Jan 30, 2011
भ्रष्टाचारियों का ‘राजा’? जोशी दंपती मतलब अकूत संपत्ति
भोपाल. फरवरी 4, 2010.........मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजनितिज्ञों और अफसरों की पॉश कालोनी, 74 बंगला क्षेत्र अचानक सुर्ख़ियों में आ जाता है। एक आईएएस दंपत्ति के यहां छापा डालते ही आयकर विभाग के अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं। आईएएस दंपत्ति अरविंद जोशी और टीनू जोशी के निवास पर मारे गए इस छापे में तीन करोड़ रुपए से अधिक की नकद राशि संबंधित विभाग जब्त करता है।एक साथ इतने कैश की उम्मीद शायद आयकर विभाग को भी नहीं थी सो विभाग को बाकायदा नोट गिनने की मशीन लगानी पड़ी। दिनभर चली इस कवायद में विभाग के हाथ जोशी दंपत्ति से संबंधित करोड़ों की नामी बेनामी संपत्ति का ब्योरा मिलता है। फरवरी 5,2010.......भ्रष्टाचार की इस गंगोत्री का पता लगते ही सरकार में एक अजीब सी खलबली मच जाती है। नतीजा ....चौबीस घंटे के अंदर ही इंकमटेक्स के जाल में फंसे प्रमुख सचिव अरविंद जोशी और टीनू जोशी को राज्य सरकार द्वारा सस्पेंड कर दिया जाता है। धन-कुबेर निकली आईएएस जोड़ी प्रमुख सचिव अरविंद जोशी और टीनू जोशी मामले की जांच में जुटे आयकर विभाग ने साल 2010 जाते-जाते इस दंपत्ति की 350 करोड़ की नामी बेनामी संपत्ति का खुलासा किया। आयकर विभाग की अप्रेजल रिपोर्ट बताती है कि जोशी दंपत्ति उन्होंने ने यह संपत्ति 1989 से 2010 के दौरान बनाई। 1979 बैच के आईएएस अधिकारी अरविन्द और टीनू जोशी ने 30 वर्षों के प्रशासनिक सफ़र में कई विभागों की कमान संभाली। इन पदों पर रहते हुए इस दंपत्ति ने कई बड़े ठेकों को पास कराया। माना जाता है कि ठेकों को पास कराने की आड़ में इस दंपत्ति ने कमीशन के तौर पर खासी रकम जमा कर ली थी। इसी रकम को इस दंपत्ति ने चरणबद्ध तरीके से रियल स्टेट और अन्य दीगर कामों में लगाया। मैनेजमेंट की शिक्षा प्राप्त इस दंपत्ति को काले को सफेद करने में खासी महारत हासिल थी। यही कारण था कि विभिन्न जगहों पर निवेश किए काले धन में इन्होनें फर्जी नाम और पतों का जमकर इस्तेमाल किया। आपको बता दें कि टीनू जोशी नें जहाँ बिज़नस मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है।वहीं अरविंद जोशी ने भी ऑस्ट्रेलिया की ही यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉलोन्गॉन्ग से एमबीए किया है। आईये नज़र डालें फर्जी बाडे़ की पूरी दास्तान पर..... रक्षा मंत्रालय में रहते खरीदी 121 एकड़ जमीन: सूत्र बताते हैं कि 1999 से 2004 के बीच रक्षा मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी रहते हुए जोशी ने भोपाल और आसपास 121 एकड़ कृषि भूमि खरीदी। 2004-05 में उन्होंने 58 एकड़ जमीन खरीदी। यह जमीन बिलकिसगंज, मूलखेड़ी, सागोनीकला,मेंडोरी, दीवानगंज,बैरसिया,गोडावर, चिकलोद,खरमई व आसपास के गांवों में क्रय की गई। आसाम से शुरू हुआ निवेश का खेल जोशी ने जमीनों में निवेश की शुरूआत आसाम के कामरू जिला के मौजा रामचारी से की। 2001 से 2004 के बीच भोपाल में सात प्लॉट खरीदे गए। उन्होंने 2005 से 2008 के बीच रियल एस्टेट में करीब पांच करोड़ का निवेश किया। जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव रहते हुए जोशी ने तवा, बरगी, बाणसागर और हंसदेव बांधों का ठेका दिया और सवा करोड़ का लेन-देन किया। तीन करोड़ 55 लाख का प्रीमियम जोशी दंपती आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल में 3 करोड़ 55 लाख का सालाना प्रीमियम जमा करती है। इसमें 50 लाख अरविंद जोशी,70 लाक ईशान जोशी,75 लाख आसमी जोशी,51 लाख एचएम जोशी और 1 करोड़ 10 लाख निर्मला