Mar 3, 2011
सबसे महंगी शादी: 250 करोड़ में हुआ विधायक की बेटी का भव्य विवाह
नई दिल्ली। और जैसी कि उम्मीद थी प्रदेश के सोहना विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने देश भर में एक रिकॉर्ड कायम कर दिया। यह रिकॉर्ड है बेटी की सबसे महंगी और भव्य शादी का। इसके पहले तक प्रदेश के लोग फरीदाबाद के सांसद अवतार सिंह भड़ाना की बेटी की शादी को याद करते थे। भड़ाना की बेटी की शादी पानीपत निवासी सफीदों के पूर्व विधायक बच्चन सिंह आर्य के बेटे अशोक आर्य से हुई है। जौनापुरिया की बेटी योगिता की शादी सोमवार रात दिल्ली के जाने माने गुर्जर नेता कंवर सिंह तंवर के बेटे ललित तंवर से हुई। बताया जाता है कि शादी में कुल लगभग 250 करोड़ रुपए खर्च किए गए। दूल्हे को टीके की रस्म में बतौर शगुन ढाई करोड़ रुपए दिए गए तो परिवार के डेढ़ दर्जन सदस्यों को टीके के समय शगुन के रूप में एक-एक करोड़ रुपए दिए गए। लगभग 2000 बारातियों में से सभी को 11 हजार से लेकर 21 हजार रुपए, 30-30 ग्राम के चांदी के बिस्कुट व एक-एक सफारी सूट दिए गए। इस शादी में कई हजार लोगों ने शिरकत की। आसपास के सभी गांवों को इस शादी में निमंत्रण दिया गया था। सगाई पर दूल्हे को 45 करोड़ रुपये का हेलिकॉप्टर दिया गया था। फूलों से महका सारा रास्ता विवाह समारोह के लिए बनाए गए पंडाल से लगभग चार किलोमीटर पहले से ही भव्य प्रकाश व्यवस्था की गई थी। सात घोड़ों के रथ पर सवार दूल्हा बने ललित के विवाह मंडप में पहुंचते ही आतिशबाजी से पूरा आसमान नहा उठा। बारातियों का रास्ता फूलों से महक रहा था। कोलकाता से लेकर बैंकॉक तक से फूल मंगाए गए थे। मीनू में डेढ़ सौ से ज्यादा व्यंजन थे, जिनमें चांदनी चौक की चाट से लेकर हैदराबादी बिरयानी तक थी।
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Mar 2, 2011
दो बोतल व्हिस्की 1.4 करोड़ रुपए में बिकी
नई दिल्ली: शराब के शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तक जा सकते हैं, इसकी मिसाल हाल ही में देखने को मिली जब व्हिस्की पीने के शौकीन दो लोगों ने ग्लासगो में डलमोर 64 ट्रिनिटास व्हिस्की की दो बोतल खरीदने के लिए दो लाख पौंड (करीब 1.4 करोड़ रुपए) खर्च किए। चौंसठ साल पुरानी इस शराब की केवल तीन बोतलें तैयार की गई थीं जिसमें से एक बोतल अमेरिका के एक व्यक्ति ने, जबकि दूसरी बोतल ब्रिटेन के एक प्रतिष्ठित व्हिस्की निवेशक ने एक-एक लाख पौंड में खरीदी। डलमोर व्हिस्की तैयार करने वाली कंपनी व्हाइट एंड मैके के युनाइटेड स्प्रिट्सि तीसरी बोतल अक्तूबर के अंत में लंदन में होने वाले एक व्हिस्की शो में रिकार्ड कीमत में बेचने की योजना बनाई है। कंपनी का दावा है कि विश्व के इतिहास में पहली बार व्हिस्की ने लाख पौंड का स्तर छूआ है।
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जानिए क्या होता है सेक्शन 80डी
