आप कितने अमीर हैं... या कितने भाग्यशाली हैं... या सफलता के किस शिखर तक आप पहुंचेंगे... इन प्रश्नों के उत्तर भी आपके हाथों की लकीरों में लिखा हैं। वैसे तो काफी कुछ भाग्य रेखा पर निर्भर करता है परंतु सूर्य रेखा भी भाग्य रेखा के साथ अच्छी स्थिति में हो तो वह व्यक्ति सफलता के नए आयाम स्थापित करता है। कहां होती हैं सूर्य रेखा? ज्योतिष शस्त्र के अनुसार सूर्य रेखा व्यक्ति के यश, गौरव, मान-सम्मान, प्रसिद्धि को दर्शाती है। यह रेखा सभी के हाथों में नहीं होती, गरीबों के हाथों में तो होती ही नहीं है। सूर्य रेखा जीवन रेखा या भाग्य रेखा या चंद्र क्षेत्र या मस्तिष्क रेखा या मंगल क्षेत्र (हथेली के मध्य क्षेत्र को मंगल क्षेत्र कहते हैं) से शुरू होकर अनामिका (रिंग फिंगर) तक जाती है। यह रेखा जिसके हाथ में होती है वह व्यक्ति कलाप्रेमी होता है और खूब यश और मान-सम्मान प्राप्त करता है। - यदि सूर्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति सुदंरता की पूजा करने वाला होता है। अन्य रेखाएं दोष रहित तो व्यक्ति कला के क्षेत्र में यश प्राप्त करता है। - यदि यह रेखा भाग्य रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति राजा के समान सुख प्राप्त करता है। - यदि सूर्य रेखा चंद्र क्षेत्र से शुरू हो तो वह व्यक्ति सफलता अन्य लोगों की मदद से प्राप्त करता है। साथ मस्तिष्क रेखा चंद्र क्षेत्र की ओर झुकी हो तो व्यक्ति लेखन के क्षेत्र में नाम और पैसा कमाता है। - यह रेखा हथेली के प्रारंभ से जितनी दूरी से शुरू होती है व्यक्ति को यश और मान-सम्मान उतनी ही अधिक आयु के बाद प्राप्त होता है। - यह रेखा एकदम स्पष्ट हो तो व्यक्ति काफी संवेदनशील होता है। - सूर्य क्षेत्र (अनामिका उंगली के नीचे का क्षेत्र) पर अधिक रेखाएं हो तो व्यक्ति कलाप्रिय होता है और कई योजनाएं बनाता है सभी योजनाओं पर ठीक से कार्य नहीं कर पाता। - सूर्य रेखा ना होने पर व्यक्ति बहुत मेहनत करता है परंतु उसे यश प्राप्त नहीं हो पाता और ऐसा व्यक्ति हमेशा अपेक्षित सम्मान के लिए तरसता रहता है। - सूर्य रेखा वाला व्यक्ति प्रसन्नचित और उत्साही होता है।
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