्रवृत्ति तुम्हें
बर्बाद कर देगी।
- हर मित्रता के
पीछे कुछ स्वार्थ
जरूर
छिपा होता है।
दुनिया में ऐसी कोई
दोस्ती नहीं जिसके
पीछे लोगों के अपने
हित न छिपे हों, यह
कटु सत्य है, लेकिन
यही सत्य है।
- अपने बच्चे को पहले
पांच साल दुलार के
साथ
पालना चाहिए।
अगले पांच साल उसे
डांट-फटकार के साथ
निगरानी में
रखना चाहिए।
लेकिन जब
बच्चा सोलह साल
का हो जाए,
तो उसके साथ दोस्त
की तरह व्यवहार
करना चाहिए। बड़े
बच्चे आपके सबसे अच्छे
दोस्त होते हैं।
- दिल में प्यार रखने
वाले लोगों को दुख
ही झेलने पड़ते हैं।
दिल में प्यार पनपने
पर बहुत सुख महसूस
होता है, मगर इस
सुख के साथ एक डर
भी अंदर ही अंदर
पनपने लगता है, खोने
का डर, अधिकार कम
होने का डर आदि-
आदि। मगर दिल में
प्यार पनपे नहीं,
ऐसा तो हो नहीं सकता।
तो प्यार पनपे मगर
कुछ समझदारी के
साथ। संक्षेप में कहें
तो प्रीति में
चालाकी रखने वाले
ही अंतत: सुखी रहते
हैं।
- ऐसा पैसा जो बहुत
तकलीफ के बाद मिले,
अपना धर्म-ईमान
छोड़ने पर मिले
या दुश्मनों की चापलूसी से,
उनकी सत्ता स्वीकारने
से मिले, उसे स्वीकार
नहीं करना चाहिए।
- नीच प्रवृति के
लोग दूसरों के
दिलों को चोट
पहुंचाने वाली, उनके
विश्वासों को छलनी करने
वाली बातें करते हैं,
दूसरों की बुराई कर
खुश हो जाते हैं। मगर
ऐसे लोग
अपनी बड़ी-बड़ी और
झूठी बातों के बुने
जाल में खुद भी फंस
जाते हैं। जिस तरह से
रेत के टीले
को अपनी बांबी समझकर
सांप घुस जाता है और
दम घुटने से
उसकी मौत
हो जाती है,
उसी तरह से ऐसे लोग
भी अपनी बुराइयों के
बोझ तले मर जाते हैं।
- जो बीत गया,
सो बीत गया। अपने
हाथ से कोई गलत
काम
हो गया हो तो उसकी फिक्र
छोड़ते हुए वर्तमान
को सलीके से जीकर
भविष्य
को संवारना चाहिए।
- असंभव शब्द
का इस्तेमाल
बुजदिल करते हैं।
बहादुर और
बुद्धिमान
व्यक्ति अपना रास्ता खुद
बनाते हैं।
- संकट काल के लिए
धन बचाएं। परिवार
पर संकट आए तो धन
कुर्बान कर दें।
लेकिन
अपनी आत्मा की हिफाजत
हमें अपने परिवार
और धन को भी दांव
पर लगाकर
करनी चाहिए।
- भाई-बंधुओं की परख
संकट के समय और
अपनी स्त्री की परख
धन के नष्ट हो जाने
पर ही होती है।
- कष्टों से
भी बड़ा कष्ट
दूसरों के घर पर
रहना है ।

Apr 16, 2013

पान की दुकान के बाहर बड़ी चहल कदमी थी !.....


