2010 कुछ ऐसी घटनाओं के लिए भी याद किया जाएगा, जिन्होंने एक पल के लिए आपको स्तब्ध कर दिया। कुछ लोगों की जिंदगी के लिए ये पल हृदयविदारक थे लेकिन सुनकर और पढ़कर दु:ख सभी को हुआ। वैसे हादसे जिंदगी का हिस्सा हैं लेकिन ऐसी घटनाएं भी हुईं, जो हम रोक सकते थे पर नहीं रोक पाए। सालभर पर नजर दौड़ाई तो कई बार दिल में गूंजा। उफ। काश ऐसा न हुआ होता।
इसी साल श्रीलंका के दांबुला में 16 अगस्त को खेले गए एक मैच में आखिरी बॉल ने दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों को सकते में डाल दिया। यह मैच भारत ने ही जीता, फिर भी कहीं एक बड़ी कसक रह गई। मैच में सहवाग 99 पर थे और भारत को भी जीत के लिए एक रन चाहिए था।
मैच देख रहा हर दर्शक उम्मीद बांधे था कि सहवाग जीत के साथ अपना सैकड़ा भी पूरा करेंगे। दर्शकों की मंशा के अनुरूप सहवाग ने शानदार छक्का भी मारा, लेकिन अफसोस कि ये रन नियमानुसार उनके खाते में नहीं जुड़े। दरअसल, यह श्रीलंकाई गेंदबाज सूरज रणदीव द्वारा सोच-समझकर नो बॉल डालने की वजह से हुआ। इसके लिए उन्हें तिलकरत्ने व दिलशान ने भी उकसाया था। घटना की पूरे खेले जगत में निंदा हुई। श्रीलंकाई बोर्ड ने भी दोनों के खिलाफ एक्शन लिया।
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