Mar 23, 2013

इंटरव्यू में सफल होने के लिए क्या करें

Interview के पहले :

1. जिस company में job करना है उसमे पहले से select होने के बारे में सोचें , law of attraction हर जगह काम करता है. :)
2. कभी भी कोई तेज गंध का deo या perfume लगा कर interview में ना जाएं.
3. Interview room में जाने से पहले अपना mobile switch off कर लें .
4. Job advertisement को भी दो -चार बार ध्यान से देख लें , यहाँ से आपको interview में क्या पूछा जा सकता है इस बात का अंदाज़ा लग सकता है .
5. Is series की दूसरी post में दिए गए tips पढ़ लें .
6. Company की website अच्छे से देख लें .
7. Interview venue पर 15-20 मिनट पहले पहुंचें , इससे आप की nervousness कुछ कम होगी .

Interview के दौरान :

1. पूरे panel से eye-contact बनाये रखने की कोशिश करें . किसी एक व्यक्ति को ही ना देखते रहे .
2. Question बड़े ध्यान से सुनें , और उसके ख़त्म होने पर ही अपने उत्तर शुरू करें बीच में ना टोकें
3. अगर answer के बारे में बिलकुल ही ना पता हो तो “Sorry, I don’t know “ बोल कर इस बात को accept कर लें , कभी भी interviewer को घुमाने की कोशिश ना करें .
4. अगर answer के बारे में sure ना हों , तो आप Interviewer की अनुमति लेकर उसे guess कर सकते हैं . या कुछ इस तरह से कह सकते हैं , “ I am not sure but probably……” ,”मैं sure नहीं हूँ पर शायद …..”
5. कभी भी अपने previous employer / boss / college की बुराई ना करें .
6. याद रखें की Interview में जितना बोलना जरूरी है उतना ही सुनना . इसलिए attentive हो कर questions सुनें .
7. Interview के दौरान Chewing Gum या candy ना खाएं .
8. Interview से पहले Cigarette ना पियें .
9. अगर question ना समझ आये तो उसे repeat करने के लिए request करें . कभी भी बिना question समझे answer ना दें .
10. अनावश्यक रूप से जवाब को लम्बा ना करें .
11. Salary के बारे में खुद से बात ना छेड़ें .Generally, ये बात HR personnel से होती है .
12. ऐसी body language रखें जिससे ऐसा लगे कि आप सामने वाले की respect करते हैं और एक confident individual हैं .
13. Over smart बनने का प्रयास मत करें , जितना पूछा गया है उतना ही बताएं .
14. कभी भी interviewer की knowledge को challenge ना करें , कि वो गलत है , या उसे कम पता है .
15. ये ना show करें की आप इस job के लिए बहुत desperate हैं , और किसी भी कीमत पर select होना चाहते हैं .
16. अगर आपका sense of humour अच्छा है तो एक -आध जगह आप इसका use कर के माहाल को हल्का बना सकते हैं . पर इसका प्रयोग एकदम limited करें .
17. अंत में panel को thanks जरूर करें .

Interview के बाद :

1. Ensure कर लें की follow up करने के लिए आपके पास किसी contact person की details हैं .
2. अगर बताई गए date तक कोई response नहीं आता है तो follow up करें .
3. Select ना होने पर भी contact person को interview कराने के लिए thanks करें .

CV related Dos and Don’ts :

1. अपने CV की 3-4 printout ज़रूर रखें . Panel का हर व्यक्ति आपकी CV मांग सकता है .
2. Interview की तैयारी के दौरान अपनी CV को दो -चार बार ध्यान से पढ़ें . CV के basis पर कई questions पूछे जा सकते हैं .
3. Check कर लें की CV में आपकी contact details updated हैं , एक बार मैं अपना mobile no. change करना भूल गया था . :)
4. इस series की दूसरी पोस्ट का पहला point पढ़ लें .

फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें.........

फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें

एंटर करके सर्च करूँ तो बस मुझको ही ताकें

रेडिफ जैसे लाल गाल तेरे हॉटमेल से होंठ

बलखा के चलती है जब तू लगे जिगर पे चोट

सुराही दार गर्दन तेरी लगती ज्यों जी-मेल

... अपने दिल के इंटरनेट पर पढ़ मेरा ई-मेल

मैंने अपने प्यार का फारम कर दिया है अपलोड

लव का माउस क्लिक कर जानम कर इसे डाउनलोड

हुआ मैं तेरे प्यार में जोगी, तू बन जा मेरी जोगिन

अपने दिल की वेबसाईट पर कर ले मुझको लोगिन

तेरे दिल की हार्डडिस्क में और कोई न आये

करे कोई कोशिश भी तो पासवर्ड इनवैलिड बतलाये

गली मोहल्ले के वायरस जो तुझ पर डोरे डालें

एन्टी वायरस सा मैं बनकर नाकाम कर दूँ सब चालें

अपने मन की मेमोरी में सेव तुझे रखूँगा

तेरी यादों की पैन ड्राइव को दिल के पास रखूँगा

तेरे रूप के मॉनिटर को बुझने कभी न दूँगा

बनके तेरा यू पी एस मैं निर्बाधित पावर दूँगा

भेज रहा हूँ तुम्हें निमंत्रण फेसबुक पर आने का

तोतों को मिलता है जहाँ मौका चोंच लड़ाने का

फेसबुक की ऑनलाईन पर बत्ती हरी जलाएंगे

फेसबुक जो हुआ फेल तो याहू पर पींग बढ़ायेंगे

एक-दूजे के दिल का डाटा आपस में शेयर करायेंगे

फिर हम दोनों दूर के पंछी एक डाल के हो जायेंगे

की-बोर्ड और उँगलियों जैसा होगा हमारा प्यार

बिन तेरे मैं बिना मेरे तू होगी बस बेकार

फिर हम आजाद पंछी शादी के सी पी यू में बन्ध जायेंगे

इस दुनिया से दूर डिजिटल की धरती पे घर बनाएँगे

फिर हम दोनों प्यासे-प्रेमी नजदीक से नजदीकतर आते जायेंगे

जुड़े हुए थे अब तक सॉफ्टवेयर से अब हार्डवेयर से जुड़ जायेंगे

तेरे तन के मदरबोर्ड पर जब हम दोनों के बिट टकराएँगे

बिट से बाइट्स, फिर मेगा बाइट्स फिर गीगा बाइट्स बन जायेंगे

ऐसी आधुनिक तकनीकयुक्त बच्चे जब इस धरती पर आयेंगे

सच कहता हूँ आते ही इस दुनिया में धूम मचाएंगे

डाक्टर और नर्स सभी दांतों तले उंगली दबाएंगे

होगे हमारे 3g बच्चे और याहू-याहू चिल्लायेंगे……
by...
प्रभाकर

Mar 22, 2013

ट्रक ने तो सिर्फ सर ही तोड़ा था जल्लाद डॉक्टर ने तो पूरा चीर के रख दिया...

चलो झोलाछाप पत्रकारों ..


मै डोक्टोरो के खिलाफ कुछ सनसनी फैलाने
वाली ब्रेकिंग न्यूज बताता हु जिनको तुम रोज दिखा सकते हो....


1- ब्रेकिंग न्यूज --- ट्रक ने तो सिर्फ सर ही तोड़ा था जल्लाद डॉक्टर ने तो पूरा चीर के रख दिया.....
.. (सड़क दुर्घटना में मृत्यु-परान्त पोस्ट-मार्टम होने पर)


... 2- ब्रेकिंग न्यूज --- ह्रदयहीन सर्जन ने तो आँख में चाक़ू-छूरी ड़ाल-ड़ाल के आँख फोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी मगर उपरवाले की दया से आँख बच गयी...
. (नेत्र आप्रेसन के बाद )


3-- ब्रेकिंग न्यूज --- एक तो बीमारी ने मारा फिर डॉक्टर ने खून चूस लिया
.. (मरीज का खून जांच करने पर)

Mar 18, 2013

क्या आप जानते है.....

( ??? ))
=
*. नया पेन देने पर 97% लोग अपना खुद का नाम लिखते हैं।
*. एक सामान्य मनुष्य की आँखें 200 अंश की चौड़ाई तक देख सकती हैं।
*. पका हुआ तरबूज कच्चे तरबूज की अपेक्षा खोखला होता है।
... *. लगभग छः माह की उम्र होनेतक रोने परभी बच्चों की आँख से आँसू नहीं निकलते।
*. अपेक्षाकृत गरम पानी से सिंचाई किए जाने वाले पौधे ठण्डे पानी से सिंचाई किए जाने वाले पौधों की अपेक्षा तेजी से बढ़ते हैं।
*. एक घंटे तक हेडफोन लगाए रहने पर कान के अंदर बैक्टीरिया 700 गुना बढ़ जाते हैं।
*. उम्र बढ़ने के साथ मनुष्य के कान और नाक के आकार में वृद्धि होती है किन्तु आँखें जन्म से मृत्यु तक एकही आकार की रहती हैं।
*. उँगलियों के निशान जैसे ही प्रत्येकव्यक्ति के जीभ के निशान भी अलग-अलग होते हैं।
*. स्वीडन में एक ऐसा होटल है जो पूर्णतया बर्फ का बनाहै, प्रतिवर्ष इसका पुनर्निर्माण किया जाता है।
*. उँगलियाँ तोड़ने पर जो आवाज सुनाई देती है वह वास्तव में नाइट्रोजन बबल्स के बर्स्ट होने की आवाज होती है।

एक बार तीन दोस्त मर कर नर्क में पहुँच जाते हैं।

एक बार तीन दोस्त मर कर नर्क में पहुँच जाते हैं।
पहले दोस्त को स्वर्ग की सबसे बदसूरत और भद्दी महिला के साथ रहने को कहा गया।
दोस्त ने उस पर ऐतराज़ किया और ऐसा करने का कारण पूछा।
यमराज: जब तुम नौ साल के थे तुमने एक चिड़िया को पत्थर से मारा था इसीलिए।
कुछ ऐसा ही दूसरे दोस्त के साथ भी होता है जब वह यमराज से इसका कारण पूछता है तो उसे भी वाही जवाब मिलता है कि जब वह नौ साल का था तो उसने एक चिड़िया को पत्थर से मारा था।
... अपने दोनों दोस्तों का हाल देख कर तीसरा दोस्त सोच में पड़ गया की कहीं उसने तो ऐसा कुछ नहीं किया था, परन्तु इतने में ही यमराज ने उसे बुलाया और एक सुन्दर सी महिला के साथ भेजते हुए कहा, "तुम इसके साथ रहोगे।
यह देख दोनों दोस्त यमराज के पास गए और उस से बोले, " हे यमराज हम दोनों को यह दो बदसूरत महिलाओं के साथ रहने की सज़ा और उसे उस खूबसूरत महिला के साथ रहने का मौक़ा ऐसा क्यों जबकि वह भी तो हमारे साथ का ही है।
यमराज: दरअसल बात यह है, जब वह महिला नौ साल कीथी तब उसने एक चिड़िया को पत्थर से मारा था...:D

Mar 17, 2013

आप हाथी नहीं इंसान हैं !...

एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे
बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया. उसने
देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है, उसे
इस बात का बड़ा अचरज हुआ कि हाथी जैसे विशालकाय
... जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से
बंधे हुए हैं!!! ये स्पष्ट था कि हाथी जब चाहते तब अपने
बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे, पर किसी वजह से
वो ऐसा नहीं कर रहे थे.
,
उसने पास खड़े महावत से पूछा कि भला ये हाथी किस
प्रकार इतनी शांति से खड़े हैं और भागने का प्रयास
नही कर रहे हैं ? तब महावत ने कहा, ” इन
हाथियों को छोटे से ही इन रस्सियों से बाँधा जाता है,
उस समय इनके पास इतनी शक्ति नहीं होती कि इस बंधन
को तोड़ सकें. बार-बार प्रयास करने पर
भी रस्सी ना तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे-धीरे यकीन
होता जाता है कि वो इन रस्सियों नहीं तोड़ सकते, और
बड़े होने पर भी उनका ये यकीन बना रहता है, इसलिए
वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते.”
,
आदमी आश्चर्य में पड़ गया कि ये ताकतवर जानवर सिर्फ
इसलिए अपना बंधन नहीं तोड़ सकते क्योंकि वो इस बात में
यकीन करते हैं!!
,
इन हाथियों की तरह ही हममें से कितने लोग सिर्फ पहले
मिली असफलता के कारण ये मान बैठते हैं कि अब हमसे ये
काम हो ही नहीं सकता और अपनी ही बनायीं हुई
मानसिक जंजीरों में जकड़े-जकड़े पूरा जीवन गुजार देते हैं.
,
,
याद रखिये असफलता जीवन का एक हिस्सा है और निरंतर
प्रयास करने से ही सफलता मिलती है. यदि आप भी ऐसे
किसी बंधन में बंधें हैं जो आपको अपने सपने सच करने से रोक
रहा है तो उसे तोड़ डालिए….. आप हाथी नहीं इंसान हैं.

सुबह सुबह सर रजनीकांत के मजेदार चुटकुलोँ का आनन्द लेँ ..


