● राजा दशरथ ने की श्रवण कुमार की हत्या , FIR दर्ज
● अयोध्या के राजपाठ को लेके राजा-रानी में विवाद बढ़ा |
...
● केवट द्वारा चरण धुलवाने से मायावती हुई नाराज़ , कहा ये हैं दलितों का अपमान |
● तड़का वध व सूर्पनखा की नाक कटाई के विरोध में महिला आयोग का अयोध्या में प्रदर्शन जारी |
● राजा दशरथ की अंतिम शव यात्रा में स्वयं दशरथ भी मौजूद : इंडिया टीवी
● बाली की हत्या की शक की सुई श्रीराम पर ठहरी , सप्ताह भर में सीबीआई पेश करेगी रिपोर्ट |
● 6 माह तक रावण को अपनी काख में दबा के घुमने के जुर्म में बाली के खिलाफ इन्द्रजीत ने मुकदमा दायर किया |
● सोने का हिरन मारने पर श्रीराम जी को वन विभाग से मिली चेतावनी |
● श्रीराम ने अपनी पत्नी सीता के अपहरण का मामला दर्ज कराया ||
● बिना वीसा हनुमान लंका गए , श्रीलंका सरकार ने जताई आपति |
● समुद्र पर असंवेधानिक सेतु बनाने पर नल व नील से सीबीआई करेगी पूछताछ |
● अशोक वाटिका उजाड़ने , युवराज अक्ष को मारने व लंका में आग लगाने के जुर्म में रावण ने वीर हनुमान को बंदी बनाया |
● हिमालय वासियों ने पर्वत श्रृंखला से एक पर्वत के चोरी हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई |
● अंगद ने लंका के राजा का उन्ही के निवास स्थान में जाके किया अपमान |
● विभीषण पर देशद्रोह का आरोप , हुए तड़ीपार |
● श्रीराम ने किया रावण का फर्जी एनकाउंटर , हारत व श्रीलंका सरकार की दूरियां बढ़ी |
● सीता से अग्नि परीक्षा मांगने पर महिला आयोग ने श्रीराम की कड़े शब्दों में निंदा की |
● क्या पुष्पक विमान को अयोध्या में उतरने की अनुमति देगी सरकार ??
● सुप्रीम कोर्ट ने जनता की मांग पर श्रीराम व उनकी सेना को सभी आरोपों से मुक्त किया |
Jul 17, 2013
Jun 28, 2013
मन की शांति हमें life की ज़रूरी चीजें समझने में मददगार होती है
एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गयी. वैसे
तो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से
जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था.
उसने खुद भी घडी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे
में खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में ….पर
... तामाम कोशिशों केबाद भी घड़ी नहीं मिली. उसने निश्चय
किया की वो इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने
आवाज लगाई , ” सुनो बच्चों , तुममे से जो कोई भी मेरी खोई
घडी खोज देगा उसे मैं १०० रुपये इनाम में दूंगा.”
फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर दे इस काम में लगा गए…
वे हर जगह की ख़ाक छानने लगे , ऊपर-नीचे , बाहर, आँगन
में ..हर जगह…परघंटो बीत जाने पर भी घडी नहीं मिली.
अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान
को भी यहीलगा की घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके
पास आया और बोला , ” काका मुझे एक मौका और दीजिये,
पर इस बार मैं ये काम अकेले ही करना चाहूँगा.”
किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घडी चाहिए थी, उसने
तुरंत हाँ कर दी.
लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगा…और जब
वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में
थी.
किसान घड़ी देख प्रसन्न होगया और अचरज से पूछा ,”
बेटा, कहाँ थी ये घड़ी , और जहाँ हम सभी असफल हो गए
तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला ?”
लड़का बोला,” काका मैंने कुछ नहीं किया बस मैं कमरे में
गया औरचुप-चाप बैठ गया,और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान
केन्द्रित करने लगा , कमरे में शांति होने के कारण मुझे
घड़ी की टिक-टिक सुनाईदे गयी , जिससे मैंने
उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और आलमारी के पीछे
गिरी ये घड़ी खोज निकाली.”
Friends, जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूढने में मददगार
साबित हुई उसी प्रकार मन की शांति हमें life की ज़रूरी चीजें
समझने में मददगार होती है . हर दिन हमें अपने लिए
थोडा वक़्त निकालना चाहिए , जसमे हम बिलकुल अकेले
हों ,जिसमे हम शांति से बैठ कर खुद से बात कर सकें और
अपनेभीतर की आवाज़ को सुन सकें , तभी हम life को और
अच्छे ढंग से जी पायेंगे .
तो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से
जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था.
उसने खुद भी घडी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे
में खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में ….पर
... तामाम कोशिशों केबाद भी घड़ी नहीं मिली. उसने निश्चय
किया की वो इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने
आवाज लगाई , ” सुनो बच्चों , तुममे से जो कोई भी मेरी खोई
घडी खोज देगा उसे मैं १०० रुपये इनाम में दूंगा.”
फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर दे इस काम में लगा गए…
वे हर जगह की ख़ाक छानने लगे , ऊपर-नीचे , बाहर, आँगन
में ..हर जगह…परघंटो बीत जाने पर भी घडी नहीं मिली.
अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान
को भी यहीलगा की घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके
पास आया और बोला , ” काका मुझे एक मौका और दीजिये,
पर इस बार मैं ये काम अकेले ही करना चाहूँगा.”
किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घडी चाहिए थी, उसने
तुरंत हाँ कर दी.
लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगा…और जब
वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में
थी.
किसान घड़ी देख प्रसन्न होगया और अचरज से पूछा ,”
बेटा, कहाँ थी ये घड़ी , और जहाँ हम सभी असफल हो गए
तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला ?”
लड़का बोला,” काका मैंने कुछ नहीं किया बस मैं कमरे में
गया औरचुप-चाप बैठ गया,और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान
केन्द्रित करने लगा , कमरे में शांति होने के कारण मुझे
घड़ी की टिक-टिक सुनाईदे गयी , जिससे मैंने
उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और आलमारी के पीछे
गिरी ये घड़ी खोज निकाली.”
Friends, जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूढने में मददगार
साबित हुई उसी प्रकार मन की शांति हमें life की ज़रूरी चीजें
समझने में मददगार होती है . हर दिन हमें अपने लिए
थोडा वक़्त निकालना चाहिए , जसमे हम बिलकुल अकेले
हों ,जिसमे हम शांति से बैठ कर खुद से बात कर सकें और
अपनेभीतर की आवाज़ को सुन सकें , तभी हम life को और
अच्छे ढंग से जी पायेंगे .
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Jun 27, 2013
आप का संकल्प सही हो तो अपने भाग्य को खुद बना सकते है !
एक बार की बात है की किसी स्कूल में एक बालक पढ़ने जाता था । जैसे दूसरे बालक भी जाते थे ।
यह बालक पढ़ने में थोड़ा कमजोर किस्म का था सो रोज ही मास्टर जी,के डंडों से मार खाता था । यह सिलसिला चलता- रहा, चलता- रहा !
एक दिनकी बात है की मास्टर जी, ने एक-एक बालक की सीट पर जा कर दिया हुआ कार्य चेक किया ।
... इस बालक ने अपने आदतानुसार काम नहीं किया था और अपने आप ही हथेली मास्टर जी के आगे कर दी मार खाने के लिए ।
मास्टर जी ने डंडा उठाया और हथेली की तरफ देखते ही डंडा रख दिया और कहा बेटे मै तुझे नाहक रोज ही मारता रहा हूँ, तेरे तो हाथ में तो विद्या की रेखा है ही नहीं ।
बस फिर क्या था बालक को यह बात चुभ गयी और उसने मास्टर जी से पूछा- मास्टर जी, मुझे बताईये की हाथ में विद्या- रेखा कहा होती है? मास्टर जी ,ने उसे विद्या- रेखा का स्थान बता दिया ।
बालक उसी क्षण गया और ब्लेड ले कर उस स्थान पर चीरा लगा कर वापिस कक्षा में आया । मास्टर जी, ने उसकी लहू-लुहान हथेली देखकर पूछा की यह कैसे हो गया ?
बालक ने बताया की मास्टर जी मैंने अपने हाथ में खुद ही विद्या की रेखा खींच
ली है ,अब आप मुझे पढ़ाईये, मै पढूंगा !
यही बालक बताते है की आगे चलकर संस्कृत का ‘पाणिनि’ बना जिसकी व्याकरण ” अष्टाध्यायी ” आज तक महाग्रन्थ माना जाता है! विश्व के विदेशी विद्वान् आज भी इस ग्रन्थ की कद्र करते है!
तो कहने का मतलब है की आप का संकल्प सही हो तो अपने भाग्य को खुद बना सकते है ! जैसा कक्षा के कमजोर बालक ने अपने ही संकल्प से महानता हासिल कर ली ।
यह बालक पढ़ने में थोड़ा कमजोर किस्म का था सो रोज ही मास्टर जी,के डंडों से मार खाता था । यह सिलसिला चलता- रहा, चलता- रहा !
एक दिनकी बात है की मास्टर जी, ने एक-एक बालक की सीट पर जा कर दिया हुआ कार्य चेक किया ।
... इस बालक ने अपने आदतानुसार काम नहीं किया था और अपने आप ही हथेली मास्टर जी के आगे कर दी मार खाने के लिए ।
मास्टर जी ने डंडा उठाया और हथेली की तरफ देखते ही डंडा रख दिया और कहा बेटे मै तुझे नाहक रोज ही मारता रहा हूँ, तेरे तो हाथ में तो विद्या की रेखा है ही नहीं ।
बस फिर क्या था बालक को यह बात चुभ गयी और उसने मास्टर जी से पूछा- मास्टर जी, मुझे बताईये की हाथ में विद्या- रेखा कहा होती है? मास्टर जी ,ने उसे विद्या- रेखा का स्थान बता दिया ।
बालक उसी क्षण गया और ब्लेड ले कर उस स्थान पर चीरा लगा कर वापिस कक्षा में आया । मास्टर जी, ने उसकी लहू-लुहान हथेली देखकर पूछा की यह कैसे हो गया ?
बालक ने बताया की मास्टर जी मैंने अपने हाथ में खुद ही विद्या की रेखा खींच
ली है ,अब आप मुझे पढ़ाईये, मै पढूंगा !
यही बालक बताते है की आगे चलकर संस्कृत का ‘पाणिनि’ बना जिसकी व्याकरण ” अष्टाध्यायी ” आज तक महाग्रन्थ माना जाता है! विश्व के विदेशी विद्वान् आज भी इस ग्रन्थ की कद्र करते है!
तो कहने का मतलब है की आप का संकल्प सही हो तो अपने भाग्य को खुद बना सकते है ! जैसा कक्षा के कमजोर बालक ने अपने ही संकल्प से महानता हासिल कर ली ।
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Jun 26, 2013
"तुम्हारा मनपसंद केक बनाकर खिलाती हूँ"
एक लड़की अपनी माँ के पास अपनी परेशानियों का बखान
कर रही थी l वो परीक्षा में फेल हो गई थी l
सहेली से झगड़ा हो गया l
मनपसंद ड्रेस प्रैस कर रही थी वो जल गई l रोते हुए बोली,
मम्मी ,देखो ना , मेरी जिन्दगी के साथ
... सब कुछ उलटा -पुल्टा हो रहा है l माँ ने मुस्कराते हुए कहा,
यह उदासी और रोना छोड़ो,
चलो मेरे साथ रसोई में ,
"तुम्हारा मनपसंद केक बनाकर खिलाती हूँ"l
लड़की का रोना बंद हो गया और हंसते हुये बोली,"केक
तो मेरी मनपसंद मिठाई है"l कितनी देर में बनेगा, कन्या ने
चहकते हुए पूछा l
माँ ने सबसे पहले मैदे का डिब्बा उठाया और प्यार से कहा,
ले पहले मैदा खा ले l लड़की मुंह बनाते हुए बोली, इसे कोई
खाता है भला l माँ ने फिर मुस्कराते हुये कहा,"तो ले
सौ ग्राम
चीनी ही खा ले"l
एसेंस और मिल्कमेड का डिब्बा दिखाया और
कहा लो इसका भी स्वाद चख लो "माँ"आज तुम्हें
क्या हो गया है ? जो मुझे इस तरह की चीजें
खाने को दे रही हो ? माँ ने बड़े प्यार और शांति से जवाब
दिया,"बेटा"केक इन
सभी बेस्वादी चीजों से ही बनता है और ये सभी मिलकर
ही तो केक को स्वादिष्ट बनाती हैं . मैं तुम्हें सिखाना चाह
रही थी कि"जिंदगी का केक"भी इसी प्रकार
की बेस्वाद घटनाओं को मिलाकर बनाया जाता है l फेल
हो गई हो तो इसे चुनौती समझो मेहनत करके पास
हो जाओ l सहेली से झगड़ा हो गया है तो अपना व्यवहार
इतना मीठा बनाओ कि फिर कभी किसी से झगड़ा न
हो l यदि मानसिक तनाव के कारण"ड्रेस"जल गई तो आगे से
सदा ध्यान रखो कि
मन की स्थिति हर परिस्थिति में अच्छी हो l बिगड़े मन से
काम भी तो बिगड़ेंगे l कार्यों को कुशलता से करने के लिए मन
के चिंतन
को कुशल बनाना अनिवार्य ह
कर रही थी l वो परीक्षा में फेल हो गई थी l
सहेली से झगड़ा हो गया l
मनपसंद ड्रेस प्रैस कर रही थी वो जल गई l रोते हुए बोली,
मम्मी ,देखो ना , मेरी जिन्दगी के साथ
... सब कुछ उलटा -पुल्टा हो रहा है l माँ ने मुस्कराते हुए कहा,
यह उदासी और रोना छोड़ो,
चलो मेरे साथ रसोई में ,
"तुम्हारा मनपसंद केक बनाकर खिलाती हूँ"l
लड़की का रोना बंद हो गया और हंसते हुये बोली,"केक
तो मेरी मनपसंद मिठाई है"l कितनी देर में बनेगा, कन्या ने
चहकते हुए पूछा l
माँ ने सबसे पहले मैदे का डिब्बा उठाया और प्यार से कहा,
ले पहले मैदा खा ले l लड़की मुंह बनाते हुए बोली, इसे कोई
खाता है भला l माँ ने फिर मुस्कराते हुये कहा,"तो ले
सौ ग्राम
चीनी ही खा ले"l
एसेंस और मिल्कमेड का डिब्बा दिखाया और
कहा लो इसका भी स्वाद चख लो "माँ"आज तुम्हें
क्या हो गया है ? जो मुझे इस तरह की चीजें
खाने को दे रही हो ? माँ ने बड़े प्यार और शांति से जवाब
दिया,"बेटा"केक इन
सभी बेस्वादी चीजों से ही बनता है और ये सभी मिलकर
ही तो केक को स्वादिष्ट बनाती हैं . मैं तुम्हें सिखाना चाह
रही थी कि"जिंदगी का केक"भी इसी प्रकार
की बेस्वाद घटनाओं को मिलाकर बनाया जाता है l फेल
हो गई हो तो इसे चुनौती समझो मेहनत करके पास
हो जाओ l सहेली से झगड़ा हो गया है तो अपना व्यवहार
इतना मीठा बनाओ कि फिर कभी किसी से झगड़ा न
हो l यदि मानसिक तनाव के कारण"ड्रेस"जल गई तो आगे से
सदा ध्यान रखो कि
मन की स्थिति हर परिस्थिति में अच्छी हो l बिगड़े मन से
काम भी तो बिगड़ेंगे l कार्यों को कुशलता से करने के लिए मन
के चिंतन
को कुशल बनाना अनिवार्य ह
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Jun 25, 2013
आज कल की बहू..
नई बहू जब ससुराल आई तो उसका जोरदार स्वागत किया गया..
स्वागत के बाद नई बहू ने निवेदन किया,
“मेरे प्यारे ससुराल वालो, आप लोगो ने मेरा जिस प्यार और आत्मीयता से स्वागत किया, उसके लिए आप सबका धन्यवाद! मैं आप सभी से कहना चाहती हूँ कि आज मैं इस घर में आई हूँ तो कभी ऐसा मत सोचना कि मैं आप लोगो की जिंदगी में कोई बदलाव लाऊंगी! विश्वास रखिये, सब कुछ जैसे अब तक चलता था, ठीक वैसे ही चलता रहेगा.”
...
ससुर ने पूछा – “तुम्हारे कहने का क्या मतलब है, बेटी ?”
बहू ने जवाब दिया – “मेरा मतलब है कि जो खाना पकाता है वो वैसे ही खाना पकाए, जो बर्तन साफ़ करता है वह वैसे ही बर्तन साफ़ करे, जो कपड़े धोता है वो वैसे ही कपड़े धोये, जो घर की साफ़-सफाई करता है वो वैसे ही सफाई करे और बाकी जो भी काम घर में होते है वो वैसे ही होते रहें जैसे मेरे आने से पहले होते थे!
सास ने पूछ लिया – “तो फिर तुम्हें किसलिए लाये हैं बहू??
बहू – “मैं तो बस …. आपके बेटे के मनोरंजन के लिए आई हूँ!!!”
स्वागत के बाद नई बहू ने निवेदन किया,
“मेरे प्यारे ससुराल वालो, आप लोगो ने मेरा जिस प्यार और आत्मीयता से स्वागत किया, उसके लिए आप सबका धन्यवाद! मैं आप सभी से कहना चाहती हूँ कि आज मैं इस घर में आई हूँ तो कभी ऐसा मत सोचना कि मैं आप लोगो की जिंदगी में कोई बदलाव लाऊंगी! विश्वास रखिये, सब कुछ जैसे अब तक चलता था, ठीक वैसे ही चलता रहेगा.”
...
ससुर ने पूछा – “तुम्हारे कहने का क्या मतलब है, बेटी ?”
बहू ने जवाब दिया – “मेरा मतलब है कि जो खाना पकाता है वो वैसे ही खाना पकाए, जो बर्तन साफ़ करता है वह वैसे ही बर्तन साफ़ करे, जो कपड़े धोता है वो वैसे ही कपड़े धोये, जो घर की साफ़-सफाई करता है वो वैसे ही सफाई करे और बाकी जो भी काम घर में होते है वो वैसे ही होते रहें जैसे मेरे आने से पहले होते थे!
सास ने पूछ लिया – “तो फिर तुम्हें किसलिए लाये हैं बहू??
बहू – “मैं तो बस …. आपके बेटे के मनोरंजन के लिए आई हूँ!!!”
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जो अपनी शर्तों पर जीते हैं बल्कि खुशहाल वे हैं जो, जिन्हें वे प्यार करते हैं, उनके लिए बदल जाते हैं
पत्नी ने पति से कहा, "कितनी देर तक
समाचार पत्र पढ़ते रहोगे? यहाँ आओ और
अपनी प्यारी बेटी को खाना खिलाओ". पति ने समाचार पत्र
एक
तरफ़ फेका और
... बेटी की ध्यान दिया. बेटी की आंखों में आँसू
थे और सामने खाने की प्लेट. बेटी एक
अच्छी लड़की है और अपनी उम्र के बच्चों से
ज्यादा समझदार. पति ने खाने की प्लेट को हाथ में लिया और
बेटी से बोला,
"बेटी खाना क्यों नहीं खा रही हो? आओ
बेटी मैं खिलाऊँ." बेटी जिसे खाना नहीं भा रहा था, सुबक
सुबक
कर रोने लगी और कहने लगी, "मैं
पूरा खाना खा लूँगी पर एक
वादा करना पड़ेगा आपको." "वादा", पति ने बेटी को समझाते
हुआ
कहा,
"इस प्रकार कोई महँगी चीज खरीदने के लिए
जिद नहीं करते." "नहीं पापा, मैं कोई महँगी चीज के लिए जिद
नहीं कर रही हूँ." फिर बेटी ने धीरे धीरे
खाना खाते हुये कहा, "मैं अपने सभी बाल
कटवाना चाहती हूँ." पति और पत्नी दोनों अचंभित रह गए
और
बेटी को बहुत समझाया कि लड़कियों के
लिए सिर के सारे बाल कटवा कर
गंजा होना अच्छा नहीं लगता है. पर बेटी ने
जवाब दिया, "पापा आपके कहने पर मैंने
सड़ा खाना, जो कि मुझे अच्छा नहीं लग रहा था,
खा लिया और
अब वादा पूरा करने
की आपकी बारी है." अंततः बेटी की जिद के
आगे पति पत्नी को उसकी बात
माननी ही पड़ी. अगले दिन पति बेटी को स्कूल छोड़ने
गया....
बेटी गंजी बहुत ही अजीब लग रही थे.
स्कूल में एक महिला ने पति से कहा, "आपकी बेटी ने
एक बहुत ही बड़ा काम किया है. मेरा बेटा कैंसर
से पीड़ित है और इलाज में उसके सारे बाल
खत्म हो गए हैं. वह् इस हालत में स्कूल
नहीं आना चाहता था क्योंकि स्कूल में लड़के
उसे चिढ़ाते हैं. पर आपकी बेटी ने कहा कि वह्
भी गंजी होकर स्कूल आयेगी और वह् आ गई.
इस कारण देखिये मेरा बेटा भी स्कूल आ गया.
आप धनाया हैं कि आपके ऐसी बेटी है"
पति को यह सब सुनकर
रोना आ गया और
उसने मन ही मन सोचा कि आज बेटी ने
सीखा दिया कि प्यार क्या होता है. इस पृथ्वी पर खुशहाल वह्
नहीं हैं
जो अपनी शर्तों पर जीते हैं बल्कि खुशहाल वे
हैं जो, जिन्हें वे प्यार करते हैं, उनके लिए बदल
जाते हैं....
