Feb 10, 2013

1*सोनिया गांधी टाइप—ये वो बच्चे होते हैं............


हर कक्षा में अलग-अलग टाइप के बच्चे होते हैं,हमने गुणों के आधार पर कुछ टाइप्स ढूंढ निकले हैं..

1*सोनिया गांधी टाइप—ये वो बच्चे होते हैं जिनके माता-पिता स्कूल के प्रिंसिपल या चेयरमेन होते हैं और सिर्फ इसी वजह से इन्हें क्लास का मॉनीटर बना दिया जाता है,अमूमन इस तरह के हाई सोसायटी बच्चे ‘बाहर के बच्चो’ से ज्यादा संपर्क रखते हैं..!

2*राहुल गांधी टाइप—ये वो बच्चे होते है जो शारीरिक रूप से तो बड़े हो जा...ते हैं पर मानसिक तौर पर अभी भी छोटे होते हैं,इनमे निर्णय लेने की और परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता नहीं होती है,इनके घर वाले इनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों पर खुश हो जाते हैं..!

3*दिग्विजय सिंह टाइप—ये वो बच्चे होते हैं जो पढाई की बाते छोड़ कर हर तरह की बाते करते हैं,इनका सिर्फ एक ही काम होता है ज्यादा से ज्यादा बोल कर सबका ध्यान अपनी और आकृष्ट कराना,साफ़-सफाई पर ध्यान न देने से इनके मुंह से हमेशा दुर्गन्ध आती रहती है,कोई भी इनके पास बैठना पसंद नहीं करता ,इनमे कई बुरी आदते होती है जैसे हमेशा नाक में ऊँगली डालना,ये बड़े पूर्वाग्रही होती हैं मसलन अगर इनके किसी मित्र (राम सिंह शेरावाला-RSS) ने इनके चने चुरा कर खा लिए तो इनकी हर शिकायत में उसी का नाम आएगा..!

4*सुरेश कलमाडी टाइप--ये बच्चे पढाई में कमजोर होते हैं,चाक से लेकर डस्टर तक स्कूल में किसी भी चीज की चोरी होने पर इनका ही नाम आता है लेकिन तब भी स्कूल के हर तरह के आयोजन में सबसे आगे होते हैं,और ऐसे मौको पर विदाई में दी जाने वाली घड़ी से लेकर टेंट की कुर्सिओ और पानी की बोतल तक के पैसो में हेर-फेर का मौका कभी नहीं गंवाते..!

5*केजरीवाल टाइप—इस तरह के बच्चे पढाई मे अमूमन काफी अच्छे होते हैं पर इनका ध्यान अपने काम से ज्यादा #1 ,#6 और #7 की शिकायत में रहता है,क्योंकि ये बच्चे खुद ईमानदार होते हैं इसलिए #1 टाइप #7 टाइप के बच्चे इनसे काफी डरते हैं, #3 टाइप बच्चे इनको #6 टाइप से मिला हुआ मानते हैं जबकि #7 टाइप के बच्चे इन्हें #1 टाइप से मिला हुआ मानते हैं | इनका सबसे पसंदीदा काम होता है किसी भी बच्चे की सबके सामने पोल खोलना,खेल के मैदान में ये बच्चे ढेर सारी धूल सामने वाले पर फेंक के तू चोर-तू चोर कहते हुए भाग जाते हैं..!

6*नरेंद्र मोदी टाइप—ये बच्चे भी कुशाग्र बुद्धि के होते हैं और #1 टाइप के बच्चे इनसे काफी डरते हैं,ये खुद मोनीटर बनना चाहते हैं लेकिन इनपर सेक्शन-B के बच्चो से मारपीट के इल्जाम के कारण बात कुछ बनती नहीं,यूँ तो ये स्कूल में काफी लोकप्रिय बच्चे होते हैं पर कभी इनकी खुद के दोस्त के दोस्तो से नही बनती कभी ऑटो में आने वाले बच्चो से,शिक्षको की माने तो ये बच्चे इस साल टॉप भी कर सकते हैं बशर्ते इनके साथी B-सेक्शन के बच्चो को डराना बंद कर दे वर्ना प्रेक्टिकल्स में इनके नंबर कम किये जा सकते हैं..!

7*गडकरी टाइप—ये बच्चे निहायत ही पेटू किस्म के होते हैं इनके खुद के बैग में किताबो से ज्यादा टिफिन होते हैं पर फिर भी इनका पेट नहीं भरता तो ये अपने साथ पढने वाले ड्राइवर के बच्चो के बैग में भी टिफिन भर कर लाते हैं,अपनी उदर-‘पूर्ती’ के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं..!