१. जब रजनीकांत स्कूल जाया करते थे तो स्कूल में
बंक मारना टीचर का काम हुआ करता था।

... २. रजनीकांत जब भी प्याज काटता है, प्याज से
पानी की बूंदें निकलती हैं। साइंटिस्ट कहते हैं
कि ये प्याज के आंसू होते हैं।

३. अगर आप सोचते हैं कि रजनीकांत का दिमाग
कम्प्यूटर से तेज चलता है तो आप थोड़ा सा गलत
हैं। रजनीकांत का दिमाग चाचा चौधरी से तेज
चलता है।

४. एक बार रजनीकांत ने अपने उस बैंक एकाउंट
का चेक काट दिया जिसमें संयोग से रुपये नहीं थे।
नतीजा ये हुआ कि बैंक बाउंस हो गया।

५. रजनीकांत इतना तेज है कि वह
पूरी दुनिया का एक चक्कर लगाकर अपनी पीठ
पर पीछे से आकर खुद को मुक्का मार सकता है।

६. 'नो वन इज परफेक्ट', इस जुमले को रजनीकांत
पर्सनल इंसल्ट के रूप में लेता है।

7 अद्भुत, अविश्वसनीय, बुद्धिमान, शक्तिशाली,
महान जैसे कई शब्द 1949 में डिक्शनरी में जुड़े।
इसी साल रजनीकांत का जन्म हुआ था।

8. दुनिया 2012 में समाप्त
नहीं होगी क्योंकि रजनीकांत ने लाइफ टाइम
वैलीडिटी वाला मोबाइल सिम खरीद लिया है।

9. रजनीकांत के कम्प्यूटर में रिसाइकिल बिन
नहीं है। उसे रजनीकांत ने डिलीट कर दिया है।

10. रजनीकांत यदि 200 साल पहले
पैदा होता तो आज ब्रिटेनवासी अपनी आजादी के
लिए संघर्ष कर रहे होते।

11. रजनीकांत को बचपन में चिकेन पॉक्स नाम
की बीमारी ने अपनी चपेट में लिया था। आज ये
बीमारी दुनिया से गायब हो चुकी है।

12 .एक किसान ने अपने मक्के के खेत में कौवे उड़ने
के लिए रजनीकांत की तस्वीर चिपका दी।
नतीजा यह हुआ कि कौवे अगले ही दिन मक्की के
वे दाने भी वापस ले आए, जो वे पिछले साल लेकर
गए थे।

Mar 16, 2013

जब हवा चलती है तो मैं सोता हूँ...


बहुत समय पहले की बात है, आइस्लैंड के उत्तरी छोर पर एक
किसान रहता था. उसे अपने खेत में काम करने
वालों की बड़ी ज़रुरत रहती थी लेकिन ऐसी खतरनाक
जगह, जहाँ आये दिन आंधी–तूफ़ान आते रहते हों , कोई काम
... करने को तैयार नहीं होता था.
किसान ने एक दिन शहर के अखबार में इश्तहार
दिया कि उसे खेत में काम करने वाले एक मजदूर की ज़रुरत
है. किसान से मिलने कई लोग आये लेकिन जो भी उस जगह के
बारे में सुनता, वो काम करने से मन कर देता. अंततः एक
सामान्य कद का पतला -दुबला अधेड़ व्यक्ति किसान के
पास पहुंचा.
किसान ने उससे पूछा , “ क्या तुम इन परिस्थितयों में काम
कर सकते हो ?”
“ ह्म्म्म, बस जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ .” व्यक्ति ने
उत्तर दिया .
किसान को उसका उत्तर थोडा अजीब लगा लेकिन
चूँकि उसे कोई और काम करने वाला नहीं मिल
रहा था इसलिए उसने व्यक्ति को काम पर रख लिया.
मजदूर मेहनती निकला, वह सुबह से शाम तक खेतों में मेहनत
करता, किसान भी उससे काफी संतुष्ट था. कुछ ही दिन
बीते थे कि एक रात अचानक ही जोर-जोर से हवा बहने
लगी, किसान अपने अनुभव से समझ गया कि अब तूफ़ान आने
वाला है. वह तेजी से उठा, हाथ में लालटेन ली और मजदूर के
झोपड़े की तरफ दौड़ा.
“ जल्दी उठो, देखते नहीं तूफ़ान आने वाला है, इससे पहले
की सबकुछ तबाह हो जाए कटी फसलों को बाँध कर ढक
दो और बाड़े के गेट को भी रस्सियों से कस दो.” किसान
चीखा .
मजदूर बड़े आराम से पलटा और बोला, “ नहीं जनाब, मैंने
आपसे पहले ही कहा था कि जब हवा चलती है तो मैं
सोता हूँ !!!.”
यह सुन किसान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया,
जी में आया कि उस मजदूर को गोली मार दे, पर
अभी वो आने वाले तूफ़ान से चीजों को बचाने के लिए भागा.
किसान खेत में पहुंचा और उसकी आँखें आश्चर्य से खुली रह
गयी, फसल की गांठें अच्छे से बंधी हुई थीं और तिरपाल से
ढकी भी थी, उसके गाय -बैल सुरक्षित बंधे हुए थे और
मुर्गियां भी अपने दडबों में थीं … बाड़े
का दरवाज़ा भी मजबूती से बंधा हुआ था. सारी चीजें
बिलकुल व्यवस्थित थी …नुक्सान होने की कोई
संभावना नहीं बची थी. किसान अब मजदूर की ये बात
कि “जब हवा चलती है तब मैं सोता हूँ ”…समझ चुका था,
और अब वो भी चैन से सो सकता था .
मित्रों , हमारी ज़िन्दगी में भी कुछ ऐसे तूफ़ान आने तय हैं,
ज़रुरत इस बात की है कि हम उस मजदूर की तरह पहले से
तैयारी करके रखें ताकि मुसीबत आने पर हम भी चैन से
सो सकें. जैसे कि यदि कोई विद्यार्थी शुरू से पढ़ाई करे
तो परीक्षा के समय वह आराम से रह सकता है, हर महीने
बचत करने वाला व्यक्ति पैसे की ज़रुरत पड़ने पर निश्चिंत
रह सकता है, इत्यादि.
तो चलिए हम भी कुछ ऐसा करें कि कह सकें –
"जब हवा चलती है तो मैं सोता हू"

Mar 14, 2013

एक 17 साल का लडका सोचता है कि वह खुब मेहनत करेगा करेगा डा होकर करोडपति बनेगा...

और बएक 17 साल का लडका सोचता है कि वह खुब मेहनत करेगा डा होकर करोडपति बनेगा..!
लडका कोलेज पुरी करके नौकरी लगता है लेकिन उस छोटी सी नौकरी से घर का गुजारा नही होता है..!
इसलिए उसने एक छोटा सा धन्धा चालुकरने की सोची..!
लगातार मेहनत के बावजुद भी धंधा बराबर नही चलता है..!
फिर 3-4 धंधे बदलकर देखता है लेकिन उसमे मेँ भी मुँह की खानी पडती है..!
...
उसको लगता है कि उसके नसीब मेँ कभी भी करोडपति बनना नही लिखा है,
ऐसे करते करते उसकी उम्र 35 साल हो जाती है..!

पैसे कमाने के लालच मेँ वह जुगार खेलने की आदत लग जाती है..!
और जितना कमाया था वह सब कुछ जुगार मेँ हार जाता है और रस्ते पर आ जाता है..!
और एक गरीब भिखारी बन जाता है और भीख माँगकर खाता है और रास्ते पर ही सो जाता था..!

ऐसे करते करते उसकी उम्र 55 साल की हो जाती है..!
सब उसको पागल बोलने लगे, वह पागलो की तरह गाने गाता रहता था..!

एक रात जब वह गाना गा रहा था तब वहा से चेनल V का रिपोर्टर निकलता है और उसका एक विडियो बनाकर YOUTUBE पर अपलोड करता है..!
उस विडियो को अच्छा रिस्पोनस मिलता है तो, चेनल वालो ने पुरा एलबम बनाने का विचार किया..!

ओर उस भिखारी को एक साल के लिए साईन करके एक करोड का दिया जाता है

आखिर 56 साल का होता है तब वह करोडपति बनता है

(अमेरिका की सच्ची घटना )

नशीब से ज्यादा और समय से पहले
ना किसी को मिला है और ना ही मिलेगा..

The following points could be the reason for the revise allotment...

The following points could be the reason for the revise allotment, may be any one or two or may be all.

1- Consideration of some OBC/ST/SC as UR category.

2- Discrepancy in the Allotment to Candidates, as Top Combined Scorer didn't got their first preference. They might have allotted the seat first to Reserved candidates than to UR Candidates.
...
3- The list which is sent to different banks after allotment are rejected by different banks due to eligibility criteria not matching as per their banks rules.

4- There has been some mistakes while allotment by IBPS. Giving seats to candidates. some minor mistakes

For everyone.
Who is in the waiting list including Me.

The allotment has been done for now.
If you are not selected.
...
Yup. It is true, that now chances are low.

Now bravely speaking, lets focus on next exam.

Accept and move on.

If you want, i can also give some motivational speech that dont loose hope and chances are there or something like that.

But i think its not fair to show some unnecessary sympathy.
So lets try and prepare for the next exam.

All the best.

Mar 13, 2013

हममें से अधिकाँश लोग इंटरनेट पर अपना अधिकाँश समय सोशल साइट्स पर बिताते हैं और फेसबुक ...

हममें से अधिकाँश लोग इंटरनेट पर अपना अधिकाँश समय सोशल साइट्स पर बिताते हैं और फेसबुक उन साइट्स में सबसे ऊपर आती है. अगर आप गौर से देखें तो फेसबुक पर आपके जितने भी फ्रेंड्स हैं उनको (और खुद को भी) कुछ कैटेगरीज में बाँट सकते हैं. वैसे तो फेसबुक पर अनगिनत किस्म के प्राणी हैं पर सबसे ज्यादा पाए जाने वाले और सबसे घातक और खतरनाक टाइप के प्राणी निम्नलिखित 20 टाइप के होते हैं. ध्यान रखें कि आप और हम भी इनमें से कई कैटेगरीज में शामिल हैं.

1. द टैगकर्ता- ये फेसबुक पर पायी जाने वाली सबसे खतरनाक किस्म की प्रजाति है. ये फेसबुक पर पोस्ट-वोस्ट नहीं लिखते. बस हर दिन सौ-पचास फोटो अपलोड करते हैं- फूल, नदी, जानवर, सेलेब्रिटी, देवी-देवता, उपदेश इत्यादि की. गूगल इमेज सर्च को ये दुनिया के लिए वरदान मानते हैं. ये बड़े भोले किस्म के जीव होते हैं. ये हर फोटो में सौ-पचास लोगों को टैग करते हैं. इनको लगता है कि जो महान और ख़ूबसूरत फोटो इन्होने अपलोड की है उसे सबको दिखाना इनका कर्तव्य है. अब लोग लापरवाह हैं, कहीं भूल जाएँ देखना; तो इसलिए ये उनको टैग कर देते हैं. कभी-कभी तो ये अपनी पासपोर्ट साइज़ फोटो में सौ-दो सौ लोगों को टैग कर देते हैं.

उपाय: अगर टैगकर्ता आपसे उम्र, पद, प्रतिष्ठा में छोटा है तो एक बार हड़का दें, दुबारा टैग करने पर ब्लॉक या अन्फ्रेंड करें. अगर टैगकर्ता आपके वर्तमान, भूत या भविष्य को प्रभावित करने की क्षमता रखता है तो जाकर लाइक करें और लिखें. ‘दैड्स अमेजिंग. थैंक यू फॉर टैगिंग’ . बन पड़े तो फोटो को शेयर भी करें. अगर आप सीधे-साधे जीव हैं और टेंशन नहीं लेना चाहते तो चुपके से जाकर टैग हटाते रहें.

2. द रीडर- ये बड़े निरीह प्राणी होते हैं. किसी को नुकसान नहीं पहुँचाते. ये फेसबुक पर न कुछ लिखते हैं, न कमेंट करते हैं न कुछ लाइक करते हैं. कभी-कभी लोगों को पता भी नहीं चलता कि वो फेसबुक पर हैं भी. लेकिन यह फेसबुक पर सबकुछ पढ़ते हैं. आपकी हर पोस्ट, हर कमेंट. और कभी कभार बातचीत में ये बोलेंगे,”हाँ ये तो आपके फेसबुक पर देखा था”.

उपाय: कोई उपाय जरूरी नहीं. बस एक डायरी मेंटेन करें कि ये भी फेसबुक पर हैं, जिससे कि आप कभी गलती से इनके बारे में कुछ उल्टा-पुल्टा न लिख बैठें.

3. द ताकू-झाँकू- ये ख़ुफ़िया जीव हैं जो आपकी हर गतिविधि पर नज़र रखते हैं. हो सकता है कि अपनी प्रोफाइल पर उतना टाइप आप भी नहीं स्पेंड करते हों जितना ये करते हैं. ये आपकी हर पोस्ट, कमेंट और फोटो एल्बम में गहरी दिलचस्पी लेते हैं. हो सकता है कि उसको अपने अपने कम्प्यूटर में सेव करके भी रखते हों. ऐसा ये क्यों करते हैं यह डिपेंड करता है. लेकिन यह तो तय है कि उनकी आपमें गहरी दिलचस्पी है.

उपाय: कोई सेंसिटिव तस्वीर या इन्फोर्मेशन न डालें. अपने भूतपूर्व प्रेमियों/प्रेमिकाओं/आशिकों पर खास नज़र रखें.

4. द गेमर- ये फेसबुक पर उपलब्ध तमाम तरह के गेम खेलते हैं- फार्मविले, माफियाविले, गटरविले और पता नहीं क्या क्या. और दिन भर में इसके दस-बीस अपडेट आते हैं – ‘आई गॉट लेवल फाइव ऑन फ़ार्मविले’, ‘माई टोमैटोज आर रेडी, डू यू वांट सम’, बी माई नेवर ऑन माफिया विले’ वगैरह-वगैरह.

उपाय: इनके झांसे में आकार गलती से कोई गेम ज्वाइन न करें. बहुत पछताएंगे. इनके स्टेटस अपडेट्स को ब्लॉक करें.

5. द अटेंशन सीकर- जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ये अटेंशन के भूखे होते हैं और इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं. ये ज्यादातर एन्क्रिप्टेड कोड टाइप के मैसेज लिखते हैं जिसे इनके अलावा कोई नहीं समझ पाए. जैसे- “आई न्यू इट विल हैप्पेन.”, आई कांट बिलीव यू कैन डू दिस टू मी’, ‘यस, आई डिड इट’ वगैरह वगैरह. ये उम्मीद करते हैं कि इनका कोडेड सन्देश लोग समझेंगे नहीं और पूछेंगे कि क्या हुआ.

उपाय: भूल कर भी न पूछें कि क्या हुआ. ज्यादा खुश हैं तो बस लाइक कर दें.

6. द गुरु- इनका काम होता है इंटरनेट से बड़े-बड़े फिलोस्फर्स और विद्वानों के Quotes कॉपी करने फेसबुक पर डालना. इनको लगता है कि और लोगों को नहीं पता कि ऐसे महान उपदेश इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. और इन्हें आम जनमानस तक पहुंचाना उनका कर्तव्य है.