समाचार पत्र पढ़ते रहोगे? यहाँ आओ और
अपनी प्यारी बेटी को खाना खिलाओ". पति ने समाचार पत्र
एक
तरफ़ फेका और
... बेटी की ध्यान दिया. बेटी की आंखों में आँसू
थे और सामने खाने की प्लेट. बेटी एक
अच्छी लड़की है और अपनी उम्र के बच्चों से
ज्यादा समझदार. पति ने खाने की प्लेट को हाथ में लिया और
बेटी से बोला,
"बेटी खाना क्यों नहीं खा रही हो? आओ
बेटी मैं खिलाऊँ." बेटी जिसे खाना नहीं भा रहा था, सुबक
सुबक
कर रोने लगी और कहने लगी, "मैं
पूरा खाना खा लूँगी पर एक
वादा करना पड़ेगा आपको." "वादा", पति ने बेटी को समझाते
हुआ
कहा,
"इस प्रकार कोई महँगी चीज खरीदने के लिए
जिद नहीं करते." "नहीं पापा, मैं कोई महँगी चीज के लिए जिद
नहीं कर रही हूँ." फिर बेटी ने धीरे धीरे
खाना खाते हुये कहा, "मैं अपने सभी बाल
कटवाना चाहती हूँ." पति और पत्नी दोनों अचंभित रह गए
और
बेटी को बहुत समझाया कि लड़कियों के
लिए सिर के सारे बाल कटवा कर
गंजा होना अच्छा नहीं लगता है. पर बेटी ने
जवाब दिया, "पापा आपके कहने पर मैंने
सड़ा खाना, जो कि मुझे अच्छा नहीं लग रहा था,
खा लिया और
अब वादा पूरा करने
की आपकी बारी है." अंततः बेटी की जिद के
आगे पति पत्नी को उसकी बात
माननी ही पड़ी. अगले दिन पति बेटी को स्कूल छोड़ने
गया....
बेटी गंजी बहुत ही अजीब लग रही थे.
स्कूल में एक महिला ने पति से कहा, "आपकी बेटी ने
एक बहुत ही बड़ा काम किया है. मेरा बेटा कैंसर
से पीड़ित है और इलाज में उसके सारे बाल
खत्म हो गए हैं. वह् इस हालत में स्कूल
नहीं आना चाहता था क्योंकि स्कूल में लड़के
उसे चिढ़ाते हैं. पर आपकी बेटी ने कहा कि वह्
भी गंजी होकर स्कूल आयेगी और वह् आ गई.
इस कारण देखिये मेरा बेटा भी स्कूल आ गया.
आप धनाया हैं कि आपके ऐसी बेटी है"
पति को यह सब सुनकर
रोना आ गया और
उसने मन ही मन सोचा कि आज बेटी ने
सीखा दिया कि प्यार क्या होता है. इस पृथ्वी पर खुशहाल वह्
नहीं हैं
जो अपनी शर्तों पर जीते हैं बल्कि खुशहाल वे
हैं जो, जिन्हें वे प्यार करते हैं, उनके लिए बदल
जाते हैं....
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Jun 24, 2013
* सच्चा हिरा *
सायंकाल का समय था |
सभी पक्षी अपने अपने
घोसले में जा रहे थे |
तभी गाव कि चार ओरते
... कुए पर पानी भरने आई
और
अपना अपना मटका भरकर
बतयाने बैठ गई |
इस पर पहली ओरत
बोली अरे ! भगवान मेरे
जैसा लड़का सबको दे |
उसका कंठ
इतना सुरीला हें कि सब
उसकी आवाज सुनकर मुग्ध
हो जाते हें |
इसपर दूसरी ओरत
बोली कि मेरा लड़का इतन
हें कि सब उसे आज के युग
का भीम कहते हें |
इस पर तीसरी ओरत
कहाँ चुप रहती वह
बोली अरे !
मेरा लड़का एक बार
जो पढ़ लेता हें वह
उसको उसी समय कंठस्थ
हो जाता हें |
यह सब बात सुनकर
चोथी ओरत कुछ
नहीं बोली
तो इतने में दूसरी ओरत ने
कहाँ “ अरे ! बहन
आपका भी तो एक लड़का हें
ना आप उसके बारे में कुछ
नहीं बोलना चाहती हो”
|
इस पर से उसने कहाँ मै
क्या कहू वह
ना तो बलवान हें और
ना ही अच्छा गाता हें |
यह सुनकर
चारो स्त्रियों ने
मटके उठाए और अपने गाव
कि और चल दी |
तभी कानो में कुछ
सुरीला सा स्वर सुनाई
दिया | पहली स्त्री ने
कहाँ “देखा ! मेरा पुत्र आ
रहा हें | वह
कितना सुरीला गान
गा रहा हें |” पर उसने
अपनी माँ को नही देखा औ
उनके सामने से निकल
गया |
अब दूर जाने पर एक
बलवान लड़का वहाँ से
गुजरा उस पर दूसरी ओरत
ने कहाँ | “देखो !
मेरा बलिष्ट पुत्र आ
रहा हें |” पर उसने
भी अपनी माँ को नही देख
सामने से निकल गया |
तभी दूर जाकर
मंत्रो कि ध्वनि उनके
कानो में
पड़ी तभी तीसरी ओरत ने
कहाँ “देखो !
मेरा बुद्धिमान पुत्र आ
रहा हें |” पर वह
भी श्लोक कहते हुए वहाँ से
उन
दोनों कि भाति निकल
गया |
तभी वहाँ से एक और
लड़का निकला वह उस
चोथी स्त्री का पूत्र
था |
वह अपनी माता के पास
आया और माता के सर पर
से पानी का घड़ा ले
लिया और गाव कि और
गाव कि और निकल पढ़ा |
यह देख
तीनों स्त्रीयां चकित रह
गई | मानो उनको साप
सुंघ गया हो | वे
तीनों उसको आश्चर्य से
देखने लगी तभी वहाँ पर
बैठी एक वृद्ध महिला ने
कहाँ “देखो इसको कहते हें
सच्चा हिरा”
“ सबसे पहला और सबसे
बड़ा ज्ञान संस्कार
का होता हें जो किसे और
से नहीं बल्कि स्वयं हमारे
माता-पिता से प्राप्त
होता हें | फिर भले
ही हमारे माता-
पिता शिक्षित
हो या ना हो यह ज्ञान
उनके
अलावा दुनिया का कोई
भी व्यक्ति नहीं दे
सकता ह
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Jun 20, 2013
दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल।
दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल।
दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से
पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। माता-पिता रात-दिन
इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे
दोनों क्या करेंगे।
... एक दिन गांव में एक साधु आया।
लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुए महात्मा है।
जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये।
पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने
बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके
आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये।
मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह
भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले
जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत
कर दें और साधु नाराज हो जाये।
अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास
पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने बैठा लिया और
मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा।
साधु ने बच्चे से पूछा- बेटे, तुम भगवान को जानते
हो न? बताओ, भगवान कहां है?
बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर
देखता रहा।
साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया पर बच्चा फिर
भी कुछ नहीं बोला।
अब साधु को कुछ चिढ़ सी आई, उसने
थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा- मैं क्या पूछ
रहा हूं तुम्हें सुनाई नहीं देता, जवाब दो, भगवान
कहां है?
बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु
की ओर हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।
अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और
तेजी से बाहर की ओर भागा। साधु ने आवाज दी पर
वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के
नीचे छुप गया। बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने उसे
छुपते हुये देखा तो पूछा- क्या हुआ? छुप क्यों रहे
हो?
"भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।" बच्चे ने
घबराये हुये स्वर में कहा।
"पर हुआ क्या?" बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने
की कोशिश करते हुये पूछा।
"अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं।
भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ रहे हैं
कि इसमें हमारा हाथ है !"
दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से
पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। माता-पिता रात-दिन
इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे
दोनों क्या करेंगे।
... एक दिन गांव में एक साधु आया।
लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुए महात्मा है।
जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये।
पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने
बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके
आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये।
मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह
भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले
जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत
कर दें और साधु नाराज हो जाये।
अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास
पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने बैठा लिया और
मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा।
साधु ने बच्चे से पूछा- बेटे, तुम भगवान को जानते
हो न? बताओ, भगवान कहां है?
बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर
देखता रहा।
साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया पर बच्चा फिर
भी कुछ नहीं बोला।
अब साधु को कुछ चिढ़ सी आई, उसने
थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा- मैं क्या पूछ
रहा हूं तुम्हें सुनाई नहीं देता, जवाब दो, भगवान
कहां है?
बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु
की ओर हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।
अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और
तेजी से बाहर की ओर भागा। साधु ने आवाज दी पर
वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के
नीचे छुप गया। बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने उसे
छुपते हुये देखा तो पूछा- क्या हुआ? छुप क्यों रहे
हो?
"भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।" बच्चे ने
घबराये हुये स्वर में कहा।
"पर हुआ क्या?" बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने
की कोशिश करते हुये पूछा।
"अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं।
भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ रहे हैं
कि इसमें हमारा हाथ है !"
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एक राजस्थानी व्यापारी मुबंई की बैँक मेँ गया,
एक राजस्थानी व्यापारी मुबंई की बैँक मेँ गया,
और बैँक मेनेजर से रु.50,000 का लोन मांगा.
बैँक मेनेजर ने गेरेँटर मांगा.
राजस्थानी ने अपनी BMW कार जो बैँक के
सामने पार्क की हुई थी उसको गेरेँटी के तरीके से
... जमा करवा दी.
मेनेजर ने गाडी के कागज चैक किए,
और लोन देकर गाडी को कस्टडी मेँ खडी करने के
लिए कर्मचारी को सुचना दी.
राजस्थानी 50,000 रुपये लेकर चलागया.
बैँक मेनेजर और कर्मचारी उस राजस्थानी पर
हँसने लगे और बात करने लगे कि यह
करोडपति होते हुए भी अपनी गाडी सिर्फ
50,000 मेँ गिरवी रख कर चला गया.
कितना बेवकुफ आदमी है.
उसके बाद 2 महीने बाद राजस्थानी वापस बैँक
मे
गया और लोन की सभी रकम देकर
अपनी गाडी वापस लेने की इच्छा दर्शायी.
बैँक मेनेजर ने हिसाब-किताब किया और बोला :
50,000 मुल रकम के साथ 1250 रुपये ब्याज.
राजस्थानी ने पुरे पैसे दे दिए.
बैँक मेनेजर से रहा नही गया और उसने पुछा :
कि आप इतने करोडपति होते हुए
भी आपको 50,000 रुपयो कि जरुरत कैसे
पडी.?
राजस्थानी ने जवाब दिया : मैँ राजस्थान से
आया था.
मैँ अमेरिका जा रहा था.
मुबंई से मेरी फ्लाइट थी.
मुबंई मेँ मेरी गाडी कहा पार्क करनी है यह
मेरी सबसे बडी प्रोबलम थी.
लेकिन इस प्रोबलम को आपने हल कर दिया.
मेरी गाडी भी सेफ कस्टडी मेँ दो महीने तक
संभाल
के रखा और 50,000 रुपये
खर्च करने के लिए भी दिए दोनो काम करने
का चार्ज लगा सिर्फ 1250 रुपये.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद.!
इसिलिए कहते दोस्तो कि "जहा ना पहुचे कोई
गाडी , वहा पहुच जाता है मारवाडी"
और बैँक मेनेजर से रु.50,000 का लोन मांगा.
बैँक मेनेजर ने गेरेँटर मांगा.
राजस्थानी ने अपनी BMW कार जो बैँक के
सामने पार्क की हुई थी उसको गेरेँटी के तरीके से
... जमा करवा दी.
मेनेजर ने गाडी के कागज चैक किए,
और लोन देकर गाडी को कस्टडी मेँ खडी करने के
लिए कर्मचारी को सुचना दी.
राजस्थानी 50,000 रुपये लेकर चलागया.
बैँक मेनेजर और कर्मचारी उस राजस्थानी पर
हँसने लगे और बात करने लगे कि यह
करोडपति होते हुए भी अपनी गाडी सिर्फ
50,000 मेँ गिरवी रख कर चला गया.
कितना बेवकुफ आदमी है.
उसके बाद 2 महीने बाद राजस्थानी वापस बैँक
मे
गया और लोन की सभी रकम देकर
अपनी गाडी वापस लेने की इच्छा दर्शायी.
बैँक मेनेजर ने हिसाब-किताब किया और बोला :
50,000 मुल रकम के साथ 1250 रुपये ब्याज.
राजस्थानी ने पुरे पैसे दे दिए.
बैँक मेनेजर से रहा नही गया और उसने पुछा :
कि आप इतने करोडपति होते हुए
भी आपको 50,000 रुपयो कि जरुरत कैसे
पडी.?
राजस्थानी ने जवाब दिया : मैँ राजस्थान से
आया था.
मैँ अमेरिका जा रहा था.
मुबंई से मेरी फ्लाइट थी.
मुबंई मेँ मेरी गाडी कहा पार्क करनी है यह
मेरी सबसे बडी प्रोबलम थी.
लेकिन इस प्रोबलम को आपने हल कर दिया.
मेरी गाडी भी सेफ कस्टडी मेँ दो महीने तक
संभाल
के रखा और 50,000 रुपये
खर्च करने के लिए भी दिए दोनो काम करने
का चार्ज लगा सिर्फ 1250 रुपये.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद.!
इसिलिए कहते दोस्तो कि "जहा ना पहुचे कोई
गाडी , वहा पहुच जाता है मारवाडी"
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Jun 16, 2013
मौत रिश्वत नही लेती लेकिन, रिश्वत मौत ले लेती है.....
1) अगर लगातार दौडने से लक्ष्मी मिलती तो,आज
कुत्ता लक्ष्मीपति होता.....
2) मौत रिश्वत नही लेती लेकिन, रिश्वत
मौत ले लेती है.....
...
3) काम मेँ ईश्वर का साथ मांगो लेकिन,ईश्वर
काम कर दे ऐसा मत मांगो......
4) कडवा सत्य-एक गरीब पेट के लिए सुबह
जल्दी उठकर दोडता है और एक अमीर पेट कम
करने के लिए सुबह जल्दी उठकर दौडता है..
5) 50 रुपए मेँ 1 लीटर कोल्डंड्रीक आती है..जिसमे स्वाद और पोषण जीरो..
6) सबंध भले थोडा रखो लेकिन,ऐसा रखो कि शरम
किसी की झेलनी ना पडे मौत के मुह से
जिदंगी बरस पडे और मरने के बाद शमशान
की राख भी रो पडे.
7) जब तालाब भरता है तब,मछलीया चीटीँयो को खाती है और जब
तालाब खाली होता है तब चीटींया मछलियो को खाती है
मौका सबको मिलता है बस अपनी बारी का इन्तजार करो..
8)दुनिया मेँ दो तरह के लोग होते है.. एक जो दुसरो का नाम याद रखते है और
दुसरा जिसका नाम दुसरे याद रखते है..
9) सुख मेँ सुखी हो तो दु:ख भोगना सीखो जिसको खबर नही दु:ख
की तो सुख का क्या मजा.?
10) जीवन मेँ कुछ बडा मिल जाए तो छोटे को मत भुलना.. क्योकिँ जहा सुई काम आती हो वहा तलवार काम नही आती..
11) माँ-बाप का दिल दुखाकर आज तक दुनिया मेँ कोई सुखी नही हुआ..
12) भगवान का उपकार है कि आँसुऔ को रंग
नही दिया वरना रात को भींगा तकिया सवेरे कुछ ना कुछ भैद खोल देता..
13) जो इंसान प्रेम मेँ निष्फल होता है वो जिदगी मे सफल होता है..
14) दुनिया का सबसे कीमती प्रवाही कौन सा है? आँसु जिसमेँ 1% पानी
और 99% भावनाए होती है..
15) दुनिया का सबसे अमीर आदमी भी माँ के बिना गरीब है..
16) गुस्से मे आदमी कभी कभी व्यर्थ बाते करता है, तो कभी मन की बात भी बोल देता है..
17) भगवान खडा है तुझे सब कुछ देने के लिए लेकिन तु चम्मच
लेकर खडा है पुरा सागर माँगने के लिए..
कुत्ता लक्ष्मीपति होता.....
2) मौत रिश्वत नही लेती लेकिन, रिश्वत
मौत ले लेती है.....
...
3) काम मेँ ईश्वर का साथ मांगो लेकिन,ईश्वर
काम कर दे ऐसा मत मांगो......
4) कडवा सत्य-एक गरीब पेट के लिए सुबह
जल्दी उठकर दोडता है और एक अमीर पेट कम
करने के लिए सुबह जल्दी उठकर दौडता है..
5) 50 रुपए मेँ 1 लीटर कोल्डंड्रीक आती है..जिसमे स्वाद और पोषण जीरो..
6) सबंध भले थोडा रखो लेकिन,ऐसा रखो कि शरम
किसी की झेलनी ना पडे मौत के मुह से
जिदंगी बरस पडे और मरने के बाद शमशान
की राख भी रो पडे.
7) जब तालाब भरता है तब,मछलीया चीटीँयो को खाती है और जब
तालाब खाली होता है तब चीटींया मछलियो को खाती है
मौका सबको मिलता है बस अपनी बारी का इन्तजार करो..
8)दुनिया मेँ दो तरह के लोग होते है.. एक जो दुसरो का नाम याद रखते है और
दुसरा जिसका नाम दुसरे याद रखते है..
9) सुख मेँ सुखी हो तो दु:ख भोगना सीखो जिसको खबर नही दु:ख
की तो सुख का क्या मजा.?
10) जीवन मेँ कुछ बडा मिल जाए तो छोटे को मत भुलना.. क्योकिँ जहा सुई काम आती हो वहा तलवार काम नही आती..
11) माँ-बाप का दिल दुखाकर आज तक दुनिया मेँ कोई सुखी नही हुआ..
12) भगवान का उपकार है कि आँसुऔ को रंग
नही दिया वरना रात को भींगा तकिया सवेरे कुछ ना कुछ भैद खोल देता..
13) जो इंसान प्रेम मेँ निष्फल होता है वो जिदगी मे सफल होता है..
14) दुनिया का सबसे कीमती प्रवाही कौन सा है? आँसु जिसमेँ 1% पानी
और 99% भावनाए होती है..
15) दुनिया का सबसे अमीर आदमी भी माँ के बिना गरीब है..
16) गुस्से मे आदमी कभी कभी व्यर्थ बाते करता है, तो कभी मन की बात भी बोल देता है..
17) भगवान खडा है तुझे सब कुछ देने के लिए लेकिन तु चम्मच
लेकर खडा है पुरा सागर माँगने के लिए..
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Jun 11, 2013
ये पैसा देश का है और जान आपकी अपनी सब लोग लेट जाओ तूरंत ....
एक बैँक लूट के दौरान लुटेरों के मुखिया ने चेतावनी देते हुए कहा
ये पैसा देश का है और जान आपकी अपनी
सब लोग लेट जाओ तूरंत .... क्विक
सब लोग लेट गये !
[इसे कहते हैँ - 'Mind Changing Concept']
एक महिला उत्तेजक मुद्रा मेँ लेटी थी
लुटेरों के मुखिया ने उससे कहा -
'ये लूट है रेप नहीँ तमीज से लेटो'
[इसे कहते हैँ - 'Focusing']
लुटेरों का एक साथी जो कि MBA किये हुआ था,
उसने कहा कि पैसे गिन लेँ ?
मुखिया ने कहा बेवकुफ वो टीवी पर देखना न्यूज में,
[इसे कहते हैँ - 'Experience']
लुटेरे 20 लाख लेकर भाग गए
असिस्टेंट मैनेजर ने कहा - 'एफ आई आर' करें ?
मैनेजर ने कहा - '10 लाख निकाल लो और जो हमने 50 लाख का
गबन किया वो भी लूट में जोड़ लो .... काश हर महीने डकैती हो'
[इसे कहते हैँ - 'Opportunity']
टीवी पर न्यूज आई - "बैँक से 80 लाख लूटे"
लुटेरोँ ने कई बार गिने 20 लाख ही थे
उनको समझ में आ गया कि इतनी जोखिम के बाद उनको 20 लाख ही मिले,
जबकि साले मैनेजर ने 60 लाख यूंही बना लिए
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May 30, 2013
एक बार एक मछुआरा नदी किनारे मछली पकड़ने जाता है,
एक बार एक मछुआरा नदी किनारे मछली पकड़ने जाता है, परन्तु उसे तालाब के पास पहुँच कर एहसास होता है कि वह मछली पकड़ने के लिए चारा तो ले कर ही नहीं आया!
जब वह यह सोच ही रहा होता है तो उसकी नज़र एक सांप पर पड़ती है जिसने मुंह में एक केचुआ पकड़ा हुआ होता है! यह देख वह सांप को फन से पकड़ता है और उसके मुंह से केचुआ छीन लेता है!
परन्तु केचुआ छीन ने के तुरंत बाद ही उसे आत्मग्लानि होती है, कि उसने एक जीव से उसका भोजन छीन लिया! इस आत्मग्लानि से छुटकारा पाने के लिए वह उस सांप के मुंह में थोड़ी सी बीयर डाल देता है और मछली पकड़ने चल पड़ता है!
थोड़ी देर बाद जब वह तालाब के किनारे मछली पकड़ रहा होता है तो उसे अपनी पतलून के निचले हिस्से में खिंचाव सा महसूस होता, जब वह कारण जानने के लिए नीचे देखता है तो वह पाता है कि वही सांप मुंह में तीन और केंचुए पकडे हुए उसकी तरफ देख रहा है!
