अगर आप अपना मोबाइल ऑपरेटर बदलना चाहते हैं तो एक बार सोच लीजिए। जरूरी नहीं है कि आपकी समस्या का समाधान हो ही जाए। हालात कहीं पहले से बदतर न हो जाएं।
आप मोबाइल ऑपरेटर इसलिए बदलना चाहते हैं कि आपको बेहतर सर्विस मिले या बेहतर टैरिफ प्लान मिले। लेकिन अगर आप ध्यान से देखेंगे तो सभी के टैरिफ प्लान एक जैसे ही हैं। इनमें बहुत कम का फर्क है और ये आपकी जरूरतों के मुताबिक कम तथा ऑपरेटर के मुनाफे को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। इनमें ग्राहक के फायदे की बात नहीं सोची जाती है। और वैसे भी अब कॉल रेट काफी घट गए हैं।
हाल में किए गए एक सर्वे के मुताबिक नंबर बदलने का कुल असर नगण्य होगा। यानी बड़े ऑपरेटरों के जितने ग्राहक जाएंगे उतने दूसरों से आ भी जाएंगे। ज़ाहिर है ऐसे में वे क्यों बड़ी धनराशि अपनी सेवा सुधारने में खर्च करेंगे। उनकी कोशिश अपने कस्टमर केयर सर्विस की सेवा सुधारने की होगी ना कि वास्तविक सेवा जिसे सुधारने पर उन्हें खर्च करना होता है। ये कुछ प्वाइंट हैं जिन्हे ध्यान में रखकर ही आप अपना मोबाइल ऑपरेटर बदलें--
1- ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक लगभग सभी ऑपरेटरों की सेवा 90 प्रतिशत संतोषजनक है। इसके मुताबिक पूरे भारत में कॉल सक्सेस रेट 97.26 प्रतिशत तक है। मुंबई में तो यह 99.99 प्रतिशत है। ट्राई के अनुसार कॉल ड्रॉप रेट पूरे देश में 3 प्रतिशत से भी कम है।
2- अब आप अपनी सेवा या टैरिफ प्लान देखकर खुद तय करें कि आपको ऑपरेटर बदलना है या नहीं। लेकिन एक परिवार के सदस्य अगर एक ही नेटवर्क में रहें तो इसका फायदा सभी को मिलेगा।
3- सभी कंपनियों के टैरिफ प्लान लगभग एक जैसे हैं।
4-ये ऑपरेटरों के मुनाफे के लिए हैं।
5- सभी कंपनियों की सर्विस में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है।
6- ट्राई के मुताबिक कॉल ड्राप रेट 3 फीसदी से कम।
7- नए ग्राहकों को कितना फायदा होगा कहना मुश्किल।
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