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Mar 17, 2013

आप हाथी नहीं इंसान हैं !...

एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे
बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया. उसने
देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, उसे
इस बात का बड़ा अचरज हुआ कि हाथी जैसे विशालकाय
... जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से
बंधे हुए हैं!!! ये स्पष्ट था कि हाथी जब चाहते तब अपने
बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे, पर किसी वजह से
वो ऐसा नहीं कर रहे थे.
,
उसने पास खड़े महावत से पूछा कि भला ये हाथी किस
प्रकार इतनी शांति से खड़े हैं और भागने का प्रयास
नही कर रहे हैं ? तब महावत ने कहा, ” इन
हाथियों को छोटे से ही इन रस्सियों से बाँधा जाता है,
उस समय इनके पास इतनी शक्ति नहीं होती कि इस बंधन
को तोड़ सकें. बार-बार प्रयास करने पर
भी रस्सी ना तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे-धीरे यकीन
होता जाता है कि वो इन रस्सियों नहीं तोड़ सकते, और
बड़े होने पर भी उनका ये यकीन बना रहता है, इसलिए
वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते.”
,
आदमी आश्चर्य में पड़ गया कि ये ताकतवर जानवर सिर्फ
इसलिए अपना बंधन नहीं तोड़ सकते क्योंकि वो इस बात में
यकीन करते हैं!!
,
इन हाथियों की तरह ही हममें से कितने लोग सिर्फ पहले
मिली असफलता के कारण ये मान बैठते हैं कि अब हमसे ये
काम हो ही नहीं सकता और अपनी ही बनायीं हुई
मानसिक जंजीरों में जकड़े-जकड़े पूरा जीवन गुजार देते हैं.
,
,
याद रखिये असफलता जीवन का एक हिस्सा है और निरंतर
प्रयास करने से ही सफलता मिलती है. यदि आप भी ऐसे
किसी बंधन में बंधें हैं जो आपको अपने सपने सच करने से रोक
रहा है तो उसे तोड़ डालिए….. आप हाथी नहीं इंसान हैं.

Mar 16, 2013

जब हवा चलती है तो मैं सोता हूँ...


बहुत समय पहले की बात है, आइस्लैंड के उत्तरी छोर पर एक
किसान रहता था. उसे अपने खेत में काम करने
वालों की बड़ी ज़रुरत रहती थी लेकिन ऐसी खतरनाक
जगह, जहाँ आये दिन आंधी–तूफ़ान आते रहते हों , कोई काम
... करने को तैयार नहीं होता था.
किसान ने एक दिन शहर के अखबार में इश्तहार
दिया कि उसे खेत में काम करने वाले एक मजदूर की ज़रुरत
है. किसान से मिलने कई लोग आये लेकिन जो भी उस जगह के
बारे में सुनता, वो काम करने से मन कर देता. अंततः एक
सामान्य कद का पतला -दुबला अधेड़ व्यक्ति किसान के
पास पहुंचा.
किसान ने उससे पूछा , “ क्या तुम इन परिस्थितयों में काम
कर सकते हो ?”
“ ह्म्म्म, बस जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ .” व्यक्ति ने
उत्तर दिया .
किसान को उसका उत्तर थोडा अजीब लगा लेकिन
चूँकि उसे कोई और काम करने वाला नहीं मिल
रहा था इसलिए उसने व्यक्ति को काम पर रख लिया.
मजदूर मेहनती निकला, वह सुबह से शाम तक खेतों में मेहनत
करता, किसान भी उससे काफी संतुष्ट था. कुछ ही दिन
बीते थे कि एक रात अचानक ही जोर-जोर से हवा बहने
लगी, किसान अपने अनुभव से समझ गया कि अब तूफ़ान आने
वाला है. वह तेजी से उठा, हाथ में लालटेन ली और मजदूर के
झोपड़े की तरफ दौड़ा.
“ जल्दी उठो, देखते नहीं तूफ़ान आने वाला है, इससे पहले
की सबकुछ तबाह हो जाए कटी फसलों को बाँध कर ढक
दो और बाड़े के गेट को भी रस्सियों से कस दो.” किसान
चीखा .
मजदूर बड़े आराम से पलटा और बोला, “ नहीं जनाब, मैंने
आपसे पहले ही कहा था कि जब हवा चलती है तो मैं
सोता हूँ !!!.”
यह सुन किसान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया,
जी में आया कि उस मजदूर को गोली मार दे, पर
अभी वो आने वाले तूफ़ान से चीजों को बचाने के लिए भागा.
किसान खेत में पहुंचा और उसकी आँखें आश्चर्य से खुली रह
गयी, फसल की गांठें अच्छे से बंधी हुई थीं और तिरपाल से
ढकी भी थी, उसके गाय -बैल सुरक्षित बंधे हुए थे और
मुर्गियां भी अपने दडबों में थीं … बाड़े
का दरवाज़ा भी मजबूती से बंधा हुआ था. सारी चीजें
बिलकुल व्यवस्थित थी …नुक्सान होने की कोई
संभावना नहीं बची थी. किसान अब मजदूर की ये बात
कि “जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ ”…समझ चुका था,
और अब वो भी चैन से सो सकता था .
मित्रों , हमारी ज़िन्दगी में भी कुछ ऐसे तूफ़ान आने तय हैं,
ज़रुरत इस बात की है कि हम उस मजदूर की तरह पहले से
तैयारी करके रखें ताकि मुसीबत आने पर हम भी चैन से
सो सकें. जैसे कि यदि कोई विद्यार्थी शुरू से पढ़ाई करे
तो परीक्षा के समय वह आराम से रह सकता है, हर महीने
बचत करने वाला व्यक्ति पैसे की ज़रुरत पड़ने पर निश्चिंत
रह सकता है, इत्यादि.
तो चलिए हम भी कुछ ऐसा करें कि कह सकें –
"जब हवा चलती है तो मैं सोता हू"

