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Jan 19, 2011

वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तानी टीम घोषित, कप्तान के नाम का खुलासा नहीं

कराची. पाकिस्तान ने 19 फरवरी से भारतीय उपमहाद्वीप में होने वाले विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए अपनी 15 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी लेकिन कप्तान के नाम का खुलासा नहीं किया। पूर्व कप्तान मोहम्मद यूसुफ को इस टीम में जगह नहीं मिली है।

शाहिद आफरीदी की कप्तानी में न्यूजीलैंड में छह एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला खेल रही पाकिस्तानी टीम के सभी खिलाड़ियों को विश्व कप टीम में बरकरार रखा गया है। अनुभवी तेज गेंदबाज रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर को पेस आक्रमण की कमान सौंपी गयी है जबकि उमर गुल, सोहेल तनवीर और वहाब रियाज की तिकड़ी उनका साथ देगी।

तीन विश्व कप खेल चुके यूसुफ ने उन्हें टीम में शामिल नहीं किये जाने पर आश्चर्य जताते हुए चयनकर्ता इस फैसले की वजह बता सकते हैं। उन्होंने कहा, यह बेहद निराशाजनक है। मैं फिट हूं और लगातार घरेलू मैचों में खेल रहा हूं फिर भी मुझे इस बड़े टूर्नामेंट के लिए चुना नहीं गया। मेरे अंदर अभी काफी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बाकी है।

पाकिस्तानी टीम-

मोहम्मद हफीज, अहमद शहजाद, यूनुस खान, मिस्बाह उल हक, उमर अकमल, अशद शफीक. कामरान अकमल, शाहिद आफरीदी, अब्दुल रज्जाक, अब्दुल रहमान, सईद अजमल, शोएब अख्तर, उमर गुल, वहाब रियाज और सोहेल तनवीर।

Jan 16, 2011

'यार विकेट नहीं लेता तो मेरे गांव वाले यहीं मारते मुझे'

जोहानिसबर्ग. टीम इंडिया को 1 रन की सनसनीखेज जीत दिलाने वाले तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल इस समय देश के हीरो बन गए हैं। मैच के 42वें ओवर में दो विकेट चटकाकर मुनाफ ने जीत को दक्षिण अफ्रीका के जबड़े से छीनकर भारत की झोली में डाल दिया।

29 पर चार विकेट का विजयी प्रदर्शन करने के लिए मुनाफ को मैन ऑफ द मैच अवार्ड से नवाजा गया। इस अवार्ड को पाने के बाद मुनाफ ने कहा, इस मैच में मेरे ऊपर अतिरिक्त दबाव था। मेरे गांव (इखर, गुजरात) के कुछ लोग इस मुकाबले को देखने यहां आए हुए हैं। यदि मैं वांडर्रस में परफार्म नहीं करता तो वो लोग मुझे नहीं छोड़ते। अब रात को उनके साथ ही जश्न मनेगा।

अपनी फिटनेस पर मुनाफ ने कहा, मैंने ट्रेनर रामजी के साथ मिलकर अपनी फिटनेस पर काम किया है और मेरी मेहनत मैदान पर रंग दिखा रही है। नेट में लगातार अभ्यास का मुझे फायदा मिला।

कुछ ऐसा था मुनाफ का वो एक ओवर

मैच के 41वें ओवर की समाप्ति के बाद दक्षिण अफ्रीका को 48 गेंदो में महज चार रन की जरूरत थी और उसके पास दो विकेट सुरक्षित थे। मोरने मोर्केल और वेयन पार्नेल क्रीज पर मोर्चा संभाले हुए थे। सबको लग रहा था कि भारत की जीत की कोई उम्मीद बाकी नहीं है।

लेकिन मुद्दतें लाख बुरा चाहें तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अबतक के सबसे सफल और किफायती गेंदबाज रहे मुनाफ पटेल को गेंद थमाई। इसके बाद जो हुआ उसकी दास्तां कुछ इस प्रकार से थी-

