महाभारत युद्ध के अट्ठारहवें दिनदुर्योधन मारा गया और युद्ध की समाप्ति हुई
तो श्रीकृष्ण, अर्जुन को उस के रथ से
नीचे उतर जाने के लिए कहते हैं। जब
अर्जुन उतर जाता है तो वे उसे कुछ
दूरी पर ले जाते हैं। तब वे
हनुमानजी को रथ के ध्वज से उतर आने
का संकेत करते हैं। जैसे ही श्री हनुमान
उस रथ से उतरते हैं, अर्जुन के रथ के
अश्व जीवित ही जल जाते हैं और रथ में
विस्फोट हो जाता है। यह देखकर
... अर्जुन दहल उठता है। तब श्रीकृष्ण
उसे बताते हैं कि पितामह भीष्म,
गुरुद्रोण, कर्ण, और अश्वत्थामा के
घातक अस्त्रों के कारण अर्जुन के रथ
में यह विस्फोट हुआ है। यह अब तक
इसलिए सुरक्षित था क्योंकि उस पर
स्वयं उनकी कृपा थी और श्री हनुमान
की शक्ति थी जो रथ अब तक इन
विनाशकारी अस्त्रों के प्रभाव कोसहन
किए हुए था।
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