जब वह यह सोच ही रहा होता है तो उसकी नज़र एक सांप पर पड़ती है जिसने मुंह में एक केचुआ पकड़ा हुआ होता है! यह देख वह सांप को फन से पकड़ता है और उसके मुंह से केचुआ छीन लेता है!
परन्तु केचुआ छीन ने के तुरंत बाद ही उसे आत्मग्लानि होती है, कि उसने एक जीव से उसका भोजन छीन लिया! इस आत्मग्लानि से छुटकारा पाने के लिए वह उस सांप के मुंह में थोड़ी सी बीयर डाल देता है और मछली पकड़ने चल पड़ता है!
थोड़ी देर बाद जब वह तालाब के किनारे मछली पकड़ रहा होता है तो उसे अपनी पतलून के निचले हिस्से में खिंचाव सा महसूस होता, जब वह कारण जानने के लिए नीचे देखता है तो वह पाता है कि वही सांप मुंह में तीन और केंचुए पकडे हुए उसकी तरफ देख रहा है!
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पत्नी किचन में से आवाज लगाकर: अजी सुनते हों जरा मुझे
पत्नी किचन में से आवाज लगाकर: अजी सुनते हों जरा मुझे वहां से गरम मसाला उठा देना।
पति: देता हूं चीख क्यों रही हो?
पत्नी: जल्दी करो फिर कहोगे देर हो रही है।
पति: कहां तो रखती हो नहीं मिल रहा।
पत्नी: जरा ध्यान से देखो।
पति झल्लाकर: नहीं मिल रहा तुम ही देख लो।
पत्नी: रहने दो मुझे मालूम था तुम्हें नहीं, मिलेगा इसलिए मैं पहले से ही ले आई थी!!!
पति: देता हूं चीख क्यों रही हो?
पत्नी: जल्दी करो फिर कहोगे देर हो रही है।
पति: कहां तो रखती हो नहीं मिल रहा।
पत्नी: जरा ध्यान से देखो।
पति झल्लाकर: नहीं मिल रहा तुम ही देख लो।
पत्नी: रहने दो मुझे मालूम था तुम्हें नहीं, मिलेगा इसलिए मैं पहले से ही ले आई थी!!!
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May 29, 2013
बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था
बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्यातिदूर -दूरतक फैली थी. एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा है ठीक सेबात तक नहीं करता .”
” युद्ध लोगों के साथ ऐसा ही करता है.” , सन्यासी बोला.
” लोग कहते हैं कि आपकी दी हुई जड़ी-बूटी इंसान में फिर से प्रेम उत्पन्न कर सकती है , कृपया आप मुझे वो जड़ी-बूटी दे दें.” , महिला ने विनती की.
सन्यासी ने कुछ सोचा और फिर बोला,” देवी मैं तुम्हे वह जड़ी-बूटी ज़रूर दे देता लेकिन उसे बनाने के लिए एक ऐसीचीज चाहिए जो मेरे पास नहीं है .”
” आपको क्या चाहिए मुझे बताइए मैं लेकर आउंगी .”, महिला बोली.
... ” मुझे बाघ की मूंछ का एक बाल चाहिए .”, सन्यासी बोला.
अगले ही दिन महिला बाघ की तलाश में जंगल में निकल पड़ी , बहुत खोजने के बाद उसे नदी के किनारे एक बाघ दिखा , बाघ उसे देखते ही दहाड़ा , महिला सहम गयी और तेजी से वापस चली गयी.
अगले कुछ दिनों तक यही हुआ , महिला हिम्मत कर के उस बाघ के पास पहुँचती और डर कर वापस चली जाती. महीना बीतते-बीतते बाघ को महिला की मौजूदगी की आदत पड़ गयी,और अब वह उसे देख कर सामान्यही रहता. अब तो महिला बाघ के लिए मांस भी लाने लगी , और बाघ बड़े चाव से उसे खाता. उनकी दोस्ती बढ़ने लगी और अब महिला बाघ को थपथपाने भी लगी. और देखते देखते एक दिन वो भी आ गया जब उसने हिम्मतदिखाते हुए बाघ की मूंछ का एक बाल भी निकाल लिया.
फिर क्या था , वह बिना देरी किये सन्यासी के पास पहुंची , और बोली
” मैं बाल ले आई बाबा .”
“बहुत अच्छे .” और ऐसा कहते हुए सन्यासी ने बाल को जलती हुई आग में फ़ेंक दिया
” अरे ये क्या बाबा , आप नहीं जानते इस बाल को लाने के लिए मैंने कितने प्रयत्न किये और आपने इसे जला दिया ……अब मेरी जड़ी-बूटी कैसे बनेगी ?” महिला घबराते हुए बोली.
” अब तुम्हे किसी जड़ी-बूटी की ज़रुरत नहीं है .” सन्यासी बोला.” जरा सोचो , तुमने बाघ को किस तरह अपने वश में किया….जब एक हिंसक पशु को धैर्य और प्रेम से जीता जा सकता है तो क्याएक इंसान को नहीं ?
” युद्ध लोगों के साथ ऐसा ही करता है.” , सन्यासी बोला.
” लोग कहते हैं कि आपकी दी हुई जड़ी-बूटी इंसान में फिर से प्रेम उत्पन्न कर सकती है , कृपया आप मुझे वो जड़ी-बूटी दे दें.” , महिला ने विनती की.
सन्यासी ने कुछ सोचा और फिर बोला,” देवी मैं तुम्हे वह जड़ी-बूटी ज़रूर दे देता लेकिन उसे बनाने के लिए एक ऐसीचीज चाहिए जो मेरे पास नहीं है .”
” आपको क्या चाहिए मुझे बताइए मैं लेकर आउंगी .”, महिला बोली.
... ” मुझे बाघ की मूंछ का एक बाल चाहिए .”, सन्यासी बोला.
अगले ही दिन महिला बाघ की तलाश में जंगल में निकल पड़ी , बहुत खोजने के बाद उसे नदी के किनारे एक बाघ दिखा , बाघ उसे देखते ही दहाड़ा , महिला सहम गयी और तेजी से वापस चली गयी.
अगले कुछ दिनों तक यही हुआ , महिला हिम्मत कर के उस बाघ के पास पहुँचती और डर कर वापस चली जाती. महीना बीतते-बीतते बाघ को महिला की मौजूदगी की आदत पड़ गयी,और अब वह उसे देख कर सामान्यही रहता. अब तो महिला बाघ के लिए मांस भी लाने लगी , और बाघ बड़े चाव से उसे खाता. उनकी दोस्ती बढ़ने लगी और अब महिला बाघ को थपथपाने भी लगी. और देखते देखते एक दिन वो भी आ गया जब उसने हिम्मतदिखाते हुए बाघ की मूंछ का एक बाल भी निकाल लिया.
फिर क्या था , वह बिना देरी किये सन्यासी के पास पहुंची , और बोली
” मैं बाल ले आई बाबा .”
“बहुत अच्छे .” और ऐसा कहते हुए सन्यासी ने बाल को जलती हुई आग में फ़ेंक दिया
” अरे ये क्या बाबा , आप नहीं जानते इस बाल को लाने के लिए मैंने कितने प्रयत्न किये और आपने इसे जला दिया ……अब मेरी जड़ी-बूटी कैसे बनेगी ?” महिला घबराते हुए बोली.
” अब तुम्हे किसी जड़ी-बूटी की ज़रुरत नहीं है .” सन्यासी बोला.” जरा सोचो , तुमने बाघ को किस तरह अपने वश में किया….जब एक हिंसक पशु को धैर्य और प्रेम से जीता जा सकता है तो क्याएक इंसान को नहीं ?
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May 26, 2013
एक बस खचाखच भर चुकी थी।
एक बस खचाखच भर
चुकी थी।
एक बुढिया बस रुकवा कर चढ गई। कंडक्टर के
मना करने पर उस ने कहा मुझे ज़रुरी जाना है।
किसी ने बुढिया को सीट नही दी।
... अगले बस स्टैंड से एक युवा सुंदर लडकी बस मे
चढी तो एक दिल फैंक युवक ने अपनी सीट उसे
आँफरकर दी और खुद खडा हो गया।
युवती ने बुढिया को सीट पर बैठा दिया और खुद
खडी रही ।
युवक अहिस्ता से बोला, " मैने तो सीट आप
को दी थी।"
इस पर युवती बोली, "धन्यवाद, लेकिन
किसी भी भी चीज पर बहन से
ज्यादा मां का हक होता है।
चुकी थी।
एक बुढिया बस रुकवा कर चढ गई। कंडक्टर के
मना करने पर उस ने कहा मुझे ज़रुरी जाना है।
किसी ने बुढिया को सीट नही दी।
... अगले बस स्टैंड से एक युवा सुंदर लडकी बस मे
चढी तो एक दिल फैंक युवक ने अपनी सीट उसे
आँफरकर दी और खुद खडा हो गया।
युवती ने बुढिया को सीट पर बैठा दिया और खुद
खडी रही ।
युवक अहिस्ता से बोला, " मैने तो सीट आप
को दी थी।"
इस पर युवती बोली, "धन्यवाद, लेकिन
किसी भी भी चीज पर बहन से
ज्यादा मां का हक होता है।
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May 18, 2013
एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था ।
एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था । किन्तु किसी गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्युहो गयी । अपने पीछे वह अपनी पत्नी और बेटा छोड़ गया ।
जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँ ने कहा, “बेटा , मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे, तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ और इसकी कीमतका पता लगाओ | लेकिन ध्यान रहे कि तुम्हे केवल कीमत पता करनी है, इसे बेचना नहीं है |”
युवक पत्थर लेकर निकला, सबसे पहले उसे एक सब्जी बेचने वाली महिला मिली |
”अम्मा, तुम इस पत्थर के बदले मुझे क्या दे सकती हो ?”, युवक ने पूछा |
”देना ही है तो दो गाजरों के बदले मुझे ये दे दो | तौलने के काम आएगा |”- सब्जी वाली बोली ।
युवक आगे बढ़ गया । इस बार वो एक दुकानदार के पास गया और उससे पत्थर की कीमत जानना चाही ।
दुकानदार बोला, ” इसके बदले मैं अधिक से अधिक 500 रूपये दे सकता हूँ, देना हो तो दो नहीं तो आगे बढ़ जाओ” |
युवक इस बार एक सुनार के पास गया, सुनार ने पत्थर के बदले 20 हज़ार देने की बात की |
फिर वह हीरे की एक प्रतिष्ठित दुकान पर गया वहां उसे पत्थर के बदले 1 लाख रूपये का प्रस्ताव मिला |
और अंत में युवक शहर के सबसेबड़े हीरा विशेषज्ञ के पास पहुंचा और बोला,” श्रीमान , कृपया इस पत्थर की कीमत बताने का कष्ट करें” |
विशेषज्ञ ने ध्यान से पत्थर का निरीक्षण किया और आश्चर्य से युवक की तरफ देखते हुए बोला, ”यह तो एक अमूल्य हीरा है | करोड़ों रूपये देकर भी ऐसा हीरा मिलना मुश्किल है” |
यदि हम गहराई से सोचें तो ऐसा ही मूल्यवान हमारा मानव जीवन भी है | यह अलग बात है कि हम में से बहुत से लोग इसकी कीमत नहीं जानते और सब्जी बेचने वाली महिला की तरह इसे मामूली समझ तुच्छ कामो में लगा देते हैं ।
आइये हम प्रार्थना करें कि परमेश्वर सभी को इस मूल्यवान जीवन को समझने की सद्बुद्धि दे और हम हीरे के विशेषज्ञ की तरह इस जीवन का मूल्य आंक सकें ॥
जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँ ने कहा, “बेटा , मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे, तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ और इसकी कीमतका पता लगाओ | लेकिन ध्यान रहे कि तुम्हे केवल कीमत पता करनी है, इसे बेचना नहीं है |”
युवक पत्थर लेकर निकला, सबसे पहले उसे एक सब्जी बेचने वाली महिला मिली |
”अम्मा, तुम इस पत्थर के बदले मुझे क्या दे सकती हो ?”, युवक ने पूछा |
”देना ही है तो दो गाजरों के बदले मुझे ये दे दो | तौलने के काम आएगा |”- सब्जी वाली बोली ।
युवक आगे बढ़ गया । इस बार वो एक दुकानदार के पास गया और उससे पत्थर की कीमत जानना चाही ।
दुकानदार बोला, ” इसके बदले मैं अधिक से अधिक 500 रूपये दे सकता हूँ, देना हो तो दो नहीं तो आगे बढ़ जाओ” |
युवक इस बार एक सुनार के पास गया, सुनार ने पत्थर के बदले 20 हज़ार देने की बात की |
फिर वह हीरे की एक प्रतिष्ठित दुकान पर गया वहां उसे पत्थर के बदले 1 लाख रूपये का प्रस्ताव मिला |
और अंत में युवक शहर के सबसेबड़े हीरा विशेषज्ञ के पास पहुंचा और बोला,” श्रीमान , कृपया इस पत्थर की कीमत बताने का कष्ट करें” |
विशेषज्ञ ने ध्यान से पत्थर का निरीक्षण किया और आश्चर्य से युवक की तरफ देखते हुए बोला, ”यह तो एक अमूल्य हीरा है | करोड़ों रूपये देकर भी ऐसा हीरा मिलना मुश्किल है” |
यदि हम गहराई से सोचें तो ऐसा ही मूल्यवान हमारा मानव जीवन भी है | यह अलग बात है कि हम में से बहुत से लोग इसकी कीमत नहीं जानते और सब्जी बेचने वाली महिला की तरह इसे मामूली समझ तुच्छ कामो में लगा देते हैं ।
आइये हम प्रार्थना करें कि परमेश्वर सभी को इस मूल्यवान जीवन को समझने की सद्बुद्धि दे और हम हीरे के विशेषज्ञ की तरह इस जीवन का मूल्य आंक सकें ॥
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May 17, 2013
एक बार एक सेठ अपने गांव के पास ही के एक कस्बे से पैदल
एक बार एक सेठ अपने गांव के पास ही के एक कस्बे से पैदल ही गांव आ रहा था कि रास्ते मेंएक डाकू दल मिल गया| डाकू दल ने सेठ को पकड़ कर दो चार लट्ठ जमा दिए तो सेठ ने अपनी जेब में जो धन था वह निकालकर डाकू दल को दे दिया, फिर भी डाकुओं ने सेठ की कमीज उतरवा ली|
कमीज उतारते ही सेठ की बनियान में भी एक जेब देखकर डाकुओं के सरदार ने सेठ की बनियान भी उतरवा ली|
सेठ ने कुछ धन अपनी धोती की अंटी में भी दबा रखा था सो डाकू सरदार ने सेठ की धोती भी खुलवाली| अब सेठ जी सिर्फ कच्छे में थे|
डाकू सरदार ने सेठ का कच्छा गौर से देखा तो उसे लगा कि सेठ ने कच्छे में भी कुछ छुपा रखा है| सो डाकू सरदार ने सेठ से पुछा- “कच्छे में भी धन छुपा रखा है क्या?"
सेठ : जी धन नहीं है! इसमें मैंने एक पिस्टल छुपा रखी है|
... डाकू सरदार : पिस्टल किस लिए? तू क्या करेगा पिस्टल का? तेरे क्या काम की पिस्टल?
सेठ : जी! समय आने पर व जरुरत के समय मौके पर काम लूँगा!
डाकू सरदार : बावलीबूच इस से बढ़िया जरुरत वाला समय कब आयेगा? तेरी धोती, कुर्ता तक लुट गया| तू कच्छे में नंगा खड़ा है, तेरा सारा धन लुट गया! फिर भी इस पिस्टल जैसे हथियार का इस्तेमाल करने का तुझे मौका नजर नहीं आया? लगता है तू भी भारत के मतदाता की तरह ही बावलीबूच है|
सेठ को डाकू द्वारा अपनी भारतीय मतदाता से तुलना समझ नहीं आई सो उसने डाकू से निवेदन किया –
"हे डाकू महाराज! कम से कम मुझे ये तो बता दीजिये कि मुझमें व भारतीय मतदाता में आपको ऐसी कौन सी समानता नजर आई जो आपने मुझे भारतीय मतदाता के समान बावलीबूच बता दिया|"
डाकू कहने लगा : देख सेठ तू पिस्टल पास होते हुए भी पूरा लुट गया| धन के साथ तेरे कपड़े तक हमने उतार लिये| फिर भी तूने अपना धन और कपड़े बचाने को पिस्टल का उपयोग नहीं किया. यह ठीक उसी तरह है जैसे भारतीय मतदाता पुरे पांच सालतक सत्ताधारी दल से लुटता हुआ डायलोग मारता रहता है कि अगले चुनाव आने दीजिये, अपने वोट रूपी हथियार का इस्तेमाल करते हुए इन नेताओं को सबक सिखाऊंगा|
अब देख भारतीय जनता को नेताओं ने इतना लुटा कि अब उसके तन पर थोड़ा सा कपड़ा मात्र ही बचा है जबकि उसके पास "मत" (वोट) रूपी ऐसा हथियार है जिसके इस्तेमाल से वह नेताओं द्वारा लुटे जाने से आसानी से बच सकता है| पर वह भी तेरी तरह ही सोचता रहता है कि इस चुनाव में नहीं, अगले चुनावों में इस नेता को देखूंगा! और इसी तरह देखने का इंतजार करते करते भारतीय मतदाता नेताओं के हाथों लुटता रहता है, ठीक वैसे ही जैसे तुम हथियार होने के बावजूद हमसेलुट गए|
कमीज उतारते ही सेठ की बनियान में भी एक जेब देखकर डाकुओं के सरदार ने सेठ की बनियान भी उतरवा ली|
सेठ ने कुछ धन अपनी धोती की अंटी में भी दबा रखा था सो डाकू सरदार ने सेठ की धोती भी खुलवाली| अब सेठ जी सिर्फ कच्छे में थे|
डाकू सरदार ने सेठ का कच्छा गौर से देखा तो उसे लगा कि सेठ ने कच्छे में भी कुछ छुपा रखा है| सो डाकू सरदार ने सेठ से पुछा- “कच्छे में भी धन छुपा रखा है क्या?"
सेठ : जी धन नहीं है! इसमें मैंने एक पिस्टल छुपा रखी है|
... डाकू सरदार : पिस्टल किस लिए? तू क्या करेगा पिस्टल का? तेरे क्या काम की पिस्टल?
सेठ : जी! समय आने पर व जरुरत के समय मौके पर काम लूँगा!
डाकू सरदार : बावलीबूच इस से बढ़िया जरुरत वाला समय कब आयेगा? तेरी धोती, कुर्ता तक लुट गया| तू कच्छे में नंगा खड़ा है, तेरा सारा धन लुट गया! फिर भी इस पिस्टल जैसे हथियार का इस्तेमाल करने का तुझे मौका नजर नहीं आया? लगता है तू भी भारत के मतदाता की तरह ही बावलीबूच है|
सेठ को डाकू द्वारा अपनी भारतीय मतदाता से तुलना समझ नहीं आई सो उसने डाकू से निवेदन किया –
"हे डाकू महाराज! कम से कम मुझे ये तो बता दीजिये कि मुझमें व भारतीय मतदाता में आपको ऐसी कौन सी समानता नजर आई जो आपने मुझे भारतीय मतदाता के समान बावलीबूच बता दिया|"
डाकू कहने लगा : देख सेठ तू पिस्टल पास होते हुए भी पूरा लुट गया| धन के साथ तेरे कपड़े तक हमने उतार लिये| फिर भी तूने अपना धन और कपड़े बचाने को पिस्टल का उपयोग नहीं किया. यह ठीक उसी तरह है जैसे भारतीय मतदाता पुरे पांच सालतक सत्ताधारी दल से लुटता हुआ डायलोग मारता रहता है कि अगले चुनाव आने दीजिये, अपने वोट रूपी हथियार का इस्तेमाल करते हुए इन नेताओं को सबक सिखाऊंगा|
अब देख भारतीय जनता को नेताओं ने इतना लुटा कि अब उसके तन पर थोड़ा सा कपड़ा मात्र ही बचा है जबकि उसके पास "मत" (वोट) रूपी ऐसा हथियार है जिसके इस्तेमाल से वह नेताओं द्वारा लुटे जाने से आसानी से बच सकता है| पर वह भी तेरी तरह ही सोचता रहता है कि इस चुनाव में नहीं, अगले चुनावों में इस नेता को देखूंगा! और इसी तरह देखने का इंतजार करते करते भारतीय मतदाता नेताओं के हाथों लुटता रहता है, ठीक वैसे ही जैसे तुम हथियार होने के बावजूद हमसेलुट गए|
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May 16, 2013
तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।
एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोजानाभोजन
पकाती थी और एक रोटी वह वहां से ...गुजरने वाले
किसी भी भूखे के लिए पकाती थी ,
वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी जिसे
कोई भी ले सकता था .
एक कुबड़ा व्यक्ति रोज उस रोटी को ले जाता और वजाय
धन्यवाद देने के अपने रस्ते पर चलता हुआ वह कुछ इस तरह
बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और
जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा "
दिन गुज...रते गए और ये
सिलसिला चलता रहा ,वो कुबड़ा रोज रोटी लेके
जाता रहा और इन्ही शब्दों को बडबडाता
"जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम
अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा "
वह औरत उसकी इस हरकत से तंग आ गयी और मन ही मन
खुद से कहने लगी कि "कितना अजीब व्यक्ति है,एक शब्द
धन्यवाद का तो देता नहीं है और न जाने
क्या क्या बडबडाता रहता है ,
मतलब क्या है इसका ".
एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और
बोली "मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी ".
और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में जहर
मिला दीया जो वो रोज उसके लिए बनाती थी और जैसे
ही उसने रोटी को को खिड़की पर रखने कि कोशिश
कि अचानक उसके हाथ कांपने लगे और रुक गये और वह
बोली "
हे भगवन मैं ये क्या करने जा रही थी ?" और उसनेतुरंत उस
रोटी को चूल्हे कि आँच में जला दीया .
एक ताज़ा रोटी बनायीं और खिड़की के सहारे रख दी ,
हर रोज कि तरह वह कुबड़ा आया और रोटी लेके "जो तुम
बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे
वह तुम तक लौट के आएगा " बडबडाता हुआ चला गया इस
बात से बिलकुल बेखबर कि उस महिला के दिमाग में क्या चल
रहा है .
हर रोज जब वह महिला खिड़की पर रोटी रखती थी तोवह
भगवान से अपने पुत्र कि सलामती और अच्छी सेहतऔर घर
वापसी के लिए प्रार्थना करती थी जो कि अपने सुन्दर
भविष्य के निर्माण के लिए कहीं बाहर गया हुआ
था .महीनों से उसकी कोई खबर नहीं थी.
शाम को उसके दरवाजे पर एक दस्तक होती है ,वह
दरवाजा खोलती है और भोंचक्की रह जाती है ,
अपने बेटे को अपने सामने खड़ा देखती है.वह पतला और
दुबला हो गया था. उसके कपडे फटे हुए थे और वह
भूखा भी था ,भूख से वह कमजोर हो गया था. जैसे हीउसने
अपनी माँ को देखा,
उसने कहा, "माँ, यह एक चमत्कार है कि मैं यहाँ हूँ. जब मैं
एक मील दूर है, मैं इतना भूखा था कि मैं गिर. मैं मर
गया होता,
लेकिन तभी एक कुबड़ा वहां से गुज़र रहा था,उसकी नज़र
मुझ पर पड़ी और उसने मुझे अपनी गोद में उठा लीया,भूख के
मरे मेरे प्राण निकल रहे थे
मैंने उससे खाने को कुछ माँगा ,उसने नि:संकोच
अपनी रोटी मुझे यह कह कर दे दी कि "मैं हर रोज
यही खाता हूँ लेकिन आज मुझसे ज्यादा जरुरत इसकी तुम्हें है
सो ये लो और अपनी भूख को तृप्त करो " .
जैसे ही माँ ने उसकी बात सुनी माँ का चेहरा पिला पड़
गया और अपने आप को सँभालने के लिए उसने दरवाजे
का सहारा लीया ,
उसके मस्तिष्क में वह बात घुमने लगी कि कैसे उसने सुबह
रोटी में जहर मिलाया था
.अगर उसने वह रोटी आग में जला के नष्ट
नहीं की होती तो उसका बेटा उस रोटी को खा लेताऔर
अंजाम होता उसकी मौत
और इसके बाद उसे उन शब्दों का मतलब बिलकुल स्पष्ट
हो चूका था
"जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम
अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।
" निष्कर्ष "
~हमेशा अच्छा करो और अच्छा करने से अपने आप
को कभी मत रोको फिर चाहे उसके लिए उस समय
आपकी सराहना या प्रशंसा हो या न हो
पकाती थी और एक रोटी वह वहां से ...गुजरने वाले
किसी भी भूखे के लिए पकाती थी ,
वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी जिसे
कोई भी ले सकता था .
एक कुबड़ा व्यक्ति रोज उस रोटी को ले जाता और वजाय
धन्यवाद देने के अपने रस्ते पर चलता हुआ वह कुछ इस तरह
बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और
जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा "
दिन गुज...रते गए और ये
सिलसिला चलता रहा ,वो कुबड़ा रोज रोटी लेके
जाता रहा और इन्ही शब्दों को बडबडाता
"जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम
अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा "
वह औरत उसकी इस हरकत से तंग आ गयी और मन ही मन
खुद से कहने लगी कि "कितना अजीब व्यक्ति है,एक शब्द
धन्यवाद का तो देता नहीं है और न जाने
क्या क्या बडबडाता रहता है ,
मतलब क्या है इसका ".
एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और
बोली "मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी ".
और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में जहर
मिला दीया जो वो रोज उसके लिए बनाती थी और जैसे
ही उसने रोटी को को खिड़की पर रखने कि कोशिश
कि अचानक उसके हाथ कांपने लगे और रुक गये और वह
बोली "
हे भगवन मैं ये क्या करने जा रही थी ?" और उसनेतुरंत उस
रोटी को चूल्हे कि आँच में जला दीया .
एक ताज़ा रोटी बनायीं और खिड़की के सहारे रख दी ,
हर रोज कि तरह वह कुबड़ा आया और रोटी लेके "जो तुम
बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे
वह तुम तक लौट के आएगा " बडबडाता हुआ चला गया इस
बात से बिलकुल बेखबर कि उस महिला के दिमाग में क्या चल
रहा है .
हर रोज जब वह महिला खिड़की पर रोटी रखती थी तोवह
भगवान से अपने पुत्र कि सलामती और अच्छी सेहतऔर घर
वापसी के लिए प्रार्थना करती थी जो कि अपने सुन्दर
भविष्य के निर्माण के लिए कहीं बाहर गया हुआ
था .महीनों से उसकी कोई खबर नहीं थी.
शाम को उसके दरवाजे पर एक दस्तक होती है ,वह
दरवाजा खोलती है और भोंचक्की रह जाती है ,
अपने बेटे को अपने सामने खड़ा देखती है.वह पतला और
दुबला हो गया था. उसके कपडे फटे हुए थे और वह
भूखा भी था ,भूख से वह कमजोर हो गया था. जैसे हीउसने
अपनी माँ को देखा,
उसने कहा, "माँ, यह एक चमत्कार है कि मैं यहाँ हूँ. जब मैं
एक मील दूर है, मैं इतना भूखा था कि मैं गिर. मैं मर
गया होता,
लेकिन तभी एक कुबड़ा वहां से गुज़र रहा था,उसकी नज़र
मुझ पर पड़ी और उसने मुझे अपनी गोद में उठा लीया,भूख के
मरे मेरे प्राण निकल रहे थे
मैंने उससे खाने को कुछ माँगा ,उसने नि:संकोच
अपनी रोटी मुझे यह कह कर दे दी कि "मैं हर रोज
यही खाता हूँ लेकिन आज मुझसे ज्यादा जरुरत इसकी तुम्हें है
सो ये लो और अपनी भूख को तृप्त करो " .
जैसे ही माँ ने उसकी बात सुनी माँ का चेहरा पिला पड़
गया और अपने आप को सँभालने के लिए उसने दरवाजे
का सहारा लीया ,
उसके मस्तिष्क में वह बात घुमने लगी कि कैसे उसने सुबह
रोटी में जहर मिलाया था
.अगर उसने वह रोटी आग में जला के नष्ट
नहीं की होती तो उसका बेटा उस रोटी को खा लेताऔर
अंजाम होता उसकी मौत
और इसके बाद उसे उन शब्दों का मतलब बिलकुल स्पष्ट
हो चूका था
"जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम
अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।
" निष्कर्ष "
~हमेशा अच्छा करो और अच्छा करने से अपने आप
को कभी मत रोको फिर चाहे उसके लिए उस समय
आपकी सराहना या प्रशंसा हो या न हो
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May 15, 2013
किसी गाँव में दो भाई रहते थे। बडे की शादी हो.....
बहुत पुरानी कथा है। किसी गाँव में दो भाई रहते थे। बडे की शादी हो गई थी। उसके दो बच्चेभी थे। लेकिन छोटा भाई अभी कुँवारा था। दोनोंसाझा खेती करते थे।
एक बार उनके खेत में गेहूँ की फसल पक कर तैयारहो गई। दोनों ने मिलकर फसल काटी और गेहूँ तैयार किया। इसके बाद दोनों ने आधा-आधा गेहूँबाँट लिया। अब उन्हें ढोकर घर ले जाना बचा था। रात हो गई थी, इसलिए यह काम अगले दिन ही होपाता। रात में दोनों को फसल की रखवाली के ...लिए खलिहान पर ही रुकना था। दोनों को भूख भी लगी थी।
दोनों ने बारी-बारी से खाने की सोची। पहले बड़ा भाई खाना खाने घर चला गया।
छोटा भाई खलिहान पर ही रुक गया। वह सोचने लगा-भैया की शादी हो गई है, उनका परिवार है, इसलिए उन्हें ज्यादा अनाज की जरूरत होगी।
यह सोचकर उसने अपने ढेर से कई टोकरी गेहूँ निकालकर बड़े भाई वाले ढेर में मिला दिया।
बड़ा भाई थोड़ी देर में खाना खाकर लौटा। उसकेबाद छोटा भाई खाना खाने घर चला गया।
बड़ा भाई सोचने लगा – मेरा तो परिवार है, बच्चे हैं, वे मेरा ध्यान रख सकते हैं, लेकिन मेरा छोटा भाई तो एकदम अकेला है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। उसे मुझसे ज्यादा गेहूँ कीजरूरत है।
उसने अपने ढेर से उठाकर कई टोकरी गेहूँ छोटे भाई वाले गेहूँ के ढेर में मिला दिया!
इस तरह दोनों के गेहूँ की कुल मात्रा में कोई कमी नहीं आई। हाँ, दोनों के आपसी प्रेम और भाईचारे में थोड़ी और वृद्धि जरूर हो गई।
एक बार उनके खेत में गेहूँ की फसल पक कर तैयारहो गई। दोनों ने मिलकर फसल काटी और गेहूँ तैयार किया। इसके बाद दोनों ने आधा-आधा गेहूँबाँट लिया। अब उन्हें ढोकर घर ले जाना बचा था। रात हो गई थी, इसलिए यह काम अगले दिन ही होपाता। रात में दोनों को फसल की रखवाली के ...लिए खलिहान पर ही रुकना था। दोनों को भूख भी लगी थी।
दोनों ने बारी-बारी से खाने की सोची। पहले बड़ा भाई खाना खाने घर चला गया।
छोटा भाई खलिहान पर ही रुक गया। वह सोचने लगा-भैया की शादी हो गई है, उनका परिवार है, इसलिए उन्हें ज्यादा अनाज की जरूरत होगी।
यह सोचकर उसने अपने ढेर से कई टोकरी गेहूँ निकालकर बड़े भाई वाले ढेर में मिला दिया।
बड़ा भाई थोड़ी देर में खाना खाकर लौटा। उसकेबाद छोटा भाई खाना खाने घर चला गया।
बड़ा भाई सोचने लगा – मेरा तो परिवार है, बच्चे हैं, वे मेरा ध्यान रख सकते हैं, लेकिन मेरा छोटा भाई तो एकदम अकेला है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। उसे मुझसे ज्यादा गेहूँ कीजरूरत है।
उसने अपने ढेर से उठाकर कई टोकरी गेहूँ छोटे भाई वाले गेहूँ के ढेर में मिला दिया!
इस तरह दोनों के गेहूँ की कुल मात्रा में कोई कमी नहीं आई। हाँ, दोनों के आपसी प्रेम और भाईचारे में थोड़ी और वृद्धि जरूर हो गई।
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May 10, 2013
उससे क्या होगा ?
एक बार एक मछुआरा समुद्र किनारे आराम से
छांव में बैठकर शांति से बीडी पी रहा था ।
अचानक एक बिजनैसमैन वहाँ सेगुजरा और
उसने मछुआरे से पूछा "तुम काम करने के बजाय
आराम क्यों फरमा रहे हो?"
इस पर गरीब मछुआरे ने कहा"मैने आज के लिये पर्याप्त मछलियाँ पकड चुका हूँ ।"
यह सुनकर बिज़नेसमैन गुस्से में आकर बोला "
यहाँ बैठकर समय बर्बाद करने से बेहतर है
कि तुम क्यों ना और मछलियाँ पकडो ।"
मछुआरे ने पूछा "और मछलियाँपकडने से
क्या होगा ?" बिज़नेसमैन : उन्हे बेंचकर तुम औरज्यादा पैसे
कमा सकते हो और एक बडी बोट भी लेसकते
हो ।
मछुआरा :- उससे क्या होगा ?
बिज़नेसमैन :- उससे तुम समुद्र में और दूर तक
जाकर और मछलियाँ पकड सकते हो और ज्यादा पैसे कमा सकते हो ।
मछुआरा :- "उससे क्या होगा?"
बिज़नेसमैन : "तुम और अधिक बोट खरीद
सकते हो और कर्मचारी रखकर और अधिक
पैसेकमा सकते हो ।"
मछुआरा : "उससे क्या होगा ?" बिज़नेसमैन : "उससेतुम मेरी तरह अमीर
बिज़नेसमैन बन जाओगे ।"
मछुआरा :- "उससे क्या होगा?"
बिज़नेसमैन : "अरे बेवकूफ उससे तू
अपना जीवन शांति सेव्यतीत कर सकेगा ।"
मछुआरा :- "तो आपको क्या लगता है, अभी मैं क्या कर रहा हूँ ?
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May 9, 2013
"अरे, आप दोनों झगड़ो मत... काम बांट लो न...!
घर बेहद गंदा पड़ा हुआ था और बहू साफ-सफाई
करने की जगह सजने-संवरने में लगी हुई थी,
इसलिए सास झाड़ू लगाने लगी... बेटे से
देखा नहीं गया, सो, बोला, "मां, तुम रहने
दो, झाड़ू मैं लगा देता हूं..." मां ने मौका सहीजानकर
ऊंची आवाज में बहू को सुनाते हुए जवाब दिया,"अरे, रहने दे बेटे... मैं
लगा तो रही हूं..." बहू ने लिपस्टिक लगाते हुए तपाक
से कहा,
"अरे, आप दोनों झगड़ो मत... काम बांट लो न...
एक दिन बेटा झाड़ू लगा देगा और एक दिन
मां लगा देगी...
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May 6, 2013
चीन ने ..वापसी कर ली ..इस पर तरह तरह के बयान
मनमोहन सिंह ---कड़ी वाली निंदा से ...चीन डर गया और वापस चला गया
राहुल बाबा --मैंने उन्हें बताया था ..मधुमक्खी का छत्ता है ....उन्हें डर लगा कही काट-वाट लिया ..इसलिए वापस गए
सोनिया --मैंने उन्हें अपनी इटली के बार वाली तस्वीर भेजी ..उन्होंने बोल ..इंडिया में कुछ नहीं है ..अब हम इटली जायेंगे
ND तिवारी --उसमे से 2-3 का DNA चेक करवाने पर मेरे बेटे निकले ...उनको बाप की इज्जत करनी थी इसलिए चले गए
दिग्विजय सिंह --पास वाली पहाड़ी पर मैंने स्पीकर पर 2 दिन काली अँधेरी रात में भोंका ...डर के वापस चले गए
कजरी बाबु- हमने स्टील के ग्लास में एक पत्र लिख के भेजा था ..की अनशन करेंगे ..भाग गए ...
कुमार विस्वास-- मैंने अपनी 2-3 फोटो भेजी थी ..उनका इंटरेस्ट वैसा वाला नहीं था ..चले गए ...
नितिन गडकरी --मैंने उन्हें बता दिया था ..अगर भारत में कब्ज़ा किया ,...तो खाना मुझे खिलने की जिम्मेवारी आपकी ..बस फिर क्या था ....भाग गए
मायावती---मैंने उनके सेनापति से शादी की इच्छा जताई ...उसके बाद सुना है ..वापस निकल गए
भोजपुरिया भौकाल---मैंने चीन वालो को इतना पोक करवाया अपने पेज के सदस्यों से ..की भाग खड़े हुए
निर्मल बाबा--मैंने पहले ही कहा था ..राहुल बाबा को डाईपर की जगह लंगोटी पहनाओ ..किरपा बनी रहेगी
मुलायम सिंह--मैंने उन्हें फ़ोन किया ...मेरी भाषा सुन के ...फ़ोन रख दिया ,...सुना है चले गए वापस
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कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई
एक बार किसी गाँव में एक बुढ़िया रात के अँधेरे में अपनी झोपडी के बहार कुछ खोज रही थी .तभी गाँव के ही एक व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी , “अम्मा इतनी रात में रोड लाइट के नीचे क्या ढूंढ रही हो ?” , व्यक्ति ने पूछा.
” कुछ नहीं मेरी सुई गम हो गयी है बस वही खोज रही हूँ .”, बुढ़िया ने उत्तर दिया.
फिर क्या था, वो व्यक्ति भी महिला की मदद करने के लिए रुक गया और साथ में सुई खोजने लगा. कुछ देर में और भी लोग इस खोज अभियान में शामिल हो गए और देखते- देखते लगभग पूरा गाँव ही इकठ्ठा हो गया.
सभी बड़े ध्यान से सुई खोजने में लगे हुए थे कि तभी किसी ने बुढ़िया से पूछा ,” अरे अम्मा ! ज़रा ये तो बताओ कि सुई गिरी कहाँ थी?”
” बेटा , सुई तो झोपड़ी के अन्दर गिरी थी .”, बुढ़िया ने ज़वाब दिया .
ये सुनते ही सभी बड़े क्रोधित हो गए और भीड़ में से किसी ने ऊँची आवाज में कहा , ” कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई यहाँ ढूंढ रहे हैं जबकि सुई अन्दर झोपड़े में गिरी थी , आखिर सुई वहां खोजने की बजाये यहाँ बाहर क्यों खोज रही हो ?”
” क्योंकि रोड पर लाइट जल रही है…इसलिए .”, बुढ़िया बोली.
मित्रों, शायद ऐसा ही आज के युवा अपने भविष्य को लेकर सोचते हैं कि लाइट कहाँ जल रही है वो ये नहीं सोचते कि हमारा दिल क्या कह रहा है ; हमारी सुई कहाँ गिरी है . हमें चाहिए कि हम ये जानने की कोशिश करें कि हम किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं और उसी में अपना करीयर बनाएं ना कि भेड़ चाल चलते हुए किसी ऐसी फील्ड में घुस जाएं जिसमे बाकी लोग जा रहे हों या जिसमे हमें अधिक पैसा नज़र आ रहा हो .
” कुछ नहीं मेरी सुई गम हो गयी है बस वही खोज रही हूँ .”, बुढ़िया ने उत्तर दिया.
फिर क्या था, वो व्यक्ति भी महिला की मदद करने के लिए रुक गया और साथ में सुई खोजने लगा. कुछ देर में और भी लोग इस खोज अभियान में शामिल हो गए और देखते- देखते लगभग पूरा गाँव ही इकठ्ठा हो गया.
सभी बड़े ध्यान से सुई खोजने में लगे हुए थे कि तभी किसी ने बुढ़िया से पूछा ,” अरे अम्मा ! ज़रा ये तो बताओ कि सुई गिरी कहाँ थी?”
” बेटा , सुई तो झोपड़ी के अन्दर गिरी थी .”, बुढ़िया ने ज़वाब दिया .
ये सुनते ही सभी बड़े क्रोधित हो गए और भीड़ में से किसी ने ऊँची आवाज में कहा , ” कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से सुई यहाँ ढूंढ रहे हैं जबकि सुई अन्दर झोपड़े में गिरी थी , आखिर सुई वहां खोजने की बजाये यहाँ बाहर क्यों खोज रही हो ?”
” क्योंकि रोड पर लाइट जल रही है…इसलिए .”, बुढ़िया बोली.
मित्रों, शायद ऐसा ही आज के युवा अपने भविष्य को लेकर सोचते हैं कि लाइट कहाँ जल रही है वो ये नहीं सोचते कि हमारा दिल क्या कह रहा है ; हमारी सुई कहाँ गिरी है . हमें चाहिए कि हम ये जानने की कोशिश करें कि हम किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं और उसी में अपना करीयर बनाएं ना कि भेड़ चाल चलते हुए किसी ऐसी फील्ड में घुस जाएं जिसमे बाकी लोग जा रहे हों या जिसमे हमें अधिक पैसा नज़र आ रहा हो .
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MOTIVATIONAL
May 2, 2013
एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर दूर तक
एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर दूर तक थी पास ही के गाँव मे स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजहसे उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था...
एक बार वह अपने गंतव्य की और जानेके लिए बस मेचढ़े उन्होंने कंडक्टर को किराए केरुपये दिएऔर सीट पर जाकर बैठ गए
कंडक्टर ने जब किराया काटकर रुपये वापस दिए तो पंडित जी ने पाया की कंडक्टर ने दस रुपये ज्यादा उन्हें दे दिए है
पंडित जी ने सोचा कि थोड़ी देर बाद कंडक्टर को रुपये वापस कर दूँगा
कुछ देर बाद मन मे विचार आया की बेवजह दस रुपये जैसी मामूली रकम को लेकर परेशान हो रहेहै आखिर ये बस कंपनी वाले भी तो लाखों कमाते है बेहतर है इन रूपयो को भगवान की भेंट समझकर अपने पास ही रख लिया जाए वह इनका सदुपयोग ही करेंगे
... मन मे चल रहे विचार के बीच उनका गंतव्य स्थल आगया बस मे उतरते ही उनके कदम अचानक ठिठके उन्होंने जेब मे हाथ डाला और दस का नोट निकाल कर कंडक्टर को देते हुए कहा भाई तुमने मुझे किराए के रुपये काटने के बाद भी दस रुपये ज्यादा दे दिए थे
कंडक्टर मुस्कराते हुए बोला क्या आप ही गाँव के मंदिर के नए पुजारी हो?