पहली गेंद - पटेल की फुल लेंथ गेंद पर पार्नेल ने ऑन साइड की तरफ हल्का सा शॉट खेला और एक रन ले लिया।

दूसरी गेंद - मुनाफ ने गेंद की लेंथ में परिवर्तन करते हुए शॉर्ट पिच गेंद डाली। मोर्केल ने सोचा की एक चौका लगाकर मैच जीत लेंगे। लेकिन वो गेंद समझने में नाकाम रहे और प्वाइंट पर सचिन के स्थान पर फील्डिंग कर रहे यूसुफ पठान को कैच दे बैठे।

मोरने मोर्केल - 6 रन बनाकर आउट। द. अफ्रीका को जीत के लिए तीन रन की दरकार।

तीसरी गेंद - नए बल्लेबाज सोत्सोबे के खिलाफ मुनाफ ने पगबाधा की जोरदार अपील की। अंपायर ने ना में सिर हिलाया। कोई रन नहीं।

चौथी गेंद - पटेल की गेंद को सोत्सोबे ने थर्ड मैन की तरफ खेला और दौड़कर एक रन ले लिया। दर्शक दीर्घा में जोरदार तालियां बजीं। मेजबान जीत से दो रन दूर खड़ा था।

पांचवी गेंद - सभी की निगाहें पार्नेल पर और भारत की उम्मीदें गुजरात के तेज गेंदबाज पर। कोई रन नहीं।

छठी गेंद - कप्तान धोनी ने फील्डिंग में परिवर्तन कर प्वाइंट पर युवराज को तैनात किया। मुनाफ की गेंद पर चौका लगाने के प्रयास में पार्नेल युवी को कैच थमा बैठे, और भारत 1 रन से जीत गया।

दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम 188 रन पर सिमट गई थी।

जहां बनाया था 438 का रिकार्ड, वहीं हुए 188 पर ढेर

नई दिल्ली. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच वनडे मैचों की श्रृंखला का दूसरा मुकाबला मेहमान ने 1 रन से जीत लिया। ये मुकाबला विश्व के सबसे करिश्माई मैदान वांडर्रस स्टेडियम में खेला गया था। इस मैदान पर मिली ये रोमांचक हार मेजबान टीम के साथ-साथ सभी क्रिकेटप्रेमियों को भी अजूबा लग रही होगी, क्योंकि ये वही पिच थी जिस पर 434 रन के लक्ष्य को हासिल कर दक्षिण अफ्रीका ने विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था।

12 मार्च 2006 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए इस वनडे को हाल ही में आईसीसी ने क्रिकेट इतिहास का सबसे रोमांचक और लोकप्रिय मुकाबला घोषित किया था। 5 जनवरी को वनडे क्रिकेट की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर आईसीसी ने पब्लिक पोल करवाकर ये चयन किया था। 434 रन जैसे विशाल स्कोर को प्रोटीज टीम ने वांडर्रस के मैदान पर ही हासिल किया था।

आश्चर्य की बात ये है कि जहां दक्षिण अफ्रीका ने 434 रन की चुनौती के जवाब में एक गेंद शेष रहते ही 438 रन ठोक डाले थे, वहीं पर मेजबान टीम के लिए 190 रन का मामूली लक्ष्य भारी पड़ गया। शायद इसलिए क्रिकेट को अनिश्चितता का खेल कहा जाता है।

क्या था वांडर्रस का वंडर?

साल 2006 में 12 मार्च को दक्षिण अफ्रीका ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करवाया था। पहले ऑस्ट्रेलिया ने वनडे इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया था। सलामी बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट और साइमन कैटिच के अर्धशतकों के बाद कप्तान रिकी पोंटिंग ने धुआंधार 164 रन की शतकीय पारी खेलकर 434 रन के विशाल स्कोर की नींव रखी थी। पोंटिंग ने महज 105 गेंदों में 13 चौकों और 9 छक्कों की मदद से 164 रन बनाए थे। माइक हसी ने भी आतिशी अर्धशतक जमाया था।