आयकर की धारा 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में अदा किए गए प्रीमियम पर आयकर कटौती हासिल होती है। लेकिन सेक्शन 80 डी से जुड़े कई और प्रावधान हैं, जिनपर कर कटौती हासिल होती है। मसलन 80डीडी के तहत आपको अपनी पत्नी, माता-पिता, बच्चे और आश्रित भाई-बहन के इलाज के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम पर कर कटौती हासिल होती है। यह राशि 50,000 रुपये तक होती है। अगर किसी कारणवश अपंगता 40 फीसदी है तो 50000 की कटौती मिलती है। लेकिन यह अपंगता 80 फीसदी या ज्यादा है तो एक लाख रुपये की कटौती मिलती है। सेक्शन 80डीडीबी के तहत किसी गंभीर और लंबी बीमारी के इलाज में खर्च की गई रकम पर कर कटौती मिलती है। इनमें कैंसर डिम्नेशिया, पार्किंसंश और एड्स कुछ दूसरी बीमारियां शामिल हैं। सीनियर सिटीजन के मामले में यह कटौती 40,000 रुपये से लेकर 60,000 रुपये तक हो सकती है। कोई आयकर दाता अपने माता-पिता, बच्चे, आश्रित भाई-बहनों और पत्नी के इलाज में खर्च की गई रकम को कटौती के लिए दावा कर सकता है। इसके लिए चिकित्सक से प्रमाणपत्र लेना होता। सरकारी अस्पताल के चिकित्सक से प्रमाणन मान्य है। पूरी इलाज राशि की कटौती के लिए दावा किया जा सकता है।
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जानिए क्या होता है आयकर धारा 80जी
आयकर की धारा 80 जी के तहत कोई भी व्यक्ति किसी फंड्स या चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन को दिए गए दान पर कर का छूट ले सकता है। ऐसे मामले में सिर्फ एक ही शर्त है कि आप जिस संस्था का यह दान देते हैं वह सरकार के पास रजिस्टर्ड जरूर हो। ऐसे दान में रकम की कोई नहीं है। हालांकि कर छूट का लाभ केवल कुल दान की रकम के दस फीसदी हिस्से तक ही लिया जा सकता है। आयकर की धारा 80 जी के तहत लाभ लेने के लिए आपको दान की रसीद भी जारी करना पड़ता है। आयकर की धारा 80 की अलग-अलग उपधाराओं में आयकर में छूट मिलता है। इनमें बच्चों की शिक्षा, यूलिप या इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत अदा किया गया प्रीमियम भी है। इसके अलावा मेडिकल इंश्योरेंस में अदा किए गए प्रीमियम पर आय कर में छूट क्लेम कर सकते हैं। हालांकि इंश्योरेंस प्रीमियम की रसीदें आयकर कटौती ब्योरे में शामिल करना बेहद जरूरी होता है। बच्चों की फीस में सिर्फ ट्यूशन फीस पर आयकर में छूट मिलती है।
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नाम और शोहरत दिलाती है हाथ में बनी 'यह रेखा'
आप कितने अमीर हैं... या कितने भाग्यशाली हैं... या सफलता के किस शिखर तक आप पहुंचेंगे... इन प्रश्नों के उत्तर भी आपके हाथों की लकीरों में लिखा हैं। वैसे तो काफी कुछ भाग्य रेखा पर निर्भर करता है परंतु सूर्य रेखा भी भाग्य रेखा के साथ अच्छी स्थिति में हो तो वह व्यक्ति सफलता के नए आयाम स्थापित करता है। कहां होती हैं सूर्य रेखा? ज्योतिष शस्त्र के अनुसार सूर्य रेखा व्यक्ति के यश, गौरव, मान-सम्मान, प्रसिद्धि को दर्शाती है। यह रेखा सभी के हाथों में नहीं होती, गरीबों के हाथों में तो होती ही नहीं है। सूर्य रेखा जीवन रेखा या भाग्य रेखा या चंद्र क्षेत्र या मस्तिष्क रेखा या मंगल क्षेत्र (हथेली के मध्य क्षेत्र को मंगल