गुजरे साल में विवाद खड़े करने में महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। नीरा राडिया ऐसी महिला के रूप में सामने आई जो देश के कई बड़े नेताओं, नौकरशाहों, संपादकों और उद्योगपतियों को अपने इशारे पर नचा रही थी। वह किसी को मंत्री बनवा रही थी तो किसी को मंत्रिमंडल में आने से रोक रही थी। उसके कहने पर ही उद्योगपति एक दूसरे से दोस्ती या दुश्मनी कर रहे थे तो संपादक उसके बताए सवाल पूछ रहे थे। यही नहीं बड़े संपादक तो अपने लेख भी उसके बताए अनुसार ही लिख रहे थे। आयकर विभाग द्वारा टैप किए गए उसके फोन से तो पूरे देश में बवंडर ही खड़ा हो गया।
वहीं दूसरी ओर इस्लामाबाद में तैनात भारतीय विदेश सेवा की अफसर माधुरी गुप्ता अपने देश की खुफिया जानकारियां पाकिस्तानी अधिकारियों को देती हुई पकड़ी गईं। बोलीं कि वे अपने सीनियर अधिकारियों द्वारा अपनी उपेक्षा किए जाने से नाराज थीं। जस्टिस निर्मल यादव पर रिश्वत लेने का आरोप लगा। वे पकड़ीं तब गइर्ं जब उन्हें पांच लाख रुपए पहुंचाने गया व्यक्ति उनके पड़ोस में रहने वाली जज जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर पैसे दे आया। करेले पर नीम चढ़े की कहावत तब याद आई जब उस समय देश के मुख्य न्यायाधीश के पद पर बैठे जस्टिस के.जी. बालाकृष्णन ने निर्मल यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।
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