Jan 12, 2013

'हम दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं, वे गर्दन काट रहे हैं'


'सरकार शहीद पति का सिर गांव लेकर आए, तब ही मुझे संतुष्टि मिलेगी, उनकी आत्मा को भी शांति मिलेगी।'पाकिस्तानी सैनिकों की बर्बरता के कारण अपने पति के अंतिम दर्शन नहीं कर पाईं शहीद हेमराज की पत्नी धर्मवती रोते हुए बार-बार यही शब्द दोहरा रही थीं। उन्होंने कहा,'सरकार पाकिस्तान के साथ दोस्ती की बात करती है। हम दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं और वह गर्दन काट रहे हैं।'

गुरुवार को वह एक तरफ रोती रहतीं और दूसरी तरफ पति के अंतिम दर्शन नहीं कर पाने की दुहाई देती जातीं। परिजन और गांव की महिलाएं उनको संभालने की कोशिश करते पर वे भी हार मान लेते। बस एक ही वाक्य उनके मुंह से निकलता,'मैं उनका आखिरी बार चेहरा भी नहीं देख पाई।'
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'अंतिम दर्शन नहीं कराए'
रुंधे गले से धर्मवती बोलीं कि गांव में बुधवार की रात जब उनके पति का शव आया तो सेना के जवानों ने उनको और बच्चों को अंतिम दर्शन नहीं कराए। वह गुहार करती रहीं लेकिन उनको पति के पार्थिव शरीर से अलग कर अंतिम संस्कार कर दिया गया। तीन माह से बच्चों ने पिता को नहीं देखा था। बच्चे भी पिता के दर्शन करने के लिए हो-हल्ला मचाते रहे। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था।'कहकर गए थे कि सात फरवरी को आएंगे, लेकिन उससे पहले उनका शव गांव आ गया। मैं उनके अंतिम दर्शन भी नहीं कर सकी।'

'शहीद पति का सिर लाए सरकार, तभी मिलेगी शांति'
आंसुओं के बीच धर्मवती की आंखों में आक्रोश भी झलका। उन्होंने एका एक कहा,'सरकार पाकिस्तान के साथ दोस्ती की बात करती है। हम दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं और वह गर्दन काट रहे हैं। क्या सरकार ऐसा ही करती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति तो तभी मिलेगी जब केंद्र सरकार और सेना के जवान ईंट का जवाब पत्थर से दें, उसके पति का सिर गांव लाएं और उनका दर्शन कराएं।'
सरकारी रवैये से गांव वालों में गुस्सा
खैरार गांव के लोगों के दिलों में यही टीस है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव क्यों नहीं आए? गांव ही नहीं पूरी तलहटी में इस बात को लेकर आक्रोश है कि एक शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सरकार की ओर से कोई नहीं आया। बुधवार रात शहीद हेमराज का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अफसर भी एक-एक कर चले गए। अधिकारियों में से किसी ने परिजनों को सांत्वना के दो शब्द नहीं कहे। गुरुवार को शासन और प्रशासन की इस उपेक्षा से आक्रोश पनप उठा। आनन-फानन में मुख्यमंत्री का पुतला तैयार किया और फूंक दिया।

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