Mar 28, 2013

पनीर का टुकड़ा

मंगरूआ की बेटी की शादी थी,
... शादी के लिये मंगरूआ ने पूरे तीस हजार रूपये इकठ्ठा किये थे.

घरातियो ने बस गुड़ पानी लिया,
चूकी बेटी की शादी मेँ गाँव वाले खाना नहीँ खाये.

साठ बारातियो के लिये चावल और छोले का इंतजाम हो रहा था.

चाय के लिये रखा गया आधा किलो दूध फट गया.
फूफाजी ने पनीर के चार गोले बनाकर छोले मेँ डाल दिये,
सोचे की बाद मेँ अपने लिये निकाल लेंगे.

पनीर के टुकडे पे जीजाजी की भी नजर पड गई.

बारात आ गई,
बारातियो के खाने का इंतजाम शुरु हो गया.

इधर जीजा जी और फूफाजी पनीर की टोह मेँ छोले के पास ही रहे.
खुद से ही छोले चलाने लगे.

इधर बारातियो ने जमकर खाना शुरु किया,
चावल कम पड़ गये.
घर मेँ कोहराम मच गया.

घर की महिलाओ ने दही मेँ हल्दी मिलाकर बारातियो पे छिंटे मारने लगी.

बेचारे बाराती आधे-अधूरे भरे पेट से उठ कर भाग गये खाने से,
कपडे जो बचाने थे.

तभी फुफाजी को एक पनीर का टुकड़ा मिला,
शायद एक ही बचा था.
बाकी टुकडे शायद बारातियो के प्लेट मेँ जा चूके थे.

जीजाजी और फूफाजी अपना अधिकार जताने लगे पनीर के लजीज टुकड़े पर.

दोनो प्लेट पे एक साथ हाथ रख कर एक दुसरे को उठाने नहीँ दे रहे थे.

अचानक आपाधापी मेँ टुकड़ा नीचे गिर पड़ा.

गिरते ही गाँव का मरियल कुत्ता शेरू अपने जबड़े में दबाकर रफ्फूचक्कर हो गया.

फूफाजी और जीजाजी हाथ मलते रह गये.

इसके बाद दोनो दूध के बर्तन के आस-पास देखे गये...
...कि कब दूध फटे और कब....
;-)
thanks to :-
सन्नि कुमार तिवारी

1 comment:

  1. फ़ायनली मंगरुआ की बेटी ससुरार चली गई न जी :)

    ReplyDelete