Apr 6, 2013
नेता जी मुझे लगता है मुझसे ज्यादा गरीब तो आप हैं ..!
उस छोटे कस्बे के चौराहे पर 1 भिखारी इसी आश में बैठा था
की कोई आये और उसके कटोरे में कुछ पैसे डाले
तो उसके आज के खाने का जुगाड़ बने
तभी एक गाड़ी वहाँ आ के रुकी।।गाड़ी से नेता जी का उतरना हुआ ..
भिखारी की तो मनो किस्मत ही खुल गई ,
... नेता जी सुखा प्रभावित क्षेत्र में निरीक्षणके लिए आये थे-
वो अपने सहायक से कुछ बात कर रहे थे
भिखारी बैठा उन्हें सुन रहा था
नेता जी :-
“आपको पता ही है कि मैं कल मिनाली जा रहा हूँ।
सुना है,वहाँ अच्छी ठंड पड़ रही है।
सहायक - "हाँ सर"
नेता जी - तो सुखा पीड़ितों के लिए जो बजट हमें मिला था,
उसमें अभी पचास हज़ार शेष हैं। इसी से आप मेरे लिए दस्ताने,
टोपी, सन ग्लासेस, जैकेट, स्लीपिंग बैग
और दौरे में खाना गर्म रखने के लिए कैसेरोल का
एक सैट खरीद लें।”
“सर!...” सहायक ने सकुचाने का सुंदर अभिनय करतेहुए कहा -
अगर आपकी आज्ञा है तो मैं भी अपने लिए
उसी में ‘एडजस्ट’ करवा लूँ।”
“ठीक है---ठीक है--नेता जी ने मुस्कराते हुए कहा ..
और वहा से चलने लगे !!
तो भिखारी ने अपना कटोरा उठाया
और नेता जी के पास आ पहुँचा ..
नेता जी ने तुरंत तत्परता दिखाते हुए कटोरे में
पाँच का सिक्का डाल दिया ..
भिखारी - साहब मुझे आप से कुछ नहीं चाहिए
मैं आप को कुछ देने आया हूँ
क्या ...? नेता जी ने आश्चर्यचकित हो कर पूंछा
भिखारी- साहब इस कटोरे की जरुरत मुझे नहीं आप को है ..
मैंने आप की सारी बाते सुनी ..
मुझे लगता है मुझसे ज्यादा गरीब तो आप हैं ..!
अब नेता जी का चेहरा देखने लायक था .... !!
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