इसके जवाब में दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ ने टीम को हर्शेल गिब्स के साथ मिलकर तेज शुरुआत दी थी। स्मिथ ने 55 गेंदों में 2 छक्के और 13 चौकों की मदद से 90 रन बनाए थे। हर्शेल गिब्स का बल्ला भी उस दिन जैसे रन मशीन बन गया था। गिब्स ने 111 गेंदों में 21 चौके और 7 छक्के लगाकर 175 रन ठोके थे।

दक्षिण अफ्रीका ये मुकाबला 1 विकेट से जीता था। इस मैच का फैसला दूसरी पारी के अंतिम ओवर की पांचवी गेंद पर आया था। जिस मैदान पर दक्षिण अफ्रीका ने ऐतिहासिक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया पर 1 विकेट से जीत दर्ज की थी, उसी वांडर्रस पर भारत ने मेजबान को 1 रन से धूल चटा दी।

Jan 8, 2011

कौन खिलाड़ी कितने में बिका. ये है पूरी सूची

गौतम गंभीर- कोलकाता नाइट राइडर्स ने 11.4 करोड़ रुपए ( 2.4 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
तिलकरत्ने दिलशान- 3 करोड़ रुपए (6.5 लाख डॉलर) की कीमत में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू ।
जहीर खान- रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने 4.1 करोड़ रुपए( 9 लाख डॉलर) में खरीदा।
रॉस टेलर- राजस्थान रॉयल्स ने 4.6 करोड़ रुपए (1 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
यूसुफ पठान- कोलकाता नाइट राइडर्स ने 9.7 करोड़ रुपए (2.1 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
केविन पीटरसन- 3 करोड़ रुपए (6.5 लाख डॉलर) में डेक्कन चार्जर्स ने खरीदा।
महेला जयवर्द्धने - 6.9 करोड़ रुपए (1.5 मिलियन डॉलर) में कोच्चि ने खरीदा।
युवराज सिंह- 8.3 करोड़ रुपए (1.8 मिलियन डॉलर) में पुणे वारियर्स ने खरीदा
एबी डीवीलियर्स- आरसीबी ने 5.1 करोड़ रुपए (1.1 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
कैमरून व्हाइट- डेक्कन चार्जर्स ने 5.1 करोड़ रुपए (1.1 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
जैकस कैलिस- 5.1 करोड़ रुपए (1.1 मिलियन डॉलर) में केकेआर ने खरीदा।
रोहित शर्मा- मुंबई इंडियंस ने 9.2 करोड़ रुपए (2 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
कुमार संगकारा- 3.2 करोड़ रुपए ( 7 लाख डॉलर) में डेक्कन चार्जर्स ने खरीदा।
एडम गिलक्रिस्ट- किंग्स इलेवन पंजाब ने 4.1 करोड़ रुपए (9 लाख डॉलर) में खरीदा।
राहुल द्रविड़- 2.3 करोड़ रुपए ( 5 लाख डॉलर) में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा।
ग्रीम स्मिथ- 2.3 करोड़ रुपए (5 लाख डॉलर) में पुणे ने खरीदा।
रॉबिन उथप्पा- 9.7 करोड़ रुपए (2.1 मिलियन डॉलर) में पुणे ने खरीदा।
जोहान बोथा- 4.4 करोड़ रुपए (9.5 लाख डॉलर) में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा।
वी वी एस लक्ष्मण- 1.84 करोड़ रुपए (4 लाख डॉलर) ने कोच्चि ने खरीदा।
डेनियल विटोरी- 2.5 करोड़ रुपए (5.5 लाख डॉलर) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू ने खरीदा।
ब्रेंडन मैक्कुलम- 2.2 करोड़ रुपए (4.75 लाख डॉलर) में कोच्चि ने खरीदा।
एस श्रीसंथ- 4.1 करोड़ रुपए (9 लाख डॉलर) में कोच्चि ने खरीदा।
इरफान पठान- 8.7 करोड़ रुपए (1.9 मिलियन डॉलर) में दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा।
आरपी सिंह - 2.3 करोड़ रुपए (5 लाख डॉलर) में कोच्चि ने खरीदा।
माइक हसी- चेन्नई सुपर किंग्स ने 2 करोड़ रुपए (4.25 लाख डॉलर) में खरीदा।
जे पी डूमिनी- डेक्कन चार्जर्स ने 1.4 करोड़ रुपए (3 लाख डॉलर) में खरीदा।