उपाय: अगर आप दिन भर महान उपदेशों को पढकर इनफीरियरिटी कॉम्प्लेक्स नहीं प्राप्त करना चाहते तो इनके स्टेटस अपडेट को अनसब्सक्राइब करें.

7. द दुष्ट- आपके कमीने दोस्त इस श्रेणी में आते हैं. इनका एक ही काम होता है. जब भी आप कुछ ढंग का लिखकर भोकाली बनाने की कोशिश कर रहे हों ये वहाँ आकार रायता फैला देंगे. जैसे आपने ‘ग्लोबल वार्मिंग, न्यूक्लियर वेस्ट और इकॉनोमिक क्राइसिस के बीच रिलेशन बैठाते हुए कोई धाँसू सी पोस्ट मारी. तो वहाँ आकार ये कमेंट करेंगे,”और तेरे लूज मोशन ठीक हुए या अभी भी…?” या “ये बालकनी में लाल रंग का फटा अंडरवियर तेरा पड़ा है क्या? जाके उठा ले.. बारिश आ रही है”.

उपाय: अगर आप सरे बाज़ार अपना पोपट नहीं बनवाना चाहते तो इनको खिलाते-पिलाते रहें.

8. द दुखी आत्मा- ये रोंदू टाइप जीव होते हैं. इनको लगता है कि दुनिया में और उनकी अपनी ज़िंदगी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा. इनको लगता है कि दुनिया में हर कोई उनको परेशान करने के लिए षड्यंत्र कर रहा है. ये हर स्टेटस में रोते रहते हैं. ऐसे लोगों में धोखा खाए और गर्लफ्रेंड-ब्वायफ्रेंड के ठुकराए प्रेमी ज्यादा होते हैं.

उपाय: इनसे सौ फीट की दूरी बनाकर रखें. क्योंकि यह कम्यूनिकेबल बीमारी है.

9. द हाइजैकर- ये अजीब किस्म की प्रजाति है. ये आपके पूरे पोस्ट को ही हाइजैक कर लेंगे. ये पोस्ट के टॉपिक से हटकर कुछ अलग ही बात शुरू कर देंगे. जैसे आपने भ्रष्टाचार और पॉलिटिक्स पर कुछ लिखा तो वो आकार कमेंट करेंगे,’हाय, हाउ आर यू? सब ठीक चल रहा है?’ और फिर वो चैटिंग में बदल जाएगा. कभी-कभी उनके और दोस्त भी चैटिंग को ज्वाइन कर लेंगे और आपको लगेगा कि ये आपकी नहीं उनकी ही पोस्ट है. आपके जो मित्र आपकी पोस्ट पर कमेंट करना चाहेंगे वे वहाँ रायता फैला देखकर निकल लेंगे.

उपाय: टॉपिक से अलग कमेंट का जवाब पोस्ट पर न देकर मैसेज में या उनकी वाल पर जाकर दें जिससे रायता वहीं फैले. आपकी पोस्ट पर नहीं.

10. द लिंकचेंपू- इनका काम होता है इंटरनेट में इधर-उधर से लिंक लेकर चेपना. न्यूज, आर्टिकल, सर्वे, यूटयूब वीडियो और अन्य तरह की मनोरंजक और उपयोगी सामग्री. इनकी फेसबुक वाल एक भरे-पूरे मनोरंजन पोर्टल की तरह होती है. कभी मन न लगे तो आप इनकी वाल का इस्तेमाल एक वेबसाईट की तरह कर सकते हैं. यह प्राणी अगर ब्लॉगर भी है तो अपनी हर पोस्ट का लिंक भी चेपेंगा. सावधान रहें.

उपाय: इनके स्टेटस अपडेट को नियमित देखने के बजाये आप शाम को एक बार उनकी वाल पर जाकर दिनभर का पूरा मसाला देख लें. इससे आपके समय की बचत होगी.

"द बाबा"

- इस कैटेगरी में पत्रकार, लेखक, प्रोफ़ेसर, अफसर वगैरह लोग आते हैं. इन्हें लगता है कि ये दुनिया के सबसे बड़े इंटेलेक्चुअल हैं और पॉलिटिक्स, सोसायटी, आर्ट वगैरह से नीचे की टॉपिक्स पर लिखना इनके लिए तौहीन की बात है. कभी-कभी अच्छे मूड में होने पर ये कुछ फनी लिखने की भी कोशिश करते हैं जो जेनेरली असफल ही होता है. ये महीनों-बर्षों मेहनत करके अपने इर्द-गिर्द भक्तों और चमचों की एक फ़ौज खड़ी कर लेते हैं जो इनके हर पोस्ट पर ऐसे ताली बजाती है जैसे इससे कालजयी आज तक लिखा ही नहीं गया. ये सिर्फ पोस्ट करते हैं. दूसरों के पोस्ट्स को लाइक करना, उनपर कमेंट करना या छोटे-मोटे लोगों के कमेंट्स का जवाब देना ये समय की बर्बादी समझते हैं. अगर किसी भक्त से ज्यादा खुश हों तो कभी-कभी एक-दो शब्द लिख देते हैं जिससे वह भक्त अपने आप को धन्य मानता है.

उपाय: इन्हें अधिक भाव न दें. इस भरोसे में बिलकुल न रहें कि ये कभी आपको कहीं लगवा देंगे या आपकी किताब छपवा देंगे. इनकी बातों और तर्कों को कभी काटें नहीं चाहे वो कितनी बेवकूफों वाली क्यों न हों. वो खुद तो बाद में आयेंगे, उससे पहले उनके भक्त आप पर राशन-पानी लेकर चढ़ जायेंग

"द समाजसेवी"

-इनके स्टेटस देखकर लगता है कि समाज के उद्धार का सारा बीड़ा इन्हीं के कंधों पर है. जैसे टिटहरी पेड़ पर उलटा सोती है कि यदि आसमान गिरेगा तो वो उसे थाम लेगी वैसे ही ये फेसबुक पर डटे रहते हैं. माता-पिता का सम्मान करना चाहिए, सारे धर्मों में प्रेमभाव होना चाहिए, पेड़-पौधों और पशुओं से कैसे प्रेम करना चाहिए, कैसे मेहनत से पढकर समाज का नाम रोशन करना चाहिए.. ये सब प्रेरणा वाले सन्देश, पोस्ट इनके स्टेटस के अभिन्न अंग होते हैं. इनको लगता है कि वे खुद से ये सब प्राप्त करके ऑलरेडी इन सबसे ऊपर उठ चुके हैं और अब इनका काम समाज को सही दिशा दिखाना है.

उपाय: इनको दूर से प्रणाम करें. वरना आपकी खैर नहीं.

"द शेयरकर्ता"-

ये भी फाड़ू प्रजाति के प्राणी है. शेयर करना और करवाना ही इनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य होता है. ये कोई भी पोस्ट, फोटो, लिंक शेयर कर देते हैं बिना यह जांचे कि वह सही है भी या नहीं और आपसे भी वही उम्मीद रखते हैं. कुछ उदाहरण:- १) यह बजरंगबली की तस्वीर लाइक करें तो २ दिन में कुछ अच्छा होगा. शेयर करें तो दस मिनट में गड़ा धन मिलेगा. २) जो असली माई का लाल होगा वो इस भगत सिंह की फोटो को लाइक करेगा और जो असली बाप का लाल होगा वो शेयर करेगा. ३) किसी को खून चाहिए, फ्री में हार्ट सर्जरी कराना हो, भारत से गरीबी दूर करनी हो, या बदहजमी ठीक करनी हो इस नंबर पर फोन करें. इसे शेयर कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचायें जिससे सबका भला हो. ४) ये है देश के शेर सचिन, शाहरुख और मंगरू की तस्वीर, एक लाइक मतलब एक सैल्यूट ५) ये देखिये एक गरीब बच्चा.. यूनिसेफ ने कहा है कि अगर दस लाख लोग इसको लाइक करेंगे तो वह इस बच्चे को एक करोड़ रुपया देगी और अगर बीस लाख लोग शेयर करेंगे तो इसको यूएन का जनरल सेक्रेटरी बना देगी.

उपाय: ऐसे लोगों को देख कर रास्ता बदल लें. उन्हें एक जाली अकाउंट से मैसेज भेजें कि कैसे दुनिया उनसे पीड़ित और त्रस्त है.

"द फोटूग्राफर"-

ये फेसबुक पर कुछ लिखते नहीं सिर्फ फोटो लगाते हैं. इनमें से ज्यादातर ने नया-नया कैमरा या कैमरे वाला मोबाइल खरीदा होता है. थ्री इडियट फिल्म आने के बाद से इस प्रजाति की जनसंख्या में भारी बढोतरी हुई है. ये जहाँ जाते हैं वहाँ की एक फोटो लेकर चेप देते हैं- फूल, टेबल, कुर्सी, खाना, चिड़िया, जानवर, बच्चा कुछ भी. कोई फंक्शन हुआ तो सौ-दो सौ फोटो की एक एल्बम के लिए तैयार रहें. कुछ न हुआ तो ये सेल्फ फोटो ले मारते हैं. आखिर ख़ूबसूरत शक्ल कभी तो काम आये. इसे प्रजाति में जो थोड़े उन्नत किस्म के प्राणी हैं वो अपनी फोटो में फोटोशॉप से ‘अ फलाना फोटोग्राफी’ का वाटरमार्क लगा देते हैं और एक फैन पेज और ब्लॉग भी बना लेते हैं. इससे उनके फोटोग्राफ्स की गुणवत्ता और फैन्स की संख्या में भयंकर वृद्धि होती देखी गयी है.

उपाय: इनकी फोटोज की तारीफ़ करते रहें. ये फोटो खीचते-खीचते सीख जाते हैं और अच्छी फोटू खेंचने लगते हैं. शादी-ब्याह-जन्मदिन वगैरह के मौके पर बड़े काम आते हैं.

"द कवि-"

इनसे कौन त्रस्त नहीं है? दरअसल फेसबुक पर कुछ असली कवियों ने अकाउंट बना रखे हैं और (असली) कविताएँ डालते हैं. उनको लोग लाइक भी करते हैं और प्रशंसा भी करते हैं. लेकिन इसका साइड इफेक्ट यह हुआ है कि फेसबुक पर हर दिन भारी संख्या में कवि और शायर पैदा हो रहे हैं. ये कवि पाँच मिनट में कविता असेम्बल कर देते हैं. जिस विषय पर कहो उसी पर. कविता ऐसी कि दिनकर और निराला पढ़ लें तो गड्ढे में कूद के प्राण त्याग दें. सुना है भारत में ऐसे कवियों की संख्या में बढोतरी को देखते हुए चाइनीज कपनियां कविता असेम्बल करने वाली मशीन भी बना रही है. उसमें आप कहीं से कुछ लिखा हुआ कॉपी मारके पेस्ट कर दो और मशीन उसको तुरंत प्रोसेसिंग करके कौमा, फुलस्टॉप सहित कविता में कन्वर्ट कर देगी. ये मशीन आये तो मैं भी एक खरीदूँगा.

उपाय: इनकी कविता को लाइक करके कमेंट जरुर कर दो नहीं तो ये आपको मेल से भेज देंगे और कहेंगे कि पढ़के बताओ कैसी लगी. फिर आप फेर में पड़ जायेंगे.

"द टाइम्स ऑफ फेसबुक"

- इनको आप न्यूजदाता भी कह सकते हैं. अगर इस श्रेणी के जीव आपकी फ्रेंड लिस्ट में हैं तो आप अख़बारों और न्यूज़ चैनलों को फ़ौरन अनसब्सक्राइब करा दें.क्योंकि आपको उनकी जरुरत ही नहीं है अब. ये सबसे तेज हैं. कभी-कभी तो न्यूज साइट्स और एजेंसीज से पहले खबर ईनके फेसबुक वाल पर आ जाती है. कहाँ तूफ़ान आया, कहाँ दुर्घटना हुई, किसने वार्द्काप जीता, किस कलाकार का निधन हुआ, आज किसका जन्मदिन और पुण्यतिथि है – सब ये फेसबुक पर अप-टू-डेट रखते हैं. देशी-विदेशी पर्व-त्यौहार-दिवस वगैरह भी सही डेट के साथ आपको मिल जायेगा यहाँ. कुल मिलाकर इनकी फेसबुक वाल एक न्यूजपेपर कम पंचांग होती है.

उपाय: ये बड़े काम के जीव हैं. सारे दुनिया की न्यूज आपके फेसबुक वाल पर अप-टू-डेट है. और क्या चाहिए?

" द लाइकर-कम-लोलर"

- ये भी निरीह जीव हैं. किसी का नुकसान नहीं करते. ये किसी भी पोस्ट पर कुछ लिखते नहीं, कोई राय नहीं देते. बस उसे लाइक कर देते हैं और LOL, ROFL, LMFAO वगैरह लिख देते हैं. या फिर स्माइली लगा देते हैं. इससे यह पता चल जाता है कि या तो आपकी पोस्ट उनके इंटेलेक्चुअल लेवल की नहीं है इसलिए वे कुछ लिखने में अपना टाइम वेस्ट नहीं करेंगे या फिर वास्तव में उन्होंने आपकी पोस्ट को समझा है और एन्जॉय किया है लेकिन समय अभाव के कारण कुछ कह नहीं पा रहे.

उपाय: इनके लाइक और लोल के लिए अपने आपको धन्य मानें और हनुमान जी को सवा रूपये का प्रसाद चढाएं.

"द इनवाईटर"-


ये आपको हर दिन पाँच इवेंट्स, दस ग्रुप्स और तेरह फैन पेज को ज्वाइन करने का इन्विटेशन भेजेंगे. बुरा न मानें. ये आपके शुभचिंतक हैं और आपके भले के लिए ऐसा करते हैं.

उपाय: इनसे आप खुद निपटें.

