आजकल आपको बहुत से लोग सिबिल की चर्चा करते मिल जाएंगे और बातएंगे की उनका नाम सिबिल में चला गया है। और अब उन्हें लोन वगैरह नहीं मिलेगा। आइए हम आपको बताते हैं कि सिबिल क्या है और उससे आप कैसे छुटकारा पा सकते हैं।
सिबिल का पूरा फॉर्म है क्रेडिट इंफॉरमेंशन ब्यूरो( इंडिया) लिमिटेड। यह एक प्राइवेट संगठन है और इसके सद्स्य स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित भारत के सभी बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंक हैं यह आईएसओ 27001:2005 प्राप्त संगठन है और इसका दावा है कि वह अपने डेटा को सिर्फ अपने सदस्यों को ही देता है। यह भारत का पहला इस तरह का संगठन है। और इसका रजिस्टर्ड कार्यालय नरीमन प्वाइंट मुंबई में है।
सिबिल अपने सदस्य बैंकों के लिखित आग्रह पर किसी व्यक्ति या फर्म या लिमिटेड कंपनी के कर्ज चुकाने का इतिहास आंकडे वगैरह उपलब्ध कराता है। इन आंकडों के सहारे वह बैंक या संस्था, किसी व्यक्ति या कंपनी की आर्थिक स्थिति और उसके लोन चुकाने की आदत जान लेती है। इससे वह बैंक अनावश्यक जोखिम से बच जाता है। ग्राहकों को भी इसका फायदा होता है। अगर उनका रिकार्ड क्लीन है तो उसे तुरंत लोन मिल जाता है जो ग्राहक लोन नहीं चुकाते या बराबर डिफॉल्ट करते रहते हैं उनके तमाम आंकडे सिबिल के पास जाते ही उसके सद्स्य य बैंक उसे शेयर कर लेते हैं। ज्यादातर मामलों में ऐसे लोगों को लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पाता है।
सिबिल अपने सदस्य बैंकों को व्यक्तिगत ग्राहकों और फर्मों तथा कंपनियों वगैरह की लोन हिस्ट्री के अलावा अन्य तरह की सूचनाएं भी उपलब्ध कराता है मसलन पासपोर्ट नंबर, वोटर आईडी कार्ड, जन्मतिथि वगैरह। इसी तरह कंपनियों के मामले में उनका रजिस्ट्रेशन नंबर वगैरह उपलब्ध कराता है। इसके लिए सिबिल के पास दो सेगमेंट हैं। एक है कंज्यूमर क्रेडिट ब्यूरो और दूसरा कमर्शियल क्रेडिट ब्यूरो। ये बैंकों, वित्तीय संस्थाओं वगैरह से सूचनाएं एकत्र करते हैं और अपने सदस्यों को देते हैं।
अगर आपका नाम सिबिल में चला गया है और आपने तमाम कर्ज चुका दिए हैं तो आप कर्जदाता बैंक से कहे कि वह आपका नाम सिबिल से हटवाए। आपका नाम सिबिल में है या नहीं इसके लिए उनकी वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट सिबिल डॉट कॉम पर लॉग करके जान सकते हैं। पूरी रिपोर्ट लेने के लिए आपको 142 रुपए खर्च करने होंगे। आम धारणा के विपरीत सिबिल किसी को डिफॉल्टर घोषित नहीं करता है। वह व्यक्ति या कंपनी की सिर्फ फाइनेशियल हिस्ट्री बताता है। वह किसी के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करता।
कौन कौन है सिबिल के शेयर होल्डर:- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(10%),आईसीआईसीआई बैंक (10%) एचडीएफसी बैंक लि.(10%), स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (5%), सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (5%) सिटीकार्प फाइनेंस इंडिया लि. (5%), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (5%), पंजाब नेशनल बैंक (5%), इंडियन ओवरसीज बैंक (5%), बैंक ऑफ इंडिया 95%), बैंक ऑफ बड़ौदा (5%), जीई स्ट्रेटजिक इंवेस्टमेंट इंडिया (2.5%), सुंदरम फाइनेंस लि.(2.5%), इनऐंड ब्रैडस्ट्रीट इंफोरमेंशन सर्विसेज इंडिया प्रा. लि.(0.01) और ट्रांस इंटरनेशनल इंक (19.99%)।
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