शिखर धवन- डेक्कन चार्जर्स ने 1.4 करोड़ रुपए (3 लाख डॉलर) में खरीदा।
सौरभ तिवारी- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलूरु ने 7.4 करोड़ रुपए (1.6 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
डेविड हसी- किंग्स इलेवन पंजाब ने 6.4 करोड़ रुपए (1.4 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
डेविड वार्नर- दिल्ली डेयरडेविल्स ने 3.5 करोड़ रुपए (7.5 लाख डॉलर) में खरीदा।
पार्थिव पटेल- कोच्चि ने 1.3 करोड़ रुपए (2.9 लाख डॉलर) में खरीदा।
रीद्धिमान साहा- चेन्नई सुपर किंग्स ने 46 लाख रुपए (एक लाख डॉलर) में खरीदा।
दिनेश कार्तिक- किंग्स इलेवन पंजाब ने 4.1 करोड़ रुपए ( 9 लाख डॉलर) में खरीदा।
नमन ओझा- दिल्ली डेयरडेविल्स ने 1.24 करोड़ रुपए (2.5 लाख डॉलर) में खरीदा।
ब्रेड हैडिन- कोलकाता नाइट राइडर्स ने 1.5 करोड़ रुपए ( 3.25 लाख डॉलर) में खरीदा।
टिम पेन- पुणे ने 1.2 करोड़ रुपए (2.7 लाख डॉलर) में खरीदा।
डेविड जैकब्स- मुंबई इंडियंस ने 87.4 लाख रुपए (1.9 लाख डॉलर) में खरीदा।
जेम्स होप्स- दिल्ली डेयरडेविल्स ने 1.6 करोड़ रुपए (3.5 लाख डॉलर) में खरीदा।
रवींद्र जडेजा- कोच्चि ने 4.4 करोड़ रुपए (9.5 लाख डॉलर) में खरीदा।
शकीब अल हसन- केकेआर ने 2 करोड़ रुपए (4.25 लाख डॉलर) में खरीदा।
स्टुअर्ट ब्रॉड- किंग्स इलेवन पंजाब ने 1.84 करोड़ रुपए ( 4 लाख डॉलर) ने खरीदा।
अभिषेक नायर- पंजाब ने 3.7 करोड़ रुपए (8 लाख डॉलर) में खरीदा।
एंजिलो मैथ्यूज- पुणे ने 4.4 करोड़ रुपए (9.5 लाख डॉलर) में खरीदा।
ड्वेन ब्रेवो- चेन्नई सुपर किंग्स ने 92 लाख रुपए (2 लाख डॉलर) में खरीदा।
स्टीवन स्मिथ- कोच्चि ने 92 लाख रुपए (2 लाख डॉलर) में खरीदा।
जेम्स फ्रेंकलिन- मुंबई इंडियंस ने 46 लाख रुपए (1 लाख डॉलर) में खरीदा।
इशांत शर्मा- डेक्कन चार्जर्स ने 2.1 करोड़ रुपए (4.5 लाख डॉलर) में खरीदा।
प्रवीण कुमार- किंग्स इलेवन पंजाब ने 3.7 करोड़ रुपए (8 लाख डॉलर) में खरीदा।
आशीष नेहरा- पुणे ने 3.9 करोड़ रुपए (8.5 लाख डॉलर) में खरीदा।
ब्रेट ली- कोलकाता ने 1.84 करोड़ रुपए (4 लाख डॉलर) में खरीदा।
मोर्ने मोर्कल- दिल्ली डेयरडेविल्स ने 2.2 करोड़ रुपए (4.75 लाख डॉलर) में खरीदा।
डेल स्टेन- डेक्कन चार्जर्स ने 5.5 करोड़ रुपए (1.2 मिलियन डॉलर) में खरीदा।
रेयान हैरिस- किंग्स इलेवन पंजाब 3.25 लाख डॉलर में खरीदा।
डर्क नेनेस- बेंगलूरु में 3 करोड़ रुपए (6.5 लाख डॉलर) में खरीदा।
डग बोलिंगर- चेन्नई सुपर किंग्स ने 3.2 करोड़ रुपए (7 लाख डॉलर) में खरीदा।
मुथैया मुरलीधरन- 5.1 करोड़ रुपए (1.1 मिलियन डॉलर) में कोच्चि ने खरीदा।
पीयूष चावला- किंग्स इलेवन पंजाब ने 9 लाख डॉलर में खरीदा।
आर आश्विन- चेन्नई सुपर किंग्स ने 8.5 लाख डॉलर में खरीदा।
प्रज्ञान ओझा- डेक्कन चार्जर्स ने 5 लाख डॉलर में खरीदा।
अमित मिश्रा- डेक्कन चार्जर्स ने 3 लाख डॉलर में खरीदा।
नेथन मैक्कुलम- पुणे ने 1 लाख डॉलर में खरीदा।
रोमेश पवार- 1.8 लाख डॉलर में कोच्चि ने खरीदा।
एरॉन फिंच- दिल्ली डेयरडेविल्स ने 3 लाख डॉलर में खरीदा।
इऑन मोर्गन- कोलकाता नाइट राइडर्स ने 3.5 लाख डॉलर में खरीदा।
ब्रैड हॉज- कोच्चि ने 4.25 लाख डॉलर में खरीदा।
कैलम फर्ग्युसन- पुणे ने 3 लाख डॉलर में खरीदा।
मनोज तिवारी- कोलकाता ने 4.75 लाख डॉलर में खरीदा।
चितेश्वर पुजारा- बैंगलुरू ने 7 लाख डॉलर में खरीदा।
एस बद्रीनाथ- चेन्नई सुपर किंग्स ने 8 लाख डॉलर में खरीदा।
पॉल कोलिंगवुड- राजस्थान रॉयल्स ने 2.5 लाख डॉलर में खरीदा।