" द ग्रामर-तोड़ू"

ग्रामर और स्पेलिंग से इनकी जन्मजात दुश्मनी होती है. लेकिन ये लिखते हमेशा अंग्रेजी में ही हैं. इनकी अंग्रेजी पढकर अच्छे-खासे लोगों को जुकाम हो जाता है. वो तो हम इंडियंस टांग टूटी अंग्रेजी को भी जोड़-तोड़कर समझ लेते हैं पर गलती से अगर कोई अंग्रेज देख ले तो वह आत्महत्या कर लेगा.

उपाय: अगर आप अपना भला चाहते हैं तो इनको ग्रामर और स्पेलिंग की मिस्टेक्स के बारे में भूल कर भी न बताएं. ये तुरंत अपना टॉफेल का सर्टिफिकेट पोस्ट करके आपको आपकी औकात दिखा देंगे. इनसे अगर आपने हिन्दी में लिखने को बोल दिया तो आपकी खैर नहीं.

"द खुली किताब"

- इनका जीवन एक खुली किताब की तरह होता है. प्राइवेसी नाम के वर्ड को ये अपनी डिक्शनरी से नोच कर निकाल देते हैं या उसपर स्याही गिरा देते हैं. ये सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक जो भी करते हैं उसके बारे में दुनिया को बता देना अपना कर्तव्य समझते हैं. कब शौचालय गए, वहाँ कितनी देर रहे, आज किस मार्केट की किस दूकान से किस रंग का पायजामा खरीदा, किसके साथ कब, कहाँ, क्या और कैसे खाया यह सब आपको पूरी इन्फोर्मेशन के साथ बताते चलते हैं ये. कल को कोई ये न कहे कि ये नहीं बताया. अक्सर इनके दिन की शुरुआत सुबह फेसबुक पर ‘गुड मोर्निंग’ लिखने से होती है जो रात को ‘गुड नाईट’ से खत्म होती है. अगर किसी दिन ये गुड नाईट बोलना भूल जाएँ तो इनको नींद नहीं आती. लगता है लोग क्या सोच रहे होंगे. आज गुड नाईट नहीं बोला. फिर अगले दिन ये बकायदा सॉरी बोलते हैं इसके लिए.

उपाय: मैं हाथ जोड़ता हूँ. इनसे आप खुद निपटें

IBPS CWE PO/MT-II: Allotment process Completed

IBPS has completed the allotment process of IBPS PO 2 and candidates have been sent the SMS and Emails regarding this.

Please check your email to know the final status of your application. Successful candidates should receive email by late tonight or tomorrow.

Many congratulations to all the successful candidates!

Mar 12, 2013

अखिलेश ने बांटे 10 हजार फ्री लैपटॉप, जानिए क्या खास है इसमें...



लखनऊ. समाजवादी पार्टी की सरकार की महत्‍वाकांक्षी लैपटॉप वितरण योजना की शुरुआत आज लखनऊ से हो गई। कॉल्विन ताल्‍लुकेदार्स कॉलेज में आज सीएम अखिलेश ने राजधानी के 15 उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों के 10 हजार छात्रों को लैपटॉप बांटे। कार्यक्रम में सीएम ने 51 लैपटॉप अपने हाथों से बांटे। इस दौरान सीएम के साथ कैबिनेट मंत्री अहमद हसन, राम गोविंद चौधरी, ओम प्रकाश सिंह, आनन्‍द सिंह, राजा राम पाण्‍डेय, दुर्गा प्रसाद यादव, शिवपाल सिंह यादव और राजेंद्र चौधरी आदि मौजूद थे।

वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, उप्र मदरसा शिक्षा परिषद, सीबीएसई, आईसीएसई सहित सभी मान्यता प्राप्त बोर्डों से 12वीं अथवा समकक्ष परीक्षा पास कर मान्यता प्राप्त उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत सभी वर्गों के 15 लाख छात्र-छात्राओं को लैपटॉप उपलब्ध कराया जाएगा।

लैपटॉप प्रतिष्ठित कंपनी एचपी आपूर्ति कर रही है। प्रवक्ता ने बताया कि 14 इंच आकार की स्क्रीन वाले लैपटॉप की हार्ड डिस्क 600 जीबी तथा रैम दो जीबी क्षमता की होगी। यह लैपटॉप ब्लू टूथ, वाई फाई सपोर्ट एवं न्यूनतम तीन घंटे की क्षमता वाली बैटरी से युक्त होगा। एसी पावर स्लॉट के अतिरिक्त तीन यूएसबीपोर्ट एवं एक पोर्ट भी होगा। लैपटॉप डीवीडी राइडर तथा हिन्दी,अंगे्रजी एवं उर्दू भाषाओं में टाइप करने की सुविधाओं से युक्त है। सभी लैपटॉप के साथ कैरी बैग तथा यूजर मैनुअल की आपूर्ति भी की जाएगी।

बैग और लैपटॉप पर उत्‍तर प्रदेश सरकार के लोगों के साथ ही जैसे ही आप इस लैपटॉप को ऑन करेंगे तो पाएंगे कि इसमें विंडोज की बजाए सीएम अखिलेश यादव की तस्‍वीर उभर कर सामने आएगी। थोड़े समय अखिलेश को देखिए उसके बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की तस्‍वीर स्‍क्रीन पर उभरेगी और लिखकर आएगा 'पूरे होते वादे'। इसके बाद लैपटॉप योजना से जुड़े उत्‍तर प्रदेश के विभागों के नाम दिखाएगा, तब जाकर होम स्‍क्रीन पर आप पहुंचेंगे।

यू पी वालो लेपटॉप मिलना शुरू हो गए................

यू पी वालो लेपटॉप मिलना शुरू हो गए................

यार बता तो दिया करो !!! ऐसी बातें कहीं छुपाई जाती हैं क्या ?

मैंने भी उधार के लैपटॉप बहुत चलायें हैं |
...
अब बताता हूँ इसके सदुपयोग कैसे करना है |

रात को बत्ती चली जाए तो गूगल में लालटेन सर्च कीजियेगा |
लेकिन लालटेन जलेगी कैसे ?

इसके लिए आप घासलेट सर्च कीजियेगा |

घासलेट लेने आप जायेंगे कैसे ?
इसके लिए आप साइकिल सर्च कीजियेगा |

लेकिन साइकिल आपको देगा कौन नेताजी देंगे |

लेकिन कहानी में मोड़ यहीं शुरू होता है
क्योंकि नेताजी आपको साइकिल नहीं दे सकते

नेताजी की साइकिल का हैंडल आजम खान के पास है |

आगे का पहिया रामगोपाल यादव के पास है

पीछे का शिवपाल यादव के पास है

पैडल अखिलेश के पास |

सीट कवर बहू के पास |

चैन धर्मेन्द्र यादव के पास |

इसलिए लेपटॉप को शट डाउन करो और चुप चाप सो जाओ |

Mar 9, 2013

आप अपना बेहतर दीजिये, फिर देखिये सारी दुनिया आपकी प्रशंसा करेगी"...

एक छोटा बच्चा एक बड़ी दूकान पर लगे टेलीफोन बूथ पर
जाता हैं और मालिक से छुट्टे पैसे लेकर एक नंबर डायल करता हैं|
दूकान का मालिक उस लड़के को ध्यान से देखते हुए
उसकी बातचीत पर ध्यान देता हैं लड़का- मैडम क्याआप मुझे अपने बगीचे की साफ़ सफाई
का काम देंगी? औरत- (दूसरीतरफ से) नहीं, मैंने एक दुसरे लड़के को अपने
... बगीचे का काम देखने के लिए रख लिया हैं| लड़का- मैडम मैं आपके बगीचे का काम उस लड़के से आधे वेतन में
करने को तैयार हूँ! औरत- मगर जो लड़का मेरे बगीचे का काम कर रहा हैं उससे मैं
पूरी तरह संतुष्ट हूँ| लड़का- ( और ज्यादा विनती करते हुए) मैडम मैं आपके घर
की सफाई भी फ्री में कर दिया करूँगा!! औरत- माफ़ करना मुझे फिर भी जरुरत नहीं हैं धन्यवाद| लड़के के चेहरे पर एक मुस्कान उभरी और उसने फोन
का रिसीवर रख दिया| दूकान का मालिक जो छोटे लड़के
की बात बहुत ध्यान से सुन रहा था वह लड़के के पास आयाऔर
बोला- " बेटा मैं तुम्हारी लगन और व्यवहारसे बहुत खुश हूँ, मैं
तुम्हे अपने स्टोर में नौकरी दे सकता हूँ" लड़का- नहीं सर मुझे जॉब की जरुरत नहीं हैं आपका धन्यवाद| दुकानमालिक- (आश्चर्य से) अरे अभी तो तुम उस लेडी से
जॉब के लिए इतनी विनती कर रहे थे !! लड़का- नहीं सर, मैं अपना काम ठीक से कर रहा हूँ की नहीं बस
मैं ये चेक कर रहा था, मैं जिससे बात कर रहा था, उन्ही के
यहाँ पर जॉब करता हूँ| *"Thisis called Self Appraisal"
"आप अपना बेहतर दीजिये, फिर देखिये
सारी दुनिया आपकी प्रशंसा करेगी"

"डूबते को बचाने के 500 rs"

दो दोस्त कोई काम नहीं करते थे
एक दिन नदी के पुल पर गए
देखा वह लिखा था...
"डूबते को बचाने के 500 rs"
तब दोनों सलाह करते है की तू डूबने की एक्टिंग करना और में आकर तुझे बचा लूँगा दूसरा दोस्त ऐसा ही करता है ,जब वो डूबने लगता है तो अपने दोस्त को आवाज लगता है
... लेकिन वो उसे नहीं बचाता है.
किसी प्रकार वो नदी से बाहर निकल आता है .अपने दोस्त से पूछता है की तूने मुझे बचाया क्यों नहीं .
तब उसका दोस्त बोला की तूने वो बोर्ड तो पढ़ लिया जिस पर लिखा था...
"डूबते को बचाने के 500 rs" लेकिन उसके बराबर में जो बोर्ड था उसे नहीं पढ़ा उस पर लिखा था..
"लाश निकलने के 1000 rs" !!!

मेरी गुड़िया को अपने सपने पूरे करने दीजिये .....

गुड़िया दुखी थी। पास मे बैठी माँ भी चुप। बबलू ना जाने क्या सोच रहा था।
अभी-अभी पिताजी फरमान जो सुना गए थे की गुड़िया ने दसवीं कर ली है, आगे पढ़ने की जरूरत नहीं। “हमने कौन सा बेटी से नौकरी करवानी है ? देखा नहीं है आज-कल की पढ़ी-लिखी मेमों को। बस गिटर –पिटर अँग्रेजी बोली और आता- जाता कुछ नहीं। ये घर बसाती नहीं, बर्बाद करती है !! एक तो इनकी पढ़ाई-लिखाई पर पैसे लगाओ ऊपर से हमे ही ज्ञान देंगी। पैसे कोई पेड़ पर उगते है ? बस, अब गुड़िया की शादी कर देंगे, अच्छा लड़का देखकर।“
वैसे, बबलू का मोटरसाइकल का टेंडर पास हो गया था। “यही बुढ़ापे का सहारा है। आज इसको देखेंगे, कल ये हमे संभालेगा।“
बबलू की प्यारी बहन थी गुड़िया। और अच्छी तरह समझता था की पिताजी गलत कर रहे है।

... शाम को पिताजी से वह बोला,’ आप गुड़िया को पढ़ाइए, मुझे मोटरसाइकल नहीं चाहिए। पापा, कुछ लड़के भी पढ़-लिख कर गधे ही रहते है। इसमे पढ़ाई का दोष नहीं है। क्यूंकी परिवार, समाज, देश या विश्व मे अगर कोई जागृति और उन्नति हुई है तो वो पढे-लिखों की वजह से। और वैसे भी शिक्षा गुड़िया का अधिकार है। अगर आप, जन्मदाता हो कर उसके अधिकारों का सम्मान नहीं करेंगे तो दूसरे घरवालों से क्या अपेक्षा !! एक पढ़ी-लिखी लड़की परिवार की एक पूरी पीढ़ी को शिक्षा दे प्रग्रतिशील बना सकती है। अपने स्वाभिमान के लिए खड़ी हो सकती है और जरूरत पड़े तो आत्मनिर्भर भी हो सकती है। मेरी गुड़िया को अपने सपने पूरे करने दीजिये ..... में उसके टूटे सपनों पर मोटरसाइकल नहीं चला सकता।‘

पिताजी की स्वीकृति मे मुस्कान भी थी और गर्व भी। गुड़िया और माँ की आँखों मे वो अच्छे वाले आँसू।

पिता का आशीर्वाद

एक बार एक युवक अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने वाला था। उसकी बहुत दिनों से एक शोरूम में रखी स्पोर्टस कार लेने की इच्छा थी। उसने अपने पिता से कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने पर उपहारस्वरूप वह कार लेने की बात कही क्योंकि वह जानता था कि उसके पिता उसकी इच्छा पूरी करने में समर्थ हैं। कॉलेज के आखिरी दिन उसके पिता ने उसे अपने कमरे में बुलाया और कहा कि वे उसे बहुत प्यार करते हैं तथा उन्हें उस पर गर्व है। फिर उन्होंने उसे एक सुंदर कागज़ में लिपटा उपहार दिया । उत्सुकतापूर्वक जब युवक ने उस कागज़ को खोला तो उसे उसमें एक आकर्षक जिल्द वाली ‘भगवद् गीता’ मिली जिसपर उसका नाम भी सुनहरे अक्षरों में लिखा था। यह देखकर वह युवक आगबबूला हो उठा और अपने पिता से बोला कि इतना पैसा होने पर भी उन्होंने उसे केवल एक ‘भगवद् गीता’ दी। यह कहकर वह गुस्से से गीता वहीं पटककर घर छोड़कर निकल गया।

बहुत वर्ष बीत गए और वह युवक एक सफल व्यवसायी बन गया। उसके पास बहुत धन-दौलत और भरापूरा परिवार था। एक दिन उसने सोचा कि उसके पिता तो अब काफी वृद्ध हो गए होंगे। उसने ...अपने पिता से मिलने जाने का निश्चय किया क्योंकि उस दिन के बाद से वह उनसे मिलने कभी नहीं गया था। अभी वह अपने पिता से मिलने जाने की तैयारी कर ही रहा था कि अचानक उसे एक तार मिला जिसमें लिखा था कि उसके पिता की मृत्यु हो गई है और वे अपनी सारी संपत्ति उसके नाम कर गए हैं। उसे तुरंत वहाँ बुलाया गया था जिससे वह सारी संपत्ति संभाल सके।

