Aug 21, 2011
अन्ना ने भरी हुंकार, पीएम आएं तो भी नहीं तोडूंगा अनशन
नई दिल्ली. भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रही टीम अन्ना ने आज साफ कर दिया है कि वो सरकार से बातचीत के लिए तैयार है लेकिन जन लोकपाल बिल पर किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। अन्ना ने अनशन के मंच से आज एक बार फिर चेतावनी दी है कि जब तक जनलोकपाल बिल पारित नहीं होता उनका आंदोलन जारी रहेगा। अन्ना ने कहा, ‘बातचीत का रास्ता खुला है। लेकिन कितनी भी चर्चा हो जाए, जब तक जनलोकपाल बिल पारित नहीं होता हम अनशन से नहीं उठेंगे चाहे पीएम ही यहां क्यों न आ जाएं।’
अन्ना हजारे के अनशन का आज छठा दिन है लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता के जोश में कमी आती नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा, ‘रामलीला मैदान में हर साल रावण का दहन किया जाता है। हम भी यहां भ्रष्टाचार रुपी रावण का दहन करने के लिए रामलीला मैदान में बैठे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में सभी धर्मों के लोग हिस्सा ले रहे हैं। मीडिया ने भी दिखाया कि वह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन अन्य तीन खंभों से भी मजबूत है। मीडिया ने ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को घर घर में पहुंचाया जिससे यह आंदोलन इतना बड़ा हो सका है। युवा शक्ति की हिस्सेदारी उम्मीद किरण जगाती है। यह क्रांति रक्तरंजित नहीं बल्कि शांतिपूर्ण है और इससे पूरी दुनिया सीख लेगी।’
आंदोलन की आगामी रणनीति तय करने के लिए टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक में तय हुआ कि जनलोकपाल बिल पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में लिए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक में जनलोकपाल बिल की मोटी-मोटी बातों पर दोबारा विचार किया गया। टीम अन्ना इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि जन लोकपाल बिल की सभी बातें अहम हैं और किसी भी बिंदु से समझौता नहीं किया जाएगा।
केजरीवाल ने सरकार की ओर से अब तक बातचीत की कोई पेशकश नहीं आने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, 'कल पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं। हम पीएम से पूछना चाहते हैं कि हम किससे बात करने के लिए कहां और कितने बजे आएं।’
सरकार और सिविल सोसायटी के लोकपाल बिल पर सार्वजनिक तौर पर बहस की मांग करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'कल अन्ना के अनशन को एक हफ्ता पूरा हो जाएगा। सभी लोगों से निवेदन है कि अपने-अपने सांसदों को पकडिए। घरों के बाहर धरना दें। उनसे सार्वजनिक तौर पर बताएं कि वो सरकारी या जनलोकपाल बिल के साथ हैं। दिल्ली में सभी मंत्रियों के घरों के बाहर धरना दिया जाए। सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं के घर के बाहर धरना दिया जाए। सभी पार्टियों से निवेदन है कि वो ये बताएं कि जनलोकपाल बिल की कौन सी बात मंजूर है और नहीं मंजूर है। यहां रामलीला मैदान में मंच पर उसका फैसला होगा। जिन्हें जनलोकपाल को लेकर आपत्ति है वो देश की जनता के सामने वाद-विवाद करें।'
उन्होंने बताया कि आज शाम पांच बजे इंडिया गेट से एक महारैली निकाली जाएगी जो रामलीला मैदान पहुंचेगी। उन्होंने यह भी कहा, 'कल मुसलमान भाईयों का रोजा है और हिंदू भाइयों की जन्माष्टमी है। ऐसे में हम कल यहां मंच पर सुबह रोजा खोलेंगे और रात को जन्माष्टमी का व्रत तोड़ेंगे।'
सेना ने बताया अन्ना को बेदाग
भ्रष्टाचार के खिलाफ छह दिनों से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे को सेना ने भी बेदाग छवि का करार दिया है। सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी में सेना में यह जवाब दिया है। आरटीआई के तहत अन्ना के कॅरियर के बारे में जानकारी मांगी गई थी। सेना में अन्ना के करियर के बारे में सवाल थे। सेना ने इस जवाब में कहा कि अन्ना का कॅरियर बेदाग रहा है। कभी भगोड़े नहीं रहे। उन्हें कॅरियर में पांच पदक मिले हैं। आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगने वाले शख्स सुभाष अग्रवाल हैं जिनकी पहचान आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में है। सुभाष अग्रवाल ने कहा है कि उन्होंने अन्ना के बारे में छह सवाल पूछे थे जिनमें से चार के जवाब नहीं मिले हैं।
डॉक्टरों ने आज सुबह अन्ना के स्वास्थ्य की जांच की। टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने बताया है कि अन्ना का स्वास्थ्य ठीक है। ट्विटर के जरिये भेजे संदेश में बेदी ने देश से लोगों से दुआ करने की अपील की है कि अन्ना का स्वास्थ्य अच्छा ही रहे।
इससे पहले कांग्रेस के ही एक सांसद ने अन्ना के जनलोकपाल बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजकर सभी को चौंका दिया है। बरेली से सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने कहा है कि कांग्रेस चाहती है कि इस मामले के हर पहलू पर चर्चा हो। स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन अभिषेक मनु सिंघवी को भेजे बिल में ऐरन ने कहा है कि अन्ना की टीम ने जो जन लोकपाल बिल तैयार किया है वह उससे भी सख्त जन लोकपाल बिल चाहते हैं।
सरकार और टीम अन्ना के बीच सुलह के आसार नहीं दिखाई दिख रहे हैं। अन्ना हजारे जनलोकपाल बिल संसद में पास होने तक अनशन पर अड़े हुए हैं वहीं सरकार इस आंदोलन को कमजोर करने में जुटी है। सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने सरकारी लोकपाल बिल और जनलोकपाल दोनों को खारिज करते हुए तीसरा मसौदा पेश कर मामले को और उलझा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में बनी एनएसी की सदस्य अरुणा रॉय ने जनलोकपाल, लोकपाल और अपने मसौदे को शामिल करते हुए बेहतर विधेयक तैयार करने की वकालत की है। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने अरुणा रॉय को भी चर्चा के लिए रामलीला मैदान आमंत्रित किया है।
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