जोशी के नाम से जमा होता है। ईशान और आसमी पढ़ाई कर रहे हैं और निर्मला ग्रहणी हैं। हर बीमा पॉलिसी में खुद को छुपाने के लिए जोशी ने फर्जी पते और गलत नाम दिए। जिन पतों पर यह पॉलिसी पाई गईं वे थे ई-15/3 ,एफ-68 मिनाल रेसीडेंसी (सीमा जायसवाल का पता) एफ-95 इंद्रप्रस्थ राज होम्स (सीमा जायसवाल के भाई मिराज अली का पता)। सभी पॉलिसी में नॉमिनी या तो जोशी खुद है या उनके परिवार के सदस्य। शेयरों में भी किया निवेश जोशी ने अपने नाम से 274 करोड़ की फ्यूचर ऑप्शन शेयर ट्रेडिंग की है। अरविंद और टीनू जोशी के नाम से 3 करोड़ रुपए के शेयर मिले हैं। अरविंद जोशी के क्रेजी इंफोटेक में 50 हजार शेयर,होन्किल इंडिया लिमिटेड में 10 हजार सहित सेंचुरी,भारतीएयरटेल,आइडिया,एनडीटीवी,आईसीआईसीआई,यूटीआई बैंक,आईडीबीआई बैंक,देना बैंक,पीएनबी,केएस आइल,एचडीएफसी और टाटा स्टील कंपनी में शेयर हैं। टीनू जोशी के पास हिंडाल्को के 1500,जेपी के 1600,इंडियन होटल के 1000 और यूको बैंक के 2000 शेयर हैं। गुवाहाटी में 18 फ्लैट अरविंद जोशी के पास गुवाहाटी के कामरूप हाउसिंग प्रोजेक्ट में 18 फ्लैट हैं। 1999 से 2004 के बीच रक्षा विभाग में संयुक्त सचिव रहते हुए जोशी श्रीदेव शर्मा ग्रुप के संपर्क में आए। दोनों ने गुवाहाटी में 15 बीघा जमीन खरीदी। कामरुप हाउसिंग प्रोजेक्ट प्रा लिमिटेड, नई दिल्ली के नाम से कंपनी बनाई गई। जोशी के भोपाल में छह फ्लैट और सात प्लॉट हैं। इतना ही नहीं बेटे ईशान जोशी के नाम से इथोस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई और 100 एकड़ कृषि भूमि खरीदी। जोशी ने भोपाल, रायसेन, सीहोर, बालाघाट, कान्हा और बांधवगढ़ में करीब 400 एकड़ जमीन खरीदी। 80 बैंक खातों में करोड़ों का लेन-देन आयकर विभाग की अप्रेजल रिपोर्ट में अरविंद जोशी के निवास से 80 बैंक खातों की जानकारी मिली थी। इन खातों से करोड़ों रुपए का लेन-देन किया गया है। आईसीआईसीआई बैंक में उनके केवल एक खाते नंबर 00551029336 के लेन-देन ने ही उनके भ्रष्टाचार के तमगे में चार चांद लगा दिए हैं। खाते में ओपनिंग बैलेंस था 38500 रुपए। इसके बाद खाते में शायद ही कभी एक लाख से कम का लेन-देन हुआ। 2006 में इस खाते के खुलने के बाद नोटों की ऐसी झड़ी लगी कि मानों इसमें खुद-ब-खुद पैसा जमा हो रहा हो। मात्र चार साल में इस बचत खाते में आए दिन हो रहे लाखों के ट्रांजेक्शन से बैंक भी इतना खुश था कि खाते को विशेष ए श्रेणी दी गई। अब हो सकती है सात साल जेल आयकर विभाग निलंबित आईएएस दंपति अरविंद और टीनू जोशी के खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की अनुशंसा करने जा रहा है। इस कानून में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है। जोशी के घर से विदेशी मुद्रा और विदेशी शराब मिलने के मामले में रिजर्व बैंक ने उन्हें हाल ही में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शर्म से झुक गया पिता का सर... अरविन्द जोशी की भ्रष्टाचार में संलिप्तता का सबसे बुरा असर उनके पिता की साख पर पड़ा। गौरतलब है कि अरविन्द जोशी के पिता एचएम जोशी मध्य प्रदेश सरकार में पुलिस महानिदेशक रह चुके है। अरविन्द जोशी से उलट उनके पिता की ईमानदार छवि के किस्से आज भी प्रदेश भर में मशहूर हैं।लेकिन अरविन्द और टीनू जोशी प्रकरण ने न सिर्फ एचएम जोशी बल्कि पूरी 'प्रशासनिक सेवा' की साख पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया दिया है।
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उफ़ ! आख़िर कितना पैसा चाहिये था इन्हें...
ReplyDeletenice
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