वह उदासी और पश्चाताप की भावना से भरकर अपने पिता के घर पहुँचा। उसे अपने पिता की महत्वपूर्ण फाइलों में वह ‘भगवद् गीता’ भी मिली जिसे वह वर्षों पहले छोड़कर गया था। उसने भरी आँखों से उसके पन्ने पलटने शुरू किए। तभी उसमें से एक कार की चाबी नीचे गिरी जिसके साथ एक बिल भी था। उस बिल पर उसी शोरूम का नाम लिखा था जिसमें उसने वह स्पोर्टस कार पसंद की थी तथा उस पर उसके घर छोड़कर जाने से पिछले दिन की तिथि भी लिखी थी। उस बिल में लिखा था कि पूरा भुगतान कर दिया गया है।

कई बार हम भगवान की आशीषों और अपनी प्रार्थनाओं के उत्तरों को अनदेखा कर जाते हैं क्योंकि वे उस रूप में हमें प्राप्त नहीं होते जिस रूप में हम उनकी आशा करते हैं।
एक शादीशुदा आदमी का एक लड़की के साथ अफेयर था
एक दिन वो लोग डेट पर गए और साथ काफी समय बिताया रात के 8 बज गए..
घर वापस जाते समय आदमी ने अपने जूते और कपड़े धूल और घास में रगड़ दिए
घर पहुंचने पर पत्नी ने पूछा ‘इतनी देर क्यों हो गई, कहां थे आप?’
आदमी : मैं तुमसे झूठ नहीं बोल सकता हूं मेराएक अफेयर है और मैं अभी एक डेट से ही वापस आ रहा हूं
पत्नी ने उसकी तरफ देखा और चिल्लाई: झूठे, क्रिकेट खेल के आ रहे हो ना .... :p

Mar 7, 2013

एक रात एक घर में चोर घुस आया,
खटपट सुन कर मालिक की आँख खुल
गयी.
मालिक: "कौन है?"
चोर: "मिआउ"
मालिक: "कौन है?"
चोर: "मिआउ"
मालिक: "कौन है?"
चोर: "अबे, बिल्ली है बिल्ली"...

महाभारत युद्ध के अट्ठारहवें दिनदुर्योधन मारा गया और युद्ध की समाप्ति हुई

महाभारत युद्ध के अट्ठारहवें दिनदुर्योधन मारा गया और युद्ध की समाप्ति हुई
तो श्रीकृष्ण, अर्जुन को उस के रथ से
नीचे उतर जाने के लिए कहते हैं। जब
अर्जुन उतर जाता है तो वे उसे कुछ
दूरी पर ले जाते हैं। तब वे
हनुमानजी को रथ के ध्वज से उतर आने
का संकेत करते हैं। जैसे ही श्री हनुमान
उस रथ से उतरते हैं, अर्जुन के रथ के
अश्व जीवित ही जल जाते हैं और रथ में
विस्फोट हो जाता है। यह देखकर
... अर्जुन दहल उठता है। तब श्रीकृष्ण
उसे बताते हैं कि पितामह भीष्म,
गुरुद्रोण, कर्ण, और अश्वत्थामा के
घातक अस्त्रों के कारण अर्जुन के रथ
में यह विस्फोट हुआ है। यह अब तक
इसलिए सुरक्षित था क्योंकि उस पर
स्वयं उनकी कृपा थी और श्री हनुमान
की शक्ति थी जो रथ अब तक इन
विनाशकारी अस्त्रों के प्रभाव कोसहन
किए हुए था।

ये बात समझ में आई नही, और मम्मी ने समझाई नही..

ये बात समझ में आई नही,
और मम्मी ने समझाई नही..

मैं कैसे मीठी बात करू,
जब मीठी चीज़ कोई खाई नही..

ये चाँद कैसे मामू है,
जब मम्मी का वो भाई नही..

क्यूँ लंबे बॉल हैं भालू के,
... क्यूँ उसने कटिंग कराई नहीं..

क्या वो भी गंदा बच्चा है,
या जंगल में कोई नाई नहीं..

नाना की बीवी जब नानी है,
दादा की बीवी जब दादी है,
पापा की बीवी क्यूँ पापी नहीं..

समुंदर का रंग क्यूँ नीला है,
जब नील किसी ने मिलाई नहीं..

जब स्कूल में इतनी नींद आती है,
तो बेड वहाँ क्यू रखवाई नहीं..

ये बात समझ में आई नहीं,
और मम्मी ने समझाई नहीं..!

वो बूढी औरत मर कैसे गयी?

BOSS :-अगर मेरे हवाई जहाज़ में 50 ईंटे हो और मैं एक नीचे फ़ेंक दूं तो कितने बचेंगे ?
Employee :- 49

BOSS :-तीन वाक्य में बताओ कि हाथी को फ्रीज़ में कैसे रखा जाये ?
Employee :- (1) फ्रीज़ खोलिए, (2) हाथी को उसमे रखिये और (3) फ्रीज़ बंद
कर दीजिये !

BOSS :-अब 4 वाक्य में बताओ कि हिरन को फ्रीज़ में कैसे रखा जाये ?
Employee :- (1) फ्रीज़ खोलिए (2 ) हाथी को बाहर निकालिए (3) हिरन
को अन्दर रखिये 4)फ्रीज़ ...बंद कर दीजिये!

BOSS :-आज जंगल में शेर का जन्मदिन मनाया जा रहा है, वहां एक को छोड़ कर सब जानवर मौजूद है, बताओ कौन गैरमौजूद है?
Employee :- हिरन, क्योंकि वो फ्रीज़ में बंद है !

BOSS :- बताओ, एक बूढी औरत मगरमच्छो से भरी तालाब को कैसे पार कर सकती है ?
Employee :- बड़े आसानी से, क्योंकि सारे मगरमच्छ शेर के जन्मदिन के पार्टी में गए हैं!

BOSS :- अच्छा आखिरी सवाल, वो बूढी औरत मर कैसे गयी?
Employee :- hmmmmm ....... लगता है सर कि वो तालाब में फिसल
गयी अथवा गिर गयी होगी..... Errrrrrrrrrrr..

BOSS:- अबे गधे, उसके सिर पर ईंट लगी थी जो मैंने Airplane से फेंकी थी,
यही problem है कि तुम अपने काम में जरा भी ध्यान नहीं लगाते हो और
तुम्हारा दिमाग कही और रहता है,
You should always be focused on your job ! Understand ?
.
.
.
Morel:- जितना मर्ज़ी PREPARE कर लो अगर बोस ने ठान ली है
तो बो तुम्हारी बजा के रहेगा.

Mar 5, 2013

सऊदी अरब में 7 नाबालिगों का किया जाएगा सिर कलम

नई दिल्‍ली। दुनियाभर के तमाम मुल्‍कों में जहां एक ओर मौत की सजा को समाप्‍त करने की मांग बढ़ती जा रही है। लेकिन, सऊदी अरब में मंगलवार को सात नाबालिग दोषियों को सिर कलम कर मौत की सजा देने की तैयारी पूरी कर ली गई है। जब इन्‍होंने अपराध को अंजाम दिया था, उस वक्‍त उनकी उम्र 18 वर्ष से भी कम थी। जिसके बाद उनकी सजा को लेकर काफी बहस भी हुई। लेकिन सऊदी अरब के राजा अब्‍दुल्‍लाह ने उनकी मौत की सजा पर मुहर लगा दी है।

गौरतलब है कि इन सात लोगों ने वर्ष 2006 में एक बैंक को लूटा था। जिसके बाद उन पर मुकदमा चला और वर्ष 2009 में सभी को मौत की सजा सुनाई गई। जबकि, दुनिया की सबसे ख्‍यात मानवाधिकार एजेंसी एमनेस्‍टी का कहना है कि सभी आरोपियों को डंडा के बल पर और भूखे प्‍यासे रखकर जूर्म कबूलने के लिए मजबूर किया गया था। इन्‍हें न तो सोने दिया जाता और न बैठने। 24 घंटे उन्‍हें भूखा प्‍यासा खड़ा कर के मारा जाता था। इतना शोषण होने के बाद सभी ने हार मान ली।

हालांकि, सऊदी अरब के आतंरिक मंत्री पहले कह चुके हैं कि सऊदी अरब में किसी को सताया नहीं जाता है। सऊदी अरब में इस्‍लामिक कानून के अनुसार शासन चलता है। जिसका कई देशों ने विरोध भी जताया है। सऊदी अरब में बड़ी संख्‍या में लोगों को मौत की सजा दी जाती है। इतना ही नहीं, कई बार तो पब्लिक लोगों को सड़क पर पीट पीटकर मौत की सजा पर मुहर लगाती है। वर्ष 2011 में सऊदी अरब में 8 बांग्‍लादेशियों को मौत की सजा दी गई थी।

वहीं, हिंदुस्‍तान में दिल्‍ली गैंग रेप की पीडि़ता दामिनी (पढें- प्रत्‍यक्षदर्शी की आंखों देखी) की मां चाहती हैं कि उनकी बेटी के साथ सबसे अधिक हैवानियत करने वाले नाबालिग आरोपी को किसी भी हाल में मौत की ही सजा मिलनी चाहिए। लेकिन हमारे देश का कानून इस मां की भावना को पूरा नहीं कर सकता है। मीडिया का एक तबका और देश की बहुत बड़ी आबादी नाबालिग को मौत के घाट उतारना चाहती है लेकिन ऐसा संभव नहीं है। भले ही इस नाबालिग ने दामिनी के साथ
सबसे ज्यादा बर्बरता दिखाई हो।

Mar 4, 2013

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मिर्ज़ा ग़ालिब गरीबी से तंग आकर डाकू बन गए और डकैती करने एक बैंक गए और कहा,
" अर्ज़ किया है"।
तक़दीर में जो है वही मिलेगा,
हैंड्स-अप कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा...
फिर कैशियर से कहा,
... कुछ ख्वाब मेरी आँखों से निकाल दे,
जो कुछ भी है, इस बैग में डाल दे...
बहुत कोशिश करता हूँ उसकी याद भुलाने की,
ध्यान रहे कोई कोशिश न करना पुलिस बुलाने की...
भुला दे मुझको क्या जाता है तेरा,
मार दूँगा गोली जो किसी ने पीछा किया मेरा...

एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया...

एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया. उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछ...ा.

संत ने किसान से कहा , ”तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो, और उन्हें शहर के बीचो-बीच जाकर रख दो.” किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुंच गया.

तब संत ने कहा, ”अब जाओ और उन पंखों को इकठ्ठा कर के वापस ले आओ”

किसान वापस गया पर तब तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे. और किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा. तब संत ने उससे कहा कि ठीक ऐसा ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों के साथ होता है, तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते.

इस कहानी से क्या सीख मिलती है:

कुछ कड़वा बोलने से पहले ये याद रखें कि भला-बुरा कहने के बाद कुछ भी कर के अपने शब्द वापस नहीं लिए जा सकते. हाँ, आप उस व्यक्ति से जाकर क्षमा ज़रूर मांग सकते हैं, और मांगनी भी चाहिए, पर human nature कुछ ऐसा होता है की कुछ भी कर लीजिये इंसान कहीं ना कहीं hurt हो ही जाता है.

जब आप किसी को बुरा कहते हैं तो वह उसे कष्ट पहुंचाने के लिए होता है पर बाद में वो आप ही को अधिक कष्ट देता है. खुद को कष्ट देने से क्या लाभ, इससे अच्छा तो है की चुप रहा जाए.

Mar 2, 2013

महाराज ! मैं पाप बेचती हूँ | ...........

एक बार घूमते-घूमते कालिदास बाजार गये | वहाँ एक महिला बैठी मिली | उसके पास एक मटका था और कुछ प्यालियाँ पड़ी थी | कालिदास ने उस महिला से पूछा : ” क्या बेच रही हो ? “

महिला ने जवाब दिया : ” महाराज ! मैं पाप बेचती हूँ | “
कालिदास ने आश्चर्यचकित होकर पूछा : ” पाप और मटके में ? “
महिला बोली : ” हाँ , महाराज ! मटके में पाप है | “
... कालिदास : ” कौन-सा पाप है ? “
महिला : ” आठ पाप इस मटके में है | मैं चिल्लाकर कहती हूँ की मैं पाप बेचती हूँ पाप … और लोग पैसे देकर पाप ले जाते है |”
अब महाकवि कालिदास को और आश्चर्य हुआ : ” पैसे देकर लोग पाप ले जाते है ? “
महिला : ” हाँ , महाराज ! पैसे से खरीदकर लोग पाप ले जाते है | “
कालिदास : ” इस मटके में आठ पाप कौन-कौन से है ? “
महिला : ” क्रोध ,बुद्धिनाश , यश का नाश , स्त्री एवं बच्चों के साथ अत्याचार और अन्याय , चोरी , असत्य आदि दुराचार , पुण्य का नाश , और स्वास्थ्य का नाश … ऐसे आठ प्रकार के पाप इस घड़े में है | “

कालिदास को कौतुहल हुआ की यह तो बड़ी विचित्र बात है | किसी भी शास्त्र में नहीं आया है की मटके में आठ प्रकार के पाप होते है | वे बोले : ” आखिरकार इसमें क्या है ? ”
महिला : ” महाराज ! इसमें शराब है शराब ! “
कालिदास महिला की कुशलता पर प्रसन्न होकर बोले : ” तुझे धन्यवाद है ! शराब में आठ प्रकार के पाप है यह तू जानती है और ‘ मैं पाप बेचती हूँ ‘ ऐसा कहकर बेचती है फिर भी लोग ले जाते है | धिक्कार है ऐसे लोगों को !

महात्मा को एक बार रास्ते में पड़ा धन मिल गया।....

