Jan 22, 2013

भिखारी को देना पुण्य है। मैंने उसे अधिक रुपए देकर पुण्य कमाया है...एक कहानी...


'ओ... रिक्शे वाले, आजाद नगर चलोगे?' सज्जन व्यक्ति जोर से चिल्लाया।

'हाँ-हाँ क्यों नहीं?' रिक्शे वाला बोला।
...
'कितने पैसे लोगे?'

'बाबू जी दस रुपए।'

'अरे दस रुपए बहुत ज्यादा हैं मैं पाँच रुपए दूँगा।'

रिक्शे वाला बोला, 'साहब चलो आठ...'

'अरे नहीं मैं पाँच रुपए ही दूँगा।' रिक्शेवाला सोचने लगा, दोपहर हो रही है जेब में केवल बीस रुपए हैं, इनसे बच्चों के लिए एक समय का भरपेट खाना भी पूरा नहीं होगा।

मजबूर होकर बोला ठीक है साब बैठो। रास्ते में रिक्शेवाला सोचता जा रहा था, आज का इंसान दूसरे इंसान को इंसान तो क्या जानवर भी नहीं समझता। ये भी नहीं सोचा यहाँ से आजाद नगर कितनी दूर है, पाँच रुपए कितने कम हैं। मैं भी क्या करूँ? मुझे भी रुपयों की जरूरत है इसलिए इसे पाँच रुपए में पहियों की गति के साथ उसका दिमाग भी गतिशील था।

आजाद नगर पहुँचने के बाद जैसे ही वह रिक्शे से नीचे उतरा। एक भिखारी उसके सामने आ गया। सज्जन व्यक्ति ने अपने पर्स से दस रुपए उस भिखारी को दे दिए और पाँच रुपए रिक्शे वाले को।

रिक्शेवाला बोला, साहब मेरे से अच्छा तो यह भिखारी रहा जिसे आपने दस रुपए दिए। मैं इतनी दूर से लेकर आया और मेरी मेहनत के सिर्फ पाँच रुपए?'
सज्जन व्यक्ति बोला, 'भिखारी को देना पुण्य है। मैंने उसे अधिक रुपए देकर पुण्य कमाया है।'

'और जो मेरी मेहनत की पूरी मजदूरी नहीं दी ऐसा करके क्या तुम पाप के भागीदार नहीं?' रिक्शेवाले ने कहा। उसकी बात सुनते ही सज्जन व्यक्ति को क्रोध आ गया। वह बोला - 'तुम नीच लोगों से मुँह लगाना ही फिजूल है।

इस पर कवी अशोक चक्रधर जी ने क्या खूब कहा हैं
आवाज़ देकर
रिक्शेवाले को बुलाया
वो कुछ
लंगड़ाता हुआ आया।

मैंने पूछा—
यार, पहले ये तो बताओगे,
पैर में चोट है कैसे चलाओगे ?

रिक्शेवाला कहता है—
बाबू जी,
रिक्शा पैर से नहीं
पेट से चलता है।

Jan 21, 2013

जब करोडो के घोटाले हुए - सारा देश रोया कोई कांग्रेसी नहीं रोया ...


जब करोडो के घोटाले हुए - सारा देश रोया कोई कांग्रेसी नहीं रोया
जब महंगाई बढ़ी - सारा देश रोया कोई कांग्रेसी नहीं रोया
जब दामिनी दुनिया से गयी - सारा देश रोया कोई कांग्रेसी नहीं रोया
जब हमारे जवानों के सर काटे गए- सारा देश रोया कोई कांग्रेसी नहीं रोया
जब डीज़ल महंगा हुआ- सारा देश रोया कोई कांग्रेसी नहीं रोया
... जब रेल किराया बढ़ा- सारा देश रोया कोई कांग्रेसी नहीं रोया
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पर कांग्रेसी रोये भी तो "Rahul gandhi" के भाषण को सुनकर !!

कल "किसी" ने अपने भाषण मेँ कहा कि माँ रोई.....!!!


कल "किसी" ने अपने भाषण मेँ कहा कि माँ रोई!!!

मैँ कहता हुँ कि इस देश में माँ तो होती ही रोने के लिए है। उन साढ़े तीन लाख किसानो की माँएं भी रोई ही होंगी जिन्होंने आत्महत्या की। सुदूर गांवों, छोटे कस्बों, जिलों में भूख, गरीबी, ठण्ड, अभाव और बिना इलाज़ के मरने वाले बच्चों की माँ भी रोती तो होंगी ही। गरीबी से तंग आ के जब पूरा का पूरा परिवार ही आत्महत्या कर लेता है तो उसमे तो माँ ही नहीं बचती है रोने के लिए। माँ को कहो की थोडा उन का भी रोना रो लें जिन जिन की माँ रोई;

Jan 20, 2013

इंटरनेट यूज करते समय अगर इन बातों का नहीं रखेंगे ख्याल तो होगा भारी नुकसान...


हम ऑन लाइन और ऑफ लाइन काम करते समय सुरक्षा से जुड़ी कई चीजों को बेहद हल्के में लेते हैं, लेकिन कई बार छोटी सी लापरवाही आपको बहुत महंगी पड़ सकती है। इंटरनेट यूज करते समय हमें हरपल सावधानी बरतने की जरूरत होती है। कहीं गलती से भी चूक हो गई तो आपको बहुत बड़ी चपत लग सकती है। सबसे अधिक खतरा साइबर कैफे में होता है। हम कई बार ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिसका पता हमें भी नहीं रहता। बस, फिर क्या, उठाना पड़ता है भारी भरकम नुकसान। यही खतरा ऑफिसेस में होता है जहां ओपेन माहौल रहता है। यानी आपका सिस्टम अगर कोई दूसरा व्यक्ति भी यूज करता है तो उससे भी बहुत खतरा रहता है। अगर आपभी इंटरनेट यूज करते हैं तो स्लाइड्स के जरिए जानिए कि आखिर वे कौन सी बातें हैं जिनसे सुरक्षा में होती हैं भारी चूक और उस कारण आपको हो सकता है भारी नुकसान...