पंडित जी को हामी भरने पर कंडक्टर बोला मेरे मन मे कई दिनों से आपके प्रवचन सुनने की इच्छा है आपको बस मे देखातो ख्याल आया कि चलो देखते है कि मैं ज्यादा पैसे लौटाऊँ तो आप क्या करते हो अब मुझे पता चल गया की आपके प्रवचन जैसा ही आपका आचरण है जिससे सभी को सिख लेनी चाहिए
ये बोलकर कंडक्टर ने गाड़ी आगे बड़ा दी
पंडित जी बस से उतरकर पसीना पसीना थे उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर भगवान से कहा है प्रभु तेरा लाख लाख शुक्र है जो तूने मुझे बचा लिया मैने तो दस रुपये के लालच मे तेरी शिक्षाओ की बोली लगा दी थी पर तूने सही समय परमुझे थाम लिया....!
एक बार वह अपने गंतव्य की और जानेके लिए बस मेचढ़े उन्होंने कंडक्टर को किराए केरुपये दिएऔर सीट पर जाकर बैठ गए
कंडक्टर ने जब किराया काटकर रुपये वापस दिए तो पंडित जी ने पाया की कंडक्टर ने दस रुपये ज्यादा उन्हें दे दिए है
पंडित जी ने सोचा कि थोड़ी देर बाद कंडक्टर को रुपये वापस कर दूँगा
कुछ देर बाद मन मे विचार आया की बेवजह दस रुपये जैसी मामूली रकम को लेकर परेशान हो रहेहै आखिर ये बस कंपनी वाले भी तो लाखों कमाते है बेहतर है इन रूपयो को भगवान की भेंट समझकर अपने पास ही रख लिया जाए वह इनका सदुपयोग ही करेंगे
... मन मे चल रहे विचार के बीच उनका गंतव्य स्थल आगया बस मे उतरते ही उनके कदम अचानक ठिठके उन्होंने जेब मे हाथ डाला और दस का नोट निकाल कर कंडक्टर को देते हुए कहा भाई तुमने मुझे किराए के रुपये काटने के बाद भी दस रुपये ज्यादा दे दिए थे
कंडक्टर मुस्कराते हुए बोला क्या आप ही गाँव के मंदिर के नए पुजारी हो?
पंडित जी को हामी भरने पर कंडक्टर बोला मेरे मन मे कई दिनों से आपके प्रवचन सुनने की इच्छा है आपको बस मे देखातो ख्याल आया कि चलो देखते है कि मैं ज्यादा पैसे लौटाऊँ तो आप क्या करते हो अब मुझे पता चल गया की आपके प्रवचन जैसा ही आपका आचरण है जिससे सभी को सिख लेनी चाहिए
ये बोलकर कंडक्टर ने गाड़ी आगे बड़ा दी
पंडित जी बस से उतरकर पसीना पसीना थे उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर भगवान से कहा है प्रभु तेरा लाख लाख शुक्र है जो तूने मुझे बचा लिया मैने तो दस रुपये के लालच मे तेरी शिक्षाओ की बोली लगा दी थी पर तूने सही समय परमुझे थाम लिया....!
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Apr 30, 2013
एक जापानी अपने मकान की मरम्मत के
एक जापानी अपने मकान की मरम्मत के
लिए उसकी दीवार को खोल रहा था।
ज्यादातर जापानी घरों में लकड़ी की दीवारो के बीच जगह
होती है। जब वह लकड़ी की इस दीवार को उधेड़ रहा तो उसने
देखा कि वहां दीवार में एकछिपकली फंसी हुई थी।
... छिपकली के एक पैर में कील ठुकी हुई थी।
उसने यह देखा और उसे छिपकली पर रहम
आया। उसने इस मामले में उत्सुकता दिखाई
और गौर से उस छिपकली के पैर में ठुकी कील को देखा।
अरे यह क्या! यह तो वही कील है जो 4 साल पहले मकान
बनाते वक्त ठोकी गई थी। यह क्या !!!!
क्या यह छिपकली पिछले 4 सालों से
इसी हालत से दो चार है?
दीवार के अंधेरे हिस्से में बिना हिले-डुले
पिछले 4 सालों से!! यह नामुमकिन है।
मेरा दिमाग इसको गवारा नहीं कर
रहा। उसे हैरत हुई। यह छिपकली पिछले 4
सालों से आखिर जिंदा कैसे है!!! बिना एक
कदम हिले-डुले जबकि इसके पैर में कील ठुकी है!
उसने अपना काम रोक दिया और उस
छिपकली को गौर से देखने लगा। आखिर
यह अब तक कैसे रह पाई औरक्या और किस
तरह की खुराक इसे अब तक मिल पाई।
इस बीच एक दूसरी छिपकली ना जाने
कहां से वहां आई जिसके मुंह में खुराक थी।
अरे!!!! यह देखकर वह अंदर तक हिल गया।
यह दूसरी छिपकली पिछले 4
सालों से इस फंसी हुई छिपकली को खिलाती रही।
जरा गौर कीजिए वह दूसरी छिपकली बिना थके और अपने
साथी की उम्मीद छोड़े बिना लगातार 4 साल से उसे खिलाती रही।
लिए उसकी दीवार को खोल रहा था।
ज्यादातर जापानी घरों में लकड़ी की दीवारो के बीच जगह
होती है। जब वह लकड़ी की इस दीवार को उधेड़ रहा तो उसने
देखा कि वहां दीवार में एकछिपकली फंसी हुई थी।
... छिपकली के एक पैर में कील ठुकी हुई थी।
उसने यह देखा और उसे छिपकली पर रहम
आया। उसने इस मामले में उत्सुकता दिखाई
और गौर से उस छिपकली के पैर में ठुकी कील को देखा।
अरे यह क्या! यह तो वही कील है जो 4 साल पहले मकान
बनाते वक्त ठोकी गई थी। यह क्या !!!!
क्या यह छिपकली पिछले 4 सालों से
इसी हालत से दो चार है?
दीवार के अंधेरे हिस्से में बिना हिले-डुले
पिछले 4 सालों से!! यह नामुमकिन है।
मेरा दिमाग इसको गवारा नहीं कर
रहा। उसे हैरत हुई। यह छिपकली पिछले 4
सालों से आखिर जिंदा कैसे है!!! बिना एक
कदम हिले-डुले जबकि इसके पैर में कील ठुकी है!
उसने अपना काम रोक दिया और उस
छिपकली को गौर से देखने लगा। आखिर
यह अब तक कैसे रह पाई औरक्या और किस
तरह की खुराक इसे अब तक मिल पाई।
इस बीच एक दूसरी छिपकली ना जाने
कहां से वहां आई जिसके मुंह में खुराक थी।
अरे!!!! यह देखकर वह अंदर तक हिल गया।
यह दूसरी छिपकली पिछले 4
सालों से इस फंसी हुई छिपकली को खिलाती रही।
जरा गौर कीजिए वह दूसरी छिपकली बिना थके और अपने
साथी की उम्मीद छोड़े बिना लगातार 4 साल से उसे खिलाती रही।
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Apr 26, 2013
अगर आज के युग में महाभारत होती तो....
अगर आज के युग में महाभारत होती तो............
...द्रौपदी को सत्यमेव जयते पर बुलाया जाता, उसकी दुःख भरी कहानीसुनने के लिए
...दुर्योधन का बिग बॉस में बुलावा पक्का था
...
...संजय आँखों देखा हाल सुनते हुए विज्ञापन भी प्रसारित करता और अरबपति हो जाता
.."अंधे का पुत्र अँधा" ट्वीट करने के बाद द्रौपदी पर धरा 66A के तहत मुकदमा चलता
...अभिमन्यु को ज्ञान की प्राप्ति हो जाती कि चक्रव्यूह से निकलना IRCTC पर टिकट कराने से कईं गुणा आसान है
...भीष्म पितामह को बाणों की शैया पर लेटे हुए देख मीडिया वाले पूछते "आपको कैसा लग रहा है"
...आधार कार्ड बनवाने का जब कौरवों का नंबर आता तो बेचारे कार्ड बनाने वालो को मानसिक तनाव की वजहसे छुट्टी लेनी पड़ जाती
...द्रौपदी के चीर-हरण का सीधा प्रसारण किया जाता
...दुर्योधन कहता कि द्रौपदी का चीरहरण इसलिए किया गया क्योंकि उसने उसको 'भैया" नहीं कहा
...बेचारे 102 कौरव सिर्फ 9 सस्ते गैस सिलेंडरो की वजह से भूखे मर जाते
...L'OREAL के विज्ञापन में द्रौपदी आती और कहती 5 Problems, 1 Solution
...युद्ध की हार-जीत पर अरबों रूपये का सट्टा लगा होता
...चक्रव्यूह से एक दिन पहले सारे न्यूज़ चैनल चक्रव्यूह तोड़ने का तरीका प्रसारित करते
...तथाकथित समाजसेवी "कौरवों को इन्साफ दिलवाओ, पांडवों ने पूरे परिवार का नरसंहार किया" के पोस्टर लेकर इंडिया गेट पर बैठे होते
..."हस्तिनापुर पर कौन राज़ करेगा ?" नाम से टीवी कार्यक्रम डेली शॉप की तरह हर रोज़ न्यूज़ चेनलो पर चलता
...भीम का ऑफिशियली वोर्नवीटा से कॉन्ट्रैक्ट होता
...द्रोणाचार्य पर शिक्षा के अधिकार न लागु करने का केस चलता
...द्रौपदी को सत्यमेव जयते पर बुलाया जाता, उसकी दुःख भरी कहानीसुनने के लिए
...दुर्योधन का बिग बॉस में बुलावा पक्का था
...
...संजय आँखों देखा हाल सुनते हुए विज्ञापन भी प्रसारित करता और अरबपति हो जाता
.."अंधे का पुत्र अँधा" ट्वीट करने के बाद द्रौपदी पर धरा 66A के तहत मुकदमा चलता
...अभिमन्यु को ज्ञान की प्राप्ति हो जाती कि चक्रव्यूह से निकलना IRCTC पर टिकट कराने से कईं गुणा आसान है
...भीष्म पितामह को बाणों की शैया पर लेटे हुए देख मीडिया वाले पूछते "आपको कैसा लग रहा है"
...आधार कार्ड बनवाने का जब कौरवों का नंबर आता तो बेचारे कार्ड बनाने वालो को मानसिक तनाव की वजहसे छुट्टी लेनी पड़ जाती
...द्रौपदी के चीर-हरण का सीधा प्रसारण किया जाता
...दुर्योधन कहता कि द्रौपदी का चीरहरण इसलिए किया गया क्योंकि उसने उसको 'भैया" नहीं कहा
...बेचारे 102 कौरव सिर्फ 9 सस्ते गैस सिलेंडरो की वजह से भूखे मर जाते
...L'OREAL के विज्ञापन में द्रौपदी आती और कहती 5 Problems, 1 Solution
...युद्ध की हार-जीत पर अरबों रूपये का सट्टा लगा होता
...चक्रव्यूह से एक दिन पहले सारे न्यूज़ चैनल चक्रव्यूह तोड़ने का तरीका प्रसारित करते
...तथाकथित समाजसेवी "कौरवों को इन्साफ दिलवाओ, पांडवों ने पूरे परिवार का नरसंहार किया" के पोस्टर लेकर इंडिया गेट पर बैठे होते
..."हस्तिनापुर पर कौन राज़ करेगा ?" नाम से टीवी कार्यक्रम डेली शॉप की तरह हर रोज़ न्यूज़ चेनलो पर चलता
...भीम का ऑफिशियली वोर्नवीटा से कॉन्ट्रैक्ट होता
...द्रोणाचार्य पर शिक्षा के अधिकार न लागु करने का केस चलता
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Apr 19, 2013
डीजल एवं पेट्रोल भरवाने के लिए दो उपयोगी टिप्स.
१. अपनी कार या बाइक में सुबह-
सुबह इन्धन भरवाएं जिस समय
... जमीन का तापमान कम होता है.सभी पेट्रोल पम्प में
स्टोरेज टैंक जमीन के नीचे
होता है,जितनी जमीन
ठंडी होगी उतना ही पेट्रोल एवं
डीजल का घनत्व अधिक होगा.
तापमान बढ़ने पर पेट्रोल एक्सपेंडहोता है इसलिए दिन में या शाम
के समय एक लीटर पेट्रोल वास्तव
में एक लीटर नहीं होकर कम
होता है.पेट्रोलियम के बिजनेस
वाले इस बात को जानते हैं
तथा इसका लाभ उठाते हैं.केवल एक डिग्री तापमान बढ़ने से
भी इनके लाभ में
भारी इजाफा होता है.इसके
लिए एक उपकरण आता है जिसे
टेम्परेचर-कम्पे ंशेटर कहते हैं किन्तु
भारत में किसी भी पेट्रोल पम्प परयह नहीं लगा हुआ है..
२. दूसरी बात ये है कि टैंक के
खाली होने का इंतज़ार ना करें
और आधे टैंक में ही पेट्रोल
भरवा लें.कारण- जितना आपके
टैंक में ईंधन
होगा उतनी ही खाली जगह में हवा कम होगी.पेट्रोल
का वाष्पीकरण बहुत तेजी से
होता है इसलिए टैंक में
हवा जितनी कम रहे
उतना अच्छा...
सुबह इन्धन भरवाएं जिस समय
... जमीन का तापमान कम होता है.सभी पेट्रोल पम्प में
स्टोरेज टैंक जमीन के नीचे
होता है,जितनी जमीन
ठंडी होगी उतना ही पेट्रोल एवं
डीजल का घनत्व अधिक होगा.
तापमान बढ़ने पर पेट्रोल एक्सपेंडहोता है इसलिए दिन में या शाम
के समय एक लीटर पेट्रोल वास्तव
में एक लीटर नहीं होकर कम
होता है.पेट्रोलियम के बिजनेस
वाले इस बात को जानते हैं
तथा इसका लाभ उठाते हैं.केवल एक डिग्री तापमान बढ़ने से
भी इनके लाभ में
भारी इजाफा होता है.इसके
लिए एक उपकरण आता है जिसे
टेम्परेचर-कम्पे ंशेटर कहते हैं किन्तु
भारत में किसी भी पेट्रोल पम्प परयह नहीं लगा हुआ है..
२. दूसरी बात ये है कि टैंक के
खाली होने का इंतज़ार ना करें
और आधे टैंक में ही पेट्रोल
भरवा लें.कारण- जितना आपके
टैंक में ईंधन
होगा उतनी ही खाली जगह में हवा कम होगी.पेट्रोल
का वाष्पीकरण बहुत तेजी से
होता है इसलिए टैंक में
हवा जितनी कम रहे
उतना अच्छा...
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Apr 18, 2013
आपात आपरेशन के लिए एक फोन के बाद डाक्टर जल्दी जल्दी अस्पताल ....
एक लड़के के आपात आपरेशन के लिए एक फोन के बाद डाक्टर जल्दी जल्दी अस्पताल में प्रवेश करते हैं....उन्होंने तुरंत अपने कपडे बदल कर सर्जिकल गाउन पहना, ऑपरेशन के लिए खुद को तैयार किया और ऑपरेशन थियेटर की तरफ चल पड़े...हॉल में प्रवेश करते ही उनकी नज़र लड़के की माँ पर जाती है...जो उनका इंतज़ार करती जान पड़ती थी और बहुत व्याकुल भी लग रही थी....
डॉक्टर को देखते ही लड़के की माँ एक दम गुस्से से बोली : आपने आने इतनी
देर क्यों कर दी..? आपको पता नहीं है कि मेरे बेटे की हालत बहुत गंभीर है..? आपको अपनी जिम्मेदारी का अहसास है की नहीं..??
डॉक्टर मंद मंद मुस्कुराते हुए कहता है : मैं अपनी गलती के लिए आपसे माफ़ी मांगता हूँ...फोन आया तब मैं अस्पताल में नहीं था,जैसे ही खबर मिली मैं तुरंत अस्पताल के लिए निकल पड़ा..रास्ते में ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से थोड़ी देर हो गयी. अब आप निश्चिन्त रहो मैं आ गया हूँ भ
गवान की मर्ज़ी से
सब ठीक हो जाएगा..अब आप विलाप करना छोड़ दो..''
इस पर लड़के की माँ और ज्यादा गुस्से से : विलाप करना छोड़ दूं मतलब..? आपके कहने का मतलब क्या है..? मेरे बच्चे को कुछ हो गया होता तो.?" इसकी जगह आपका बच्चा होता तो आप क्या करते"..?? डॉक्टर फिर मंद मंद मुस्कुराते हुए : शांत हो जाओ बहन, जीवन और मरण वो तो भगवान के हाथ में है, मैं तो बस एक मनुष्य हूँ, फिर भी मैं मेरे से जितना अच्छा प्रयास हो सकेगा वो मैं करूँगा..बाकी आपकी दुआ और भगवान की मर्ज़ी..! क्या अब आप मुझे ऑपरेशन थियेटर में जाने देंगीं.?? डॉक्टर ने फिर नर्स को कुछ सलाह दी और ऑपरेशन रूम में चले गए..
कुछ घंटे बाद डॉक्टर प्रफुल्लित मुस्कान लिए ऑपरेशन रूम से बाहर आकर लड़के की माँ से कहते हैं : भगवान का लाख लाख शुक्र है की आपका लड़का सही सलामत है, अब वो जल्दी से ठीक हो जाएगा और आपको ज्यादा जानकारी मेरा साथी डॉक्टर दे देगा..ऐसा कह कर डॉक्टर तुरंत वहां से चल पड़ते हैं..
लड़के की माँ ने तुरंत नर्स से पुछा : ये डॉक्टर साहब को इतनी जल्दी भी क्या थी.? मेरा लड़का होश में आ जाता तब तक तो रूक जाते तो क्या बिगड़ जाता उनका..? डॉक्टर तो बहुत घमंडी लगते हैं''
ये सुनकर नर्स की आँखों में आंसू आ गए और कहा :''मैडम ! ये वही डॉक्टर हैं जिनका इकलौता लड़का आपके लड़के की अंधाधुंध ड्राइविंग की चपेट में आकर मारा गया है..उनको पता था की आपके लड़के के कारण ही उनके इकलौते लड़के की जान गयी है फिर भी उन्होंने तुम्हारे लड़के की जान बचाई है...और जल्दी वो इसलिए चले गए क्योंकि वे अपने लड़के की अंतिम क्रिया अधूरी छोड़ कर आ गए थे...
डॉक्टर को देखते ही लड़के की माँ एक दम गुस्से से बोली : आपने आने इतनी
देर क्यों कर दी..? आपको पता नहीं है कि मेरे बेटे की हालत बहुत गंभीर है..? आपको अपनी जिम्मेदारी का अहसास है की नहीं..??
डॉक्टर मंद मंद मुस्कुराते हुए कहता है : मैं अपनी गलती के लिए आपसे माफ़ी मांगता हूँ...फोन आया तब मैं अस्पताल में नहीं था,जैसे ही खबर मिली मैं तुरंत अस्पताल के लिए निकल पड़ा..रास्ते में ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से थोड़ी देर हो गयी. अब आप निश्चिन्त रहो मैं आ गया हूँ भ
गवान की मर्ज़ी से
सब ठीक हो जाएगा..अब आप विलाप करना छोड़ दो..''
इस पर लड़के की माँ और ज्यादा गुस्से से : विलाप करना छोड़ दूं मतलब..? आपके कहने का मतलब क्या है..? मेरे बच्चे को कुछ हो गया होता तो.?" इसकी जगह आपका बच्चा होता तो आप क्या करते"..?? डॉक्टर फिर मंद मंद मुस्कुराते हुए : शांत हो जाओ बहन, जीवन और मरण वो तो भगवान के हाथ में है, मैं तो बस एक मनुष्य हूँ, फिर भी मैं मेरे से जितना अच्छा प्रयास हो सकेगा वो मैं करूँगा..बाकी आपकी दुआ और भगवान की मर्ज़ी..! क्या अब आप मुझे ऑपरेशन थियेटर में जाने देंगीं.?? डॉक्टर ने फिर नर्स को कुछ सलाह दी और ऑपरेशन रूम में चले गए..
कुछ घंटे बाद डॉक्टर प्रफुल्लित मुस्कान लिए ऑपरेशन रूम से बाहर आकर लड़के की माँ से कहते हैं : भगवान का लाख लाख शुक्र है की आपका लड़का सही सलामत है, अब वो जल्दी से ठीक हो जाएगा और आपको ज्यादा जानकारी मेरा साथी डॉक्टर दे देगा..ऐसा कह कर डॉक्टर तुरंत वहां से चल पड़ते हैं..
लड़के की माँ ने तुरंत नर्स से पुछा : ये डॉक्टर साहब को इतनी जल्दी भी क्या थी.? मेरा लड़का होश में आ जाता तब तक तो रूक जाते तो क्या बिगड़ जाता उनका..? डॉक्टर तो बहुत घमंडी लगते हैं''
ये सुनकर नर्स की आँखों में आंसू आ गए और कहा :''मैडम ! ये वही डॉक्टर हैं जिनका इकलौता लड़का आपके लड़के की अंधाधुंध ड्राइविंग की चपेट में आकर मारा गया है..उनको पता था की आपके लड़के के कारण ही उनके इकलौते लड़के की जान गयी है फिर भी उन्होंने तुम्हारे लड़के की जान बचाई है...और जल्दी वो इसलिए चले गए क्योंकि वे अपने लड़के की अंतिम क्रिया अधूरी छोड़ कर आ गए थे...
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Apr 17, 2013
एक दंपत्ति की शादी को साठ वर्ष हो चुके थे। उनकी आपसी समझ इतनी अच्छी थी ...