क्षेत्र कहते हैं) से शुरू होकर अनामिका (रिंग फिंगर) तक जाती है। यह रेखा जिसके हाथ में होती है वह व्यक्ति कलाप्रेमी होता है और खूब यश और मान-सम्मान प्राप्त करता है। - यदि सूर्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति सुदंरता की पूजा करने वाला होता है। अन्य रेखाएं दोष रहित तो व्यक्ति कला के क्षेत्र में यश प्राप्त करता है। - यदि यह रेखा भाग्य रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति राजा के समान सुख प्राप्त करता है। - यदि सूर्य रेखा चंद्र क्षेत्र से शुरू हो तो वह व्यक्ति सफलता अन्य लोगों की मदद से प्राप्त करता है। साथ मस्तिष्क रेखा चंद्र क्षेत्र की ओर झुकी हो तो व्यक्ति लेखन के क्षेत्र में नाम और पैसा कमाता है। - यह रेखा हथेली के प्रारंभ से जितनी दूरी से शुरू होती है व्यक्ति को यश और मान-सम्मान उतनी ही अधिक आयु के बाद प्राप्त होता है। - यह रेखा एकदम स्पष्ट हो तो व्यक्ति काफी संवेदनशील होता है। - सूर्य क्षेत्र (अनामिका उंगली के नीचे का क्षेत्र) पर अधिक रेखाएं हो तो व्यक्ति कलाप्रिय होता है और कई योजनाएं बनाता है सभी योजनाओं पर ठीक से कार्य नहीं कर पाता। - सूर्य रेखा ना होने पर व्यक्ति बहुत मेहनत करता है परंतु उसे यश प्राप्त नहीं हो पाता और ऐसा व्यक्ति हमेशा अपेक्षित सम्मान के लिए तरसता रहता है। - सूर्य रेखा वाला व्यक्ति प्रसन्नचित और उत्साही होता है।
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कॉम्बीफ्लेम सहित 6 दवाओं की बिक्री पर बैन
जयपुर. औषधि नियंत्रक विभाग ने एक आदेश जारी कर निर्धारित मापदंडो पर खरा नहीं उतरने पर कॉम्बीफ्लेम, कायनिम, रेस्ट पी, बिसकोडिल, डेनिम पी, आईबूफेम की बिक्री पर प्रतिबंध किया है। औषधि एवं प्रसारण साम्रगी अधिनियम 1940 के तहत इनकी बिक्री पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगाया है। निर्माता साईकेम लेबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड गेगरेट की औषधि रेस्ट पी (नीमुस्लाइड व पेरासिटामोल टेबलेट बैच नंबर टी 174) का सैंपल राजकीय विश्लेषण प्रयोगशाला द्वारा अवमानक घोषित किया गया है। इसमें पेरासिटामोल की मात्रा 66 प्रतिशत मिली। औषधि नियंत्रक डी.के.श्रंगी ने बताया कि डेनवर हैल्थ केयर पंत नगर उत्तराखंड द्वारा निर्मित औषधि आईबूफेम (आईबूप्रोफेन व पेरासिटामोल) टेबलेट बेच नंबर ईआईपी 0001) में मुखय घटक आईबूप्रोफेन की मात्रा 51 प्रतिशत मिली। इसी प्रकार निर्माता गोविस फर्मा लिमिटेड सोलान की कॉम्बीफ्लेम (आईबूप्रोफेन पेरासिटामोल व क्लोरफेनिरामिन बैच नंबर सीएम 252), जेकसन लेबोरेट्री प्रा.लि. अमृतसर की बिसकोडिल टेबलेट बैच नंबर टी 4215, निर्माता एलांयस बायोटेक बद्दी की टेबलेट कायनिम (नीमुस्लाइड व पेरासिटामोल बेच नंबर एटी 1213, निर्माता डॉ.जोन्स लेब प्रा.लि. हरिद्वार की टेबलेट आथरेरिड पी बेच नंबर एआरपीटी 04 के सैंपल औषधि परीक्षण प्रयोगशाला जयपुर द्वारा जारी परीक्षण रिपोर्ट में अवमानक घोषित किया है।
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