Mar 12, 2013

यू पी वालो लेपटॉप मिलना शुरू हो गए................

यू पी वालो लेपटॉप मिलना शुरू हो गए................

यार बता तो दिया करो !!! ऐसी बातें कहीं छुपाई जाती हैं क्या ?

मैंने भी उधार के लैपटॉप बहुत चलायें हैं |
...
अब बताता हूँ इसके सदुपयोग कैसे करना है |

रात को बत्ती चली जाए तो गूगल में लालटेन सर्च कीजियेगा |
लेकिन लालटेन जलेगी कैसे ?

इसके लिए आप घासलेट सर्च कीजियेगा |

घासलेट लेने आप जायेंगे कैसे ?
इसके लिए आप साइकिल सर्च कीजियेगा |

लेकिन साइकिल आपको देगा कौन नेताजी देंगे |

लेकिन कहानी में मोड़ यहीं शुरू होता है
क्योंकि नेताजी आपको साइकिल नहीं दे सकते

नेताजी की साइकिल का हैंडल आजम खान के पास है |

आगे का पहिया रामगोपाल यादव के पास है

पीछे का शिवपाल यादव के पास है

पैडल अखिलेश के पास |

सीट कवर बहू के पास |

चैन धर्मेन्द्र यादव के पास |

इसलिए लेपटॉप को शट डाउन करो और चुप चाप सो जाओ |

Mar 9, 2013

आप अपना बेहतर दीजिये, फिर देखिये सारी दुनिया आपकी प्रशंसा करेगी"...

एक छोटा बच्चा एक बड़ी दूकान पर लगे टेलीफोन बूथ पर
जाता हैं और मालिक से छुट्टे पैसे लेकर एक नंबर डायल करता हैं|
दूकान का मालिक उस लड़के को ध्यान से देखते हुए
उसकी बातचीत पर ध्यान देता हैं लड़का- मैडम क्याआप मुझे अपने बगीचे की साफ़ सफाई
का काम देंगी? औरत- (दूसरीतरफ से) नहीं, मैंने एक दुसरे लड़के को अपने
... बगीचे का काम देखने के लिए रख लिया हैं| लड़का- मैडम मैं आपके बगीचे का काम उस लड़के से आधे वेतन में
करने को तैयार हूँ! औरत- मगर जो लड़का मेरे बगीचे का काम कर रहा हैं उससे मैं
पूरी तरह संतुष्ट हूँ| लड़का- ( और ज्यादा विनती करते हुए) मैडम मैं आपके घर
की सफाई भी फ्री में कर दिया करूँगा!! औरत- माफ़ करना मुझे फिर भी जरुरत नहीं हैं धन्यवाद| लड़के के चेहरे पर एक मुस्कान उभरी और उसने फोन
का रिसीवर रख दिया| दूकान का मालिक जो छोटे लड़के
की बात बहुत ध्यान से सुन रहा था वह लड़के के पास आयाऔर
बोला- " बेटा मैं तुम्हारी लगन और व्यवहारसे बहुत खुश हूँ, मैं
तुम्हे अपने स्टोर में नौकरी दे सकता हूँ" लड़का- नहीं सर मुझे जॉब की जरुरत नहीं हैं आपका धन्यवाद| दुकानमालिक- (आश्चर्य से) अरे अभी तो तुम उस लेडी से
जॉब के लिए इतनी विनती कर रहे थे !! लड़का- नहीं सर, मैं अपना काम ठीक से कर रहा हूँ की नहीं बस
मैं ये चेक कर रहा था, मैं जिससे बात कर रहा था, उन्ही के
यहाँ पर जॉब करता हूँ| *"Thisis called Self Appraisal"
"आप अपना बेहतर दीजिये, फिर देखिये
सारी दुनिया आपकी प्रशंसा करेगी"

"डूबते को बचाने के 500 rs"

दो दोस्त कोई काम नहीं करते थे
एक दिन नदी के पुल पर गए
देखा वह लिखा था...
"डूबते को बचाने के 500 rs"
तब दोनों सलाह करते है की तू डूबने की एक्टिंग करना और में आकर तुझे बचा लूँगा दूसरा दोस्त ऐसा ही करता है ,जब वो डूबने लगता है तो अपने दोस्त को आवाज लगता है
... लेकिन वो उसे नहीं बचाता है.
किसी प्रकार वो नदी से बाहर निकल आता है .अपने दोस्त से पूछता है की तूने मुझे बचाया क्यों नहीं .
तब उसका दोस्त बोला की तूने वो बोर्ड तो पढ़ लिया जिस पर लिखा था...
"डूबते को बचाने के 500 rs" लेकिन उसके बराबर में जो बोर्ड था उसे नहीं पढ़ा उस पर लिखा था..
"लाश निकलने के 1000 rs" !!!

मेरी गुड़िया को अपने सपने पूरे करने दीजिये .....