एक दंपत्ति की शादी को साठ वर्ष हो चुके थे। उनकी आपसी समझ इतनी अच्छी थी कि इन साठ वषरें में उनमें कभी झगड़ा तक नहीं हुआ।
वे एक दूजे से कभी कुछ भी छिपाते नहीं थे।
हां, पत्नी के पास उसके मायके से लाया हुआ एक डिब्बा था जो उसने अपने पति के सामने कभी खोला नहीं था।
उस डिब्बे में क्या है वह नहीं जानता था। कभी उसने जानने की कोशिश भी की तो पत्नी ने यह कह कर टाल दिया0
कि सही समय आने पर बता दूंगी।
... आखिर एक दिन बुढि़या बहुत बीमार हो गई और उसके बचने की आशा न रही। उसके पति को तभी खयालआया कि उस डिब्बे का रहस्य जाना जाये।
बुढि़या बताने को राजी हो गई। पति ने जब उस डिब्बे को खोला तो उसमें हाथ से बुने हुये दो रूमाल और 50,000 रूपये निकले। उसने पत्नी से पूछा, यह सब क्या है। पत्नी ने बताया कि
जब उसकी शादी हुई थी तो उसकी दादी मां ने उससेकहा था कि ससुराल में कभी किसी से झगड़ना नहीं । यदि कभी किसी पर क्रोध आये तो अपने हाथसे एक रूमाल बुनना और इस डिब्बे में रखना।
बूढ़े की आंखों में यह सोचकर खुशी के मारे आंसू आ गये
उसे अपनी पत्नी पर सचमुच गर्व हुआ।
खुद को संभाल कर उसने रूपयों के बारे में पूछा ।
इतनी बड़ी रकम तो उसने अपनी पत्नी को कभी दी ही नहीं थी,
फिर ये कहां से आये ?
रूपये ! वे तो मैंने रूमाल बेच बेच कर इकठ्ठे किये है!!
वे एक दूजे से कभी कुछ भी छिपाते नहीं थे।
हां, पत्नी के पास उसके मायके से लाया हुआ एक डिब्बा था जो उसने अपने पति के सामने कभी खोला नहीं था।
उस डिब्बे में क्या है वह नहीं जानता था। कभी उसने जानने की कोशिश भी की तो पत्नी ने यह कह कर टाल दिया0
कि सही समय आने पर बता दूंगी।
... आखिर एक दिन बुढि़या बहुत बीमार हो गई और उसके बचने की आशा न रही। उसके पति को तभी खयालआया कि उस डिब्बे का रहस्य जाना जाये।
बुढि़या बताने को राजी हो गई। पति ने जब उस डिब्बे को खोला तो उसमें हाथ से बुने हुये दो रूमाल और 50,000 रूपये निकले। उसने पत्नी से पूछा, यह सब क्या है। पत्नी ने बताया कि
जब उसकी शादी हुई थी तो उसकी दादी मां ने उससेकहा था कि ससुराल में कभी किसी से झगड़ना नहीं । यदि कभी किसी पर क्रोध आये तो अपने हाथसे एक रूमाल बुनना और इस डिब्बे में रखना।
बूढ़े की आंखों में यह सोचकर खुशी के मारे आंसू आ गये
उसे अपनी पत्नी पर सचमुच गर्व हुआ।
खुद को संभाल कर उसने रूपयों के बारे में पूछा ।
इतनी बड़ी रकम तो उसने अपनी पत्नी को कभी दी ही नहीं थी,
फिर ये कहां से आये ?
रूपये ! वे तो मैंने रूमाल बेच बेच कर इकठ्ठे किये है!!
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गुरु चाणक्य के उपदेश आज भी अनुकरणीय है ।
किसी भी व्यक्ति को जरूरत
से
ज्यादा ईमानदार
... नहीं होना चाहिए।
सीधे तने वाले पेड़
ही सबसे काटे जाते हैं
और बहुत
ज्यादा ईमानदार
लोगों को ही सबसे
ज्यादा कष्ट उठाने
पड़ते हैं।
- अगर कोई सांप
जहरीला नहीं है, तब
भी उसे
फुफकारना नहीं छोड़ना चाहिए।
उसी तरह से कमजोर
व्यक्ति को भी हर
वक्त
अपनी कमजोरी का प्रदर्शन
नहीं करना चाहिए।
[ जारी है ]
- सबसे बड़ा गुरुमंत्र :
कभी भी अपने
रहस्यों को किसी के
साथ साझा मत करो,
यह प्रवृत्ति तुम्हें
बर्बाद कर देगी।
- हर मित्रता के
पीछे कुछ स्वार्थ
जरूर
छिपा होता है।
दुनिया में ऐसी कोई
दोस्ती नहीं जिसके
पीछे लोगों के अपने
हित न छिपे हों, यह
कटु सत्य है, लेकिन
यही सत्य है।
- अपने बच्चे को पहले
पांच साल दुलार के
साथ
पालना चाहिए।
अगले पांच साल उसे
डांट-फटकार के साथ
निगरानी में
रखना चाहिए।
लेकिन जब
बच्चा सोलह साल
का हो जाए,
तो उसके साथ दोस्त
की तरह व्यवहार
करना चाहिए। बड़े
बच्चे आपके सबसे अच्छे
दोस्त होते हैं।
- दिल में प्यार रखने
वाले लोगों को दुख
ही झेलने पड़ते हैं।
दिल में प्यार पनपने
पर बहुत सुख महसूस
होता है, मगर इस
सुख के साथ एक डर
भी अंदर ही अंदर
पनपने लगता है, खोने
का डर, अधिकार कम
होने का डर आदि-
आदि। मगर दिल में
प्यार पनपे नहीं,
ऐसा तो हो नहीं सकता।
तो प्यार पनपे मगर
कुछ समझदारी के
साथ। संक्षेप में कहें
तो प्रीति में
चालाकी रखने वाले
ही अंतत: सुखी रहते
हैं।
- ऐसा पैसा जो बहुत
तकलीफ के बाद मिले,
अपना धर्म-ईमान
छोड़ने पर मिले
या दुश्मनों की चापलूसी से,
उनकी सत्ता स्वीकारने
से मिले, उसे स्वीकार
नहीं करना चाहिए।
- नीच प्रवृति के
लोग दूसरों के
दिलों को चोट
पहुंचाने वाली, उनके
विश्वासों को छलनी करने
वाली बातें करते हैं,
दूसरों की बुराई कर
खुश हो जाते हैं। मगर
ऐसे लोग
अपनी बड़ी-बड़ी और
झूठी बातों के बुने
जाल में खुद भी फंस
जाते हैं। जिस तरह से
रेत के टीले
को अपनी बांबी समझकर
सांप घुस जाता है और
दम घुटने से
उसकी मौत
हो जाती है,
उसी तरह से ऐसे लोग
भी अपनी बुराइयों के
बोझ तले मर जाते हैं।
- जो बीत गया,
सो बीत गया। अपने
हाथ से कोई गलत
काम
हो गया हो तो उसकी फिक्र
छोड़ते हुए वर्तमान
को सलीके से जीकर
भविष्य
को संवारना चाहिए।
- असंभव शब्द
का इस्तेमाल
बुजदिल करते हैं।
बहादुर और
बुद्धिमान
व्यक्ति अपना रास्ता खुद
बनाते हैं।
- संकट काल के लिए
धन बचाएं। परिवार
पर संकट आए तो धन
कुर्बान कर दें।
लेकिन
अपनी आत्मा की हिफाजत
हमें अपने परिवार
और धन को भी दांव
पर लगाकर
करनी चाहिए।
- भाई-बंधुओं की परख
संकट के समय और
अपनी स्त्री की परख
धन के नष्ट हो जाने
पर ही होती है।
- कष्टों से
भी बड़ा कष्ट
दूसरों के घर पर
रहना है ।
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Apr 16, 2013
पान की दुकान के बाहर बड़ी चहल कदमी थी !.....
पान की दुकान के बाहर बड़ी चहल कदमी थी ! कुछ लोग पान खा रहे थे कुछ
सिगरेट पी रहे थे ! कुछ आपस मैं बतिया रहे थे ,
.
तभी एक थप्पड़ की आवाज़ गूंजी १ एक युवक ने दुसरे को थप्पड़ मार
दिया ,हंगामा हो गया !लोग इकट्ठे हो गए ,एक ने पूच्छा क्यों मारा इसे !
... थप्पड़ मरने वाला युवक देश मई इतनी महंगाई है !
दूसरा युवक ;लेकिन थप्पड़ क्यों मारा
युवक;दिन दहाड़े बहु बतियों की इज्ज़त लूट रही है !
एक बूढी औरत;लेकिन थप्पड़ क्यों मारा
युवक;चार राज्यों मैं सुखा पड़ा है !
एक बूढा;भाई लेकिन थप्पड़ क्यों मारा !
युवक;बिना रिश्वात के कोई कम नहीं होता !
पान वाला ; लेकिन इस को थप्पड़ क्यों मारा ; एक और जोरदार आवाज़
गूंजी अबकी बार थप्पड़ पान वाले को लगा !
लोग;अब इसको क्यों मारा !
युवक ये सब जानता है फिर भी पुच्छ रहा है क्यों मारा; एक बहुत बजुर्ग beta अब तुम बता ही दो क्यों मारा ;
युवक चच्चा देश मैं इतने मुद्दे हैं और ये साला मुझसे पूछता है स्कोर
क्या हुआ है ,बस इसलिए मारा.
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Apr 15, 2013
एक कंजूस व्यक्ति समुद्र में नहाते हुए डूबने लगा...
#
एक कंजूस व्यक्ति समुद्र में नहाते हुए डूबने
लगा, वो ऊपर देखकर चिल्लाते हुए
बोला,
"हे भगवान, अगर मै बच गया तो एक गरीब
को बिरयानी खिलाऊंगा !"
... तभी एक बड़ी सी लहर आई और उसको साहिल पर फेक दिया ! कंजूस ने ऊपर देखा और हँसते हुए कहा,
"कौन सी बिरयानी.. हा हा हा ...!!"
अचानक एक और लहर आई और
उसको वापस ले गई ! तभी कंजूस रोते हुए बोला,
"मेरा मतलब था वेज या नॉनवेज !!
एक कंजूस व्यक्ति समुद्र में नहाते हुए डूबने
लगा, वो ऊपर देखकर चिल्लाते हुए
बोला,
"हे भगवान, अगर मै बच गया तो एक गरीब
को बिरयानी खिलाऊंगा !"
... तभी एक बड़ी सी लहर आई और उसको साहिल पर फेक दिया ! कंजूस ने ऊपर देखा और हँसते हुए कहा,
"कौन सी बिरयानी.. हा हा हा ...!!"
अचानक एक और लहर आई और
उसको वापस ले गई ! तभी कंजूस रोते हुए बोला,
"मेरा मतलब था वेज या नॉनवेज !!
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Apr 11, 2013
बच्चे बड़े हो गए हैं बेटा..
एक युवक...
मैं तकरीबन २० साल के बाद विदेश से अपने
शहर लौटा था! बाज़ार में घुमते हुए
सहसामेरी नज़रें सब्जी का ठेला लगाये एक
बूढे पर जा टिकीं,बहुत कोशिश के बावजूद
... भी मैं उसको पहचान नहीं पा रहा था !
लेकिन न जाने बार बार ऐसा क्यों लग
रहा था कीमैं उसे बड़ी अच्छी तरहसे
जनता हूँ ! मेरी उत्सुकता उस बूढ़ेसे
भी छुपी न रही , उसके चेहरे पर आई
अचानक मुस्कान से मैं समझ
गया था कि उसने मुझे पहचान लिया था!
काफी देर की जेहनी कशमकश के बाद जब
मैंने उसे पहचाना तो मेरे पाँव के नीचे से
मानो ज़मीन खिसक गई ! जब मैं विदेश
गया था तोइसकी एक बहुतबड़ी आटा मिल
हुआ करती थी नौकर चाकर आगे पीछे
घूमा करते थे ! धर्म कर्म, दान पुण्य में सब
सेअग्रणी इस दानवीर पुरुष को मैं
ताऊजी कह कर बुलाया करता था !
वही आटा मिल का मालिक और
आजसब्जी का ठेला लगाने पर मजबूर? मुझ से
रहा नहीं गयाऔर मैं उसके पास
जा पहुँचा और बहुत मुश्किल से रुंधेगले से
पूछा :
"ताऊ जी, ये सब कैसे हो गया?"
भरी ऑंखें लिए मेरे कंधे पर हाथ रख उसने
उत्तर दिया:
"बच्चे बड़े हो गए हैं बेटा...!!!
मैं तकरीबन २० साल के बाद विदेश से अपने
शहर लौटा था! बाज़ार में घुमते हुए
सहसामेरी नज़रें सब्जी का ठेला लगाये एक
बूढे पर जा टिकीं,बहुत कोशिश के बावजूद
... भी मैं उसको पहचान नहीं पा रहा था !
लेकिन न जाने बार बार ऐसा क्यों लग
रहा था कीमैं उसे बड़ी अच्छी तरहसे
जनता हूँ ! मेरी उत्सुकता उस बूढ़ेसे
भी छुपी न रही , उसके चेहरे पर आई
अचानक मुस्कान से मैं समझ
गया था कि उसने मुझे पहचान लिया था!
काफी देर की जेहनी कशमकश के बाद जब
मैंने उसे पहचाना तो मेरे पाँव के नीचे से
मानो ज़मीन खिसक गई ! जब मैं विदेश
गया था तोइसकी एक बहुतबड़ी आटा मिल
हुआ करती थी नौकर चाकर आगे पीछे
घूमा करते थे ! धर्म कर्म, दान पुण्य में सब
सेअग्रणी इस दानवीर पुरुष को मैं
ताऊजी कह कर बुलाया करता था !
वही आटा मिल का मालिक और
आजसब्जी का ठेला लगाने पर मजबूर? मुझ से
रहा नहीं गयाऔर मैं उसके पास
जा पहुँचा और बहुत मुश्किल से रुंधेगले से
पूछा :
"ताऊ जी, ये सब कैसे हो गया?"
भरी ऑंखें लिए मेरे कंधे पर हाथ रख उसने
उत्तर दिया:
"बच्चे बड़े हो गए हैं बेटा...!!!
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Apr 10, 2013
Ibps cwe Clerk 2 ii 2013 Total Combined Score and Interview Marks !
Ibps Clerk 2 ii 2013 Total Combined Score Interview Marks
he Candidates who had attended the CWE Clerical Common Interview in the month of March 2013.. after clearing the CWE Clerk Exam 2013 Phase II 2 .. will be curious and anxious nevertheless to get to know the IBPS CWE ClerkInterview Scores as the Clerical Common Interview Results 2013 had been declared ..
GET The details at the
copy and paste below address
http://ibpsresults.sifyitest.com/cweclapr13/login.php?msg=f&appid=sdadfsnlkahflka
or
go to at www.ibps.in
he Candidates who had attended the CWE Clerical Common Interview in the month of March 2013.. after clearing the CWE Clerk Exam 2013 Phase II 2 .. will be curious and anxious nevertheless to get to know the IBPS CWE ClerkInterview Scores as the Clerical Common Interview Results 2013 had been declared ..
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http://ibpsresults.sifyitest.com/cweclapr13/login.php?msg=f&appid=sdadfsnlkahflka
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ibps clerk II 2013
लड़की वो होती है जो पार्टी में जाने से पहले
लड़की वो होती है जो पार्टी में जाने से पहले-:
फेशियल,
ब्लीच,
वैक्सिंग,
हेयर कटिंग,
... थ्रेडिंग
स्क्रबिंग करती है...
और फिर खूब सारा मेकअप करती है।
फिर परफ्यूम लगाती है।
अंगूठी, नेकलेस, अच्छी सी ड्रेस और सैंडल
पहनती है।
खूब छांट कर एक अच्छा सा पर्स लेकर
आती है...
फिर कहती है-
“अरे यार जल्दी की वजह से कुछ कर
ही नहीं पाई।”
अब अगर लड़के की बात करें तो –
लड़का वो होता है जो पार्टी में जाने से पहले
अपने दोस्त को फोन करता है और पूछता है-
“भाई तू नहा कर आएगा क्या ?”
दोस्त - “चल बे, तेरे बाप की बारात है क्या !!
फेशियल,
ब्लीच,
वैक्सिंग,
हेयर कटिंग,
... थ्रेडिंग
स्क्रबिंग करती है...
और फिर खूब सारा मेकअप करती है।
फिर परफ्यूम लगाती है।
अंगूठी, नेकलेस, अच्छी सी ड्रेस और सैंडल
पहनती है।
खूब छांट कर एक अच्छा सा पर्स लेकर
आती है...
फिर कहती है-
“अरे यार जल्दी की वजह से कुछ कर
ही नहीं पाई।”
अब अगर लड़के की बात करें तो –
लड़का वो होता है जो पार्टी में जाने से पहले
अपने दोस्त को फोन करता है और पूछता है-
“भाई तू नहा कर आएगा क्या ?”
दोस्त - “चल बे, तेरे बाप की बारात है क्या !!
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Apr 9, 2013
आईपीएल में बेटे संग खेलेंगे सचिन
आईपीएल के अगले सत्र में सचिन तेंदुलकर अपने बेटे अर्जुन के साथ क्रिकेट खेलते दिख सकते हैं। इस संभावना के सच होने के पीछे पूरे पांच कारण इशारा कर रहे हैं।
सचिन तेंदुलकर पिछले कुछ समय से अभ्यास कैंप में अर्जुन को ट्रेनिंग देते दिखते हैं। हाल ही में हुए ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड सीरीज के दौरान टीम इंडिया के अभ्यास कैंप में अर्जुन अभ्यास करते दिखे थे।
इन दिनों मुंबई इंडियंस के ट्रेनिंग कैंप में सचिन खुद से अर्जुन को शॉट खेलने की बारीकियां सिखाते दिख रहे हैं।
आईपीएल में कई पूर्व क्रिकेटरों और नेता के बेटे आसानी से जगह पा चुके हैं। पूर्व क्रिकेटर श्रीकांत के बेटे अनिरुद्ध श्रीकांत और रोजर बिन्नी के लाडले स्टुअर्ट बिन्नी इन दिनों आईपीएल टीमों में शामिल हैं।
सुनील गावस्कर के सुपुत्र रोहन गावस्कर और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव भी आईपीएल की टीमों मे रह चुके हैं। खास बात यह है कि इन क्रिकेटरों के नाम खास उपलब्धि दर्ज नहीं हैं।
ऐसे में कहा जा सकता है कि सचिन के बेटे अर्जुन भी अगले सत्र में आईपीएल की किसी टीम का हिस्सा बन सकते हैं। वैसे भी अर्जुन मुंबई की अंडर-14 टीम का हिस्सा बन चुके हैं।
वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर शिवनारायण चंद्रपाल ने बेटे के साथ खेलने की हसरत एक क्लब मैच में पूरी की है।
पिछले साल सितंबर में हुए इस मैच में शिवनारायण चंद्रपाल ने बेटे तेगनारायण के साथ क्लब मैच में शतकीय साझेदारी की थी।
शायद इसी तर्ज पर सचिन अर्जुन के साथ आईपीएल के सहारे बेटे के साथ खेलने की इच्छा को पूरी कर सकते हैं।
सचिन तेंदुलकर पिछले कुछ समय से अभ्यास कैंप में अर्जुन को ट्रेनिंग देते दिखते हैं। हाल ही में हुए ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड सीरीज के दौरान टीम इंडिया के अभ्यास कैंप में अर्जुन अभ्यास करते दिखे थे।
इन दिनों मुंबई इंडियंस के ट्रेनिंग कैंप में सचिन खुद से अर्जुन को शॉट खेलने की बारीकियां सिखाते दिख रहे हैं।
आईपीएल में कई पूर्व क्रिकेटरों और नेता के बेटे आसानी से जगह पा चुके हैं। पूर्व क्रिकेटर श्रीकांत के बेटे अनिरुद्ध श्रीकांत और रोजर बिन्नी के लाडले स्टुअर्ट बिन्नी इन दिनों आईपीएल टीमों में शामिल हैं।
सुनील गावस्कर के सुपुत्र रोहन गावस्कर और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव भी आईपीएल की टीमों मे रह चुके हैं। खास बात यह है कि इन क्रिकेटरों के नाम खास उपलब्धि दर्ज नहीं हैं।
ऐसे में कहा जा सकता है कि सचिन के बेटे अर्जुन भी अगले सत्र में आईपीएल की किसी टीम का हिस्सा बन सकते हैं। वैसे भी अर्जुन मुंबई की अंडर-14 टीम का हिस्सा बन चुके हैं।
वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर शिवनारायण चंद्रपाल ने बेटे के साथ खेलने की हसरत एक क्लब मैच में पूरी की है।
पिछले साल सितंबर में हुए इस मैच में शिवनारायण चंद्रपाल ने बेटे तेगनारायण के साथ क्लब मैच में शतकीय साझेदारी की थी।
शायद इसी तर्ज पर सचिन अर्जुन के साथ आईपीएल के सहारे बेटे के साथ खेलने की इच्छा को पूरी कर सकते हैं।
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Apr 8, 2013
नोकिया का नया फोन,बैटरी बैकअप 35 दिन
सस्ते फोन लांच करने वाली कंपनियों को टक्कर देने के लिए बेहद सस्ते मोबाइल नोकिया ने भारतीय बाजार में पेश किया है। कंपनी के मुताबिक नए फोन का बैटरी बैकअप 35 दिन है।
सस्ते फोन तैयार करने वाली कंपनियां से नोकिया को लगातार चुनौती मिल रही है। फिनलैंड की कंपनी ने 1,200 रुपये में कलर मोबाइल 'नोकिया 105' को भारतीय बाजार में पेश किया है।
नए फोन के आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि अब कंपनी ब्लैक-एंड-व्हाइट मोबाइल को नहीं पेश करेगी। देश और दुनिया के बाजारों के लिए नोकिया 105 को चेन्नई में तैयार किया जाएगा।
नोकिया इंडिया के रीजनल जनरल मैनेजर टीएस श्रीधर ने बताया कि भारत, अफ्रीका और चीन में इंट्री लेवल फोन का भविष्य है। इसी को ध्यान में रखकर कंपनी ने सस्ते फोन को बाजार में पेश किया है।
नोकिया 105 को पहली बार बार्सिलोना में आयोजित मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2013 में पेश किया गया था। नोकिया का यह फोन उन लोगों को फोकस करेगा जिनके पास अभी तक भी मोबाइली कनेक्शन नहीं है।
कंपनी का दावा है कि नए मोबाइल का बैटरी बैकअप 35 दिन है, जो तेजी से मोबाइल ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करेगा। फोन में स्पीकिंग क्लॉक का भी फीचर दिया गया है।
सस्ते फोन तैयार करने वाली कंपनियां से नोकिया को लगातार चुनौती मिल रही है। फिनलैंड की कंपनी ने 1,200 रुपये में कलर मोबाइल 'नोकिया 105' को भारतीय बाजार में पेश किया है।
नए फोन के आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि अब कंपनी ब्लैक-एंड-व्हाइट मोबाइल को नहीं पेश करेगी। देश और दुनिया के बाजारों के लिए नोकिया 105 को चेन्नई में तैयार किया जाएगा।
नोकिया इंडिया के रीजनल जनरल मैनेजर टीएस श्रीधर ने बताया कि भारत, अफ्रीका और चीन में इंट्री लेवल फोन का भविष्य है। इसी को ध्यान में रखकर कंपनी ने सस्ते फोन को बाजार में पेश किया है।
नोकिया 105 को पहली बार बार्सिलोना में आयोजित मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2013 में पेश किया गया था। नोकिया का यह फोन उन लोगों को फोकस करेगा जिनके पास अभी तक भी मोबाइली कनेक्शन नहीं है।
कंपनी का दावा है कि नए मोबाइल का बैटरी बैकअप 35 दिन है, जो तेजी से मोबाइल ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करेगा। फोन में स्पीकिंग क्लॉक का भी फीचर दिया गया है।
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Apr 7, 2013
सेलफोन के पहले हैंडसेट का वजन था 1 किलो
।
क्या आप जानते हैं कि आज हर आम और खास की जरूरत बन चुके मोबाइल का पहली बार इस्तेमाल कब हुआ था और यह कैसा दिखता होगा या इसका वजन कितना होगा?