पान की दुकान के बाहर बड़ी चहल कदमी थी ! कुछ लोग पान खा रहे थे कुछ
सिगरेट पी रहे थे ! कुछ आपस मैं बतिया रहे थे ,
.
तभी एक थप्पड़ की आवाज़ गूंजी १ एक युवक ने दुसरे को थप्पड़ मार
दिया ,हंगामा हो गया !लोग इकट्ठे हो गए ,एक ने पूच्छा क्यों मारा इसे !
... थप्पड़ मरने वाला युवक देश मई इतनी महंगाई है !
दूसरा युवक ;लेकिन थप्पड़ क्यों मारा
युवक;दिन दहाड़े बहु बतियों की इज्ज़त लूट रही है !
एक बूढी औरत;लेकिन थप्पड़ क्यों मारा
युवक;चार राज्यों मैं सुखा पड़ा है !
एक बूढा;भाई लेकिन थप्पड़ क्यों मारा !
युवक;बिना रिश्वात के कोई कम नहीं होता !
पान वाला ; लेकिन इस को थप्पड़ क्यों मारा ; एक और जोरदार आवाज़
गूंजी अबकी बार थप्पड़ पान वाले को लगा !
लोग;अब इसको क्यों मारा !
युवक ये सब जानता है फिर भी पुच्छ रहा है क्यों मारा; एक बहुत बजुर्ग beta अब तुम बता ही दो क्यों मारा ;

युवक चच्चा देश मैं इतने मुद्दे हैं और ये साला मुझसे पूछता है स्कोर
क्या हुआ है ,बस इसलिए मारा.

Apr 15, 2013

एक कंजूस व्यक्ति समुद्र में नहाते हुए डूबने लगा...

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एक कंजूस व्यक्ति समुद्र में नहाते हुए डूबने
लगा, वो ऊपर देखकर चिल्लाते हुए
बोला,
"हे भगवान, अगर मै बच गया तो एक गरीब
को बिरयानी खिलाऊंगा !"
... तभी एक बड़ी सी लहर आई और उसको साहिल पर फेक दिया ! कंजूस ने ऊपर देखा और हँसते हुए कहा,
"कौन सी बिरयानी.. हा हा हा ...!!"
अचानक एक और लहर आई और
उसको वापस ले गई ! तभी कंजूस रोते हुए बोला,
"मेरा मतलब था वेज या नॉनवेज !!

Apr 11, 2013

बच्चे बड़े हो गए हैं बेटा..

एक युवक...
मैं तकरीबन २० साल के बाद विदेश से अपने
शहर लौटा था! बाज़ार में घुमते हुए
सहसामेरी नज़रें सब्जी का ठेला लगाये एक
बूढे पर जा टिकीं,बहुत कोशिश के बावजूद
... भी मैं उसको पहचान नहीं पा रहा था !
लेकिन न जाने बार बार ऐसा क्यों लग
रहा था कीमैं उसे बड़ी अच्छी तरहसे
जनता हूँ ! मेरी उत्सुकता उस बूढ़ेसे
भी छुपी न रही , उसके चेहरे पर आई
अचानक मुस्कान से मैं समझ
गया था कि उसने मुझे पहचान लिया था!
काफी देर की जेहनी कशमकश के बाद जब
मैंने उसे पहचाना तो मेरे पाँव के नीचे से
मानो ज़मीन खिसक गई ! जब मैं विदेश
गया था तोइसकी एक बहुतबड़ी आटा मिल
हुआ करती थी नौकर चाकर आगे पीछे
घूमा करते थे ! धर्म कर्म, दान पुण्य में सब
सेअग्रणी इस दानवीर पुरुष को मैं
ताऊजी कह कर बुलाया करता था !
वही आटा मिल का मालिक और
आजसब्जी का ठेला लगाने पर मजबूर? मुझ से
रहा नहीं गयाऔर मैं उसके पास
जा पहुँचा और बहुत मुश्किल से रुंधेगले से
पूछा :
"ताऊ जी, ये सब कैसे हो गया?"
भरी ऑंखें लिए मेरे कंधे पर हाथ रख उसने
उत्तर दिया:
"बच्चे बड़े हो गए हैं बेटा...!!!

Apr 10, 2013

Ibps cwe Clerk 2 ii 2013 Total Combined Score and Interview Marks !

Ibps Clerk 2 ii 2013 Total Combined Score Interview Marks


he Candidates who had attended the CWE Clerical Common Interview in the month of March 2013.. after clearing the CWE Clerk Exam 2013 Phase II 2 .. will be curious and anxious nevertheless to get to know the IBPS CWE ClerkInterview Scores as the Clerical Common Interview Results 2013 had been declared ..

GET The details at the

copy and paste below address

http://ibpsresults.sifyitest.com/cweclapr13/login.php?msg=f&appid=sdadfsnlkahflka

or
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