पासवर्ड नहीं बदलना :- कई लोग ऐसे होते हैं, जो पासवर्ड बनाने के बाद उसे ही लंबे समय तक इस्तेमाल करते रहते हैं। वे इसे बदलते नहीं। वे लोग जो एक ही पासवर्ड अपने सभी आईडी के लिए और उसे लगातार इस्तेमाल करते रहते हैं, उनके एकाउंट के हैक होने की आशंका अधिक होती है। अगर ऐसी संस्था में आप काम करते हैं, जहां समय-समय पर आपको पासवर्ड बदलने की जरूरत होती है, वहां भी कुछ लोग अपने वर्तमान पासवर्ड से मिलते जुलते पासवर्ड का ही इस्तेमाल करते हैं। अगर आप किसी टीम या कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं तो अपने साथियों को भी पासवर्ड का महत्व बताएं। उन्हें समय-समय पर बदलने के लिए प्रेरित करें। इसके आप अलावा किसी थर्ड पार्टी टूल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो रीसेट करते समय मिलते-जुलते पासवर्ड को स्वीकार न करे।


फायरवाल का इस्तेमाल नहीं करना :- आप घर में हैं या फिर अपना आईटी बिजनेस चला रहे हैं, तो फायरवाल एक बेहद जरूरी उपकरण है। वैसे विंडोज और अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम में फायरवाल बिल्ट इन आ रहा है। अगर ऐसा न हो तो आपको एकहार्डवयेर फायरवाल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से आपके नेटवर्क में कोई ऐसी चीज नहीं आ पाएगी जिसे आपने ब्लॉक किया हो। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से अलग यह नुकसान पहुंचाने वाले उन लिंक्स को एक्सेस नहीं होने देगा, जिससे हार्डवेयर फायरवाल में ब्लॉक किया गया हो।

अपडेट ऑप्शन को डिसएबल करना :- कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर अपडेट के ऑप्शन को डिसएबल कर देते हैं। कंपनियों में आमतौर पर फायरवाल होने के कारण इस पर ध्यान नहीं दिया जाता लेकिन यह अच्छी रणनीति नहीं है। आप अपने कंप्यूटर में ओरिजनल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं तो ऑटो अपडेट ऑप्शन को हमेशा एनेबल्ड रखें।

असुरक्षित डाटा स्टोर :- ऐसा माना जाता है कि अगर आपने यूएसबी ड्राइव या अपने निजी लैपटॉप में डाटा सेव कर रखा है तो वह सुरक्षित है लेकिन, यूएसबी ड्राइव के खो जाने या लैपटॉप को नुकसान पहुंचने की स्थिति में आपका डाटा खत्म हो सकता है। आपका डाटा किसी दूसरे के हाथ भी लग सकता है। ऐसे में आप अपने डाटा को अधिक से अधिक सुरक्षित बनाने के लिए किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे उसको कोई दूसरा नहीं खोल सके। आप पोर्टेबल डिवाइसों में सीक्रेट कोडिंग के साथ डाटा रखने के लिए बिटलॉकर या बिटलॉकर टू गो जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

एंटी वायरस का न होना :- आपको एंटी वायरस के महत्व के बारे में पता होना चाहिए। अगर आपने अपने कंप्यूटर में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं किया है तो आप बहुत बड़े लापरवाह हैं। वैसे कोई भी एंटी वायरस सॉफ्टवेयर आपको सौ फीसदी सुरक्षा की गारंटी नहीं देता, लेकिन डाटा की सुरक्षा के लिए यह बहुत जरूरी है।

टीम इंडिया ने वनडे रैंकिंग में अव्वल स्थान हासिल कर लिया...


रांची में धोनी का राज हुआ। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने वनडे रैंकिंग में अव्वल स्थान हासिल कर लिया। आईसीसी की ताजा जारी वनडे टीम रैंकिंग में भारतीय टीम 119 रेटिंग के साथ पहले पायदान पर है। इंग्लैंड एक स्थान सरक कर दूसरे पायदान पर आ गया है। जबकि साउथ अफ्रीका तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। तीसरे वनडे मुकाबले में टीम इंडिया ने अपने कप्तान का रुतबा कायम रखते हुए इंग्लैंड को एकजुट हो कर सात विकेट से हराया। गेंदबाजों ने जहां मिल कर मेहमान टीम को 155 रन पर समेटा, वहीं विराट कोहली ने आखिरी पंच लगाते हुए 77 रन की नाबाद पारी खेली। पाकिस्तान से 1-2 की पराजय के बाद राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ 9 रन की हार ने मेजबान टीम को बैकफुट पर कर दिया था। लेकिन जैसा कि कहा जाता है, हिम्मत ए मर्दा, मदद ए खुदा। ठीक इसी तर्ज पर टीम के नए पैंतरे एकाएक क्लिक होने लगे और टीम फिर से जीत के ट्रैक पर लौट आई। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के घर रांची में यह पहला इंटरनेशनल मुकाबला था। इस मैदान पर मिली जीत ने टीम इंडिया को आने वाले कठिन सीजन के लिए जीत के कुछ सूत्र दे दिए। धोनी एंड कंपनी को यहां कुछ ऐसे पाठ सीखने को मिले जिसे यदि वे निखार लें तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उनकी विजय तय हो जाएगी