सेलफोन का पहली बार इस्तेमाल करीब 40 साल पहले 3 अप्रैल 1973 को मोटोरोला के पूर्व उपाध्यक्ष और डिवीजन मैनेजर मार्टिन कूपर ने किया था।
उस समय कूपर ने न्यूयॉर्क के हिल्टन होटल में दुनिया के पहले सेल फोन से बात करके सबको चौंका दिया था। इस फोन का नाम मोटोरोला 'डायना टीएसी' था।
कूपर ने डायना टीएसी का इस्तेमाल बेल लेब्स के हेड ऑफ रिसर्च को कॉल करने के लिए किया था और तभी से शुरू हो गई थी कम्युनिकेशन क्रांति।
मोटोरोला डायना टीएसी की लंबाई 10 इंच और वजन एक किलो था। फोन की बैटरी 20 मिनट तक ही चलती थी। पूर्व नौसेनिक और इंजीनियर कूपर ने 1952 में मोटोरोला कंपनी ज्वाइन की थी।
अपने जीवन के 84 बसंत देख चुके कूपर अभी सिलिकॉन वैली में काम कर रहे हैं। आज मोबाइल तकनीक ने इतनी तरक्की कर ली है कि यह मिनी कंप्यूटर की तरह इस्तेमाल होने लगा है
क्या आप जानते हैं कि आज हर आम और खास की जरूरत बन चुके मोबाइल का पहली बार इस्तेमाल कब हुआ था और यह कैसा दिखता होगा या इसका वजन कितना होगा?
सेलफोन का पहली बार इस्तेमाल करीब 40 साल पहले 3 अप्रैल 1973 को मोटोरोला के पूर्व उपाध्यक्ष और डिवीजन मैनेजर मार्टिन कूपर ने किया था।
उस समय कूपर ने न्यूयॉर्क के हिल्टन होटल में दुनिया के पहले सेल फोन से बात करके सबको चौंका दिया था। इस फोन का नाम मोटोरोला 'डायना टीएसी' था।
कूपर ने डायना टीएसी का इस्तेमाल बेल लेब्स के हेड ऑफ रिसर्च को कॉल करने के लिए किया था और तभी से शुरू हो गई थी कम्युनिकेशन क्रांति।
मोटोरोला डायना टीएसी की लंबाई 10 इंच और वजन एक किलो था। फोन की बैटरी 20 मिनट तक ही चलती थी। पूर्व नौसेनिक और इंजीनियर कूपर ने 1952 में मोटोरोला कंपनी ज्वाइन की थी।
अपने जीवन के 84 बसंत देख चुके कूपर अभी सिलिकॉन वैली में काम कर रहे हैं। आज मोबाइल तकनीक ने इतनी तरक्की कर ली है कि यह मिनी कंप्यूटर की तरह इस्तेमाल होने लगा है
Apr 6, 2013
बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है नरेंद्र मोदी जी यमराज हैं !
बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी जी यमराज हैं, पहली बार कांग्रेस ने सही बात बोली है. मोदी भ्रष्टाचारियों के लिए, घोटालेबाजों के लिए और देशद्रोहियों के लिए यमराज हैं और देश के लोगों के लिए सरताज हैं, इसलिए यमराज से डर तो लगेगा ही. नकवी ने कहा कि कांग्रेस की विदाई का समय आ गया है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार कांग्रेस पार्टी के मंत्री और नेताओ में थोड़ा जनून सा चल रहा है. उनको लगता है कि अब हमारी सत्ता जा रही है. बेइमानों की बारात की विदाई का समय जब आता है, तो वे बहुत घबराते हैं. बेइमानों की विदाई का समय भी आ गया और जनता बैंड बजा लेकर उनकी विदाई करने को खड़ी है.
नकवी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी क्या है, दिन भर सोनिया गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राहुल गांधी, करते-करते उनका हाजमा बुरा हो जाता है तो अपने हाजमे को ठीक करने के लिए एक बार मोदी जी का नाम ले लेते हैं.
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नेता जी मुझे लगता है मुझसे ज्यादा गरीब तो आप हैं ..!
उस छोटे कस्बे के चौराहे पर 1 भिखारी इसी आश में बैठा था
की कोई आये और उसके कटोरे में कुछ पैसे डाले
तो उसके आज के खाने का जुगाड़ बने
तभी एक गाड़ी वहाँ आ के रुकी।।गाड़ी से नेता जी का उतरना हुआ ..
भिखारी की तो मनो किस्मत ही खुल गई ,
... नेता जी सुखा प्रभावित क्षेत्र में निरीक्षणके लिए आये थे-
वो अपने सहायक से कुछ बात कर रहे थे
भिखारी बैठा उन्हें सुन रहा था
नेता जी :-
“आपको पता ही है कि मैं कल मिनाली जा रहा हूँ।
सुना है,वहाँ अच्छी ठंड पड़ रही है।
सहायक - "हाँ सर"
नेता जी - तो सुखा पीड़ितों के लिए जो बजट हमें मिला था,
उसमें अभी पचास हज़ार शेष हैं। इसी से आप मेरे लिए दस्ताने,
टोपी, सन ग्लासेस, जैकेट, स्लीपिंग बैग
और दौरे में खाना गर्म रखने के लिए कैसेरोल का
एक सैट खरीद लें।”
“सर!...” सहायक ने सकुचाने का सुंदर अभिनय करतेहुए कहा -
अगर आपकी आज्ञा है तो मैं भी अपने लिए
उसी में ‘एडजस्ट’ करवा लूँ।”
“ठीक है---ठीक है--नेता जी ने मुस्कराते हुए कहा ..
और वहा से चलने लगे !!
तो भिखारी ने अपना कटोरा उठाया
और नेता जी के पास आ पहुँचा ..
नेता जी ने तुरंत तत्परता दिखाते हुए कटोरे में
पाँच का सिक्का डाल दिया ..
भिखारी - साहब मुझे आप से कुछ नहीं चाहिए
मैं आप को कुछ देने आया हूँ
क्या ...? नेता जी ने आश्चर्यचकित हो कर पूंछा
भिखारी- साहब इस कटोरे की जरुरत मुझे नहीं आप को है ..
मैंने आप की सारी बाते सुनी ..
मुझे लगता है मुझसे ज्यादा गरीब तो आप हैं ..!
अब नेता जी का चेहरा देखने लायक था .... !!
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inspiral
Apr 5, 2013
मौजुदा कानुन महिलाओँ के सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीँ हैँ।
लड़की अपनी धुन में मस्त चली जा रही थी।
रात के सन्नाटे में उस आधुनिका के सैंडिलों से उठती खट्–खट् की आवाज काफी दूर तक सुनाई दे रही थी।
जैसे ही वह उस पॉश कालोनी के बीचों बीच बनेपार्क के नजदीक पहुंची,
वहां पहले से छिपे बैठे दो बदमाश उससे छेड़छाड़ करने लगे।
लड़की ने कान्वेंटी अन्दाज में ‘‘शट अप! यू.....बास्टर्ड !!’’ वगैरह–वगैरह कहकर अपना बचाव करना चाहा, पर जब वे अश्लील हरकतें करते हुए उसके कपड़े नोचने लगे तो वह‘‘बचाओ...बचाओ ....’’ कहकर चिल्लाने लगी।
... उसकी चीख पुकार पार्क के चारों ओर कतार से बनी कोठियों से टकरा कर लौट आई। कोई बाहर नहीं निकला।
वे लड़की को पार्क में झुरमुट की ओर खींच रहे थे। उनके चंगुल से मुक्त होने के लिए वह बुरी तरह छटपटा रही थी।
तभी वहां से गुजर रहे एक लावारिस कुत्ते की नजर उन पर पड़ी। वह जोर–जोर से भौंकने लगा। जब उसके भौंकने का बदमाशों पर कोई असर नहीं हुआ तो वह बौखलाकर इद्दर–उधर दौड़ने लगा।
कभी घटना स्थल की ओर आता तो कभी किसी कोठी के गेट के पास जाकर भौंकने लगता मानो वहां रहने वालों को इस घटना के बारे में सूचित करना चाहता हो।
उसके इस प्रयास पर लोहे के बड़े–बड़े गेटों के उस पार तैनात विदेशी नस्ल के पालतू कुत्तेउसे हिकारत से देखने लगे। संघर्षरत लड़की के कपड़े तार–तार हो गए थे, हाथ–पैर शिथिल पड़तेजारहे थे। बदमाशों को अपने मकसद में
कामयाबी मिलती नजर आ रही थी। यह देखकर गली का कुत्ता मुंह उठाकर
जोर–जोर से रोने लगा। कुत्ते के रोने की आवाजइस
बार कोठियों से टकराकर वापस नहीं लौटी
क्योंकि वहां रहने वालों कोअच्छी तरह मालूम था कि कुत्ते के रोने से घर में अशुभ होता है।देखते ही देखते तमाम कोठियों में चहल– पहल दिखाई देनेलगी। छतों पर बालकनियों पर बहुत से लोग दिखाई देने लगे।
उनके आदेश पर बहुत से वाचमैन लाठियां–डंडें लेकर कोठियों से बाहर निकले और उस कुत्ते पर पिल पड़े।
लेकिन उस संघर्षरत अबला लड़की की किसी ने मददनहीँ की अततः बबरर्तापुर्वक ब्लात्कार कि शिकार उस मासुम अबला ने दम तोड़ दिया
अगले दिन शहर के पाश कलोनी के तथाकथित
सभ्य व्यक्तियोँ ने गैँग रेप के विरोध मेँ कैँडल मार्च निकाला कुछ लोग इंडिया गेट पर प्रर्दशन करते हुये सरकार से कानुन मेँ बदलाव की माँग की
क्योँकी इन सभ्य व्यक्तियोँ के अनुसार -:
"मौजुदा कानुन महिलाओँ के सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीँ हैँ।"
(वैधानिक चेतावनी : यह कहानी एक काल्पनिक कहानी हैँ इसका किसी भी घटना से कोई संबंध नहीँ हैँ , इस कहानी का एकमात्र उद्येश्य समान्य जनोँ को जागरुक करना हैँ)
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inspiral
Apr 4, 2013
नौटंकी साला का राहुल गांधी से कोई संबंध है ?
युवराज राहुल गांधी ने गुरुवार को सीआईआई के सालाना सम्मेलन में भाषण पढ़ने के दौरान राहुल गांधी कई बार अटके। करीब 10 सेकेंड तक पेज पलटने के बाद जब राहुल ने बोलना शुरू किया तो फिर वे गलत पेज पढ़ गए। इसके बाद उन्होंने फिर अपनी बात शुरू की। राहुल ने मजाक करते हुए कहा कि मुझे गंजा होना पसंद नहीं है, लेकिन जैसे हालात हैं, उससे तो यही लगता है कि एक दिन ऐसा हो जाएगा।
राहुल गांधी के इस भाषण के बाद से ही ट्विटर पर चुटकुलों का दौर शुरू हो गया है। पेश हैं कुछ top टिप्पणियां....
व्यंग्य
इसी बीच खबर है की राहुल गाँधी के भाषण से बोर होकर सेंसेक्स भी 'सो' गयी है!!
Harvendrasingh
'रानी की झाँसी' मेरी आदर्श : राहुल गांधी, सीआईआई में, भैया हम तो अब तक झाँसी की रानी बोलते थे।
atya Bindu
राहुल गाँधी ने के कहा की १ अरब लोगो की बात करनी है
मैं - बाकि के 21 करोड़ का उत्थान हो गया है क्या ?
Pintoo
नहीं नहीं !!!!! आने वाली फिल्म "नौटंकी साला" का राहुल गाँधी से कोई सम्बन्ध नहीं है |
Manindar
राहुल गाँधी जी कह रहे हैं की ये अहमियत नही रखता की वो क्या सोचते हैं .....जी हाँ, अहमियत तो ये रखता है की वो सोचते ही क्यूँ हैं
Mr.Unknow
लगता हे राहुल गांधी भाषण से पहेले हिम्मतवाला देख कर आये थे।
सायली मोहन
आम आदमी से सीधे बात होनी चाहिए -राहुल गाँधी "13 दिनों से अरविन्द केजरीवाल अनशन पर है आप गए वहा एक भी दिन हाल चाल लेने" #Rahul Gandhi
SURAJ YADAV
हालाँकि मोदी भी उद्योगपतियों के मुरीद हैं, लेकिन राहुल गाँधी ने इसे प्रत्यक्ष कर भी दिया और कह भी दिया।
K Singh
#CII में राहुल गांधी के भाषण पर BJP की प्रतिक्रिया- ग्राम प्रधान को और अधिक ताकत देने की बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री को तो ताकत दे नहीं रहे
Shashi K Goswami
जस्टीस काटजु कुछ ही देर में 'राहुल गांधी को माफी दे देनी चाहिए' याचिका दायर करेंगे ।
Kumar Gaurav
साजिद खान चाहे तो राहुल गाँधी के आज के भाषण को "हिम्मतवाला रिटर्न" की स्क्रिप्ट के लिए इस्तमाल कर सकते हैं| :
Jat World
पूरे भाषण में राहुल गाँधी खुद भ्रमित रहे की वो बोलना क्या चाहते हैं ? सवाल और उनके जवाबों का सम्बन्ध मैं अब तक ढूँढ रहा हूँ। #PAPPUCII
NISHANT DHAWAN
समस्या सामने रखने से ज्यादा बेहतर है उसका समाधान बताना, राहुल गांधी ने पीएम की तरह समस्याएं तो बता दीं, समाधान आम आदमी और युवाओं के कंधों पर
व्यंग्य
राहुल गाँधी का कहना है की कांग्रेस का विजन 'समानता' है,इसलिए हमने हर क्षेत्र में समान रूप से घोटाले किये हैं!!
QuitFear
तो अब राहुल गाँधी नेतागिरी छोड़ कर कविता करेंगे... वैसे अगर कवी की बात करें तो कुमार भाई राहुल से तो बेहतर कवी हैं...
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LATEST NEWS,
SOCIAL NETWORKS
वह खुशनसीब है जिसने खाया और दान-धर्म भी किया और वह बदनसीब है, जिसने जमा किया और छोड़कर
एक बूढ़ा था जो शहर की गलियों-गलियों घूमता और चिल्लाता जाता था - "मूर्ख हूँ- मूर्ख हूँ " लोग उसकी बात पर ध्यान न देते, क्यों कि सब उसे पागल समझते थे। बच्चे उसे परेशान करते। बड़े उसे दुत्कारते।
एक दिन एक अक्लमंद आदमी ने उसे सहानुभूतिपूर्वक खाना खिलाया, कपड़े आदि दिए और प्रेम से
पूछा- " क्यों भाई, ये क्या चिल्लाते रहते हो- " मूर्ख हूँ-मूर्ख हूँ " ?
... मुझे तुम ज़रा भी मूर्ख नहीं लगते।"
वह अचानक रो उठा। बोला- " तुमने डूबा गाँव का नाम सुना होगा। आज से तीस साल पहले वहां भयंकर बाढ़ आई थी। उसमें मेरा सर्वस्व डूब गया था। मैं उस गाँव का सबसे धनी साहूकार था। मैंने जिन्दगी भर अपना और अपने कुटुम्ब का पेट काट-काट कर धन जोड़ा था. न खाया, ना दान-धर्म किया।
मुझसे बडा मूर्ख कौन होगा।" इतना कह वह शहर के बाहर खण्डहर की और भाग गया।
अक्लमंद आदमी के मुंह से निकल गया - "
बेचारा बदनसीब "
सीख :- वह खुशनसीब है जिसने खाया और दान-धर्म भी किया और वह बदनसीब है, जिसने जमा किया और छोड़कर मर गया ।
by
प्रभाकर
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Apr 2, 2013
अब फेसबुक में क्लिक करो और पैसे कमाओ
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के यूजर के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है। फेसबुक की भाषा में इन ‘एडवांस्ड यूजर्स’ को अब सोशल नेटवर्किंग साइट पर की गई हर एक्टिविटी के लिए एक डॉलर मिलेगा। अभी ऐसे दुनिया में सिर्फ चार फीसदी एडवांस्ड यूजर्स ही हैं जिन्हें यह सुविधा मिल सकेगी। फिलहाल न्यूजीलैंड में इन यूजर्स के एक छोटे ग्रुप पर इस फीचर का परीक्षण किया जा रहा है। फेसबुक अपने हर प्रोग्राम को दुनिया के यूजर्स के सामने पेश करने से पहले इसी तरह इनका परीक्षण करता है। यह जानकारी एक एडवांस्ड यूजर एले फ्लड ने दी।
कितना पैसा मिल सकता है यूजर को?
फेसबुक यूजर इस साइट को कितना इस्तेमाल करता है और अथॉरिटेटव इंडेक्स पर वह फेसबुक एक्टिविटी में खुद को कहां पाता है। यह दो कारक बताएंगे कि उसे फेसबुक से कितना भुगतान मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक दुनिया के 2013 एडवांस्ड यूजर को यह सुविधा मिलेगी। इसमें एक एक्टिविटी करने के लिए एक डॉलर दिए जाएंगे। जो जितनी ज्यादा एक्टिविटी करेगा उसको उतने ज्यादा पैसे मिलेंगे।
कौन हैं एडवांस्ड फेसबुक यूजर?
एडवांस्ड फेसबुक यूजर को फेसबुक से एक नोटिफिकेशन आएगा। इसमें यह लिखा होगा कि आप एडवांस्ड फेसबुक प्रोग्राम के लिए चुने गए हैं। इसकी लिंक पर क्लिक करने के बाद यूजर को अपने क्रेडिट कार्ड और बैंक अकाउंट विवरण देना पड़ेगा। फेसबुक के मुताबिक यह एप 48 घंटे से लेकर सात दिन में एक्टिवेट होगी।
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SOCIAL NETWORKS
Apr 1, 2013
एक समय की बात है|....