महात्मा को एक बार रास्ते में पड़ा धन मिल गया। उन्होंने निश्चय किया कि वे इस सबसे गरीब आदमी को दान कर देंगे। निर्धन आदमी की तलाश में वे खूब घूमे। उन्हें कोई सुपात्र नहीं मिला। एक दिन उन्होंने देखा राजमार्ग पर राजा के साथ अस्त्र-शस्त्रों से सजी विशाल सेना चली आ रही है। राजा महात्मा को पहचानता था।

हाथी से उतरकर उसने महात्मा को प्रणाम किया। महात्मा ने अपनी झोली से धन निकाला और राजा को थमा दिया। राजा ने विनीत स्वर में कहा महाराज! यह क्या? आपके आशीर्वाद से मेरे खजाने में हीरे-जवाहरात का भंडार है। महात्मा ने उत्तर दिया राजन! मैं गरीब आदमी की तलाश में था। तुम सबसे गरीब हो। यदि तुम्हारे खजाने में धन का अंबार है तो सेना लेकर कहां जा रहे हो? अगर तुम्हें किसी बात की कमी नहीं तो यह सब किसलिए? राज्य का विस्तार और धन के लिए। महात्मा की बातों ने असर किया। राजा ने तत्काल अपनी सेना को लौटने का आदेश दिया। वह ऐसे जा रहा था मानो में अनमोल खजाना जीतकर लौट रहा हो।

Mar 1, 2013

बचपन में मेरी एक गन्दी आदत थी, मैं पापा के पर्स से चुपके से कभी कभी पैसे निकाल लेता था। जब दूसरी कक्षा में था तो पापा के पर्स के सिक्के वाले हिस्से से हर सोमवार को एक रुपैया चुरा के स्कूल के बाहर खोमचे वाले से WWF के पोस्ट-कार्ड खरीदता था।

धीरे धीरे मेरी आदत थोड़ी और बिगड़ी, जब पांचवी कक्षा में था तो बगल में बैठने वाली लड़की को महीने में एक बार कैंटीन में फाउंटेन पेप्सी और समोसा खिलने के लिए नियमित तरीके से 11 रुपये चुराने लगा।
...
पिता जी भी इतना ध्यान नहीं देते थे, उनका पर्स कभी ढंग से नहीं रखा रहता था। नोट टेढ़े मेढे पड़े रहते थे, पापा कभी गिनते भी नहीं थे की कितने पैसे हैं पर्स में। मेरी ये आदत इस वजह से कभी टूटी नहीं।

जब मैं दसवी कक्षा में पहुंचा तो मेरे शहर में पहली बार मल्टीप्लेक्स खुला। सारे दोस्त लार्ड ऑफ़ द रिंग्स देखने जा रहे थे। उस दिन मैंने पिता जी के पर्स से सीधे दो सौ रुपैये मारे। फिल्म तो बहुत अच्छी थी, पर उस दिन अचानक मुझे लगा की मैं क्या गलत करता जा रहा हूँ।

तीन दिन तक मैंने पापा से नज़र तक नहीं मिलायी।

पिता जी आज भी इतना ध्यान नहीं देते, पर्स अभी भी अस्तव्यस्त रहता है। आज मेरी नौकरी लग गयी है, पिता जी के पर्स से आखिरी बार पैसा चुराए हुए मुझे दस साल से ऊपर हो गए हैं।

अब मेरी नौकरी लग गयी है, और कभी कभार पापा की पर्स में चुपके से एक पांच सौ का नोट डाल देता हूँ . पापा को पता नहीं चलता, पर मुझे मन ही मन बहुत सुकून मिलता है।
by-saan durg

JO डर गया , WO मर गया

जापान में दो दोस्त थे .
1 एक का नाम था “jo” और दूसरे का
नाम था “wo”
एक दिन “jo” के पास जिन आ गया
“jo” ने डर कर “wo” को आवाज दी
... “wo” भाग कर आया जिन को देख
कर “wo” का इन्तकाल हो गया
;
.
बस उसी दिन से कहते हैं …
;
;
;
;
;
;
;
;
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. JO डर गया , WO मर गया

एक लड़की इलेक्ट्रॉनिक शोरूम के अंदर जाते ही चिल्लाने....

एक लड़की इलेक्ट्रॉनिक शोरूम के अंदर जाते
ही चिल्लाने
लगी और बोली कि आपने मुझे धोखा दिया है।
आपका यह लैपटॉप बेकार है। मालिक ने लड़की के
शांत होने
... के बाद समस्या बताने को कहा...
लड़की बोली कि इसमें पुराने कंप्यूटर से फाइल
सेव
नहीं हो रही है...
दुकानदार ने कहा ऐसा नहीं हो सकता। यह एक
लेटेस्ट
लैपटॉप है, आप फाइल कैसे सेव कर रही हैं,
ज़रा कर के
दिखाइए...
लड़की ने पुराने कंप्यूटर में माउस कनेक्ट किया।
उसने राइट
क्लिक कर फाइल को कट किया।
इसके बाद माउस को निकालकर नए लैपटॉप में
लगाया और
माउस से लेफ्ट क्लिक कर पेस्ट बटन दबाया।
यह देख कर दुकान का मालिक बेहोश होकर गिर
पड़ा..!!!

साहब यह गाँव का बैल है कोई शहरी दफ्तर का बाबू नही ...

एक काँलेज के प्रोफेसर साहब गाँव घूमने गये ।
वहां उन्होने देखा कि कोल्हू से बधा
बैल चक्कर काटे जा रहा है
और पास ही पडा उसका मालिक
सो रहा है
... उसने कोल्हू के मालिक ग्रांमीण को उठाकर
पूछा ,
तुम तो सो रहे हो,
तुम्हे कैसे पता चलेगा कि बैल चलते चलते रूक
तो नही गया ?
ग्रामीण ने बताया उसके गले मे घंटिया बंधी है।
जब रूकेगा तो घंटियो की आवाज आनी बंद
हो जायेगी
और मुझे पता चल जायेगा ।।
प्रोफेसर साहब ने फिर पूछा ,
मान लो वह एक स्थान पर खडे खडे ही गर्दन
हिलाता रहे तो ?
ग्रामीण ने समझाया ,
साहब यह गाँव का बैल है
कोई शहरी दफ्तर का बाबू नही ।।
बात समझो.....

Feb 28, 2013

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए....

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए
जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए
रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह
अब जनाज़ा ज़ोर से उनका निकलना चाहिए
अब भी कुछ लोगो ने बेची है नअपनी आत्मा
... ये पतन का सिलसिला कुछ और चलना चाहिए
फूल बन कर जो जिया वो यहाँ मसला गया
जीस्त को फ़ौलाद के साँचे में ढलना चाहिए
छीनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो
आँख से आँसू नहीं शोला निकलना चाहिए
दिल जवां, सपने जवाँ, मौसम जवाँ, शब् भी जवाँ
तुझको मुझसे इस समय सूने में मिलना चाहिए

एक बार बाजार में एक तोता बेचने वाला आया। उसके पास दो तोते थे।..

एक बार बाजार में एक तोता बेचने
वाला आया। उसके पास दो तोते थे। उसने एक
तोते का कीमत पाँच सौ रूपये और दूसरे तोते
की कीमत पाँच पैसे रखी। उसने सबसे कहा,
"अगर कोई पाँच पैसे वाला तोता लेना चाहे
... तो ले जाए, लेकिन कोई पाँच सौ रूपये
वाला तोता लेना चाहेगा तो उसे
दूसरा तोता भी लेना पड़ेगा।"
वहाँ के राजा बाजार में आये। तोतेवाले
की आवाज सुनकर उन्होंने हाथी रोककर पूछा,
"इन दोनों के मूल्य में इतना अन्तर क्यों है?"
तोतेवाले ने कहा, "यह तो आप इनको ले
जायेंगे तभी आपको पता लगेगा।"
राजा ने तोते ले लिये। जब रात में वो सोने लगे
तो उन्होंने कहा कि "पाँच सौ रूपये वाले तोते
का पिंजड़ा मेरे पलंग के पास टाँग
दिया जाय।" जैसे ही सुबह चार बजे तोते ने
राम, राम, सीता-राम कहना शुरू कर दिया।
तोते ने खूब सुन्दर भजन गाये।बहुत अच्छे
श्लोक पढ़े। राजा बहुत खुश हुआ।
दुसरे दिन राजा ने दूसरे तोते का पिंजड़ा पास
में रखवाया। जैसे ही सुबह हुई उस तोते ने
गन्दी-गन्दी गालियाँ बोलनी शुरू कर दी।
राजा को बहुत जोर से गुस्सा आया। उन्होंने
अपने नौकर से कहा, "इस दुष्ट तोते को मार
डालो।"
पहले वाला तोता पास में ही सब बातें सुन
रहा था। उसने राजा से प्रार्थना की, "इसे
मत मारिये। यह मेरा सगा भाई है। हम
दोनों एक ही जाल में फँस गए थे। मुझे एक
संत ने ले लिया। उनके यहाँ में भजन सीख
गया। इसे एक चोर ने ले लिया। वहां इसने
गन्दी बातें सीख लीं। इसमें इसका कोई दोष
नहीं है। यह तो बुरी संगत का नतीजा है।"
राजा ने उस तोते को मारा नहीं बल्कि उस
संत के पास भेज दिया जहां पर रहकर वह
भी अच्छी बातें सीख गया।
सीख : बुरे लोगों की संगत से बचना चाहिए।
अच्छे लोगों की संगती करनी चाहिए।
जैसी हमारी संगती होती है वैसी ही बातें हम
सीखते है

एक बार किसी विद्वान् से एक बूढ़ी औरत ने पूछा कि क्या इश्वर सच में होता है ?

एक बार किसी विद्वान् से एक बूढ़ी औरत ने पूछा कि क्या इश्वर सच में होता है ? उस विद्वान् ने कहा कि माई आप क्या करती हो ? उसने कहा कि मै तो दिन भर घर में अपना चरखा कातती हूँ और घर के बाकि काम करती हूँ , और मेरे पति खेती करते हैं . उस विद्वान ने कहा कि माई क्या ऐसा भी कभी हुआ है कि आप का चरखा बिना आपके चलाये चला हो , या कि बिना किसी के चलाये चला हो ? उसने कहा ऐसा कैसे हो सकता है कि वो बिना किसीके चलाये चल जाये? ऐसा तो संभव ही नहीं है. विद्वान् ने फिर कहा कि माई अगर आपका चरखा बिना किसी के चलाये नहीं चल सकता तो फिर ये पूरी सृष्टि किसी के बिना चलाये कैसे चल सकतीहै ? और जो इस पूरी सृष्टि को चला रहा है वही इसका बनाने वाला भी है और उसे ही इश्वर कहते हैं.
उसी तरह किसी और ने उसी विद्वान् से पूछा कि आदमी मजबूर है या सक्षम? उन्होंने कहा कि अपना एक पैर उठाओ, उसने उठा दिया, उन्होंने कहा कि अब अपना दूसरा पैर भी उठाओ, उस व्यक्तिने कहा ऐसा कैसे हो सकता है? मै एक साथ दोनों पैर कैसे उठा सकता हूँ? तब उस विद्वान् ने कहा कि इंसान ऐसा ही है, ना पूरी तरह से मजबूर और ना ही पूरी तरह से सक्षम . उसे इश्वर ने एक हद तक सक्षम बनाया है और उसे पूरी तरह से छूट भी नहीं है . उसको इश्वर ने सही गलत को समझने कि शक्ति दी है और अब उसपर निर्भर करता है कि वो सही और गलत को समझ कर अपने कर्म को करे

ज्योतिषी : तुम्हारा नाम पप्पू है ?

ज्योतिषी : तुम्हारा नाम पप्पू है ?
पप्पू : जी हाँ ।
ज्योतिषी : तुम्हारा एक बेटा है 7 साल का ।
पप्पू : जी हाँ बिल्कुल ।
ज्योतिषी : तुमने अभी 5 किलो गेंहू लिये हैं।
... पप्पू : (हैरान होते हुये) प्रभु आप तो अंतर्यामी हैं । कुछ ज्ञान दीजिये ना ।
ज्योतिषी : अबे गधे अगली बार कुंडली लेकर आना
हम बचाते रहे दिमक से घर अपना ,
चंद कीङे कुर्सी के सारा मुल्क खा गये
कूल ड्यूडस के लिए चार पंक्तियों
--------------- ­--------------- ­--------------- ­---
इस इश्क ने कितनों को बन्दर बना दिया।
गधा उल्लू कुत्ता और छछुंदर बना दिया।
... बाप की डांट पर उफन पड़ते बन
बरसाती नाले
हसीनाओं की लात ने उन्हें समंदर
बना दिया

Feb 26, 2013

राहुल गांधी को एक पत्नी तो दिलवा नहीं पा रहे हैं, फ्री वाई फाई क्या देंगे।

रेलमंत्री पवन कुमार बंसल ने जैसे ही चुनिंदा गाड़ियों में फ्री वाई फाई सुविधा देने का ऐलान किया वैसे ही वाई फाई ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। पवन बंसल ने उम्मीद की होगी कि उनकी इस घोषणा पर उन्हें तालियां मिलेंगी, लेकिन यहां तो टिप्पणियों से ही उन्हें शर्मसार किया जा रहा है।

लोग कह रहे हैं कि बंसल साहब फ्री वाई फाई के बजाए फ्री पानी देते तो ज्यादा अच्छा होता। कुछ ने कहा है कि वाई फाई चाहे न दे लेकिन सफाई करवा दें, भले ज्यादा पैसे देने पढ़ें। पढ़िए ट्विटर पर आई कुछ चुनिंदा प्रतिक्रियाएं...