8*DNA तिवारी टाइप—ये वो बच्चे होते हैं जो एक ही क्लास मेंकई साल फेल होते हैं और दिमाग बड़ा होने के कारन इनका ध्यान पढाई से कई-कई माशूकाओं पर होता है,कक्षा में इनका ध्यान ज्यादातर बगल की बेंच की छात्राओं पर होता है..!

9*अभिषेक मनु सिंघवी टाइप—ये बच्चे निहायत ही टुच्चे किस्म के होते हैं,आवारा बच्चो की संगत में रहने के कारण ये काफी बिगड़ जाते हैं,कुछ बच्चों का कहना ये भी है कि पेन्सिल का डिब्बा देने के बहाने पिछले साल ये कईयों को फुसलाते हुए भी देखे गए थे, क्लास में इनका ज्यादातर समय किताबो के भीतर मनोहर कथाएँ और सरस-सलिल पलटाते हुए बीतता है..!

10*अमर सिंह या सी.डी.सिंह टाइप—ये बच्चे टुच्चे के साथ ही लुच्चे किस्म के भी होते हैं ये क्लास में छुपकर छात्राओं की फोटो खीचने के कारण बदनाम होते हैं खबर है पिछले साल स्टाफ रूम में कैमरा भी इसी ने छुपाया था ..!

11*राजीव शुक्ल टाइप—इन बच्चो का मन पढाई से ज्यादा खेल-कूद में लगता है,टीचरों के कान में खुसर-फुसर कर जल्द से जल्द क्लास से भागने की फिराक में रहते हैं..!
12*ममता बनर्जी टाइप—ये बच्चे शिकायतों से भरे होते हैं इन्हें हर बात में शिकायत रहती है,आज अगर टेस्ट है तो ये कहेंगे कल इन्हें बताया नहीं गया,ये अक्सर शिक्षको से पिछले चेप्टर पढ़ाने की जिद (रोल बैक ) लेकर बैठे रहते हैं..!

13* लालू यादव टाइप—ये मस्तमौला टाइप के बच्चे होते हैं इनके जो मन में आया वो करते हैं,गंभीर से गंभीर विषय को ये खिल्ली में उड़ाते रहते हैं और अपनी राय बना कर रखते हैं ,गाँव देहात से आये ये बच्चे क्लास में कभी-कभी सोते हुए भी पाए जाते हैं..अपनी इसी आदत के कारण कभी-कभी इन्हें उसी क्लास में कई साल गुजारने पड़ते हैं..!

14*शशि थरूर टाइप—ये बाहर की स्कूल से आये हुए बच्चे होते हैं जिन्हें यहाँ का माहौल ज्यादा रास नहीं आता,ये उस किस्म के बच्चे होते हैं जो स्कूल में मोबाईल,वीडीओगेम लाकर बाकी बच्चो के सामने इठलाते हैं, टेक्नोसेवी होने के कारन क्लास में ज्यादातर समय स्मार्टफोन पर खुटर-पिटर करते बिताते है,ये अपनी ‘गर्लफ्रेंडों’ के कारन भी चर्चा का विषय बने रहते हैं..!

15* मायावती टाइप—ये कुंठित किस्म के बच्चे होते हैं इनकी शिकायत होती है की शिक्षक इन पर ध्यान नहीं देते कोई इन्हें प्यार नहीं करता सब बहन-जी,बहन-जी कह कर चिढाते हैं ,ये अक्सर स्कूल की दीवारों और बाथरुम में अपना नाम लिखते हुए पाए जाते हैं..!

प्र . कोग्रेस का चुनाव चिन्ह "हाथ" क्यों है।..

प्र . कोग्रेस का चुनाव चिन्ह "हाथ" क्यों है।
उ . ये बताने के लिए की भारतियों का भाग्य एक ही परिवार के हाथ में रहेगा।
प्र . डीएमके का चुनाव चिन्ह "सूर्य" क्यों है।
उ . ताकि करूणानिधि के कमरे में आप काला चश्मा पहन के जाए।
प्र . लालू का चुनाव चिन्ह "लालटेन "क्यों है
... उ . बचा हुआ चारा तलाश करने के लिए।
प्र . शिवसेना का चुनाव चिन्ह "तीर कमान" क्यों है।
उ . ये नहीं बताऊंगा भाई मेरी सुरक्षा का सवाल है।

Feb 2, 2013

best pics



एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7 साल थी. एक खिलोने की दूकान ....

एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7
साल थी. एक खिलोने की दूकान पर खड़ा दुकानदार
से कुछ बात कर रहा था, दुकानदार ने न जाने उससे
क्या कहा की वो वह से थोडा सा दूर हट गया और
वहां से खड़े खड़े वो कभी दुकान पर रखी एक सुन्दर
सी गुडिया को देखता और कभी अपनी जेब में हाथ
डालता. वो फिर आँख बंद करके कुछ सोचता और
फिर दुबारा गुडिया को देखने और अपनी जेब टटोलने
का क्रम दुहराने लगता.
वही कुछ दूर पर खड़ा एक आदमी बहुत देर से
उसकी और देख रहा था. वो आदमी जैसे ही आगे
को बढ़ा वो बच्चा दुकानदार के पास गया और कुछ
बोला फिर दुकानदार की आवाज सुने
पड़ी की नहीं तुम ये गुडिया नहीं खरीद सकते
क्योकि तुम्हारे पास जो पैसे है वो काफी कम है.
.
वो बच्चा उस आदमी की और मुड़ा और उसनेउस
आदमी से पूछा अंकल क्या आपको लगताहै की मेरे
पास वास्तव में कम पैसे है. उस आदमी ने पैसे गिने
और बोला हां बेटा ये वास्तव में कम है. तुम इतने
पैसो से वो गुडिया नहीं खरीद सकते. उसलड़के ने
आह भरी और फिर उदास मन से उस गुडिया को घूरने
लगा.
अब उस आदमी ने उस लड़के से पूछा ” तुम ये
गुडिया ही क्यों लेना चाहते हो”. लड़के ने उत्तर
दिया ये गुडिया मेरी बहिन को बहुत पसंद है. और में
ये गुडिया उसको उसके जन्मदिन पर गिफ्ट
करना चाहता हु. मुझे ये
गुडिया अपनी माँ को देनी है, ताकि वो ये
गुडिया मेरे बहिन को दे दें जब वो उसके पास जाये.
.
उस आदमी ने पूछा कहा रहती है तुम्हारी बहिन.
छोटा लड़का बोला मेरे बहिन भगवान के पास
चली गयी है. और पापा कहते है
जल्दी ही मेरी माँ भी उससे मिलने भगवान के पास
जाने वाली है. और मै चाहता हु की मेरी माँ जब
भगवान के पास जाये तो वो ये गुडिया मेरी बहीन के
लिए ले जाये. उस आदमी की आखों से आंसू छलकने
लगे थे. पर लड़का अभी बोल ही रहा था.
.
वो कह रहा था की मै पापा से
कहूँगा की वो माँ को कहे की कुछ और तक दिन
भगवान के पास न जाये. ताकि मै कुछ और पैसे
जमा कर लूँ और ये गुडिया ले कर अपनी बहिन के
लिए भेज दू. फिर उसने अपनी एक फोटो जेब से
निकली इस फोटो में वो हँसता हुआ बहुत सुन्दर दिख
रहा था.
.
फोटो दिखाकर वो बोला ये फोटो भी मै
अपनी माँ को दे दूंगा, ताकि वो इसे भी मेरी बहिन
को दे ताकि वो हमेशा मुझे याद रख सके…………. मै
जानता हु की मेरी माँ इतनी जल्दी मुझे छोड़ कर
मेरी बहिन से मिलने नहीं जाएगी. लेकिनपापा कहते
है की वो 2 -1 दिन में चली जाएगी.
उस आदमी ने झट से अपनी जेब से पर्स निकला और
उसमे से एक 100 रुपए का नोटनिकल कर
कहा……….. लाओ अपने पैसे दो मै दुकानदार से
कहता हु शायद वो इतने पैसे में ही दे दे. और उसने उस
लड़के केसामने रुपये गिनने का अभिनय किया और
बोला…….. अरे तुम्हारे पास तो उस
गुडिया की कीमत से अधिक पैसे है. उस लड़के ने
आकाश की और देख कर कहा भगवान
तेरा धन्यवाद….
.
अब वो लड़का उस आदमी से बोला कल रात को मैंने
भगवान से कहा था की हे भगवानमुझे इतने पैसे दे
देना की मै वो गुडिया ले सकू. वैसे मै एक सफ़ेद
गुलाबभी लेना चाहता था किन्तु भगवान से
ज्यादा मांगना मुझे ठीक नहीं लगा. पर उसने मुझे
खुद ही इतना दे दिया की मै गुडिया और गुलाब
दोनों ले सकता हु. मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब बहुत
पसंद है.
उस आदमी की आँखों से आंसू नीचे गिरने लगे. फिर
उसने उन्हें संभलते हुए उस लड़के से कहा ठीक है बच्चे
अपना ख्याल रखना. और वो वहा से चला गया.
रस्ते भर उस आदमी के दिमाग मै
वो लड़का छाया रहा. फिर अचानक उसे 2 दिन पहले
अख़बारमै छपी खबर याद आयी जिस में एक
हादसा छपा था की किसी युवक ने शराब के नशे में
एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मार दी.
गाड़ी में सवार एक लडकी की मौके पर ही मौत
हो गयी और महिला गंभीर रूप से घायल थी. अब
उसके मन में सवाल आया कही ये उस लड़के
की माँ और बहिन ही तो नहीं थे.
अगले दिन अख़बार में खबर आयी की उस
महिला की भी मौत हो गयी है.
वो आदमी उसमहिला के घर सफ़ेद गुलाब के फूल ले कर
गया. उस महिला की लाश आँगन में
रखी थी.उसकी छाती पर वो सुन्दर
सी गुडिया थी जो उस लड़के ने ली थी और उस
महिला के एकहाथ में उस लड़के की वो फोटो थी और
दुसरे में वो सफ़ेद गुलाब का फूल था.
वो आदमी रोता हुआ बाहर निकला. उसके मनमै एक
ही बात थी एक शराब के नशे मै चूरएक युवक के कारन
एक छोटा सा बच्चा अपनी माँ और बहिन से दूर
हो गया जिन्हें वो बहुत प्यार करता था. इस
कहानी को पढ़कर और इस समय लिखते हुए भी मेरे
आँखों मै भी पानी है. और शायद आपकी आँखों में
भी आ जाये मगर उसपानी को आँशु मत समझ लेना.
वो पानी बेशक नमकीन हो सकता है जैसे आँशु होते
है. पर वो आँशु नहीं होंगे.
अगर ये कहानी पढने के बाद आपकी आँखों में आँशु
आते है जो आपको बदलने को मजबूर कर दे
तो ही उनको आँशु
मानना नहीं तो वो पानी ही होगा.और अगर
आपकी आँखों में वास्तव में आँशु है
पानी नहीं तो प्रण करे की आजके बाद कभी न
तो शराब पी कर गाड़ी चलाएंगे, न कानो में एयर
फ़ोन लगा कर गाने सुनते हुए गाडी मोटर साइकिल
या कोई वाहन चलाएंगे न गाड़ी चलते समय फ़ोन पे
बात करेंगे ना ही कभी तेज़ रफ़्तार में
गाड़ी चलाएंगे.