Dec 28, 2010

उफ! देश ने मैच जीता, फिर भी हर किसी के मन में कसक

2010 कुछ ऐसी घटनाओं के लिए भी याद किया जाएगा, जिन्होंने एक पल के लिए आपको स्तब्ध कर दिया। कुछ लोगों की जिंदगी के लिए ये पल हृदयविदारक थे लेकिन सुनकर और पढ़कर दु:ख सभी को हुआ। वैसे हादसे जिंदगी का हिस्सा हैं लेकिन ऐसी घटनाएं भी हुईं, जो हम रोक सकते थे पर नहीं रोक पाए। सालभर पर नजर दौड़ाई तो कई बार दिल में गूंजा। उफ। काश ऐसा न हुआ होता।

इसी साल श्रीलंका के दांबुला में 16 अगस्त को खेले गए एक मैच में आखिरी बॉल ने दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों को सकते में डाल दिया। यह मैच भारत ने ही जीता, फिर भी कहीं एक बड़ी कसक रह गई। मैच में सहवाग 99 पर थे और भारत को भी जीत के लिए एक रन चाहिए था।

मैच देख रहा हर दर्शक उम्मीद बांधे था कि सहवाग जीत के साथ अपना सैकड़ा भी पूरा करेंगे। दर्शकों की मंशा के अनुरूप सहवाग ने शानदार छक्का भी मारा, लेकिन अफसोस कि ये रन नियमानुसार उनके खाते में नहीं जुड़े। दरअसल, यह श्रीलंकाई गेंदबाज सूरज रणदीव द्वारा सोच-समझकर नो बॉल डालने की वजह से हुआ। इसके लिए उन्हें तिलकरत्ने व दिलशान ने भी उकसाया था। घटना की पूरे खेले जगत में निंदा हुई। श्रीलंकाई बोर्ड ने भी दोनों के खिलाफ एक्शन लिया।