Mar 14, 2013

एक 17 साल का लडका सोचता है कि वह खुब मेहनत करेगा करेगा डा होकर करोडपति बनेगा...

और बएक 17 साल का लडका सोचता है कि वह खुब मेहनत करेगा डा होकर करोडपति बनेगा..!
लडका कोलेज पुरी करके नौकरी लगता है लेकिन उस छोटी सी नौकरी से घर का गुजारा नही होता है..!
इसलिए उसने एक छोटा सा धन्धा चालुकरने की सोची..!
लगातार मेहनत के बावजुद भी धंधा बराबर नही चलता है..!
फिर 3-4 धंधे बदलकर देखता है लेकिन उसमे मेँ भी मुँह की खानी पडती है..!
...
उसको लगता है कि उसके नसीब मेँ कभी भी करोडपति बनना नही लिखा है,
ऐसे करते करते उसकी उम्र 35 साल हो जाती है..!

पैसे कमाने के लालच मेँ वह जुगार खेलने की आदत लग जाती है..!
और जितना कमाया था वह सब कुछ जुगार मेँ हार जाता है और रस्ते पर आ जाता है..!
और एक गरीब भिखारी बन जाता है और भीख माँगकर खाता है और रास्ते पर ही सो जाता था..!

ऐसे करते करते उसकी उम्र 55 साल की हो जाती है..!
सब उसको पागल बोलने लगे, वह पागलो की तरह गाने गाता रहता था..!

एक रात जब वह गाना गा रहा था तब वहा से चेनल V का रिपोर्टर निकलता है और उसका एक विडियो बनाकर YOUTUBE पर अपलोड करता है..!
उस विडियो को अच्छा रिस्पोनस मिलता है तो, चेनल वालो ने पुरा एलबम बनाने का विचार किया..!

ओर उस भिखारी को एक साल के लिए साईन करके एक करोड का दिया जाता है

आखिर 56 साल का होता है तब वह करोडपति बनता है

(अमेरिका की सच्ची घटना )

नशीब से ज्यादा और समय से पहले
ना किसी को मिला है और ना ही मिलेगा..

Mar 9, 2013

आप अपना बेहतर दीजिये, फिर देखिये सारी दुनिया आपकी प्रशंसा करेगी"...