एक रोटी की कहानी...

डाइनिंग टेबल पर खाना देखकर
बच्चा भड़का
...
फिर वही सब्जी,रोटी और दाल में
तड़का....?

मैंने कहा था न कि मैं
पिज्जा खाऊंगा

रोटी को बिलकुल हाथ
नहीं लगाउंगा

बच्चे ने थाली उठाई और बाहर
गिराई.......?
-------

बाहर थे कुत्ता और आदमी
दोनों रोटी की तरफ लपके .......?

कुत्ता आदमी पर भोंका

आदमी ने रोटी में खुद को झोंका

और हाथों से दबाया
कुत्ता कुछ भी नहीं समझ पाया

उसने भी रोटी के दूसरी तरफ मुहं
लगाया दोनों भिड़े
जानवरों की तरह लड़े

एक तो था ही जानवर,

दूसरा भी बन गया था जानवर.....

आदमी ज़मीन पर गिरा,

कुत्ता उसके ऊपर चढ़ा

कुत्ता गुर्रा रहा था
और अब आदमी कुत्ता है
या कुत्ता आदमी है कुछ
भी नहीं समझ आ रहा था

नीचे पड़े आदमी का हाथ लहराया,

हाथ में एक पत्थर आया

कुत्ता कांय-कांय करता भागा........

आदमी अब जैसे नींद से जागा हुआ खड़ा

और लड़खड़ाते कदमों से चल पड़ा.....

वह कराह रहा था रह-रह कर
हाथों से खून टपक रहा था
बह-बह कर आदमी एक झोंपड़ी पर पहुंचा.......

झोंपड़ी से एक बच्चा बाहर आया और
ख़ुशी से चिल्लाया

आ जाओ, सब आ जाओ
बापू रोटी लाया, देखो बापू
रोटी लाया, देखो बापू
रोटी लाया.........!!!