Sudhir Krishnan
फ्री वाई फाईः यह क्या मजाक है, फ्री देना ही है तो फ्री खाना दो।

TONY KURIAN ‏
मैं रेलवे स्टेशन के नजदीक घर की तलाश में लग गया हूं ताकि जब वाई फाई वाली गाड़ी आए तब फ्री इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकूं।

payal malhotra ‏
राहुल गांधी को एक पत्नी तो दिलवा नहीं पा रहे हैं, फ्री वाई फाई क्या देंगे।

VAYUJ
भारतीय रेलवे में फ्री वाई फाई की घोषणा, उम्मीद करता हूं कि इस्तेमाल में जातिगत आरक्षण नहीं होगा।

shashikant singh 21
भारत में रेल में पानी की बोतलें फ्री देना फ्री वाई फाई देने से अच्छा विचार होता।

The Big Bad Vampire ‏
ये फ्री पानी तो दे नहीं सकते और फ्री वाई फाई देने की बात कर रहे हैं।

shafullah ‏
फ्री वाई फाई उन लोगों के लिए ईनाम होगा जो आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुक करने में कामयाब हो जाते हैं।

Sukriti Agarwal
वास्तविकता में वाई फाई फ्री नहीं होगा, आपको पासवर्ड जानने के लिए टीटीई को रिश्वत देनी पड़ेगी।

JhumkeWaali
आप लोग फर्स्ट क्लास एसी में यात्रा करना चाहते हैं और फ्री वाई के लेकर रोमांचित हैं। वैसे आपकी यात्रा का खर्चा कौन उठा रहा है।

Waquar Ahmed ‏
फ्री वाई फाई? बंसल साहब हमें फ्री वाई फाई नहीं चाहिए....पैसे ले लो लेकिन सफाई करवा दो।

Punjabi Swag
फ्री वाई फाईः में दोबारा रेलयात्रा करना शुरू कर देता यदि फ्री वाईफ मिल रही होती तो।

ट्विटर पर इन टिप्पणियों न सिर्फ पवन बंसल का जमकर मखौल उड़ाया गया बल्कि रेल की वास्तविकता बयां करके उन्हें आइना भी दिखाया गया।

रेलमंत्री पवन बंसल ने जैसे ही अपना बजट भाषण पढ़ना शुरू किया, ट्विटर पर धड़ाधड़ टिप्पणियां उन्हें लेकर आनी शुरू हो गई। इन टिप्पणियों न सिर्फ पवन बंसल का जमकर मखौल उड़ाया गया बल्कि रेल की वास्तविकता बयां करके उन्हें आइना भी दिखाया गया।

आप भी पढ़िए कुछ चुनिंदा टिप्पणियां..

Viveck Tewari
रेल मंत्री पवन बंसल बजट में कसीदे पढने से अच्छा सिर्फ चार शब्दो पर कार्य करें तो कायापलट हो जाये । समय, सुविधा, सफाई और सुरक्षा।

ravish kumar ‏
आज पवन बंसल के बजट का मुक़ाबला चेपाक स्टेडियम में चल रहे मैच से है । कहीं भारत जीता तो जनाब लोकसभा और राज्य सभा टीवी पर ही नज़र आएंगें ।

संदीप जाखड़
पहले अभिजीत मुखर्जी अपने पप्पा के अभिभाषण को सौ में से सौ दे रहा था आज पवन बंसल के सुपुत्र ! #कहों सब मेरा परिवार ही मेरी देश-दुनिया हैं !

कड़वा सच
मुलायम की रेल बजट पे प्रतिकिरया -----------हमने पवन बंसल को सुझाव दिया था की यू पी से पाक ,एक आंतकवादी बम रथ चलाया जाए , नही माना

अंग्रेजियत हटाओ ‏
रेल मंत्री पवन बंसल का भाषण सुन रहे लोगो को आस्था चैनल देखने की कोई जरुरत नहीं है।

Abhay
पवन बसंल को बताओ कि जब टिरेन में हम अपना लैपटाँप प्लग-ईन करता हूँ, ससुरा टच-पैड काम ही नही करता। आ जाओ स्क्रु-ड्रायवर और पाना-पेंचकश ले के!


chanchal sharma
एक ट्रेन के खाने में मरा चूहा निकला था !! वो खाया भी नही था उस परिवार ने,और पवन बाबू ने उसकी कीमत भी जोड़ दी हैं बजट में। ट्रेन के बाथरूम से आधी ट्रेन नगरपालिका के शौचालय का फील देती है!पहले वो साफ़ कर देते पवन जी!हराम का पैसा आम आदमी के पास नही,आपके पास है


Dr. Kumar Vishvas
फागुन का महीना पवन करे"चोर"अरे"चोर"नहीं बाबा"शोर".(बैठ जाइये,कृपया बैठ जाइये,शांति से बैठ जाइये)AC में चलने वालो पसीना लादिए आप तो मंत्री जी

prabhat shunglu
मैडम खुश, पवन का टिकट फिर पक्का।

Bad Company
पवन बंसल आप रेल बजट की $%$&& कर लो पर हर बर्थ के पास चार्जिंग पाइंट लगाना मत भुलना, संडास के पास जा के चार्ज करने में तकलीफ होती है

shivendra parmar
पवन बंसल ने अमेठी से रायबरेली तक मां -बेटा एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की है

Deepesh Lakhera
ट्रेन में चाय-वाय तो ठीक मिलती नहीं, वाय-फाय लगवाएंगे बंसल जी

अंग्रेजियत हटाओ
पवन बंसल चाहे जितना भी किराया बढ़ा ले लेकिन वे ये क्योँ भूल जाते हैँ अगले साल लोक सभा सीट का टिकट हमलोग हीँ काटने वाले ह


Paresh Rawal
क्या पवन बंसल ने बॉलीवुड से हॉलीवुड के लिए किसी डॉयरेक्ट ट्रेन की घोषणा की है? हमारे कलाकारों की हॉलीवुड जाने की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए यह भी किया जाना ही चाहिए।

parasmani ‏
जिस वक्त पवन बंसल रेल बजट पढ़ रहे थे ठीक उसी वक्त मध्यप्रदेश के विदिशा में एक रेल के नीचे आने से दो बच्चों की मौत हो गई। गुस्साई भीड़ ने स्टेशन में आग लगा दी।

AKHILESH AGRAWA
ईमानदारी से ऐसा लग रहा था जैसे पवन बंसल स्वर्गीय राजीव गांधी की याद में हवन कर रहे हों।


Dimpled doctor ‏
पवन बंसल की भांजी मेरी जूनियर है। वह फ्री वाई फाई को लेकर ऐसे उत्सुक है जैसे खास उसी की सिफारिश पर पवन बंसल ने घोषणा की हो।


Amit Daga
श्री पवन बंसल- भारतीय रेलमंत्री, बेचारे इतने सीधे हैं कि आज मैं उनकी आलोचना नहीं करूंगा।

Nikhil Mehta
बजट सिर्फ वादे और योजनाओं के लिए ही नहीं होता है, इन्हें निश्चित समयसीमा में लागू भी किया जाना चाहिए।

Sanjay Bajoria
पवन बंसल ने कहा- रेलवे ट्रैक लगातार साफ करवाए जाएंगे ताकि लोगों को साफ और स्वच्छ शौचालय मिल सकें!

Kanchan Gupta
सोनिया के संसदीय क्षेत्र पहुंची रेल। पवन बंसल ने गांधी परिवार का कर्ज अच्छे से अदा किया है।

Utkarsh Dayal
लोगों की इंटरनेट के प्रति लत को ध्यान में रखकर ही पवन बंसल ने फ्री वाई फाई की घोषणा की है।

Zeal Soni
ईमानदारी से बताइये, रेल बजट से पहले कितने लोगों को पता था कि पवन बंसल हमारे रेलमंत्री हैं।


tHeMantal
प्रिय पवन बंसल जी, यदि आप फ्री वाईफाई की जगह आईआरसीटीसी के लिए नए सर्वरों की घोषणा करते तो शायद लोग आपकी ज्यादा तारीफ करते।

Sundar Rajan
लो कर लो बात...आईआरसीटीसी की वेबसाइट चलती नहीं है और पवन बंसल फ्री वाई फाई की बात कर रहे हैं।


Raman
सवाल- पवन बंसल से पहले कांग्रेस की ओर से अंतिम बार रेल बजट किसने प्रस्तुत किया था।
उत्तरः 16 साल पहले सुरेश कलमाड़ी ने किया था
(और अब कलमाड़ी क़ॉमनवेल्थ घोटाले के लिए प्रसिद्ध है। )

Monsoon Rider
इस रेल बजट की सबसे अच्छी बात यह है कि ममता बनर्जी पवन बंसल से इस्तीफा नहीं मांग पाएंगी।

Anu Jayaswal
रेलमंत्री पवन बंसल ने उन लोगों के लिए विशेष पुरस्कार की घोषणा की है जो आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुक करने में कामयाब हो जाएंगे।


"वाह रे प्रभु" रहते कहाँ हो और पता कहाँ का देते हो...

एक बार एक फ़क़ीर भीख मांगने के लिए मस्जिद
के बाहर बैठा हुआ
होता है।
सब नमाज़ी उस से आँख बचा कर चले गए और
उसे कुछ नहीं मिला।
... वो फिर चर्च गया।
फिर मंदिर और फिर गुरुद्वारे।
लेकिन उसको किसी ने कुछ नहीं दिया।
आखिरी में वह हार कर एक शराब की दुकान के
बहार आ कर बैठ
गया।
उस शराब की दुकान से जो भी निकलता उसके
कटोरे में कुछ न कुछ
डाल देता।
कुछ देर बाद उसका कटोरा नोटों से भर
गया तो नोटों से
भरा कटोरा देख कर फ़क़ीर ने आसमान की तरफ
देखा और बोला।
"वाह रे प्रभु" रहते कहाँ हो और
पता कहाँ का देते हो...

एक शिक्षिका ने अपने छात्रों को एक निबंध लिखने को कहा....

-निबंध-
प्राथमिक पाठशाला की एक शिक्षिका ने अपने छात्रों को एक निबंध लिखने को कहा. विषय था"भगवान से आप क्या बनने का वरदान मांगेंगे" इस निबंध ने उस क्लास टीचर को इतना भावुक कर दिया कि रोते-रोते उस निबंध को लेकर वह घर आ गयी. पति ने रोने का कारण पूछा तो उसने जवाब दिया इसे पढ़ें, यह मेरे छात्रों में से एक नेयह निबंध लिखा है..
निबंध कुछ इस प्रकार था:-
हे भगवान, मुझे एक टीवी बना दो क्योंकि तब मैं अपने परिवार में ख़ास जगह ले पाऊंगा और बिना रूकावट या सवालों के मुझे ध्यान से सुना व देखा जायेगा. जब मुझे कुछ होगा तब टीवी खराब की खलबली पूरे परिवार में सबको होगी और मुझे जल्द से जल्द सब ठीक हालत में देखने के लिए लालायित रहेंगे. वैसे मम्मी पापा के पास स्कूल और ऑफिस में बिलकुल टाइम नहीं है लेकिन मैं जब अस्वस्थ्य रहूँगा तब मम्मी का चपरासी और पापा के ऑफिस का स्टाफ मुझे सुधरवाने के लिए दौड़ कर आएगा. दादा का पापा के पास कई बार फोन चला जायेगा कि टीवी जल्दी सुधरवा दो दादी का फेवरेट सीरियल आने वाला हे. मेरी दीदी भी मेरे साथ रहने के लिए के लिए हमेशा सबसे लडती रहेगी. पापा जब भी ऑफिस से थक कर आएँगे मेरे साथ ही अपना समय गुजारेंगे. मुझे लगता है कि परिवार का हर सदस्य कुछ न कुछ समय मेरे साथ अवश्य गुजारनाचाहेगा मैं सबकी आँखों में कभी ख़ुशी के तो कभी गम के आंसू देख पाऊंगा. आज मैं "स्कूल काबच्चा" मशीन बन गया हूँ. स्कूल में पढ़ाई घर में होमवर्क और ट्यूशन पे ट्यूशन ना तो मैं खेल पाता हूँ न ही पिकनिक जा पाता हूँ इसलिए भगवान मैं सिर्फ एक टीवी की तरह रहना चाहता हूँ, कम से कम रोज़ मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ अपना बेशकीमती समय तो गुजार पाऊंगा.
पति ने पूरा निबंध ध्यान से पढ़ा और अपनी राय जाहिर की. हे भगवान ! कितने जल्लाद होंगे इस गरीब बच्चे के माता पिता !
पत्नी ने पति को करुण आँखों से देखा और कहा,...... यह निबंध हमारे बेटे ने लिखा है !

Feb 25, 2013

Inspiring real life story of a Mathematician !!!

the person you are seeing in this picture is Anand kumar , A mathematician from Patna, Bi...har, India. He developed an indomitable affection and love towards mathematics and possesses exceptional mathematical abilities. His role model is great Indian mathematician “Ramanujan”. During graduation, He submitted papers on Number Theory, which were published in Mathematical Spectrum and The Mathematical Gazette. He worked hard and dreamed of getting into one of the world’s best university “Cambridge”. And one day he got it, admission to Cambridge.
But…
Very soon he realized that his father cannot afford his education at Cambridge. He and his father searched helplessly for a sponsor all over India but nobody came up. And one day his family’s only breadwinner: his father died and his last hope of getting good education diminished. He gave up the dream of Cambridge and came back to his home in Patna, Bihar.
He would work on Mathematics during day time and would sell papads in evenings with his mother, who had started a small business from home, to support her family. He also tutored students in maths to earn extra money. Since Patna University library did not have foreign journals, for his own study, he would travel every weekend on a six-hour train journey to Varanasi, where his younger brother, learning violin under N. Rajam, had a hostel room. Thus he would spend Saturday and Sunday at the Central Library, BHU and return to Patna on Monday morning.

He rented a classroom for Rs 500 a month, and began his own institute, the Ramanujam School of Mathematics (RSM). Within the space of year, his class grew from two students to thirty-six, and after three years there were almost 500 students enrolled. Then in early 2000, when a poor student came to him seeking coaching for IIT-JEE, who couldn’t afford the annual admission fee due to poverty, Kumar was motivated to start the Super 30 program in 2003, for which he is now well-known.

Every year in August, since 2003, the Ramanujan School of Mathematics, now a trust, holds a competitive test to select 30 students for the ‘Super 30’ scheme. About 4,000 to 5,000 students appear at the test, and eventually he takes thirty intelligent students from economically backward sections which included beggars, hawkers, auto-driver’s children, tutors them, and provides study materials and lodging for a year. He prepares them for the Joint Entrance Examination for the Indian Institutes of Technology (IIT). His mother, Jayanti Devi, cooks for the students, and his brother Pranav Kumar takes care of the management.