गुड़िया दुखी थी। पास मे बैठी माँ भी चुप। बबलू ना जाने क्या सोच रहा था।
अभी-अभी पिताजी फरमान जो सुना गए थे की गुड़िया ने दसवीं कर ली है, आगे पढ़ने की जरूरत नहीं। “हमने कौन सा बेटी से नौकरी करवानी है ? देखा नहीं है आज-कल की पढ़ी-लिखी मेमों को। बस गिटर –पिटर अँग्रेजी बोली और आता- जाता कुछ नहीं। ये घर बसाती नहीं, बर्बाद करती है !! एक तो इनकी पढ़ाई-लिखाई पर पैसे लगाओ ऊपर से हमे ही ज्ञान देंगी। पैसे कोई पेड़ पर उगते है ? बस, अब गुड़िया की शादी कर देंगे, अच्छा लड़का देखकर।“
वैसे, बबलू का मोटरसाइकल का टेंडर पास हो गया था। “यही बुढ़ापे का सहारा है। आज इसको देखेंगे, कल ये हमे संभालेगा।“
बबलू की प्यारी बहन थी गुड़िया। और अच्छी तरह समझता था की पिताजी गलत कर रहे है।

... शाम को पिताजी से वह बोला,’ आप गुड़िया को पढ़ाइए, मुझे मोटरसाइकल नहीं चाहिए। पापा, कुछ लड़के भी पढ़-लिख कर गधे ही रहते है। इसमे पढ़ाई का दोष नहीं है। क्यूंकी परिवार, समाज, देश या विश्व मे अगर कोई जागृति और उन्नति हुई है तो वो पढे-लिखों की वजह से। और वैसे भी शिक्षा गुड़िया का अधिकार है। अगर आप, जन्मदाता हो कर उसके अधिकारों का सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरे घरवालों से क्या अपेक्षा !! एक पढ़ी-लिखी लड़की परिवार की एक पूरी पीढ़ी को शिक्षा दे प्रग्रतिशील बना सकती है। अपने स्वाभिमान के लिए खड़ी हो सकती है और जरूरत पड़े तो आत्मनिर्भर भी हो सकती है। मेरी गुड़िया को अपने सपने पूरे करने दीजिये ..... में उसके टूटे सपनों पर मोटरसाइकल नहीं चला सकता।‘

पिताजी की स्वीकृति मे मुस्कान भी थी और गर्व भी। गुड़िया और माँ की आँखों मे वो अच्छे वाले आँसू।

पिता का आशीर्वाद

एक बार एक युवक अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने वाला था। उसकी बहुत दिनों से एक शोरूम में रखी स्पोर्टस कार लेने की इच्छा थी। उसने अपने पिता से कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने पर उपहारस्वरूप वह कार लेने की बात कही क्योंकि वह जानता था कि उसके पिता उसकी इच्छा पूरी करने में समर्थ हैं। कॉलेज के आखिरी दिन उसके पिता ने उसे अपने कमरे में बुलाया और कहा कि वे उसे बहुत प्यार करते हैं तथा उन्हें उस पर गर्व है। फिर उन्होंने उसे एक सुंदर कागज़ में लिपटा उपहार दिया । उत्सुकतापूर्वक जब युवक ने उस कागज़ को खोला तो उसे उसमें एक आकर्षक जिल्द वाली ‘भगवद् गीता’ मिली जिसपर उसका नाम भी सुनहरे अक्षरों में लिखा था। यह देखकर वह युवक आगबबूला हो उठा और अपने पिता से बोला कि इतना पैसा होने पर भी उन्होंने उसे केवल एक ‘भगवद् गीता’ दी। यह कहकर वह गुस्से से गीता वहीं पटककर घर छोड़कर निकल गया।

बहुत वर्ष बीत गए और वह युवक एक सफल व्यवसायी बन गया। उसके पास बहुत धन-दौलत और भरापूरा परिवार था। एक दिन उसने सोचा कि उसके पिता तो अब काफी वृद्ध हो गए होंगे। उसने ...अपने पिता से मिलने जाने का निश्चय किया क्योंकि उस दिन के बाद से वह उनसे मिलने कभी नहीं गया था। अभी वह अपने पिता से मिलने जाने की तैयारी कर ही रहा था कि अचानक उसे एक तार मिला जिसमें लिखा था कि उसके पिता की मृत्यु हो गई है और वे अपनी सारी संपत्ति उसके नाम कर गए हैं। उसे तुरंत वहाँ बुलाया गया था जिससे वह सारी संपत्ति संभाल सके।

वह उदासी और पश्चाताप की भावना से भरकर अपने पिता के घर पहुँचा। उसे अपने पिता की महत्वपूर्ण फाइलों में वह ‘भगवद् गीता’ भी मिली जिसे वह वर्षों पहले छोड़कर गया था। उसने भरी आँखों से उसके पन्ने पलटने शुरू किए। तभी उसमें से एक कार की चाबी नीचे गिरी जिसके साथ एक बिल भी था। उस बिल पर उसी शोरूम का नाम लिखा था जिसमें उसने वह स्पोर्टस कार पसंद की थी तथा उस पर उसके घर छोड़कर जाने से पिछले दिन की तिथि भी लिखी थी। उस बिल में लिखा था कि पूरा भुगतान कर दिया गया है।

कई बार हम भगवान की आशीषों और अपनी प्रार्थनाओं के उत्तरों को अनदेखा कर जाते हैं क्योंकि वे उस रूप में हमें प्राप्त नहीं होते जिस रूप में हम उनकी आशा करते हैं।