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नई दिल्ली ।। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वेदांता ग्रुप के बॉक्साइट माइनिंग प्रोजेक्ट की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। यह
जानकारी वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने दी।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों के एक पैनल ने वेदांता समूह के नियामगिरि हिल्स प्रॉजेक्ट को मंजूरी न देने की सिफारिश की थी। इसी सिफारिश के आधार पर वन मंत्रालय ने मंगलवार को सुबह इस बारे में अंतिम फैसला किया। सोमवार को उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दिल्ली आकर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश से मुलाकात भी की थी। सूत्रों के मुताबिक उस मुलाकात में ही यह बात साफ हो गई थी कि सरकार पोस्को पर तो सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकती है, मगर वेदांता के प्रॉजेक्ट को मंजूरी मिलना मुश्किल है। विशेषज्ञों की समिति ने वेदांता द्वारा कानूनों के लगातार उल्लंघन की शिकायतों को सही पाया था।
सरकार के इस फैसले को वेदांता समूह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। गौरतलब है कि माइनिंग क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी ने केयर्न इंडिया को खरीदने की कोशिशों के जरिए रिलायंस समूह के लिए बड़ी चुनौती पेश करने का इरादा जता दिया है। अब अपने-अपने क्षेत्र की इन दिग्गज कंपनियों को एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाने लगा है।
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