एक छोटा बच्चा एक बड़ी दूकान पर लगे टेलीफोन बूथ पर
जाता हैं और मालिक से छुट्टे पैसे लेकर एक नंबर डायल करता हैं|
दूकान का मालिक उस लड़के को ध्यान से देखते हुए
उसकी बातचीत पर ध्यान देता हैं लड़का- मैडम क्याआप मुझे अपने बगीचे की साफ़ सफाई
का काम देंगी? औरत- (दूसरीतरफ से) नहीं, मैंने एक दुसरे लड़के को अपने
... बगीचे का काम देखने के लिए रख लिया हैं| लड़का- मैडम मैं आपके बगीचे का काम उस लड़के से आधे वेतन में
करने को तैयार हूँ! औरत- मगर जो लड़का मेरे बगीचे का काम कर रहा हैं उससे मैं
पूरी तरह संतुष्ट हूँ| लड़का- ( और ज्यादा विनती करते हुए) मैडम मैं आपके घर
की सफाई भी फ्री में कर दिया करूँगा!! औरत- माफ़ करना मुझे फिर भी जरुरत नहीं हैं धन्यवाद| लड़के के चेहरे पर एक मुस्कान उभरी और उसने फोन
का रिसीवर रख दिया| दूकान का मालिक जो छोटे लड़के
की बात बहुत ध्यान से सुन रहा था वह लड़के के पास आयाऔर
बोला- " बेटा मैं तुम्हारी लगन और व्यवहारसे बहुत खुश हूँ, मैं
तुम्हे अपने स्टोर में नौकरी दे सकता हूँ" लड़का- नहीं सर मुझे जॉब की जरुरत नहीं हैं आपका धन्यवाद| दुकानमालिक- (आश्चर्य से) अरे अभी तो तुम उस लेडी से
जॉब के लिए इतनी विनती कर रहे थे !! लड़का- नहीं सर, मैं अपना काम ठीक से कर रहा हूँ की नहीं बस
मैं ये चेक कर रहा था, मैं जिससे बात कर रहा था, उन्ही के
यहाँ पर जॉब करता हूँ| *"Thisis called Self Appraisal"
"आप अपना बेहतर दीजिये, फिर देखिये
सारी दुनिया आपकी प्रशंसा करेगी"

मेरी गुड़िया को अपने सपने पूरे करने दीजिये .....

गुड़िया दुखी थी। पास मे बैठी माँ भी चुप। बबलू ना जाने क्या सोच रहा था।
अभी-अभी पिताजी फरमान जो सुना गए थे की गुड़िया ने दसवीं कर ली है, आगे पढ़ने की जरूरत नहीं। “हमने कौन सा बेटी से नौकरी करवानी है ? देखा नहीं है आज-कल की पढ़ी-लिखी मेमों को। बस गिटर –पिटर अँग्रेजी बोली और आता- जाता कुछ नहीं। ये घर बसाती नहीं, बर्बाद करती है !! एक तो इनकी पढ़ाई-लिखाई पर पैसे लगाओ ऊपर से हमे ही ज्ञान देंगी। पैसे कोई पेड़ पर उगते है ? बस, अब गुड़िया की शादी कर देंगे, अच्छा लड़का देखकर।“
वैसे, बबलू का मोटरसाइकल का टेंडर पास हो गया था। “यही बुढ़ापे का सहारा है। आज इसको देखेंगे, कल ये हमे संभालेगा।“
बबलू की प्यारी बहन थी गुड़िया। और अच्छी तरह समझता था की पिताजी गलत कर रहे है।

... शाम को पिताजी से वह बोला,’ आप गुड़िया को पढ़ाइए, मुझे मोटरसाइकल नहीं चाहिए। पापा, कुछ लड़के भी पढ़-लिख कर गधे ही रहते है। इसमे पढ़ाई का दोष नहीं है। क्यूंकी परिवार, समाज, देश या विश्व मे अगर कोई जागृति और उन्नति हुई है तो वो पढे-लिखों की वजह से। और वैसे भी शिक्षा गुड़िया का अधिकार है। अगर आप, जन्मदाता हो कर उसके अधिकारों का सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरे घरवालों से क्या अपेक्षा !! एक पढ़ी-लिखी लड़की परिवार की एक पूरी पीढ़ी को शिक्षा दे प्रग्रतिशील बना सकती है। अपने स्वाभिमान के लिए खड़ी हो सकती है और जरूरत पड़े तो आत्मनिर्भर भी हो सकती है। मेरी गुड़िया को अपने सपने पूरे करने दीजिये ..... में उसके टूटे सपनों पर मोटरसाइकल नहीं चला सकता।‘

पिताजी की स्वीकृति मे मुस्कान भी थी और गर्व भी। गुड़िया और माँ की आँखों मे वो अच्छे वाले आँसू।