Out of 270 students he tutored from 2002-2011 236 students have made an admission to IIT. All of them came so poor background that their parents were Hawkers, Auto-drivers, laborer etc.
During 2003-2009, 182 students out of 210 have made it to the IITs.
In 2010, all the students of Super 30 cleared IIT JEE entrance making it a three in a row for the institution.
Anand Kumar has no financial support for Super 30 from any government as well as private agencies, and manages on the tuition fee he earns from the Ramanujam Institute. After the success of Super 30 and its growing popularity, he got many offers from the private – both national and international companies – as well as the government for financial help, but he always refused it. He wanted to sustain Super 30 through his own efforts. After three consecutive 30/30 results in 2008-2010, in 2011, 24 of the 30 students cleared IIT JEE.

Anand’s work is now well received from all over the world :

USA’s president obama read about Anand in TIME magazine and sent a special envoy to check the work done by him and offered all the assistance and Anand never accepts help irrespective of helper.

Discovery Channel broadcast a one-hour-long program on Super 30, and half a page has been devoted to Kumar in The New York Times.

Actress and ex-Miss Japan Norika Fujiwara visited Patna to make a documentary on Anand’s initiatives.

Kumar has been featured in programmes by the BBC.

He has spoken about his experiences at Indian Institute of Management Ahmedabad.

Kumar is in the Limca Book of Records (2009) for his contribution in helping poor students crack IIT-JEE by providing them free coaching.

Time Magazine has selected mathematician Anand Kumar’s school – Super 30 – in the list of Best of Asia 2010.

Anand Kumar was awarded the S. Ramanujan Award for 2010 by the Institute for Research and Documentation in Social Sciences (IRDS) in July 2010.

Super 30 received praise from United States President Barack Obama’s special envoy Rashad Hussain, who termed it the “best” institute in the country. Newsweek Magazine has taken note of the initiative of mathematician Anand Kumar’s Super 30 and included his school in the list of four most innovative schools in the world.
Anand Kumar has been awarded by top award of Bihar government “Maulana Abdul Kalam Azad Shiksha Puraskar” November 2010.
He was awarded the Prof Yashwantrao Kelkar Yuva Puraskar 2010 by Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) in Bangalore.
In April 2011, Anand Kumar was selected by Europe’s magazine Focus as “one of the global personalities who have the ability to shape exceptionally talented people.

Feb 24, 2013

बिल गेट्स ने एक विशाल साक्षात्कार के जरिए माइक्रोसॉफ़्ट यूरोप के लिए एक नए अध्यक्ष की भर्ती के लिए ...

बिल गेट्स ने एक विशाल साक्षात्कार के जरिए माइक्रोसॉफ़्ट यूरोप के लिए एक नए अध्यक्ष की भर्ती के लिए एक आयोजन किया. एक बड़े कमरे में 5000 से अधिक उम्मीदवार इकट्ठे हुए. इनमें से एक उम्मीदवार अरुण है जो कि एक भारतीय लड़का है.

बिल गेट्स ने सभी उम्मीदवारों को आने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि जो जावा प्रोग्राम नहीं जानते वे कमरे से बाहर चले जाएँ. 2000 लोगों ने कमरा छोड़ दिया. अरुण ने अपने आप से कहा, 'मैं जावा नहीं जानता, लेकिन अगर मैं यहाँ रुका रहा तो भी कोई नुकसान तो नहीं ही है. मैं दौड़ में बने रहने की कोशिश करता हूं'

बिल गेट्स ने उम्मीदवारों से पूछा कि जिन लोगों के पास 100 से अधिक प्रोफ़ेशनल के प्रबंधन का अनुभव नहीं है, वे कमरे से बाहर चले जाएँ, क्योंकि उनके लिए इस चयन प्रक्रिया में कोई संभावना नहीं है.
...
2000 लोग कमरे से बाहर चले गए. अरुण ने अपने आप से कहा, 'मैंने 100 क्या 1 को भी प्रबंधित नहीं किया, अब तक अपने आप को भी नहीं, लेकिन यदि मैं यहाँ रुकता हूं तो क्या नुकसान है? तो वह वहाँ कमरे में बना रहता है.

फिर बिल गेट्स ने उम्मीदवारों से कहा कि जिनके पास बढ़िया, टॉप रैंकिंग इंस्टीट्यूशन का प्रबंधन डिप्लोमा नहीं है, वे कमरे से बाहर चले जाएँ. ऐसे उम्मीदवारों की उम्मीदवारी के अवसर नहीं हैं. 500 लोगों ने कमरा छोड़ दिया. अरुण ने खुद से कहा - 'मैंने तो 15 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया लेकिन यदि मैं कमरे में बना रहता हूं तो मैं क्या खो दूंगा? तो वह कमरे में बना रहता है.

अंत में, बिल गेट्स उम्मीदवारों से बोलता है कि जो सर्बो भाषा नहीं जानते हैं वे कमरे से बाहर चले जाएँ. इतना सुनते ही भुनभुनाते हुए कोई 498 लोगों ने कमरा छोड़ दिया. अरुण ने अपने आप से कहा, 'मैं सर्बो का एक भी शब्द नहीं जानता, लेकिन यदि मैं यहाँ कमरे में रुका रहूं तो क्या नुकसान है'? तो वह कमरे में टिका रहता है. कमरे में उसके अलावा सिर्फ एक और उम्मीदवार बच रहता है.

तो इस तरह से 2 उम्मीदवारों को छोड़ बाकी सब उम्मीदवार एक एक कर कमरे से बाहर चले गए.

बिल गेट्स बड़ा प्रसन्न हुआ और वह उन दोनों उम्मीदवारों से मुखातिब होकर कहा कि 'चलिए, आप कम से कम दो उम्मीदवार तो इस लायक मिले. तो मैं चाहूंगा कि आप दोनों आपस में सर्बो भाषा में बातचीत करें. मैं आप दोनों को उस भाषा में बातचीत करते देखना सुनना चाहूंगा’

शांति पूर्वक, अरुण उस दूसरे उम्मीदवार की तरफ पलटता है और कहता है, 'का गुरु, का हाल चाल ?'

दूसरा उम्मीदवार जवाब देता है –‘मस्त .. आपन कहा .'

एक स्त्री एक दिन एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास के गई और बोली...

एक स्त्री एक दिन एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास के गई और बोली,
" डाक्टर मैँ एक गंभीर समस्या मेँ हुँ और मेँ आपकीमदद चाहती हुँ । मैं गर्भवती हूँ,
आप किसी को बताइयेगा नही मैने एक जान पहचान के सोनोग्राफी लैब से यह जान लिया है कि मेरे गर्भ में एक बच्ची है । मै पहले से एकबेटी की माँ हूँ और मैं किसी भी दशा मे दो बेटियाँ नहीं चाहती ।"
डाक्टर ने कहा ,"ठीक है, तो मेँ आपकी क्या सहायता कर सकता हु ?"
तो वो स्त्री बोली," मैँ यह चाहती हू कि इस गर्भ को गिराने मेँ मेरी मदद करें ।"
... डाक्टर अनुभवी और समझदार था। थोडा सोचा और फिर बोला,"मुझे लगता है कि मेरे पास एक और सरल रास्ता है जो आपकी मुश्किल को हल कर देगा।" वो स्त्री बहुत खुश हुई..
डाक्टर आगे बोला, " हम एक काम करते है
आप दो बेटियां नही चाहती ना ?? ?
तो पहली बेटी को मार देते है जिससे आप इस अजन्मी बच्ची को जन्मदे सके और आपकी समस्या का हल भी हो जाएगा. वैसे भी हमको एक बच्ची को मारना है तो पहले वाली को ही मार देते है ना.?"
तो वो स्त्री तुरंत बोली"ना ना डाक्टर.".!!!
हत्या करनागुनाह है पाप है और वैसे भी मैं अपनी बेटी को बहुत चाहती हूँ । उसको खरोंच भी आती है तो दर्द का अहसास मुझे होता है
डाक्टर तुरंत बोला, "पहले कि हत्या करो या अभी जो जन्मा नही उसकी हत्या करो दोनो गुनाह है पाप हैं ।"
यह बात उस स्त्री को समझ आ गई । वह स्वयं की सोच पर लज्जित हुई और पश्चाताप करते हुए घर चली गई । क्या आपको समझ मेँ आयी ? अगर आई हो तो SHARE करके दुसरे लोगो को भी समझाने मे मदद कीजिये ना महेरबानी. बडी कृपा होगी ।
हो सकता है आपका ही एक shareकिसी की सोच बदल दे..
और एक कन्या भ्रूण सुरक्षित, पूर्ण विकसित होकर इस संसारमें जन्म ले.....

No Final Ranks declered by IBPS , Complains to Cybercrime About Websites

guess what kept candidates busy after final combined scores for PO recruitment were out on IBPS website. they flocked onto social networks asking - What is my rank ? Thanks to some bank job related websites who started circulating lists called as candidate rankings . Complaints properties says an official from Ibps.

THERE ARE NO RANK AT ALL-

SOON after the final results were out a specific website had created a separate page revealing personal details of applicants . here is conversation between two people in an online dissuasion forums.

Merit followed by preference

to get a clear picture on the process of preference and its effect on allotment , we requested for the detaied procedure :

1.a person with high score is sure to get the bank of his/her choice.
2.if there are no vacancies in their 1st preferred bank,its checked with 2 nd choice then 3rd & so on
3.in this manner the top 22412 candidates shall get bank jobs.
4.since the validity of scores is one year there could be drop out & new vacancies announced .
5.in such case a waiting list shall be prepared form the remaining qualified candidates , he ecplained

Feb 23, 2013

असुदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र दौरे पर भारत को फिर चेतावनी दी है।..

असुदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र दौरे पर भारत को फिर
चेतावनी दी है।
मै चेतावनी देता हूँ पाकिस्तान
को कमजोर समझने की भूल न
करे भारत ।
... अगर भारत ने पाकिस्तान के
उपर हमला करने की कोशिश की
तो भारत के 25 करोड मुसलमान पाकिस्तान सेना के साथ
मिलकर
भारत के खिलाफ युद्ध करेगे ।

नये बैंक लाइसेंस से बैंकिंग सेवाओं का होगा विस्तार...

नये बैंक लाइसेंस से बैंकिंग सेवाओं का होगा विस्तार:

निजी क्षेत्र में नए बैंकों के लिए लाइसेंस जारी करने के अंतिम दिशानिर्देश जारी होने का उद्योग जगत ने स्वागत किया। उद्योग मंडल एसोचैम ने आज कहा
कि इससे बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

... एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत ने कहा कि इससे ना केवल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि साथ ही मौजूदा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंकों में तब्दील होने की अनुमति देने संबंधी प्रावधान किए जाने से एनबीएफसी क्षेत्र की मांग भी पूरी होगी।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने नए बैंक लाइसेंस जारी करने के लिए शुक्रवार को अंतिम दिशानिर्देश जारी कर दिए, जिसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में कंपनियों के साथ साथ एनबीएफसी को बैंकिंग क्षेत्र में उतरने की अनुमति दी गई है।

रिलायंस कैपिटल के सीईओ सैम घोष ने कहा, हम नए बैकिंग लाइसेंस दिशानिर्देशों का स्वागत करते हैं। ये दूरदर्शी हैं और रिलायंस कैपिटल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहेगी।

रिजर्व बैंक ने 1993 में निजी बैंकों को अनुमति दी थी और आखिरी बार 2001 में दो इकाइयों कोटक महिंद्रा बैंक और यस बैंक को लाइसेंस जारी किए थे।

Feb 21, 2013

वाह! चायवाले ने गरीब बच्चों के लिए खोल डाला स्कूल:.....

वाह! चायवाले ने गरीब बच्चों के लिए
खोल डाला स्कूल:-
कटक के एक छोटे से टी-स्टॉल
का मालिक गरीब बच्चों की मदद करत
करते उनके लिए एक शिक्षक भी बन
... गया।हर सुबह चाय के ठेला चलाने
वा प्रकाश राव कुछ गरीब
बच्चों को दूध बेचता है जो उसके स्टॉल
के करीब आते हैं। अगर यह 55 साल
का चायवाला इस ओर कदम
नहीं बढ़ाता तो शायद यह बच्चे
कभी पढ़ ही नहीं पाते।
प्रकाश को 11 कक्षा में छात्रवृत्ति के
बाद भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी जिसके
कारण वह शिक्षा की अहमियत जान
चुका था। इसके कारण ही प्रकाश ने
बस्ती में रहने वाले बच्चों को स्कूल
भेजने के लिए प्रेरित किया गया। इस
गांव के 2 किमी के आस पास 4
सरकारी स्कूल हैं पर ज्यादातर मां बाप
बेहद गरीब परिवार से हैं और वह अपने
बच्चों को इस कारण वहां नहीं भेज
सकते।
ऐसे बच्चों की मदद प्रकाश ने
करी जिससे वह पास में
ही अच्छी शिक्षा मुफ्त में ले पाएं।राव
ने सभी बच्चों को कक्षा 3 तक
पढ़ाता है और इसको पास करने वाले
छात्रों को वह सरकारी स्कूल भेजने में
भी मदद करता है।बस्ती में रहने
वाली एक मां बी नागरातनम के मुताबिक
स्कूल से बच्चों का मन पढ़ने में लग
गया।इससे पहले सभी बच्चे
आवारा घूमते रहते थे अब पढ़ाई में
अपना ध्यान लगाकर वह
अपना भविष्य बना रहे हैं।
हालांकि स्कूल बनाने का यह
सपना इतना आसान नहीं था। प्रकाश
को किसी वित्तीय संस्थान से कोई मदद
नहीं मिली और उसने अपने बल पर यह
काम पूरा किया। स्कूल के लिए पूरे
महीने के किराया 10,000 रुपए
होता है जिसमें 4 शिक्षकों का वेतन
अलग होता है। प्रकाश अपने टी स्टॉल
से 20,000 रुपए का फायदा महीने में
कमाता है और कभी किसी बिल के
भुगतान में देरी नहीं करता।
by: gurudip