एक समय की बात है|चाइना में लिली नाम की एक लड़की रहेती थी|
वह शादी करके अपने पति और सासुमा के साथ रहने लगती है|
लिली जल्दी से ससुमा के साथ adjust नहीं कर पाती है| लिली को
ससुमा का स्वाभाव अच्छा नहीं लगता है और सासुमा भी हर वक्त
लिली की बुराइयाँ निकलती रहती है| दिन ब दिन उनका रिश्ता
बिगड़ता जाता है | गुस्सा मारा मारी झगड़ा चलता रहेता है|
बिचारा पती टेंशन में जीता रहता है|आखिर में लिली बहुत हे
कंटाल जाती है | क्योंकि उसकी सासुमा उसकी हमेशा बेइज्जती
करती रहेती है|
लिली इतनी परेशान हो जाती है की वो सोचती है की अभी सासुमा
को ही ख़त्म कर देते है हमेशा के लिए| लिली एक ऐसे वैदराज गर्ग
के पास पहुँचती है जो उसके पिताजी के खास दोस्त थे और लिली उन्हें
संझाती है की कैसे उसकी साँस ने उसका जीना हराम कर दिया है|
और उन्हें कहेती है की ऐसा जहर दो की उसकी सासुमा खा कर
तुरंत मर जाए |
वैदराज गर्ग थोडा सा सोचते है और कहेते है की ठीक है मै तुम्हारी
समस्या का हमेशा का हल निकाल देता हूँ| पर तुम्हे मेरी बाते द्यान
से समझनी होगी | लिली कहेती है ठीक है वैदराज जी आप जैसा कहोगे
मै वैसा ही करुँगी | वैदराज अन्दर जाते है और कुछ गोलियां लेकर
वापिस आते है | वह लिली को समझाते है की वह उसकी सासुमा के लिए
धीमा जहर दे रहे है | अगर तेज जहर देंगे तो लोगो को शक होगा की
लिली ने ही उसे मार दिया है | लिली को समझाते है की रोज अच्छा खाना
बनाना और एक गोली सुबह और एक गोली रात को खाने में डाल देना|
हाँ याद रहे किसी को शक ना पड़े इस लिए सावधान रहेना|
और इसलिए सासुमा से अच्छे से रहेना | उसके साथ कोई वाद विवाद ना
करना और जैसा कहे हर बात मान ना| उसकी ऐसी सेवा करना की
वह खुश हो जाए और जीतना वह तुम्हारे ऊपर खुश होगी उतना ही
जहर उसके ऊपर काम करेगा |और लगबग छह महीनो के करीब
तुम्हारी सासुमा का राम नाम एक हो जायेगा|
समय बीतता गया और लिली वैसा ही करती रही जैसा वैदराज ने कहा
था |वह उसकी माँ के साथ ऐसा बर्ताव करने लगी जैसे की वो अपनी खुद की
माँ हो| कुछ ही समय में लिली का स्वभाव बदलने लगा | वह जैसा सासुमा
बोले वैसा ही करने लगी | कभी वाद विवाद नहीं किया और अपने गुस्से
को भी कंट्रोल करना सिख गई |
धीरे धीरे सासुमा भी कुश रहने लगी और बहुत ही अच्छा चलने लगी |
सासुमा का भी स्वाभाव बहुत हे अच्छा रहने लगा | जो सासुमा हमेशा
लिली का अपमान करती थी वो अब सभी लोगो के सामने लिली की
तारीफ़ करने लगी थी | साँस और बहु ऐसे रहने लगे जैसे की सगे माँ
और बेटी हो| लिली का पती भी बहुत ही खुश रहने लगा | लिली
रोज रोज सासुमा के स्वादिस्ट भोजन में थोडा थोडा जहर डालती
रहेती थी|
एक दिन लिली दौड़ती दौड़ती वैधराज के पास पहुंची और कहने लगी
वैधराज जी प्लीज फीर से मेरी मदद कीजिये मै अपनी प्यारी सासुमा
को नहीं मारना चाहती प्लीज ऐसी दवा दीजिये की मेरी सासुमा का
जहर समाप्त हो जाए | क्योंकि मेरी सासुमा बहुत अच्छी है और मुझे
बहुत ही प्यार करती है |
वैदराज मुस्कुराये और कहने लगे की चिंता की कोई बात नहीं है|
क्योंकि जो मैंने तुम्हे दिया वो जहर नहीं पर विटामिन की गोली थी|
जहर तो तुम्हारे दिमाग में था जो अब निकल चूका है|
वह शादी करके अपने पति और सासुमा के साथ रहने लगती है|
लिली जल्दी से ससुमा के साथ adjust नहीं कर पाती है| लिली को
ससुमा का स्वाभाव अच्छा नहीं लगता है और सासुमा भी हर वक्त
लिली की बुराइयाँ निकलती रहती है| दिन ब दिन उनका रिश्ता
बिगड़ता जाता है | गुस्सा मारा मारी झगड़ा चलता रहेता है|
बिचारा पती टेंशन में जीता रहता है|आखिर में लिली बहुत हे
कंटाल जाती है | क्योंकि उसकी सासुमा उसकी हमेशा बेइज्जती
करती रहेती है|
लिली इतनी परेशान हो जाती है की वो सोचती है की अभी सासुमा
को ही ख़त्म कर देते है हमेशा के लिए| लिली एक ऐसे वैदराज गर्ग
के पास पहुँचती है जो उसके पिताजी के खास दोस्त थे और लिली उन्हें
संझाती है की कैसे उसकी साँस ने उसका जीना हराम कर दिया है|
और उन्हें कहेती है की ऐसा जहर दो की उसकी सासुमा खा कर
तुरंत मर जाए |
वैदराज गर्ग थोडा सा सोचते है और कहेते है की ठीक है मै तुम्हारी
समस्या का हमेशा का हल निकाल देता हूँ| पर तुम्हे मेरी बाते द्यान
से समझनी होगी | लिली कहेती है ठीक है वैदराज जी आप जैसा कहोगे
मै वैसा ही करुँगी | वैदराज अन्दर जाते है और कुछ गोलियां लेकर
वापिस आते है | वह लिली को समझाते है की वह उसकी सासुमा के लिए
धीमा जहर दे रहे है | अगर तेज जहर देंगे तो लोगो को शक होगा की
लिली ने ही उसे मार दिया है | लिली को समझाते है की रोज अच्छा खाना
बनाना और एक गोली सुबह और एक गोली रात को खाने में डाल देना|
हाँ याद रहे किसी को शक ना पड़े इस लिए सावधान रहेना|
और इसलिए सासुमा से अच्छे से रहेना | उसके साथ कोई वाद विवाद ना
करना और जैसा कहे हर बात मान ना| उसकी ऐसी सेवा करना की
वह खुश हो जाए और जीतना वह तुम्हारे ऊपर खुश होगी उतना ही
जहर उसके ऊपर काम करेगा |और लगबग छह महीनो के करीब
तुम्हारी सासुमा का राम नाम एक हो जायेगा|
समय बीतता गया और लिली वैसा ही करती रही जैसा वैदराज ने कहा
था |वह उसकी माँ के साथ ऐसा बर्ताव करने लगी जैसे की वो अपनी खुद की
माँ हो| कुछ ही समय में लिली का स्वभाव बदलने लगा | वह जैसा सासुमा
बोले वैसा ही करने लगी | कभी वाद विवाद नहीं किया और अपने गुस्से
को भी कंट्रोल करना सिख गई |
धीरे धीरे सासुमा भी कुश रहने लगी और बहुत ही अच्छा चलने लगी |
सासुमा का भी स्वाभाव बहुत हे अच्छा रहने लगा | जो सासुमा हमेशा
लिली का अपमान करती थी वो अब सभी लोगो के सामने लिली की
तारीफ़ करने लगी थी | साँस और बहु ऐसे रहने लगे जैसे की सगे माँ
और बेटी हो| लिली का पती भी बहुत ही खुश रहने लगा | लिली
रोज रोज सासुमा के स्वादिस्ट भोजन में थोडा थोडा जहर डालती
रहेती थी|
एक दिन लिली दौड़ती दौड़ती वैधराज के पास पहुंची और कहने लगी
वैधराज जी प्लीज फीर से मेरी मदद कीजिये मै अपनी प्यारी सासुमा
को नहीं मारना चाहती प्लीज ऐसी दवा दीजिये की मेरी सासुमा का
जहर समाप्त हो जाए | क्योंकि मेरी सासुमा बहुत अच्छी है और मुझे
बहुत ही प्यार करती है |
वैदराज मुस्कुराये और कहने लगे की चिंता की कोई बात नहीं है|
क्योंकि जो मैंने तुम्हे दिया वो जहर नहीं पर विटामिन की गोली थी|
जहर तो तुम्हारे दिमाग में था जो अब निकल चूका है|
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Mar 31, 2013
मुलायम को लैपटॉप नहीं, सोलर पैनल बाटना चाहिए था ...
उत्तर प्रदेश में 21 करोड़ लोग हैं और करीब 2.5 करोड़ परिवार हैं जिसमे से 80% यानि 2 करोड़ परिवार गाँव में रहते हैं जहा पर बिजली कब आयेगी और कब तक आयेगी किसी को पता नहीं है. मुलायम के बेटे की सरकार ने यदि लैपटॉप की जगह “सोलर पैनल” बाटा होता तो क्या होता ????
... 1- अखिलेश का बाँटा हुआ लैपटॉप 19000/- रुपये का है जिसमे 40 वाट के 3 सोलर पैनल आ जाते यानी 15 लाख लैपटोपों की कीमत में 45 लाख सोलर पैनल लग सकते हैं जिससे की 200 लाख में से 45 लाख परिवारों के पास अनिवार्य बिजली की सुविधा हो जाती यानि करीब एक चौथाई ग्रामीण घरों को 40 साल के लिए बिजली मिलना सुनिश्चित हो जाता.
चीन के बाज़ार के हिसाब से 40 वाट का पैनल 40 x 29/- = 1160/- रुपये में आ जाना चाहिए बाकि का खर्चा तार/बैटरी/लाईट/चार्जर आदि का. मजेदार बात यह है की भारत की सरकारे सोलर पैनल 200 रुपये प्रति वाट बेचती है जिससे की गरीब आदमी के घर में बिजली आ ही न सके.
2- बच्चे लैपटॉप लेकर घूम रहे हैं की इसे चार्ज कहा करे जिस गाव में मोबाइल इस लिए बंद हो जाते हैं की बिजली का पता नहीं है उस गाँव के लोगो को सरकार सोलर पैनल देती तो ज्यादा बढ़िया होता क्योकि इससे पूरे परिवार को फायदा होता यानि इस छोटी से योजना से भी 5 करोड़ लोगों के जीवन में प्रकाश आता.
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LATEST NEWS
Mar 30, 2013
कुछ रोचक तथ्य
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✿ कोई भी व्यक्ति स्वयं की कुहनी को चाट नहीं सकता
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✿ छींकते वक्त आँखे खुली रखना असम्भव है।
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✿ छींकते समय हृदय की गति एक मिली सेकंड के लिए रुक जाती है।
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✿ मात्र एक घण्टा तक हेडफोन पहने रहने से कान में बैक्टीरिया की संख्या 700 गुना बढ़ जाती है।
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✿ लाइटर का आविष्कार माचिस से पहले हुआ।
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✿ उँगलियों के निशान जैसे ही सभी के जीभ के निशान भी अलग-अलग होते हैं।
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✿ बिना खाना खाए एक माह तक जिंदा रहा जा सकता है जबकि बिना पानी पिए केवल एक सप्ताह। शरीर में सिर्फ 1% पानी की कमी होने पर प्यास महसूस होने लगती है और 10% कमी होने पर प्राण निकल जाते हैं।
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✿ ध्वनि की गति हवा की अपेक्षा स्टील में 15 गुनी अधिक होती है।
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✿ लिओनार्डो डा विंसी एक ही समय में एक हाथ सेलिख सकते थे साथ ही दूसरे हाथ से चित्रकारी भी कर सकते थे।
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✿ च्युइंगगम चबाते-चबाते प्याज काटने से आँख से आँसू नहीं आते। (यद्यपि प्याज काटने से आँखों में आँसू बनने की प्रक्रिया अवश्य होती है किन्तु जबड़ों के लगातार चलते रहने केकारण वे आँख तक नहीं आ पाते।)
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✿ “Rhythm” अंग्रेजी का वह सबसे बड़ा शब्द है जिसमें अंग्रेजी का कोई भी स्वर (vowel) का प्रयोग नहीं हुआ है।
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✿ शहद एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो हजारों साल तक खराब नहीं होता। (मिश्र के फैरो के कब्रों में पाए गए शहद को पुरातत्वविदों द्वारा चख कर देखने पर पाया गया है कि वह आज भी खाने योग्य है।)
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✿ नींद में होने पर भी डॉल्फिन की एक आँख खुलीरहती है ..!!!
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G.K.
Mar 29, 2013
एक आदमी जंगल से गुजर रहा था
एक आदमी जंगल से गुजर रहा था । उसे
चार स्त्रियां मिली ।
उसने पहली से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
उसने कहा -: "बुद्धि "!
तुम कहां रहती हो?
... उसने कहा-: मनुष्य के दिमाग में।
दूसरी स्त्री से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
" लज्जा "।
तुम कहां रहती हो ?
उसने कहा-: आंख में ।
तीसरी से पूछा - तुम्हारा क्या नाम हैं ?
"हिम्मत"
कहां रहती हो ?
उसने कहा-: दिल में ।
चौथी से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
"तंदुरूस्ती"
कहां रहती हो ?
उसने कहा-: पेट में।
वह आदमी अब थोडा आगे बढा तों फिर उसे चार पुरूष मिले।
उसने पहले पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
" क्रोध "
कहां रहतें हो ?
दिमाग में,
दिमाग में तो बुद्धि रहती हैं,
तुम कैसे रहते हो?
उसने कहा-: जब मैं वहां रहता हुं तो बुद्धि वहां से विदा हो जाती हैं।
दूसरे पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं?
उसने कहां -" लोभ"।
कहां रहते हो?
आंख में।
आंख में तो लज्जा रहती हैं तुम कैसे रहते हो।
उसने कहा-: मेरे रहते लज्जा का कोई ठिकाना नहीं है
मै कुछ भी करवा सकता हूँ ..चोरी ,डकैती, हत्या आदि
तीसरें से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
जबाब मिला "भय"।
कहां रहते हो?
दिल में तो हिम्मत रहती हैं तुम कैसे रहते हो?
उसने कहा-: जब मैं आता हूं तो हिम्मत भाग जाती है ..!!
चौथे से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
उसने कहा - "रोग"।
कहां रहतें हो?
पेट में।
पेट में तो तंदरूस्ती रहती हैं,
उसने कहा-: तुम जैसे सहनशील व्यक्ति जब अपना संतुलन खो देते हो
तब मैं आता हूँ और तन्दरुस्ती को भगा कर तुम्हारे शरीर में राज
करता हूँ ...!!
चार स्त्रियां मिली ।
उसने पहली से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
उसने कहा -: "बुद्धि "!
तुम कहां रहती हो?
... उसने कहा-: मनुष्य के दिमाग में।
दूसरी स्त्री से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
" लज्जा "।
तुम कहां रहती हो ?
उसने कहा-: आंख में ।
तीसरी से पूछा - तुम्हारा क्या नाम हैं ?
"हिम्मत"
कहां रहती हो ?
उसने कहा-: दिल में ।
चौथी से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
"तंदुरूस्ती"
कहां रहती हो ?
उसने कहा-: पेट में।
वह आदमी अब थोडा आगे बढा तों फिर उसे चार पुरूष मिले।
उसने पहले पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
" क्रोध "
कहां रहतें हो ?
दिमाग में,
दिमाग में तो बुद्धि रहती हैं,
तुम कैसे रहते हो?
उसने कहा-: जब मैं वहां रहता हुं तो बुद्धि वहां से विदा हो जाती हैं।
दूसरे पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं?
उसने कहां -" लोभ"।
कहां रहते हो?
आंख में।
आंख में तो लज्जा रहती हैं तुम कैसे रहते हो।
उसने कहा-: मेरे रहते लज्जा का कोई ठिकाना नहीं है
मै कुछ भी करवा सकता हूँ ..चोरी ,डकैती, हत्या आदि
तीसरें से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
जबाब मिला "भय"।
कहां रहते हो?
दिल में तो हिम्मत रहती हैं तुम कैसे रहते हो?
उसने कहा-: जब मैं आता हूं तो हिम्मत भाग जाती है ..!!
चौथे से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
उसने कहा - "रोग"।
कहां रहतें हो?
पेट में।
पेट में तो तंदरूस्ती रहती हैं,
उसने कहा-: तुम जैसे सहनशील व्यक्ति जब अपना संतुलन खो देते हो
तब मैं आता हूँ और तन्दरुस्ती को भगा कर तुम्हारे शरीर में राज
करता हूँ ...!!
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Mar 28, 2013
पनीर का टुकड़ा
मंगरूआ की बेटी की शादी थी,
... शादी के लिये मंगरूआ ने पूरे तीस हजार रूपये इकठ्ठा किये थे.
घरातियो ने बस गुड़ पानी लिया,
चूकी बेटी की शादी मेँ गाँव वाले खाना नहीँ खाये.
साठ बारातियो के लिये चावल और छोले का इंतजाम हो रहा था.
चाय के लिये रखा गया आधा किलो दूध फट गया.
फूफाजी ने पनीर के चार गोले बनाकर छोले मेँ डाल दिये,
सोचे की बाद मेँ अपने लिये निकाल लेंगे.
पनीर के टुकडे पे जीजाजी की भी नजर पड गई.
बारात आ गई,
बारातियो के खाने का इंतजाम शुरु हो गया.
इधर जीजा जी और फूफाजी पनीर की टोह मेँ छोले के पास ही रहे.
खुद से ही छोले चलाने लगे.
इधर बारातियो ने जमकर खाना शुरु किया,
चावल कम पड़ गये.
घर मेँ कोहराम मच गया.
घर की महिलाओ ने दही मेँ हल्दी मिलाकर बारातियो पे छिंटे मारने लगी.
बेचारे बाराती आधे-अधूरे भरे पेट से उठ कर भाग गये खाने से,
कपडे जो बचाने थे.
तभी फुफाजी को एक पनीर का टुकड़ा मिला,
शायद एक ही बचा था.
बाकी टुकडे शायद बारातियो के प्लेट मेँ जा चूके थे.
जीजाजी और फूफाजी अपना अधिकार जताने लगे पनीर के लजीज टुकड़े पर.
दोनो प्लेट पे एक साथ हाथ रख कर एक दुसरे को उठाने नहीँ दे रहे थे.
अचानक आपाधापी मेँ टुकड़ा नीचे गिर पड़ा.
गिरते ही गाँव का मरियल कुत्ता शेरू अपने जबड़े में दबाकर रफ्फूचक्कर हो गया.
फूफाजी और जीजाजी हाथ मलते रह गये.
इसके बाद दोनो दूध के बर्तन के आस-पास देखे गये...
...कि कब दूध फटे और कब....
;-)
thanks to :-
सन्नि कुमार तिवारी
... शादी के लिये मंगरूआ ने पूरे तीस हजार रूपये इकठ्ठा किये थे.
घरातियो ने बस गुड़ पानी लिया,
चूकी बेटी की शादी मेँ गाँव वाले खाना नहीँ खाये.
साठ बारातियो के लिये चावल और छोले का इंतजाम हो रहा था.
चाय के लिये रखा गया आधा किलो दूध फट गया.
फूफाजी ने पनीर के चार गोले बनाकर छोले मेँ डाल दिये,
सोचे की बाद मेँ अपने लिये निकाल लेंगे.
पनीर के टुकडे पे जीजाजी की भी नजर पड गई.
बारात आ गई,
बारातियो के खाने का इंतजाम शुरु हो गया.
इधर जीजा जी और फूफाजी पनीर की टोह मेँ छोले के पास ही रहे.
खुद से ही छोले चलाने लगे.
इधर बारातियो ने जमकर खाना शुरु किया,
चावल कम पड़ गये.
घर मेँ कोहराम मच गया.
घर की महिलाओ ने दही मेँ हल्दी मिलाकर बारातियो पे छिंटे मारने लगी.
बेचारे बाराती आधे-अधूरे भरे पेट से उठ कर भाग गये खाने से,
कपडे जो बचाने थे.
तभी फुफाजी को एक पनीर का टुकड़ा मिला,
शायद एक ही बचा था.
बाकी टुकडे शायद बारातियो के प्लेट मेँ जा चूके थे.
जीजाजी और फूफाजी अपना अधिकार जताने लगे पनीर के लजीज टुकड़े पर.
दोनो प्लेट पे एक साथ हाथ रख कर एक दुसरे को उठाने नहीँ दे रहे थे.
अचानक आपाधापी मेँ टुकड़ा नीचे गिर पड़ा.
गिरते ही गाँव का मरियल कुत्ता शेरू अपने जबड़े में दबाकर रफ्फूचक्कर हो गया.
फूफाजी और जीजाजी हाथ मलते रह गये.
इसके बाद दोनो दूध के बर्तन के आस-पास देखे गये...
...कि कब दूध फटे और कब....
;-)
thanks to :-
सन्नि कुमार तिवारी
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एक औरत अपने बच्चे के लिए रो रही....
एक औरत अपने बच्चे के लिए रो रही थी...
एक इंजीनियर ने औरत से रोने की वजह पूछी।
औरत ने कहा,"मेरा बच्चा बीमार है और मेरे पास
दवा के लिए पैसा नहीं है।"
इंजीनियर ने 1000 का नोट दिया और
... कहा,"जाओ दवा ले लो और 100 का दूध भी ले
लेना और बाकि के पैसे मुझे वापस दे देना।"
औरत थोड़ी देर बाद दवा और दूध ले आई।
बाकी के 650 रुपये इंजीनियर को वापस कर दिए।
इंजीनियर खुश हुआ और सोचने
लगा कि नेकी कभी बेकार नहीं जाती।
डॉक्टर को फीस मिल गई।
बच्चे को दवा मिल गई।
और
मेरा नकली नोट भी चल गया।
कि बोलो होली है !! :D
एक इंजीनियर ने औरत से रोने की वजह पूछी।
औरत ने कहा,"मेरा बच्चा बीमार है और मेरे पास
दवा के लिए पैसा नहीं है।"
इंजीनियर ने 1000 का नोट दिया और
... कहा,"जाओ दवा ले लो और 100 का दूध भी ले
लेना और बाकि के पैसे मुझे वापस दे देना।"
औरत थोड़ी देर बाद दवा और दूध ले आई।
बाकी के 650 रुपये इंजीनियर को वापस कर दिए।
इंजीनियर खुश हुआ और सोचने
लगा कि नेकी कभी बेकार नहीं जाती।
डॉक्टर को फीस मिल गई।
बच्चे को दवा मिल गई।
और
मेरा नकली नोट भी चल गया।
कि बोलो होली है !! :D
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